Antarvasna Sex Story : हेलो दोस्तों, मैं सविता आपकी दोस्त पहली बार आपके सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आई हूं| मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी जरुर पसंद आएगी|
तो में ज्यादा समय ना लेते हुए अपनी कहानी पर आती हूं| मैं गोवा में रहती हूं मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और मेरे से एक साल छोटा मेरा भाई रहता है| मेरी उमर 18 साल है,, मेरे भी कुछ ऐसा हाल था|
मेरा भी एक बॉयफ्रेंड था उसने मुझे बहुत चोदा था मैं हफ्ते में करीब ६ बार उससे चुद जाती थी, उसने मेरे अंदर चुदने का कीड़ा डाल दिया था|वह मेरी बहुत मस्त चुदाई करता था पर अफसोस वह शहर छोड़कर चला गया |
अब में एकदम अकेली हूं मेरी चूत दिन रात तड़पती रहती है|एक दिन मेरे साथ एक सुनहरा हादसा हुआ, जिसे याद कर के मेरी चूत चुदने के लिए तैयार हो जाती है, और अपने प्यारे भैया के लंड को लेने के लिए तड़प उठती है|
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एक शाम में अपने भाई सोनू के साथ अपने घर के पास पार्क में घूम रही थी, अब अंधेरा हो चुका था और लाइट ओन हो चुकी थी, तभी मेरी नजर एक ट्रि पर गई, वहां एक लड़का लड़की छुप कर एक दूसरे को किस कर रहे थे|
मैंने सोनू को कोहनी मारी और उसे इशारा किया|उसने कहा क्या है दीदी?मैंने कहा ,वह देख पेड़ के पीछे क्या हो रहा है??सोनू बोला ,हां दीदी यह तो चुम्मा चाटी कर रहे हैं|
मैंने कहा अरे बेवकूफ वह तो मुझे भी पता है, और ध्यान से देख जरा…उसने कहा दीदी आप ठीक कह रही हो, यह कुछ गड़बड़ तो है|भैया इसमें मजा आता है क्या? मैंने मस्ती में पूछा|उसने कहा मुझे नहीं पता हो भी सकता है|
वैसे कैसे लगता है यह काम करते हुए? तूने कभी ट्राई किया है मोनू? वैसे मुझे सब पता था पर मैंने फिर भी सोनू से पूछा|सोनू ने कहा ,नहीं किया दीदी, क्या हम दोनों आज कर के देखें?
मुझे सोनू से इस जवाब की उम्मीद नहीं थी पर फिर मैं भी अनजान बन के बोली सच में सोनू मजा आएगा ना? चलो फिर कर के देखते हैं|चल फिर हम दोनों जाडी के पीछे चलते हैं, उन्होंने मुझे कहा और हम दोनों झाड़ी के पीछे चलने लगे|
हम एक झाड़ी के पीछे जाने लगे तो वहां पहले से ही एक लड़का लड़की आपस में चिपके हुए थे और लड़का उस लड़की की गांड अपने हाथों से दबा रहा था| यह देख कर हम वहां से चले गए और दूसरी झाड़ी की और चल गये|
दूसरी झाड़ी के पीछे कोई नहीं था, वहां पर मैं जाकर एक दूसरे को देखने लगे, तभी मैं बोली सोनू अब आगे कैसे करना है?दीदी मुझे क्या पता? अच्छा एक काम करते हैं हम दोनों एक दूसरे से लिपट जाते हैं|
जैसे वह लड़का लड़की कर रहे थे सोनू बोला|अच्छा आ जा फिर मुझसे लिपट जा, मेरे इतना कहते ही सोनू मुझसे लिपट गया| और मैंने जानबूझकर अपने बूब्स उसके शरीर से रगड दीए|
सोनू अब चूमे क्या? मैंने सोनू को गरम करने के लिए कहा, और अपने होंठ उसकी और कर दिए|सोनू भी शायद कम नहीं था, उसने भी झट से अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दीए और मुझे किस करने लगा|
उसके किस करने से मेरे जिस्म में कुछ अजीब सी हरकत होने लगी| इतने में मैंने महसूस किया कि सोनू का लंड खड़ा हो चुका था और मेरे पेट पर लग रहा था| मैंने भी सोनू के दोनों चूतड़ पकड़ कर दबा दिए |
बोली सोनू ऐसे ही दबाते हैं ना?मोनु के चूतड़ों को दबाते हुए मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया और उसके लंड को मेरी चूत के अंदर डालने लगी, अब सोनू ने भी अपने दोनों हाथ मेरी गांड पर रख दिए और मेरे चूतड़ दबाने लगा|
