Chachi Ki Chudai : दोस्तो,मैं आपका दोस्त शिवम् एक बार फिर से आपके लिए अपनी एक और कहानी लेकर हाजिर हूं| मुझे उम्मीद है आप लोगों को मेरी कहानि पढ़ने में मजा आयगा|
आज की इस कहानी में भी मैं कोशिश करूंगा कि आप लोगों को इस सेक्स कहानी का पूरा मजा मिले| अब आपका वक्त लिये बिना मैं अपनी आज की कहानी की शुरूआत कर रहा हूं| कहानी का मजा लें|
ये कहानी मेरी चाची की चूत चुदाई के बारे में है|मेरी चाची की उम्र 38 वर्ष है| हम लोग एक ही घर में रहते हैं| मेरे चाचा और चाची ऊपर वाले फ्लोर पर हैं जबकि हम लोग नीचे वाले फ्लोर पर रहते हैं|
उम्र के इस पड़ाव में भी मेरी चाची ने अपने आप को बहुत मेंटेन करके रखा हुआ है| वो देखने में आज भी माल लगती है| उनका फिगर बहुत ही मस्त है| उनके दूध 35-36 से कम के नहीं हैं|
सोशल मीडिया से मिली आंटी की ठुकाई – Desi Chachi Ki Chudai
मेरी चाची की ओर मेरा आकर्षण काफी पहले से था| जब मैं नया नया जवान हुआ था तो मैंने तभी उनकी चूत देखने की ठान ली थी| इसके लिए मैंने बाथरूम के दरवाजे में एक हल्का सा छेद भी कर दिया था|
वहां से मैं चाची को नहाते हुए देखा करता था|उसके बाद मैं कॉलेज की पढ़ाई के लिए बाहर चला गया था और अभी साल भर पहले ही लौटा हूं| मेरी जॉब मेरे शहर में ही लग गयी थी|
जब मैं घर में रहने लगा तो उस समय चाचा की तबियत ठीक नहीं रहती थी| उनको रक्तचाप की समस्या रहने लगी थी|धीरे धीरे उनकी ये समस्या बढ़ती गयी और डॉक्टर ने उनको कुछ महीने के लिए बेड रेस्ट बोल दिया|
अब मैं चाची की मदद करने के लिए चला जाया करता था क्योंकि चाचा को बेड से उठाने और बिठाने में मदद चाहिए होती थी|वैसे चाची के एक लड़का और एक लड़की थी लेकिन वो दोनों ही बाहर पढ़ाई कर रहे थे|
इसलिए उनके साथ मदद करने के नाम पर घर में मैं ही था|इस दौरान कई बार चाचा को उठाते समय चाची के बूब्स मेरे बदन से टच हो जाते थे| कई बार तो मैं बहाने से चाची के दूधों को छू भी लेता था| चाची कुछ नहीं बोलती थी|
एक दिन की बात है कि हम लोग मेरे भाई के बर्थडे पर बाहर खाना खाने के लिए जा रहे थे| मेरे घर वाले भी साथ में थे| हमने चाची को भी साथ आने के लिए कहा| वो पहले तो मना करने लगी |
क्योंकि घर पर चाचा की देखभाल के लिए कोई भी नहीं था| हमारे बहुत कहने पर चाची मानी|फिर हम लोग कार में बैठ कर जाने लगे| मगर जगह बहुत कम थी| मैंने चाची को अपने पास बिठा लिया|
वो कुछ इस तरह से बैठी थी कि वो आधी मेरी गोद में थी और आधी गाड़ी की सीट पर थी| हमें पहुंचने में आधा घंटा लग गया| इस दौरान मेरा लंड खड़ा हो गया था| मेरा लौड़ा चाची की गांड को छू रहा था|
मैंने धीरे से एक हाथ चाची की कमर पर रख दिया| चाची ने कुछ नहीं कहा| चाची को मेरा लंड उनकी गांड पर महसूस भी हो रहा था| फिर मैंने परेशान होने का बहाना करके चाची को पूरी तरह से अपनी गोद में ही बिठा लिया|
रात का समय था और किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था कि गाड़ी में अंदर क्या चल रहा है| अब मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था इसलिए मैंने चाची के बूब्स की ओर हाथ बढ़ा दिया|
