chachi ki chudai ki kahani : मेरा नाम राहुल है और मैं सूरत का रहने वाला हूँ| मैं बहुत समय से अन्तर्वासना पर प्रकाशित होने वाली हिंदी सेक्स कहानी पढ़ता आ रहा हूँ| मेरी ये सेक्स कहानी एक साल पहले की है|
तब मैं 20 साल का था| मेरी चाची की उम्र उस समय 26 साल की थी| मेरी चाची को एक लड़का भी है, जो अब 3 साल का हो गया है| दोस्तो, जो सेक्स कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ|
ये मेरी पहली कहानी है| प्लीज़ आपको अच्छी लगी या नहीं, मुझे ज़रूर बताना ताकि मेरा हौसला बढ़ सके और मैं आपका आगे भी मनोरंजन कर सकूँ| मेरी हाइट 6 फीट 1 इंच की है| मैं खाते-पीते परिवार से हूँ तो बॉडी भी ठीक-ठाक है| मेरा लंड 7 इंच का है|
चाची का नाम शर्मिला है, वो दिखने में एकदम कमाल की माल हैं| अच्छी से अच्छी एक्ट्रेस भी उनके सामने कुछ नहीं लगती हैं| चाची इतनी गोरी हैं, मानो दूध में एक चुटकी सिंदूर मिलाया गया हो|
उनका बदन एकदम कसा हुआ है और फिगर 34-30-36 का है| चाची कहीं से भी एक बच्चे की माँ नहीं लगती हैं| उन्हें देख कर मोहल्ले के क्या लौंडे ,और क्या बुड्डे … सभी का लंड फनफनाने लगता है|
मुझे भी चाची को देख कर चुदास चढ़ने लगती थी| अभी मेरी चाची को पता नहीं था कि मैं उन पर लाइन मारता हूँ| एक दिन की बात है, मेरे चाचा को कहीं काम से बाहर जाना पड़ा था|
होटल में सेक्सी चाची की घपाघप चूत चुदाई – Chachi ki chudai
उनके घर पर कोई ना होने के कारण चाचा ने मुझसे पूछा- क्या तुम एक रात अपनी चाची के पास रह लोगे? चाची के साथ रात रुकने की बात सुनकर मेरे अन्दर एकदम से ख़ुशी छा गई| चाची को लेकर तो मेरे अन्दर पहले से ही वासना भरी थी|
मैंने चाचा की बात सुनकर तुरंत हां करते हुए बोल दिया- ठीक है चाचा जी … मैं रुक जाऊंगा| आप घर की टेंशन मत लेना| अपना काम आराम से कर लेना|
चाचा जी मेरी बात से आश्वस्त हो गए और बाहर चले गए|
मेरा समय अब कटाए नहीं कट रहा था| मैं बड़ी बेसब्री से रात का इंतज़ार करने लगा| फिर आख़िर रात हो ही गई| रात को मैं शॉवर लेकर उनके घर जाने के लिए निकला| मैंने रास्ते से दो कंडोम के पैकेट खरीदे|chachi ki chudai ki kahani
क्योंकि मैंने आज मन बना लिया था कि कुछ भी हो जाए, मौका नहीं जाने देना है|जैसे ही मैं उनके घर पहुंचा और दरवाजे की घंटी दबाई| एक मिनट से भी कम समय में चाची ने दरवाजा खोल दिया और मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बैठने को बोला|
मैं अन्दर आकर सोफे पर बैठा| तब तक चाची अन्दर रसोई से मेरे लिए पानी लेकर आ गईं|मैंने पानी पिया और चाची की तरफ देखने लगा| चाची ने मुझसे पूछा- कुछ लोगे? मैंने उनके दूध देखते हुए मन में कहा कि हां आज तो सब लूंगा मेरी सपनों की रानी|
मगर सामने से मैंने ना बोला| फिर उन्होंने कहा- तुम बैठो, मैं नहा कर आती हूँ| गांड मटकाते हुए चाची नहाने चली गईं| मैं उनकी मटकती गांड को देख कर लंड सहलाने लगा| कुछ देर बाद चाची नहा कर निकलीं … वे एक गाउन पहने थीं|
चाची मुझे कमरे में आने की कह कर रसोई में चली गईं| मैं उनके कमरे में जाकर बैठ गया और तभी चाची कमरे में आ गईं| हम दोनों बातें करने लगे| उन्होंने पूछा- राहुल और सुना … तेरी पढ़ाई कैसी चल रही है?