अब ठीक है ना दीदी ऐसे ही दबाते हैं ना| सोनू मेरे चूतड़ दबाते हुए बोला|सोनू का खड़ा लंड बार बार मेरी चूत पर लग रहा था, मुझे यह सब बहुत ज्यादा मस्त कर रहा था| मेरा दिल कर रहा था|
कि अभी के अभी सोनू मुझे चोद दे बस| पर मैंने सोचा पहले इसे और गरम कर दूं ताकि यह जल्दी से तैयार हो जाए और मेरे दीवाना बन जाए|सोनू ये निचे क्या लग रहा है? मैंने भोलेपन से पूछा|
दीदी मुझे नहीं पता इसका ना जाने कब हो गया? सोनू ने शरमाते हुए जवाब दिया|सोनू पर तुझे मजा तो आता है ना जब यह खड़ा हो जाता है? मुझे लगा कि वो मना कर देगा इसलिए |
मैंने उसके जवाब देने से पहले ही उसका लंड अपने हाथों में ले लिया था|मेरे लंड हाथ में लेने से वो एक दम कांप उठा और बोला दीदी यह क्या कर रही हो आप?ओह्ह सोरी लग गई क्या तुझे भाई? मैंने सोनू का लंड छोड़ते हुए कहा|
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नहीं नहीं दीदी मुझे तो बहुत मजा आया, सोनू बोला|ओह्ह भाई मैं तो डर गई थी, यह कहते ही मैंने उसका लंड फिर से पकड़ लिया और दबाने लगी|सोनू मुझसे लिपट गया और मुझे हर जगह किस करने लगा|
वैसे तो हमारा खेल शुरु हो गया था जैसा मैं चाहती थी, पर यहां थोड़ा रिस्की था| वैसे तो अंधेरा था पर मैं सोनू पर लंड जोर जोर से मसल ने लगी, जिससे वह और बेचैन हो गया मुझे पता चल रहा था| अब यह मुझे बिना चोदे नहीं छोड़ेगा|
इसलिए मैं बोली चल सोनू अब घर चलते हैं, |यहां हमें कोई देख सकता है| बाकी काम घर जाकर करते हैं|बस दीदी थोड़ी देर रुक जाओ मुझे बहुत मजा आ रहा है, सोनू ने मुझे रोकते हुए कहा|
पर मैं घर की तरफ चल पड़ी, सोनू भी मन मारकर मेरे पीछे पीछे घर की और चल पड़ा| सोनू सारे रास्ते मुझे सेक्स के बारे में बातें करता रहा, शायद वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुका था|
कुछ ही देर में हम घर आ गए और हम अपने रुम में चले गए और अपनी बुक खोलकर स्टडी करने लगे|पर मेरे दिमाग में तो सोनू का लंड घूम रहा था और उधर सोनू भी मुझे बार बार मुस्कुरा कर देख रहा था|
रात हो चुकी थी मम्मी डैडी भी सो गए थे| वह उठा और अपने रूम की कुंडी लगा दी, मेरी तरफ मुड़कर मुस्कुराने लग गया और बोला चलो दीदी वही करते हैं अब|
आपकी बात सुनकर मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई है, पर अब हमें कोई टेंशन नहीं थी, क्योंकि मॉर्निंग तक हमें कोई तंग नहीं कर सकता था|मैंने कहा सोनू कपड़े तो चेंज कर लें और सिर्फ पजामा ही डालना उपर|
सोनू ने कहा हां दीदी आप भी बदल लो|मैं एक काफी छोटा सा शोर्ट डाल दिया था कि वह जल्दी से ऊपर हो जाए और मेरी चूत एकदम सामने आ जाए|और सोनू ने भी अपना पजामा डाल दिया था|
उसने मेरी तरफ देखते हुए अपनी दोनों बाहें फैला दी और मुझे मुस्कुराते हुए बुलाने लगा, मैं भी जाकर उसकी बाहों में समा गई और वह मुझे चूमने लगा| उसका लंड मेरी चूत पर लग रहा था, जो मुझे साफ साफ महसूस हो रहा था|
मेने सोनू का पजामा नीचे खिसका दिया और उसका मस्त झूमता हुआ लंड बाहर निकाल लिया, मेरे लिए अब लंड पकड़ना बहुत आसान हो गया, सोनू अपने हाथों से मेरे दोनों चूतड़ दबा रहा था| |
मैं उसके उसका लंड पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी|मुझे अब समझ आ गया था कि सोनू मेरी तरह भोला बनने की एक्टिंग कर रहा था|उसने कहा दीदी इसमें तो बहुत मजा आ रहा है यार|
मैंने कहा हां वह तो है तू भी और जोर से दबा पीछे से, अब मैं भी उससे खुलने लग गई, और उसका पूरा साथ देने लगी|सोनू बोला दीदी आपका सुसु कहां है वह खड़ा नहीं हुआ?
