Muslim Sex Story: मेरे शौहर कुछ विचित्र प्रकार की प्रवृति के मालिक हैं| वे बिस्तर पर मुझसे गंदी गंदी बातें करते थे और ऐसा लगता था कि किसी और से सम्बन्ध रखने को उकसाते थे|मेरा नाम फातिमा है| मेरी शादी कुछ ही महीने पहले हुई है|
मेरा रंग सांवला है, बदन भरा हुआ, तीखे नाक नक्श, सुन्दर चेहरा और आकर्षक बदन की मालकिन हूं|शादी के कुछ ही दिन के बाद मुझे अहसास हो गया कि मेरे शौहर कुछ विचित्र प्रकार की प्रवृति के मालिक हैं|
वे बिस्तर पर मुझसे गंदी गंदी बातें करते थे और ऐसा लगता था कि किसी और से सम्बन्ध रखने को उकसाते थे|पहले तो मैंने कुछ खास प्रतिरोध नहीं किया पर जब एक बार उन्होंने मुझसे सीधे सीधे ये बात कही कि मैं उनके एक दोस्त के साथ एक रात गुजार लूं |
वो छुप कर देखेंगे तो मेरा गुस्सा फट पडा़| मैंने चिल्लाकर कहा,आपने मुझे समझ क्या रखा है, मैं मरते मर जाऊंगी पर किसी और को खुद को हाथ लगाने नहीं दूंगी|उन्होंने मुझे गुस्से से देखा और धीरे से कहा,देखते हैं|
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उसके बाद दो महीने तक उन्होंने फिर वो बात दुबारा नहीं की|हमें एक शादी में जाना था, 18 घण्टे का सफर था| जाना जरूरी था तो मेरे शौहर ने रिजर्वेशन करवा लिया|मैंने मैरून कलर की साडी़ पहनी और डीप गले का ब्लाऊज, पहली बार अपने शौहर के साथ बाहर जा रही थी |
तो खूब मेकअप किया| 21 साल की मेरे जवान बदन बहुत फब रहा था| मेरी सास ने मेरी नजर उतारी और मैं अपने शौहर के साथ निकल पडी़|उन्होंने बताया कि रिजर्वेशन एक साथ एक जगह नहीं मिला है, कुछ कम्पार्मेंट के बाद मेरी सीट है|
उन्होंने बताया कि ट्रेन में सीट चेंज करवा लेंगे|स्टेशन पहुंच कर उन्होंने कहा कि सारे पैसे मैं उन्हें दे दूं, ट्रेन में चोरी हो सकती है|मैंने भी सोचा कि ठीक ही बोल रहे हैं और सारे पैसे उन्हें दे दिये|
हम ट्रेन में चढ़ गये| वो अपनी सीट पर बैठ गये और मुझे एक सीट पर बैठा गये| कहने लगे,जब टी टी आयेगा तो सीट चेंज करवा लेंगे|
ट्रेन चल पडी़ पर लगभग 6 घन्टे तक टी टी नहीं आया|
6 घन्टे बाद टी टी आया और मुझसे टिकट मांगने लगा| मैंने सीट नम्बर बताया और कहा कि वहां मेरे शौहर बैठे है और टिकट उनके पास है|
वो बिना कुछ बोले बाकियों का टिकट देख कर चल दिया|
लगभग 20 मिनट टी टी बाद वापस आया और मुझे बाहर की तरफ बुलाया| वो गेट के पास जाकर खडा़ हो गया और मैं भी वहीं जाकर खडी़ हो गई|उसने मेरा नाम पूछा और लिस्ट चेक की|
फिर मुझसे कहा,मैडम, आपका नाम लिस्ट में नहीं है और मुझे आपके शौहर कहीं नहीं मिले|उनका नाम बताया मैंने तो उसने फिर लिस्ट देखा और कहा,इस नाम से भी कोई आदमी नहीं है|
मैंने सीट नम्बर बताया तो उसने एक रेलवे के हवलदार को बुला कर उस आदमी को बुलाने भेजा| मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था| जब उस हवलदार के साथ मेरे शौहर को आते देखी तो जान में जान आई|
उनके आते ही टी टी ने पूछा,ऐ मिस्टर, इनका टिकेट कहां है?उन्होंने मुझे देखा और कहा,मुझे क्या पता? मैं इनको नहीं जानता|मुझे तो काटो तो खून नहीं … मैंने हड़बडा़ कर कहा,ये क्या बोल रहे हैं?