जैसे ही मेरा हाथ चाची के बूब्स पर लगा तो वो थोड़ी हिल सी गयी| मगर उन्होंने कुछ कहा नहीं|अब मैंने धीरे धीरे चाची के बूब्स पर हाथ से सहलाना शुरू कर दिया| मैं हल्के से चाची को अपनी गोद में उछाल कर |
गांव की चाची को शहर में धमाधम चोदा – Chachi Ki Chudai
अपना लंड उनकी गांड में चुभा रहा था|मन कर रहा था कि चाची को चोद दूं लेकिन ऐसा अभी तो नहीं हो सकता था| चाची भी कुछ नहीं बोल रही थी| मैं चाची की कमर को थामे हुए एक हाथ से उनके बूब्स को छेड़ रहा था|
नीचे से मेरा लंड चाची की गांड पर लग रहा था|थोड़ी ही देर में चाची गर्म हो गयी मगर तभी हमारा होटल भी आ गया| हमारा मजा खराब हो गया|मगर जब चाची कार से नीचे उतरी तो वो मुझे देख कर मुस्करा रही थी|
मैं समझ गया कि चाची के अंदर भी प्यास है|ढाबे में खाना खाने के बाद हम लोग फिर से घर की ओर चलने के लिए तैयार थे| मुझसे रुका नहीं जा रहा था| जैसे ही हम लोग कार में बैठे तो पहले की तरह ही |
मैंने चाची को गोद में बिठा लिया और कुदाने लगा|अब मैं काफी कस कर चाची के बूब्स को दबा रहा था| चाची भी मेरा पूरा साथ दे रही थी| अब धीरे से मेरा एक हाथ चाची की चूत पर पहुंच गया था|
मैं अपने हाथ से धीरे धीरे चाची की चूत को मसलने लगा|दस-पंद्रह मिनट में ही मैंने चाची की चूत को रगड़ कर उनकी चूत का पानी निकाल दिया| उनकी चूत गीली हो गयी| उसके बाद हम लोग घर आ गये|
अब मैं चाची को चोदने के लिए इंतजार नहीं कर सकता था| किसी तरह मैंने वो रात काटी|अगले दिन सुबह मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली| मैं फ्रेश होकर चाची के पास ही चला गया ऊपर वाले फ्लोर पर|
उस वक्त चाची मेरे चाचा को नाश्ता करवा रही थी|मेरे जाने पर चाची ने मुझे भी नाश्ता करने के लिए कहा| मैंने भी एक परांठा खा लिया| अब मैं इंतजार कर रहा था कि जल्दी से चाची मेरे चाचा को दवाई दे दे|
दवाई लेने के बाद चाचा को नींद आ जाती थी| उनकी दवाईयां काफी हैवी डोज की थीं|घर में कोई दूसरा तो था नहीं इसलिए मैं कुछ देर चाचा के पास ही बैठ गया|थोड़ी देर के बाद मैंने चाचा से कहा,आप आराम कर लो और सो जाओ|
उसके बाद मैं चाचा के रूम का दरवाजा बंद करके आ गया| चाची दूसरे रूम में थी|जब मैं चाची के रूम में पहुंचा तो वो पहले से ही बेड पर पेट के बल लेटी हुई थी| मैं बिना कुछ सोचे चाची के बेड पर ऊपर चढ़ गया|
मुझसे रुका नहीं जा रहा था| मैंने सीधा चाची की गर्दन को चूमना शुरू कर दिया|पलट कर चाची ने कहा,मुझे तुम्हारा ही इंतजार था|बस फिर क्या था, मैंने चाची को अपनी बांहों में ले लिया और उन्होंने भी मुझे कस लिया |
अपने आगोश में, हम दोनों एक दूसरे से लिपटने लगे और एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे|फिर मैंने चाची के दूधों को दबाना चालू किया| कभी मैं उनके होंठों को चूस रहा था |