मैं हंसने लगी और बोली भाई हमारा यह डंडा नहीं होता जैसे तुम्हारे यह बूब्स नहीं होते, समझा|तभी वह बोला अरे हां दीदी आपके मस्त बूब्स भी तो है|
कहते ही उसने अपने हाथ मेरे कुर्ती में डाल दिए और मेरे बूब को ढूंढने लग गया| मुझे इस में बहुत मजा आ रहा था| मैंने भी बड़े आराम से अपने दोनों बूब्स उसके हवाले कर दिए और उससे अपने बूब्स दबवाने लगी|
जोर से दबाओ ना, मैंने मस्त हो कर कहा|क्यों दीदी उसे क्या होगा? और मेरे बूब्स के निप्पल पकड़ कर घुमा लिए मैं मस्ती में झूम पड़ी|सोनू जैसे तुम्हें अपने डंडे में मजा आता है|
ना बस वैसे ही मुझे अपने बूब्स में मजा आता है, मैंने थोड़ा शांत होकर उसका जवाब दिया|अच्छा इतना मजा आता है, चलो दिखाओ अपना डंडा फिर| यह कहते ही उसने मेरी चूत पर अपने हाथ रख दिए |
अपनी एक्टिंग चालू रखी, उसे अच्छे से पता था कि ऐसा कुछ नहीं होता, पर फिर भी वह लगा हुआ था| आराम से मेरी जगह बहुत नाजुक है, उसके हाथ मेरी चूत पर घूम रहे थे| वह मेरा डंडा ढूंढ रहा था|
उसे वह कभी नहीं मिलने वाला था| तभी उसने अपनी उंगलियां मेरी चूत में घुसा दी और मेरे मुंह से आह्ह्ह औऊ अह्ह्ह निकल गई मैं, पूरी मस्त हो चुकी थी|भाई मैं खड़े खड़े थक चुकी हूं चल बेड पर चलते हैं|
वहां आराम से करेंगे मैंने कहा|उसने कहा ठीक है दीदी|दीदी कपड़े उतार दो बहुत मजा आएगा, मैंने भी उसकी बात मान ली और सारे कपड़े उतार दिए| और मन ही मन सोचने लगी |
कि अब नाटक करने का कोई फायदा नहीं है वरना चुदाई में कोई मजा नहीं आएगा|सोनू एक बात सच सच बताओ|उसने कहा हां ही बोलो दीदी|मैने कहा ,क्या तुमने किसी लड़की को चोदा है?
