Muslim Sex Story: मैंने अपने पड़ोस की एक लड़की से दोस्ती की, गर्लफ्रेंड बनायी| उसकी एक सहेली थी शादीशुदा … मेरी गर्लफ्रेंड की सहेली ने कैसे मुझसे अपनी चूत चुदवायी और उसके बाद … मेरी ये पहली और एकदम सच्ची कहानी है|
जो सेक्स में सही से क्रिया नहीं कर पाते उनके लिए भी ये कहानी मददगार साबित हो सकती है| स्टोरी थोड़ी लंबी है लेकिन आशा करता हूँ थोड़ा सब्र रखेंगे तो कहानी में बेहद मज़ा आएगा|मेरी हाइट 6 फ़ीट है मैं ,गाजियाबाद से नाम हसन है|
मैं अपनी कॉलोनी में पतंगबाजी में सबसे अच्छा हूँ, यहां तक कि जब भी मैं पतंग उड़ाता हूँ तो आस पास के सब लोग पेच लगाने से मन कर देते हैं|हमारे पड़ोस में एक लड़की है गुलफशा उम्र 19 साल होगी; दूध सी गोरी, बहुत ही प्यारी, जो भी देखे प्यार हो जाये|
बला की खूबसूरत! और उसके भाई अब्दुल सबसे छोटा और नावेद जिसकी उम्र 20 साल के आसपास है| उसको पतंगबाज़ी का बहुत शौक है, वो हमेशा जब भी पतंग उड़ाने छत पर आता, अधिकतर गुलफशा भी आती|
एक बार वो पतंग उड़ा रहे थे और मैं जैसे ही छत पर पहुँचा तो नावेद ने ललकारा| मैंने भी अपनी पतंग उड़ाई और उसका पतंग आसानी से काट दिया| इस तरह उसकी 3 पतंग कट चुकी थी|इतने पतंग काटने से अब्दुल छोटा होने के कारण रोने लगा|
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तो गुलफशा ने इशारे में मुझसे रिक्वेस्ट की कि मैं अपनी पतंग कटवा लूं|पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया| लेकिन जब उसने दोबारा रिक्वेस्ट की तो पता नहीं क्यों मैं इग्नोर नहीं कर पाया|उसके बाद नावेद ने मेरी 2 पतंग लगातार काट दी जिससे अब्दुलएकदम खुश हो गया|
गुलफशा ने स्माइल करके थैंक यू कहा|पता नहीं क्यों उसकी स्माइल में कुछ अलग ही फील हुआ| मेरे गलत विचार नहीं थे; उसके लिए एक प्यार की फीलिंग आ रही थी|फिर मैं भी मौका देख कर उसको छुप कर देखने लगा और जब वो छत पर होती तो पहुँच जाता |
छत पर, हम जब भी एक दूसरे को देखते बस स्माइल करके रह जाते थे|इससे मन में अंदर फीलिंग्स बढ़ती जा रही थी|एक दिन इशारे में बहुत ही हिम्मत करके उससे हेलो कहा|वो एकदम नीचे चली गयी|उसके बाद दोबारा मेरी हिम्मत नहीं हुई|
मैंने उसको देख कर स्माइल करना छोड़ दिया और उसकी तरफ देखता भी नहीं था|एक दिन मैं और मेरा दोस्त रहीम (दवाई की कंपनी में सेल्स का काम करता है) पतंग उड़ा रहे थे कि नावेद की बहुत सारी पतंग हम लोग काट चुके थे|
थोड़ी देर में एक बॉल हमारी छत पर आई, वो नावेद के घर से आयी थी| तो रहीम ने बिना सोचे वो बॉल वापस फेंक दी|मैंने देखा कि गुलफशा बॉल लेकर खड़ी है| इससे पहले कोई समझ पाता मैं फिर पतंग उड़ाने लगा|वो बॉल थोड़ी देर में दोबारा आयी तो मुझे लगी|
मैंने देखा रबर की बॉल थी, फटी हुई थी उसमें एक कागज था|तो वो बॉल मैंने रहीम के सामने अपने पॉकेट में रख ली|जैसे ही रहीम गया, मैंने वो कागज़ निकाला बॉल से!उसमें गुलफशा ने सॉरी नोट लिखा- सॉरी, उस दिन एकदम डर गई थी|
समझ नहीं आया था कि क्या करूँ| तो मैं जल्दी से नीचे चली गयी| फिर अगले दिन हम सॉरी बोलना चाह रहे थे लेकिन आप हमें देख ही नहीं रहे थे|और नीचे फोन नंबर लिखा हुआ था|मैंने एकदम नंबर सेव करके व्हाट्सएप्प पे उसको मैसेज भेजा|
लेकिन उसको रिसीव नहीं हुआ| इन्तजार करते करते मैं सो गया, पता ही नहीं चला|सुबह देखा तो उसका गुड मॉर्निंग का मैसेज पड़ा हुआ था|मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गयी कि भोले बाबा ने सुन ली|फिर हम चैट करने लगे|पूरा पूरा टाइम हम आपस में बात करने लगे|