तो कभी उनके बूब्स को दबा कर उनको किस कर देता था| उनकी गर्दन पर कभी काट लेता तो कभी गाल पर चूम लेता| चाची को भी मजा आने लगा|अब मैंने उनकी मैक्सी को उतार दिया| उन्होंने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी थी|
जांघों में भी कुछ नहीं पहना था| मैक्सी उतारते ही चाची पूरी की पूरी नंगी हो गयी|दोस्तो, जिस चाची के बदन को मैं छुप-छुप कर देखा करता था, आज वो मेरे सामने पूरी नंगी लेटी हुई थी|
जिस चाची की चूत के बारे में सोच कर मैं मुठ मारा करता था, वह चूत आज मेरे लंड से चुदने के लिए तैयार थी|चाची बोली,आज मेरी प्यास को बुझा दो, कल जब मैंने तुम्हारा लंड अपनी गांड पर महसूस किया था|
देसी चुदक्कड़ चाची की चुदाई part 1- Chachi Ki Chudai
तो तब से ही मेरी चूत में आग लगी हुई है| इसको चोद कर शांत कर दे अब|ये सुन कर मैं चाची के नंगे जिस्म पर टूट पड़ा| कभी उनके बूब्स को चूसने लगा तो कभी उनको जोर से दबाने लगा|
वो भी मस्ती में सिसकारियां भरने लगी|15 मिनट तक यही चलता रहा| मैं दबा दबा कर चाची के बूब्स को लाल कर दिया| फिर मैं उनके पूरे बदन को चूमते हुए नीचे जाने लगा| उनकी नाभि को चूम कर उनकी चूत तक पहुंच गया|
उनकी जांघों के बीच में उनकी खुशबूदार चूत को सूंघा| फिर मैंने अपने होंठों को चाची की चूत पर रख दिया|उनके बदन में करंट सा दौड़ गया| मैं जीभ डाल कर चाची की चूत को चाटने लगा|
चाची ने मेरे मुंह को अपनी जांघों के बीच में दबा दिया| मैं भी पूरे जोश में चाची की चूत को चाटता रहा| उनकी चूत में जीभ को अंदर डाल डाल कर जीभ से चूत को चोदता रहा| चाची दस मिनट में ही झड़ गयी|
मैंने चाची की चूत से निकला सारा रस पी लिया| उसके बाद चाची शिथिल हो गयी| मगर मेरा लंड अभी तना हुआ था| मैंने चाची के हाथ में अपना लंड दे दिया|मैंने कहा,चाची, इसको भी तो खुशी दे दो| इसको जरा अपने मुंह की गर्मी तो दे दो|
चाची ने मेरा लंड चूसने से मना कर दिया| बहुत मनाने के बाद चाची ने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी| पहले तो चाची ने मरे मन से मेरे लंड को मुंह में लिया, मगर फिर मैंने चाची के सिर को पकड़ लिया |
उनके मुंह को चोदने लगा|इससे चाची की आंखों में पानी आने लगा और उनका मुंह लाल हो गया लेकिन फिर भी ऐसा लग रहा था कि जैसे उनको इसमें मजा आ रहा है| मेरा 6 इंच का लंड चूसते हुए चाची मजा ले रही थी |
दस मिनट के अंदर फिर मैं भी चाची के मुंह में ही झड़ गया|चाची बोली,ये सब कहां से करना सीखा है तूने?मैंने कहा,चाची, मैं तो बहुतों को अपना माल पिला चुका हूं| बहुत एक्सपीरियंस मुझे लंड चुसवाने का|
चाची ने मेरे लंड को छेड़ते हुए कहा,तभी इतना मोटा हो गया है|जब चाची ने देखा कि मेरा लंड सो रहा है तो उन्होंने मेरे लंड को पहले से हाथ से सहलाया और फिर मुंह में लेकर उसको चूसने लगी|
मेरा लंड पांच मिनट के बाद फिर से खड़ा हो गया|फिर चाची बोली,अब मेरी चूत की प्यास को बुझा दो| अपने लंड से चोद कर इसको खुश कर दो| तुम्हारे चाचा ने तो मुझे तीन-चार महीने से नहीं चोदा है|