टी टी ने बीच में टोका और उनसे पूछा,क्या नाम है आपका?उन्होंने कहा,विश्वजीत सिंह|उसने मुझसे कहा,विश्वजीत सिंह और डेजी परवीन, इन्टरकास्ट मैरीज है क्या?मैंने कहा,ये झूठ बोल रहे हैं|
टी टी ने मुझसे पूछा,आपने कहाँ जाना है?मैंने शहर का नाम बता दिया| फिर उनसे पूछा तो कोई और नाम बताया|टी टी ने फिर उनसे पूछा,कोई सबूत है आपके पास?उन्होंने एक कार्ड निकाल कर टी टी को दिया| टी टी ने पहले खुद देखा और फिर मुझे दिखाया|
सच में तो वोटर आई डी कार्ड था और उनके फोटो के साथ उनका नाम विश्वजीत सिंह लिखा था|टी टी ने फिर पूछा,मैडम आपके पास कोई सबूत है?मैंने थोडी़ देर सोचा, पसीने से माथा गीला हो गया था| मैंने धीरे से कहा,मेरा समान इनके बैग में है|
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मैं बता सकती हूं कि क्या क्या है उसमें|टी टी ने फिर हवलदार को भेजा और बैग मंगवा लिया|मैंने अपनी चीजें बताई तो वो अंदर देखने लगा| थोडी़ देर में मैंने कहा कि अब तो यकीन हो गया आपको|उसने पूरा बैग मेरे सामने पलट दिया|
मेरे तो छक्के छुट गये|बैग में सिर्फ मर्दाना सामान था और कुछ नहीं|टी टी ने मुझसे कहा,मैडम आपको फाईन के साथ टिकेट लेना पडे़गा|
मैंने पूछा, कितना| उसने बताया कि 2250|
मैंने अपना पर्स खोला तो याद आया कि पैसे तो पहले ही ले चुके है| मैंने धीरे से झिझकते हुए कहा,पैसे नहीं है मेरे पास|टी टी ने कहा,ठीक है, फिर अगले स्टेशन पर उतर जाना|बिना पैसों के एक अनजाने शहर में उतरना भी ठीक नहीं था| ये तो और बुरी स्थिति होती|
मैंने धीरे से कहा,मुझे उतरना नहीं है|टी टी ने आवाज लगा कर दो और हवलदार को बुला लिया और मुझसे कहा,मैडम आपको उतरना तो पडे़गा ही|अचानक मेरे शौहर ने टी टी से कहा,एक मिनट साईड आना|
टी टी उनके साथ अलग हो गया|हवलदार दूर खडे़ थे पर मैं पास थी तो मुझे सुनाई पड़ रहा था उनकी बातें|वो टी टी से बोले,जहां जाने की बात कर रही है उसमें अभी 12 घण्टे हैं|टी टी ने कहा,तो?वो बोले,तो अंधे हैं क्या, दिखता नहीं है?