जब हम छत पर होते तो इशारों में बातें करने लगे| मुझे उससे प्यार होने लगा था और वो भी मेरी तरफ आकर्षित होने लगी|समय बीतता गया, हमने मिलने का प्लान बनाया तो वो सहेली के पास जाने का बहाना बना कर बुर्के में आयी|
मैं उसको कार से पिक्चर दिखाने ले गया|वहां हमने एक दूसरे का हाथ पकड़ा और एक किस किया| बस इससे ज़्यादा हमने कुछ नहीं किया|उसको ये बात बेहद पसंद आई और वहां से वापस लौट कर रात को मैंने उसको प्रोपोज़ किया और वो मान गयी|
एक बार हम बात कर रहे थे तो रोमांटिक बातें शुरु हुई और सेक्स चैट शुरू हो चुकी थी| एक बार उसने बताया कि उसके अब्बू और अम्मी को उसने बहुत बार सेक्स करते हुए देखा है और अब भी देख लेती है|मैंने उसकी स्टोरी जाननी चाही|
तो उसने बताया कि उसके अब्बू अम्मी को प्यार नहीं करते, शराब पीते हैं और सेक्स करके सो जाते हैं| अम्मी की बिल्कुल आवाज़ नहीं आती, वो चुपचाप बेड पे लेटी रहती हैं| उसके अब्बू करते हैं और साइड होके सो जाते हैं|ये बात बताते बताते थोड़ी अपसेट हो गयी|
मैंने उसको चुप कराया और कहा- चिंता मत करो, तुम्हारे साथ ऐसा नहीं होगा, तुम्हारी मर्ज़ी के बिना हाथ तक नहीं लगाऊंगा|इस बात पर वो केवल हंसी और कोई जवाब नहीं दिया|वो बात वही खत्म हो गयी|मैं उसके अम्मी अब्बू की लाइफ के बारे में ज़्यादा उससे सुनने लगा|
एक बार का उसने बताया कि दोनों भाई सो चुके थे| उसकी अम्मी के कमरे का दरवाजा खुला तो वो भी उठी|तो देखा अम्मी पानी लेने किचन में आई हुई थी; सिर्फ पेटीकोट में, ऊपर कुछ नहीं पहना हुआ था|गुलफशा आगे बढ़ती |
इतने में उसके अब्बू अम्मी के पीछे आये और पेटीकोट उठा कर पीछे से डालने की कोशिश करने लगे| फिर उन्होंने वहां से तेल उठा कर लगाया और अम्मी को पीछे से चोदने लगे| मुश्किल से 5 मिनट भी नहीं लगे, अंदर निकाल कर वापस अब्बू कमरे में चले गए|
अम्मी ने पानी पिया और कमरे में चली गयी जैसे कुछ हुआ ही ना हो|गुलफशा अपनी अम्मी के लिए परेशान रहती थी, हमेशा कहती थी के अब्बू के लिए कोई दवाई जिससे वो ठीक हो जाये और अम्मी खुश हो जाये|तब मेरे पास ऐसा कोई विकल्प नहीं था तो बात टाल दी|
लेकिन कुछ दिन बाद मेरे दोस्त रहीम ने एक किट के बारे में बताया सेक्स वर्धक दवाइयों की किट थी जिससे अगर बचपन की गलतियों की वजह से या अन्य कारणों से कमज़ोरी या शीध्रपतन या पतलापन जैसी कमियों पर बहुत ही असरदार दवाई थी|
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मुझे पहले तो मज़ाक लगा क्योंकि बाजार में ऐसी आयुर्वेदिक दवायें बहुत आती हैं और महँगी भी!लेकिन सुना है उनसे कुछ होता नही! तो ज़्यादा ध्यान नहीं दिया|फिर रहीम ने एक दिन बताया कि इस किट से बहुत लोगों को फायदा हुआ है और बेहद असरदार दवाई है|
ये बात मैंने गुलफशा को बतायी तो वो खुश हुई| लेकिन समस्या थी कि इस किट के बारे में उसके अब्बू को कैसे बताये|तो ये ज़िम्मेदारी गुलफशा ने ली कि वो अपनी अम्मी से इस बारे में बात करेगी|उसके बाद से उसके बातों में अलग ही प्यार नज़र आ रहा था|
उसके बाद एक दिन गुलफशा ने बताया कि उसने अम्मी से बात की किट के बारे में इस प्रकार:गुलफशा की एक सहेली जिसका नाम फरहीन है, उसकी शादी को 1 साल ही हुआ है| वो बहुत परेशान रहती थी कि उसका शौहर उसके साथ सही से सेक्स कर नहीं पाता था|