मैं समझ गया कि चाची की चुदाई बहुत दिनों से नहीं हुई है| चाचा की तबियत काफी दिनों से खराब चल रही थी और वो बीमार होने से पहले भी चाची को अच्छे से नहीं चोद पाते थे| इसलिए चाची की प्यास काफी ज्यादा थी|
उनकी तड़प देख कर मैंने चाची को घोड़ी बनने के लिए कहा| चाची तुरंत मेरे सामने गांड उठाकर झुक गयी| मैंने अपने लंड को चाची की चूत पर लगा दिया| चूत पर लंड लगा कर मैं उनकी चूत को सहलाने लगा|
चाची के मुंह से तड़प भरी सिसकारियां निकलने लगीं,आह्ह… अब ऐसे और मत तड़पाओ शिवम् | मेरी चूत में अपना ये लंड दे दो| जल्दी से चोद दो| अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है|
मैंने एक जोरदार धक्का चाची की चूत में मारा और अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया| मेरा लंड आधा ही अंदर जा पाया| चाची ने बताया था कि चाचा का लंड भी ज्यादा मोटा नहीं है|
शायद इसीलिये चाची की चूत में लंड फंस गया| चाची की चूत वैसे भी टाइट सी लग रही थी| एक तो चाचा का लंड पतला था और वो ज्यादा चोद भी नहीं पाते थे| इसलिए जब मैंने लंड दिया तो चाची की चीख निकल गयी|
वो बोली,तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है| आराम से करो| दर्द हो रहा है|उनके मुंह से दर्द भरी आहें सुनकर मैं और ज्यादा जोश में आ गया| मैंने एक धक्का और मार दिया| उस धक्के में मैंने पूरा सामान चाची की चूत में उतार दिया|
अब चाची को अपनी चूत में मेरा सामान पूरा महसूस हो रहा था| अब मैंने भी अपनी स्पीड पकड़ ली और चाची की चूत को चोदने लगा| चाची को दर्द तो हो रहा था लेकिन वो चाचा के उठ जाने के डर से ज्यादा जोर से नहीं |
आवाज कर रही थी|चाची के मुंह से अब धीरे धीरे आवाजें आने लगीं,आह्हह … आह … ओह … आई … आह्ह… आराम से शिवम् … ऊन्ह … हाह् … धीरे से, उफ्फ…। ऐसा करते हुए चाची मेरे लंड से चुदने लगी|
मगर कुछ ही देर में चाची के स्वर बदल गये| अब वो सिसकारते हुए कह रही थी,आह्ह … और तेज … आह्ह और तेज … करो … जोर से … आह्ह … अम्म … याह…| हाय … मजा आ रहा है|
चाची के ये कामुक सिसकार अब मुझे भी चरम सीमा की ओर ले जा रहे थे| मैं पूरे जोश में चाची की चूत में लंड को पेलने लगा|20 मिनट की चुदाई में चाची पहले ही झड़ गयी| उसके बाद मैं भी चाची की चूत में ही झड़ गया|
देसी चुदक्कड़ चाची की चुदाई part 2 – Chachi Ki Chudai
मैंने अपना माल चाची की चूत में गिरा दिया| जब चुदाई रुकी तो हम दोनों ही बुरी तरह से हाँफ रहे थे|चाची बोली,तुम तो सच में बहुत बड़े हो गये हो और अच्छे भी दिखते हो| तुम्हारी बीवी तो तुमसे हमेशा ही खुश रहेगी|
ये बोल कर चाची ने मेरे लंड की ओर हाथ बढ़ाया और उसको चूम लिया| चूमते हुए चाची बोली,तुम्हारा ये औजार तो बहुत काम का है| ये तो मस्त चोदता है|फिर चाची ने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी|
मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया चाची की चूत को चोदने के लिए| मैंने एक बार फिर से चाची की चूत चोदी| उसके बाद चाची की चुदाई का सिलसिला चलता रहा|दोस्तो, ये थी मेरी स्टोरी|
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