टी टी बोला,क्या?वो बोले,ज़वानी नहीं दिखती क्या, क्या रसीली जवानी है, पैसे नहीं है, जाना भी है, उतरना भी नहीं है|थोड़ी देर तक टी टी देखता रहा तो वो आगे बोले,तो ट्रेन में कोई जगह हो तो ले चलते हैं और 12 घण्टे मजा करते हैं|
टी टी ने मेरे पलट कर गौर से देखा और बोला,ठीक बोल रहे हो, पैसे और फाईन तो आते जाते रहते हैं, ऐसा माल मुश्किल से ही मिलता है| चलो बात कर के देखता हूं|इतने देर में मुझे ये तो समझ आ गया कि वो मुझसे बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं|
पर इस स्थिति से निकलने की कोई आस नहीं दिख रही थी|टी टी वापस आया मुझ तक और कहा,ठीक है मैडम, मैं कुछ एडजेस्मेन्ट करता हूं| आप आइये मेरे साथ|अब टी टी आगे आगे था और मैं पीछे पीछे चल दी|
दो बोगी के बाद एक डिब्बा आया जिसमे सिर्फ एक कम्पाटमेंट था और बाकी पूरा सामान भरा था|उसने मुझे वहां रोका और तब तक बाकी लोग भी आ गये|टी टी ने मुझसे कहा,मैडम, आप यहां रूक सकती हैं| ये हमेशा फ्री रहता है| और चार्ज भी कम है|
मैंने पूछा,कितना चार्ज लगेगा?टी टी ने मेरे दोनों तरफ से हाथ ला कर मेरे गांड की गोलाइयों को सहलाते हुए कहा,अब आप से पैसे थोडे़ न लेंगे, आप कुछ और दे देना|मैंने उसका हाथ झटक दिया और कहा,मैं ये नहीं कर सकती|
उसने एक भद्दी सी गाली दी और कहा कि वो अगले स्टेशन पर नीचे फेंक देगा मुझे|मुझे और कोई रास्ता समझ नहीं आ रहा था तो मैंने धीरे से कहा,नहीं ट्रेन से मत उतारये, आप जो बोलिएगा मैं करूंगी|
टी टी ने मेरी गांड को फिर से पकड़ लिया और कहा,पूरे सफर में तेरी तिक्का बोटी करूंगा और मेरे तीन आदमी भी मेरे साथ रहेंगे और जैसा चाहूंगा वैसा करूंगा|मैंने सर झुका लिया|अचानक वो बोल पडे़,और साहब मैं?
टी टी ने उन्हें देखा और पूछा,तुम्हें क्यों?उन्होंने कहा,क्या साहब, मैंने सुझाव दिया और मुझे ही बाहर कर रहे हैं| अच्छा इसके फाईन का पैसा मैं दे दूँगा आपको|टी टी ने थोडी़ देर सोचा फिर बोला,अच्छा तू भी आ जा|
उसने मुझे अंदर जाने को कहा तो मैं अंदर चली गई|वो लोग भी अंदर आ गये और टी टी ने कम्पाटमेंट का गेट बंद कर दिया|टी टी और एक हवलदार एक सीट पर, मेरे शौहर और एक हवलदार दूसरे सीट पर बैठ गये| मैं दोनों सीट के बीच में खडी़ थी |
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एक हवलदार मेरे सामने खडा़ था| उसने मेरा पल्लू खींचा और नीचे गिरा दिया| एक बार को मेरा हाथ उठा कि मैं अपने ब्लाऊज को ढक लूं पर फिर मैंने ऐसा नहीं किया|
उस हवलदार ने मेरे ब्लाऊज के उपर से ही मेरे दोनों स्तनों को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और मसलने लगा|मैंने अपने शौहर के तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रहे थे|मेरे चेहरे पर दर्द की लकीरें उभरी तो मेरे शौहर बोल पडे़,आराम से भई, इतने उतावले क्यो हो रहे हो?