तो ऑनलाइन उसने एक किट मंगवाई जिसका कोर्स 3 महीने का होता है| वो उसने 1 महीने का ट्रायल पैक मंगवाया था| उससे उसके शौहर में बहुत बदलाव दिखाई दिए और 3 महीने का पूरा कोर्स करने के बाद उसका शौहर अब एक दमदार घोड़े में बदल गया है|
अब वो फरहीन को छोड़ता ही नहीं|यह सुन कर अम्मी ने उस किट के बारे में पूछा तो गुलफशा ने बहाना लगा दिया कि फरहीन से पूछना पड़ेगा|फिर 2 दिन बाद गुलफशा ने उस किट का नाम बता दिया|उसकी अम्मी ने जानकारी बटोर कर |
वो किट कैफ़े वाले से ऑनलाइन मंगवाई जो गुलफशा को बाद में पता चला|1 महीने बाद से ही अब्बू में बदलाव आने लगा और अम्मी के चेहरे की चमक बढ़ गयी|एक दिन गुलफशा ने रात में देखा कि अब्बू अम्मी को घोड़ी बना कर पीछे से चोद रहे हैं |
लगभग 15 मिनट ये कार्यक्रम चला उधर अम्मी की सिसकारियों से पूरा कमरा भर रहा था|गुलफशा ने अपने अम्मी की सिसकारियाँ पहली बार सुनी थी|उसी रात उसने मुझे फोन करके पूरी बात बताई कि ये दवाई काम कर रही है और उसकी खुशी का ठिकाना ना था|
एक दिन गुलफशा और मैं मिलने बाहर गए हुए थे|जब गुलफशा वापस लौटी तो देखा फरहीन (बेहद खूबसूरत गुलफशा जैसी … बस थोड़ी छोटी कद की थी| लेकिन कमाल का हुस्न है उसका) वहीं बैठी हुई है और उसकी अम्मी गुस्से में थी|
फरहीन और गुलफशा छत पर आ गई और मैं दूसरी ओर पतंग उड़ा रहा था|फरहीन – तुझे ये दवाई मिली कहाँ से? हमें भी बता? मेरे शौहर को ज़रूरत है| तेरी अम्मी बता रही थी कि कोई किट है बड़ी दमदार| गुलफशा ने पूरी बात मेरी और उसके बीच और साथ में|
अम्मी और अब्बू के बीच की सब बातें बता दी|तभी उसी समय गुलफशा का फोन आया जिसपे फरहीन बात कर रही थी, उसने थोड़ा मस्ती की फिर हमारी भी बातें होने लगी|गुलफशा ने एक ग्रुप बना दिया था जिसमें मैं गुलफशा और फरहीन थे बस|
नीचे अम्मी ने गुलफशा से पूरी बात पूछी तो उसने बताया कि वो उन दोनों को कई बार सेक्स करते हुए देख चुकी है और देखा कि अम्मी कैसे नाखुश रहती हैं| तो उसने ऑनलाइन ये दवा देखी और बात दी| यह सुनकर उसकी अम्मी ने उससे कुछ नहीं कहा |
समय के साथ गुलफशा अपनी अम्मी से पूरी खुल चुकी थी| लेकिन हमारे बारे में कुछ नहीं बताया| एक दिन फरहीन का फ़ोन मेरे पास आया कि उसको उस किट की ज़रूरत है| मैं उसके लिए ला दूँ और ये बात गुलफशा को ना बताऊँ|लेकिन मैंने गुलफशा को सब बता दिया|
उसने कहा- कि दवाई पहुँचवा दो|तो मैंने रहीम से 3 किट मंगवा ली और फरहीन के बताए समय पर उसके घर पहुँच गया| उस समय वहां कोई नहीं था|उसने मुझे बुलाया चाय पिलाई फिर किट के बारे में जानकारी लेने लगी|तेल देख कर उसने पूछा- इसका क्या करना है?
तो मैंने बताया कि शौहर के लिंग पर मुलायम हाथों से मालिश करनी है|उसने पूछा- कैसे करनी है?तो मुझे समझ नहीं आया तो मज़ाक में कहा- मैं अपने करके बता दूँ?उसने झट से हाँ बोल दी|तो मैंने भी देर ना करते हुए अपनी जीन्स और अंडरवीयर घुटनों तक उतार दी|
उसने कहा- पूरा उतार दो| कहीं कपड़े गंदे ना हो जायें|मैं इरादे समझ चुका था और मैं भी तैयार था| मैंने कपड़े उतार कर साइड रख दिये और कहा- अब बताता हूं मालिश कैसे करनी है| पहले तो लिंग को खड़ा कराइये|इतना कहकर मैं सोफे से खड़ा हुआ|
वो सोफे पर ही थी| मैं उसके बेहद करीब जाकर बोला- जी कीजिये|उसने हाथ लगाया|जैसे ही उसने कोमल हाथों का स्पर्श हुआ, एकदम से मेरा लिंग अपना आकार लेने लगा| वो लिंग को आगे पीछे करने लगी|तो मैंने कहा- पहले पूरा खड़ा करो!