निशा की गोरी चूत चोद कर लाल किया -Antarvasna Sex Story
सोनू डरते हुए बोला नहीं दीदी|यह कैसे होता है कैसे करते हैं?मैंने कहा अरे मेरे प्यारे भाई मैं किसी को कुछ बताऊंगी थोड़ी ना, बताना सच|सोनू कुछ सोचने लग गया और थोड़ी देर बाद बोला नहीं दीदी चलो अपनी मस्ती करते हैं|
अरे तेरा लंड तो साफ साफ बता रहा है कि उसने किसी चूत का पानी पिया हुआ है, बोलना| मैंने उस पर जोर देते हुए पूछा|वो शरमाते हुए बोला, हां दीदी आपकी ही फ्रेंड है वह मुझसे प्यार नहीं करती बस चुद्वाती है|
मैंने कहा चल आ जा यह देख मेरी चूत भी चुद सकती है|सोनू ने कहा अरे दीदी फिर इतना पहले नाटक को क्यों किया?यह तो मैंने बस तुझे खोलने के लिए किया, चल मुझे छोड़ दे अब, मैंने मीठे लफ्जों में कहा|
सोनू भी शर्म छोड़ कर मुझे लिपट गया और किस करने लगा| मैंने भी उसके होंठों में होंठ में डाल कर किस किया और उसकी जीभ मुंह में लेकर चूसने लगी| अब उसने मुझे गोदी में उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया|
मैं उस को नीचे कर दिया और खुद उसके पास बैठकर लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी| उसको बहुत मजा आने लग गया और वह मुह से सिसकियां भरने लगा, मैंने मुस्कुराकर चूत को लंड पर रखा |
धीरे से उसके लंड पर चूत रखकर घुसा दीया| मेरी चूत में से पानी निकल रहा था, जिसकी वजह से लंड आसानी से अब मेरी गुफा में जा रहा था| और मेरी चूत को आराम मिल रहा था|
मैं अपनी गांड उठा उठा कर लंड को अपनी बच्चेदानी तक उतार रही थी| और अब सोनू भी अपनी गांड नीचे से हीला कर मुझे चोद रहा था|मैंने अपनी चूत को हीलाने से रोक दिया और सोनू से पूछा लंड गांड में भी चला जाता है?
सोनू ने कहा पता नहीं दीदी, मैंने आज तक ऐसा कुछ नहीं किया|चल करते हैं मैंने उसे जवाब दियसोनू के सामने में अपनी गांड को खोलकर झुक गई और उसे अपनी गांड के दर्शन कराएं |
वह भी मेरी गोल गांड को देखकर पागल हो गया और अपना लंड मेरी गांड पर रख लिया पर गांड टाइट होने की वजह से लंड गांड में जाने को तैयार ही नहीं हो रहा था|मैंने कहा मेरी गांड पर तेल लगा और फिर चोद|
उसने ऐसे ही किया और मेरी गांड पर उंगली से तेल लगाकर गांड में घुसा दी, जिससे मुझे दर्द हुआ पर गांड को चुदाने की प्यास में दर्द भी अनदेखा कर दिया| फिर अचानक ही मेरी गांड में लंड चलता हुआ महसूस हुआ |
मुझे लंड के घुसने का दर्द महसूस होने लगा| और उसके लंड को भी अंदर आने में जरा सी तकलीफ हो रही थी|कहां सोनू बस कर फट जाएगी और कोशिश हम कल करेंगे|
उसने मेरी बात मानते हुए अपना सुपाड़ा गांड में से निकाल दिया और निकलते ही मेरी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से मेरी चुत फ्री स्टाइल में चोदने लगा| मैं घोड़ी बनी हुई अपनी चूत चुदवा रही |
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उधर मोनु मेरी चूत मारता रहा, और मेरे बूब्स को पकड़कर मसलता रहा| उसकी ऐसी चुदाई से अब मेरा निकलने वाला था इसलिए मैं भी अपनी गांड हिलाकर लंड को बच्चेदानी तक लेने लगी और अगले ही पल जड़ गई|
मेरे मुंह से आहाह औऊ हहह ई औऊ ओह्ह उऔउ ऐईउ उईइ जैसी लंबी सिसकियां और आवाज निकली और मैंने उसे पीछे कर दिया|सोनू ने कहा दीदी मेरा तो हुआ नहीं|
मैंने उसको खड़ा किया और उसके लंड को मुंह में ले कर चोदने लगी| उसका पानी अगले ही पल मेरे मुंह में निकल गया और फिर भी मैं उसके सुपारी को चुस्ती रही| जब तक उसके पानी की एक एक बूंद तक खत्म नहीं हुई|
अब सोनू मुझसे लिपट कर सो गया खराटे लेने लग गया| मैं मुस्कुराई और उसे किस कर के सोनू के बिस्तर पर आकर सो गई और सपनों में खो गई|दोस्तों यह थी मेरी देसी कहानी यह सुनहरे पल जो मैंने आपको भी बताएं| आपको कैसे लगे मुझे जरूर बताना|