हवलदार ने गति कम कर दी|टी टी ने कहा,अबे साले, अकेले ही खेलेगा कि हमें भी माल दिखाएगा!हवलदार को बात समझ आ गई और उसने जल्दी जल्दी बटन खोलना शुरू किया| जल्दबाजी में मेरे ब्लाऊज के दो बटन टूट गये|
मेरे शौहर फिर बोल पडे़,इसको पहनाने के लिए कुछ नहीं है हमारे पास, कम से कम कपडे़ तो मत फाड़|हवलदार ने धीरे धीरे ब्लाऊज उतार दिया और मेरे ब्रा के हुक खोल कर मेरी ब्रा भी मेरे बदन से उतार ली|
मेरे स्तन नग्न हो गये पर मैंने उन्हें भी छुपाने की कोशिश नहीं की|टी टी ने हवलदार को इशारा किया और मुझे खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया| टी टी मेरे स्तनों से खेलने लगा और मेरे स्तनों को जोर जोर से मसलने लगा|
मेरे शौहर फिर बोले,आराम से साहब, लौंडिया को हमारे लायक रहने दीजिए|टी टी ने धीरे धीरे मसलना शुरू किया|मेरा दिल में तो मेरे शौहर के लिए बहुत गुस्सा आ रहा था, उनको सबक सिखाने का मन तो हो ही रहा था|
मैंने धीरे से टी टी के कान में कहा,आप तो कह रहे थे कि आप अपनी मन की करेंगे| पर यहां हुकुम तो कोई और दे रहा है|टी टी थोडे़ देर सोचता रहा और उसने मेरे निप्पल को मुंह में ले लिया| थोडे़ देर निप्पल चूसने के बाद उसने धीरे से मेरे स्तनों के उपर काट लिया|
मेरे शौहर फिर बोल पडे़,आराम से साहब, क्या कर रहे हैं?अचानक टी टी बिफर पडा़,तू सिखाएगा कि क्या करूं और क्या न करूं, बहुत देर से देख रहा हूं कि टांय टांय कर रहा है|टी टी ने मुझे गोद से उतारा और बगल में बिठा दिया |
बोला,तेरे को साथ लेकर गलती की, साले मादरचोद पूरा मजा खराब करेगा उंगली कर करके|एक हवलदार ने कहा,गलती सुधार देते हैं| रफा दफा करो इसको यहां से|मेरे शौहर तो बोल ही नहीं पा रहे थे और हवलदार उन्हें धक्के लगा कर बाहर करने लगे|
टी टी भी उनके पीछे चल दिया| उन लोगों ने मेरे शौहर को अगले बोगी में धकेल कर दोनों बोगियों के बीच का दरवाजा बंद कर लिया| बाकी दरवाजे तो पहले से बंद थे|इतना करके वो लोग कम्पाटमेन्ट की तरफ वापस आ गये और अंदर घुस कर दरवाजा बंद कर दिये|
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मैं खडी़ हो गई, मेरा पल्लू निचे पडा़ था, कमर से ऊपर एक भी कपड़ा नहीं था|टी टी ने कहा,अब हम आराम से तेरी जवानी का मजा लेंगे|इतना कह कर टी टी ने मेरे कमर के पास मेरी पेटीकोट के अंदर दोनों तरफ से उंगली डाल दी |
पेन्टी के अंदर उंगली फंसा कर जोर से नीचे की ओर खींच दिया|मैंने पेटीकोट को थोडा़ ढीला ही बांधा था तो मेरी साडी़, पेटीकोट और पेन्टी एक इलास्टिक वाले पेन्ट की तरह मेरी कमर से नीचे सरकती चली गई|
मैं हफ्ते में दो बार नीचे के बालो की सफाई करती हूं और आज तो सुबह ही की थी|अचानक मुझे ख्याल आया जो इतनी अफरा तफरी में ध्यान से उतर गया था| ये लोग चार हैं| और क्या मैं चार लोगों को एक साथ बर्दाशत कर पाऊंगी|
इतना ख्याल आते ही मेरे पसीने छुट गये पर अब क्या हो सकता था, बर्दाशत तो करना ही पडे़गा|अगर कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें। हमारी वेबसाइट fungirl.in आपके लिए ऐसी ही मजेदार चुदाई की कहानियां लाती रहेगी।