वो कुछ समझ पाती उससे पहले अपना लिंग उसके मुंह के बेहद पास ले गया|उसने बिना समय गंवाए पहले उसपर किस किया फिर ऊपर का हिस्सा मुख में लिया और एक प्रोफेशनल की तरह अंदर बाहर करने लगी|उस समय मैं किसी और ही दुनिया में था|
वो मेरा लंड अपने मुंह में ले रही थी और हैरान थी कि वो पूरा लंड ले नहीं पा रही थी मुंह में|मेरा होने वाला था तो मैंने ज़बरदस्ती उसका मुँह पकड़कर पूरा अंदर डालने की कोशिश की| लेकिन अंदर पूरा जा नहीं पाया और मैंने सारा माल अंदर मुख में ही निकाल दिया|
फिर भी वो चूसे जा रही थी|मैंने उसको सोफे पर लिटाया और मैंने उसके ऊपर लेट कर उसकी चूत में कपड़ों के ऊपर से ही उंगली करने लगा|तभी उसने मुझे हटाया और अपने कपड़े उतार कर लेट गयी|मैंने अपना लिंग उसकी चूत के द्वार पर लगाया |
थोड़ा सा झटका दिया| फरहीन की चीख निकल गयी| उसके शौहर का इतना मोटा नहीं था तो उसे दर्द हुआ|मैंने उसके मुँह पर हाथ रख एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड फरहीन की चूत के अंदर चला गया|उसके आँसू निकल गए लेकिन मैं नहीं रुका|
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वो भी हल्का हल्का कमर ऊपर नीचे कर रही थी| तो मैंने भी ज़्यादा जल्दी ना करते हुए धीरे धीरे अपना काम आगे बढ़ाया| फिर लगभग 5 मिनट बाद फरहीन निढाल हो गयी|लेकिन मेरा होना बाकी था तो मैं उसके ऊपर आया और फिर शुरू किया|
उसका दोबारा हो गया था लेकिन मेरा बाकी था| उसके अंदर भी हिम्मत नहीं बची थी लेने की … उसकी चूत दुखने लगी थी तो फिर मैंने उसके मुँह में डालकर अपना माल फिर से निकाल दिया|फरहीन अपनी चूत चुदाई से बहुत खुश थी| मैं अपने कपड़े पहन कर वापस आ गया|
उसके बाद ये सिलसिला लगातार जारी रहा|गुलफशा को अब अपनी अम्मी खुश दिखाई देती थी तो उसका सारा प्यार और क्रेडिट मेरे को मिलने लगा| जिससे गुलफशा के साथ मैं जैसा भी मज़ाक करूं या कुछ बोलूं तो वो बुरा नहीं मानती थी|
समय के साथ फरहीन के साथ काफी मौके मिलने लगे, एक बार उसकी गांड भी मारी थी|मेरे बहुत अच्छा चल रहा था कि एक दिन गुलफशा से बात करते करते पता नहीं क्या हुआ मैंने उसको फरहीन के बारे में सब बात दिया|
उस समय तो वो गुस्से में फोन रख दिया, उसने फरहीन से भी बात करनी बंद कर दी|मुझे बहुत बुरा लगा|मैंने फरहीन से कहा कि गुलफशा के पास जाकर मेरी बात कराये तो वो बहुत मनाने पर तैयार हुई|एक दिन अचानक मेरे पास एक अनजान नंबर से फोन आया|
दूसरी तरफ से किसी औरत की आवाज़ आयी| बात करने पर पता चला कि गुलफशा की अम्मी थी|मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी ने मुझे उसी वक़्त अपने घर आने को कहा|उस समय डर के मारे दिमाग बंद हो गया, कुछ समझ नहीं आया कि क्या करूँ|
हिम्मत जुटा कर मैं गुलफशा के घर डरते डरते गया| सुबह के करीब 11 बज रहे थे, वहां फरहीन और गुलफशा की अम्मी नसीरुद्दीन थी फरहीन को देख कर मैं और डर गया|उन्होंने मुझे वह बैठने को कहा| पहले हमारी कभी कभार गली के बाहर बात हो जाती थी|
लेकिन आज तो उनका चेहरा देखने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी, तभी गुलफशा की अम्मी ने फरहीन को कमरे में गुलफशा के पास भेजा मतलब गुलफशा भी घर में ही थी|अब हाल में केवल मैं और नसीरुद्दीन बचे थे बाकी बच्चे स्कूल और गुलफशा के अब्बू नौकरी पर गए थे|
नसीरुद्दीन ने पूछा- ये सब कब से चल रहा है?मैंने पूछा- आप किसकी बात कर रही हैं?तो उन्होंने गुस्से में तेज आवाज में फिर दोहराया|मुझे पता नहीं क्यों डर के साथ गुस्सा आ गया, मैंने कहा बात- पता चलेगी तभी तो कुछ बोलूंगा?
इतना बोलने के बाद मेरी फिर अंदर से फटी|लेकिन तभीनसीरुद्दीन ने पूछा कि गुलफशा से कब से संबंध है तुम्हारे?मैंने बोला कि करीब 5-6 महीने से मेरी बहुत ही अच्छी दोस्त है|नसीरुद्दीनने कहा- उसके साथ क्या क्या किया??
मुझे एकदम समझ नहीं आया कि क्या कहूँ … मैं गुलफशा से प्यार करता हूँ, उसके साथ कुछ भी गलत नहीं किया|मेरी बात बीच में काट कर बोली- फरहीन के साथ जो भी तुमने किया| कैसे मान लूं कि गुलफशा के साथ नहीं किया होगा|
मैंने सिर्फ इतना कहा- मैं गुलफशा को खुश देखना चाहता हूँ बस|उसके बाद मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी ने मेरी जांघ पर हाथ रख कर पूछा- किस तरह खुश रख सकते हो?अंदर ही अंदर डर भी लग रहा था और लंड तन गया|
जिसको नसीरुद्दीन ने भाम्प लिया और कहा- जब मैं फोन करूं तो आ जाना|और मुझे जाने को कहा|मैं जैसे ही खड़ा हुआ, नसीरुद्दीन ने आँख मार दी जिससे मुझे सुकून मिला|उसी रात गुलफशा को बहुत कॉल करे लेकिन उसने उठाया नहीं और फरहीन ने भी कोई बात नहीं की|
अगले दिन 10 बजे मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी नसीरुद्दीन का फोन आया और उसने मुझे अपने घर बुलाया|मैंने घर जाकर नसीरुद्दीन से गुलफशा के बारे में पूछा|उसने बताया कि वो फरहीन के यहां गयी है शाम को आएगी|मुझे गुस्सा तो बहुत आया|
जैसे ही मैं घर जाने के लिए पलटा … नसीरुद्दीन ने हाथ पकड़ कर मुझे रोका और बोली- थोड़ी देर बैठते हैं|तो मैं भी बैठ गया|मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी ने उस दिन गाउन पहना हुआ था बिना ब्रा के, उसके स्तन बेहद मोठे और फिगर भी जानदार था|
मुझसे मेरा मोबाइल घबराहट में नीचे गिरा, एकदम नसीरुद्दीन नीचे झुकी और फोन उठाते हुए अपने चूचों के दर्शन कराए| मेरा लंड एकदम तन गया और थोड़ी हिम्मत करके उसका हाथ वही पकड़ के उसके पास बैठ गया|वो कुछ नहीं बोली|
मैं अपने होंठ धीरे धीरे गर्लफ्रेंड की अम्मी के होंठों के पास ले गया और वो आगे बढ़ी| बस फिर तो मैंने आगे और बढ़कर उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए| वो भी साथ देने लगी| मैंने उसके निप्पल पकड़ के एक ज़ोर से पिंच किया| उसकी सिसकी निकल गयी|
मैं जल्दबाज़ी ना करते हुए उसके चूचे गाउन के ऊपर से ही चूसने लगा, जिससे वो मदहोश हुए जा रही थी| वो मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ने की कोशिश करने लगी|अब मैंने उसका गाउन ऊपर कर लिया और उसके चुचे चूसने लगा|
वो पागल हुए जा रही थी क्योंकि उसका शौहर ऐसा कुछ नहीं करता था|मैंने उसका फायदा उठाकर धीरे धीरे पहले उसको गर्म किया, गर्लफ्रेंड की अम्मी की चूत पे उंगली फिराई जिससे वो पागल हुए जा रही थी|
एकदम उसने मुझे अपने ऊपर से हटाया और मेरी जीन्स उतारने लगी|मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी मेरा लंड देख कर हैरान हो गयी और उसको हिलाने लगी| मैंने उसको मुँह में लेने को बोला लेकिन उसने मना कर दिया|
सेक्सी अम्मी की अनोखी चुदाई की कहानी – Muslim Sex Story
मैंने ज़्यादा बोला नहीं और उसको नीचे लेटा कर मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी की चूत पर अपना टोपा रख कर थोड़ा अंदर डालने लगा|मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी जिससे ज़्यादा दिक्कत नहीं हुई|
लेकिन उसने एकदम से रोका| पर मैं बिना रुके मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी की चूत के अंदर डालता चला गया| उसको दर्द हुआ थोड़ा क्योंकि उसके शौहर का पतला और छोटा था|मैं अपना पूरा लंड मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी की चूत के अंदर डाल कर रुक गया|
थोड़ी देर में नसीरुद्दीनखुद ही अपनी गांड हिलाने लगी|फिर मैंने धक्के मारने शुरू किए, मैं धीरे धीरे अंदर बाहर करता रहा| उसकी तेज़ सिसकारियों से कमरा भर गया|कुछ ही देर में उसकी सिसकियाँ और तेज़ हो गयी और मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी बोली- तेज तेज़ करो|
रुकना नहीं!मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी|थोड़ी देर बाद उसने रुकने को बोला लेकिन मैं अपनी स्पीड बरकरार रखकर काम करता रहा| मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी की चूत चुदाई करता रहा|5 मिनट के बाद उसकी फिर सिसकारियाँ तेज़ हो गयी |
मैं और तेज़ स्पीड से अंदर बाहर करता रहा| वो फिर से झड़ गयी|इस बार उसने झटके से बाहर निकलवा दिया|मेरा हुआ नहीं था तो मुझे थोड़ा गुस्सा आया और मैंने उसको पीछे पलट कर उसकी गांड पर उसकी चूत का पानी डाल कर |
अपना लंड घुसाने की जैसे ही कोशिश की, मेरा लंड आराम से मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी की गांड अंदर चला गया|10 मिनट के बाद मैं सारा माल उसकी गांड में डालकर रुक गया|फिर मेरा लंड थोड़ी देर में अपने आप ही बाहर आ गया|
मेरी गर्लफ्रेंड की अम्मी नसीरुद्दीन बेहद खुश थी| उसने मेरे लंड पर एक चुम्मी दी और गाउन डाल कर अंदर चली गयी और मैं भी अपने घर आ गया|मैं सोचने पर मज़बूर हो गया कि आखिर फरहीन ने गुलफशा की अम्मी नसीरुद्दीन को क्या क्या बताया?
गुलफशा जब मुझसे और फरहीन से नाराज़ है तो फरहीन के यहां क्यों गयी?गुलफशा की अम्मी की चुदाई के बाद बहुत सारे सवाल मन में थे, तभी फरहीन का मैसेज आया|मझे ये पता था कि गुलफशा उसके साथ है| इसलिए मैंने रिप्लाई नहीं किया और छत पर चला गया|
तभी मैंने देखा कि गुलफशा और उसकी अम्मी छत पर थीं और फरहीन भी ऊपर आ रही थी|मुझे समझ नहीं आया कि मैंने जो गुलफशा की अम्मी से साथ किया था, वो क्या वो सब इन दोनों को पता है और शायद इसी वजह से अब गुलफशा भाव खा रही है|
मैंने गुलफशा को कॉल किया, उसने नहीं उठाया|तो मैंने भी उसके बाद उसको मैसेज और कॉल करना बंद कर दिया|दो दिन बाद गुलफशा की अम्मी का फोन आया कि मैं गुलफशा से अब बात ना करूं और उससे हर तरह के संबंध खत्म कर दूं |
वरना उसके अब्बू उसको जान से मार देंगे|ये सुनकर मुझे बुरा बहुत लगा|मैंने एक बार इस मामले को लेकर गुलफशा से बात करना चाहा, लेकिन उससे मेरी कोई बात नहीं हो पाई|उधर फरहीन का फोन मैं खुद नहीं उठा रहा था|
लगभग 5 दिन बाद सुबह देखा गुलफशा का एक मैसेज व्हाट्सएप्प पर डिलीटेड था|मैसेज रिकवरी एप से पता चला कि उसने सॉरी लिख कर मिटा दिया था|अब मुझमें कहीं ना कहीं गुस्सा बढ़ चुका था, लेकिन मैंने रिप्लाई नहीं किया|
सुबह फरहीन का फोन आया, उसने मिलने के लिए बुलाया था|लॉकडाउन में मिलते भी कहां … तो मैंने एक मैरिज हॉल के गार्ड को पैसे देकर कह दिया था कि एक लड़की आएगी, उसको आ जाने देना फिर बाहर से हॉल बन्द कर लेना|
मैं पहले ही अन्दर आ गया था|थोड़ी देर बाद देखा कि उसके साथ गुलफशा भी थी| वो लाल टॉप और ब्लू जींस में गज़ब की कयामत लग रही थी|मैं बस देखता रह गया लेकिन खुद पर कंट्रोल रखते हुए मैंने फरहीन के करीब जाकर उसको गले लगाया और उससे बात शुरू की|
लेकिन गुलफशा से कुछ नहीं बोला|गुलफशा ने चुप्पी तोड़ी और वो रोने लगी| मैंने उसके आंसू पौंछ कर उसे चुप कराया|बताया कि अम्मी ने अब्बू के डर से मिलने से मना कर दिया|अब मैं गुलफशा को अलग नज़रों से देख रहा था|
गुलफशा ने मुझे आगे से मिलने से साफ़ मना कर दिया था|इस बात से मुझे दुख तो बहुत हुआ| गुलफशा चली गई उसके बाद मेरा और फरहीन का सेक्स बाद में कंटिन्यू हो गया| हम दोनों ने मैरिज हॉल में दो बार सेक्स किया|
फिर एक दिन मैंने फरहीन से कहा कि वो मुझे गुलफशा से एक बार अकेले में मिलवा दे|उसने हामी भरी और दो दिन बाद उसने मुझे उसी हॉल में बुलाया, वहां गुलफशा भी थी|मेरे पहुंचते ही गुलफशा मेरे गले लग गयी और माफी मांगने लगी|
मैंने उसको लगे लगे ही होंठ से होंठ मिलाकर किस करना शुरू कर दिया|वो भी पूरा साथ दे रही थी| मैंने एक हाथ उसके चुचो पर रखा तो उसने फरहीन के होने की वजह से मुझे पीछे हटा दिया|मैं समझ गया और मैंने फरहीन को इशारे से उधर से हटने को कहा|
वो पानी लेने के बहाने अन्दर गयी तो में एकदम से गुलफशा के ऊपर चढ़ गया|गुलफशा मेरे एकदम से हुए इस हमले से घबरा गई और पीछे हटने लगी व गिड़गिड़ाने लगी|लेकिन मुझे बहुत दिनों का गुस्सा था, तो उसकी सुन नहीं रहा था|
मैं उसको गोदी में उठा कर दूसरे कमरे में ले गया और वहां उसके ऊपर चढ़कर फिर से किस करने लगा|इस बार उसका विरोध ना के बराबर था लेकिन वो अभी भी मेरा साथ नहीं दे रही थी|
तभी मैंने उसका टॉप नीचे करके उसके मम्मों को दबाया और एक आम अपने मुँह में भर लिया|इससे उसकी एकदम से सीत्कार निकल गई और उसने मेरे बाल पकड़ कर अपने मम्मों पर दबाना शुरू कर दिया|ये सब फरहीन बाहर से देख रही थी|
हामिद भाई जान ने कसके मेरी बुर मारी – Muslim Sex Story
लेकिन मैं उसके सामने रहने से भी नहीं रुका| किस करते करते मैंने गुलफशा का टॉप उतार दिया और नाभि से लेकर गले तक खूब चुम्मियां की|जैसे ही मैंने उसकी जींस खोलने लगा, उसने मुझे रोक दिया और आगे बढ़ने से मना कर दिया|
मगर इस स्टेज पर आकर मैंने उसकी एक नहीं सुनी और किस करते करते जींस का बटन खोलने लगा|फिर उसके दोनों हाथ पकड़कर अपने पैरों से उसकी जींस निकालने की कोशिश करने लगा|उसकी जींस जांघों तक उतर गई थी मगर अब मैं उससे नीचे नहीं कर पा रहा था|
फिर मैंने नीचे हाथ डाला तो उसकी चूत एकदम गीली थी| अंडरवियर नीचे करके नीचे आकर उसकी चूत पर जीभ लगा दी|जीभ चुत पर लगी तो उसकी सिसकारियां दुगनी हो गईं| उसका विरोध एकदम खत्म हो गया और जीभ चलते चलते उसकी जींस कब उतर गई|
कुछ पता ही नहीं चला|उसकी चूत एकदम साफ और गुलाबी सी थी| मैं उसको देख कर बावला सा हो गया|उसने एकदम मेरा मुँह और अन्दर करने की कोशिश की और तेज़ झटके देने लगी|तभी मैं पीछे हट गया तो वो मेरे चेहरे को एकदम देखने लगी|
उसको समझ ही नहीं आया कि मैं हट क्यों गया|मैं अपनी जींस उतार कर उसके सामने नंगा खड़ा हो गया|उसने मेरा लंड देख कर एकदम से आंखें बंद कर लीं और ‘हायल्ला ||’ की आवाज निकल गई|
मैंने उसका एक हाथ अपने लंड पर रखा तो उसने एकदम से अपना हाथ हटा लिया|मैं अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया, लेकिन तब भी वो पीछे हट गई|मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड उसकी चूत पर जैसे ही छुलाया, गुलफशा एकदम से कंपकंपा गयी|
तब मैंने अपने लंड का सुपारा चुत की फांकों से लगा कर धक्का दिया तो वो एकदम पीछे हट गई|मगर तब तक मैंने उसको ज़ोर से पकड़ कर एक धक्का लगा दिया था|लंड के आगे का टोपा जैसे ही चुत में घुसा, उसकी चीख निकल गयी|
वो रोने लगी और बोली- रहने दो, बाद में करेंगे … आज इतना ही रहने दो|मैंने उसकी बात अनसुनी करके एकदम से झटका दे मारा|चुत फट गई और खून की धार बह निकली|वो दर्द से रोने लगी|मैंने उसके मुँह पर हाथ रखकर पूरा लौड़ा चुत के अन्दर डाल दिया और रुक गया|
अब मैं उसे किस करने लगा| मुँह बंद होने से उसकी आवाज बंद हो गई मगर जैसे ही मैं जरा सा हिलता, तो उसको दर्द होने लगता|फिर मैं थोड़ी थोड़ी देर में एक एक करके धक्के मारने लगा|दर्द की वजह से उसके आंसू रुक नहीं रहे थे|
मैं उसका दर्द एक झटके में ही खत्म करने कि सोच कर धक्के तेज़ करने में लग गया|वो तड़फ उठी मगर थोड़ी ही देर में वो मेरा साथ देने लगी|धकापेल शंटिंग चल रही थी|अगले दस मिनट में वो दो बार स्खलित हो चुकी थी|
अब मेरा भी होने वाला था| मैंने उससे बिना कुछ पूछे अपने ढके तेज किए और अपना पूरा उसकी चुत के अन्दर ही निकाल दिया|झड़ने के बाद मैं उसके ऊपर ऐसे ही निढाल पड़ा रहा|उसने मुझे मेरे माथे पर किस किया और सहलाया|
मैंने उसको देखा और उसके होंठों पर किस करने लगा, उसके बूब्स पीने लगा|इस तरह से कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने फिर से उसे किस करते करते हुए चुत के अन्दर पेल दिया|
उसकी फिर से एक तेज़ सिसकी निकली और मैं उसके साथ चुदाई की धकापेल करने लगा|इस बार लगभग 20 मिनट बाद उसने मुझे हटाना चाहा … क्योंकि उसका दो बार और हो चुका था|लेकिन मैं नहीं रुका और उसे चोदता रहा|
कोई दस मिनट बाद मेरा काम होने वाला था तो मैंने और तेज़ धक्के देना शुरू कर दिया|कुछ ही देर बाद मैंने सारा वीर्य उसकी चुत के अन्दर छोड़ दिया|दो बार की चुदाई से हम दोनों बहुत थक गए थे| ये सब देख कर बाहर खड़ी फरहीन का बुरा हाल हो गया था|
चुदाई के बाद हम सब अपने अपने घर चले गए|उस दिन गुलफशा का रात को फोन आया| एक अनजाने डर की वजह से मेरी फोन उठाने की हिम्मत नहीं हो रही थी|फिर जैसे ही मैंने फोन उठाया, पहले तो उसको सॉरी बोला|
वो मुझसे प्यार की बातें करने लगी| फिर हमारी रात भर बातें हुईं|अगले दिन हमारा मिलने का प्लान फिर से बन रहा था लेकिन उसको बुखार आ गया था|जब उसका बुखार ठीक हुआ तो इस बार उसी मैरिज हॉल में ही उसने मिलने का प्लान बनाया|
वो फरहीन के साथ आई थी और हम थोड़ी देर ऐसे ही बातें कर रहे थे|इस बार मैं गुलफशा को लेकर जैसे ही कमरे में घुसा और दरवाज़ा बंद करने लगा तो गुलफशा ने मना कर दिया|फिर जैसे ही हमने किस करना शुरू किया तो पीछे से फरहीन आ गयी |
वहीं सामने सोफे पर बैठ गयी|मैंने उसे नज़रअंदाज़ करते हुए अपना काम जारी रखा| उसके होंठों को चूसते हुए मैं लगातार चुचे दबाए जा रहा था और उसके कड़क हो चुके निप्पलों से खेल रहा था|
गुलफशा गर्म होने लगी तो मैं उसके कपड़े उतारने लगा|उसने भी मेरे कपड़े हटाने के लिए अपने हाथों को गति दे दी थी|जैसे ही गुलफशा ने मेरा लोअर नीचे किया, मेरा खड़ा हो चुका लंड उसके सामने फन फैलाने लगा|
मैंने उसको लंड मुँह में लेने का इशारा किया तो गुलफशा ने मना कर दिया|वो बोली- इसे तुम फरहीन से ही चुसवाओ|मैं कुछ समझता, इतने में फरहीन मेरे पीछे से आगे आकर मेरा लंड हाथ में ले लिया|
इस बार मैंने भी बेड पर 69 में लेट कर गुलफशा की मुलायम और चिकनी चूत पर अपना मुँह रख दिया|उधर फरहीन मेरा लंड चूसने लगी थी|जैसे जैसे फरहीन मेरे लंड को अपने मुँह में गले तक ले रही थी, वैसे वैसे मैं गुलफशा की चूत में जीभ डाल कर |
उसके दाने को चूसकर उसको मदहोश कर रहा था|गुलफशा का रस एक बार निकल चुका था|मैंने उसकी चुत को कपड़े से साफ किया और फिर से चुत चूसने लगा|उधर फरहीन इस तरह से मेरा लंड चूस रही थी कि मेरा भी वीर्य निकल गया|
फरहीन ने मेरा लंडरस खा लिया और अब भी वो लंड चूसे जा रही थी|इससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया|अब मैं फरहीन के मुँह से लंड हटाकर एकदम से खड़ा हो गया और सीधे होकर मैंने गुलफशा की चूत में लंड लगा दिया|
चुत की फांकों में लंड सैट हुआ कि मैं एकदम से लंड चुत में घुसा दिया|उसकी इस बार घुटी हुई चीख निकली लेकिन उसके चेहरे के भाव और मुझे मस्त और उत्तेजित कर रहे थे|मैं धकापेल चुदाई में लग गया और उसके साथ लगभग 20 मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई का खेल किया|
फिर मैंने पोजीशन बदल कर उसको अपने ऊपर ले लिया|उसने अपनी चुत में खुद अपने हाथ से लंड फिट किया और कूदने लगी|मैं भी गांड उठा कर उसकी चुत चोदने लगा|अब तक गुलफशा दो बार झड़ चुकी थी| वो तेज़ आवाज़ कर रही थी| उसको दर्द होने लगा था|
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तभी फरहीन ने गुलफशा को अलग हटा दिया और वो खुद मेरे लंड के ऊपर आ गयी|इस बार लौड़े पर फ्रेश चुत थी तो चुदाई तेजी से होने लगी|हम दोनों की गांड बड़ी तेजी से ऊपर नीचे होने लगी|फरहीन की अनुभवी चुत के आगे मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया|
फिर मैंने गुलफशा से रस चूसने को कहा, तो गुलफशा ने लंड पकड़ कर हिलाया और लंड पर किस करते हुए थोड़ा थोड़ा चूसने लगी|उसके कोमल होंठ और जीभ के स्पर्श से कुछ ही समय में फिर से मेरे लंड में तनाव आ गया|
अब मैंने फरहीन को घोड़ी बनाया और उसके पीछे से लंड पेल कर उसे चोदने लगा|इस बार मेरा निकलने को तैयार नहीं था … बल्कि मेरे पैरों में दर्द होने लगा था|ये देख कर फरहीन ने देर ना करते हुए मुझे नीचे लिटाया और फिर से मेरे लंड के ऊपर आकर चुदाई के मज़े लेने लगी|
कुछ देर बाद उसका भी निकलने को हो गया था| मैं भी झड़ने के करीब आ गया था|जैसे ही फरहीन का काम तमाम हुआ और वो रुकी, तभी नीचे से बहुत तेज़ गति से मैंने धक्के देने शुरू कर दिए|इस बार भी मैंने माल चुत के अन्दर निकाल दिया था|
अब इन दोनों के साथ मेरा ग्रुप सेक्स अक्सर होने लगा था| फरहीन के घर भी अब राउंड चलने लगे थे|गुलफशा की अम्मी ने अब्बू का जो डर दिखाया था, वो सब हमने दरकिनार कर दिया था| हम तीनों खुलकर मज़े लेने लगे थे|हालांकि मैं एक बार गुलफशा की अम्मी, गुलफशा और फरहीन के साथ ग्रुप सेक्स करना चाहता हूँ| देखो कब मामला सैट होता है|
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