मैंने कहा- चाची, पढ़ाई ठीक ही चल रही है|चाची ने अगला सवाल दागा- तेरी कोई जीएफ है क्या? मैंने झेंपते हुए कहा- चाची आप भी … मेरी कोई जीएफ-वीएफ नहीं है| वो हंस कर मेरी तरफ देखने लगीं|
चाची ने नहाने के बाद जो नाइटी पहनी हुई थी| उसमें से साफ़ पता चल रहा था कि चाची ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है| पैंटी का कुछ मालूम नहीं पड़ रहा था| मैं उनकी चुचियों की तरफ देखने लगा|
चाची ने मुझे अपने मम्मों की तरफ देखते हुए देख लिया| तभी वो हल्के से मुस्कुरा दीं|मैंने भी उनकी नजरों को भांप लिया और नजरें नीचे कर लीं| चाची के मुस्कुराने का मतलब मुझे बहुत ज्यादा साफ़ समझ नहीं आया था|
मगर तब भी मैंने चांस लिया| मैंने जानबूझ कर अपने लोअर से कंडोम का एक पैकेट गिरा दिया| मैंने ऐसा रिएक्ट किया, जैसे मुझे कंडोम गिरने का कोई अहसास ही नहीं हुआ|
वो कंडोम के पैकेट की तरफ थोड़ी देर तक देखती रहीं| फिर चाची ने मुझसे सीधा सवाल पूछा- तेरी कोई जीएफ नहीं है … तो ये किसके लिए रख कर घूम रहे हो? मैंने अचकचाते हुए कंडोम की तरफ देखा |
चाची से बोला- ओह्ह … वो दोस्त के लिए लिया था, उसको देना था| उसने मना कर दिया, तो मैं इसे फेंकना भूल गया| इस वजह से इधर ही जेब में रखा रह गया| अभी न जाने कैसे जेब से गिर गया|
ये कहते हुए मैंने कंडोम का पैकेट उठाया और हाथ में ही लिए रहा| चाची मेरे हाथों में पकड़ा हुआ कंडोम का पैकेट देखने लगीं| उन्होंने मुझसे कंडोम देखने के लिए मांगा- दिखाना जरा कौन सा फ्लेवर है?
मैंने चाची के हाथ में कंडोम का पैकेट दे दिया| चाची बड़े ध्यान से कंडोम की डिब्बी पर लिखा हुआ पढ़ने लगीं| शायद वो फ्लेवर का नाम देख रही थीं| फिर कंडोम डॉटेड है या रिब्ड है, ये देखने लगीं|
तभी मैंने बोला- आप नाराज़ ना हों, तो क्या मैं एक बात बोलूं? चाची ने मेरी तरफ देखे बिना ही कहा,हां बोलो| मैंने कहा- आपको पसंद आ रहा हो, तो आप ही ये रख लो, आपके काम आ जाएंगे|
मेरे ऐसा बोलते ही चाची को न जाने क्या हुआ और वो रोने लगीं| मैंने अचकचा कर पूछा- अरे आपको क्या हुआ? आप रो क्यों रही हैं? चाची ने सुबकते हुए अपना सारा दर्द मुझे बताना शुरू कर दिया|
उनके अनुसार चाचा जी ने उनको चोदना छोड़ दिया था और वो अपनी शारीरिक प्यास न बुझ पाने के कारण परेशान थीं| मैं ये बात सुनकर अन्दर ही अन्दर झूम उठा क्योंकि ये मेरे किये एक ग्रीन सिग्नल था|
चाची की आंखों से अब भी टसुए टपक रहे थे| मैं उनको शांत कराने के लिए उनके बगल में बैठ गया और उनकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उनको शांत करने लगा| मेरे हाथ लगाते ही चाची ने एकदम से मेरी तरफ अपना वजन डाल दिया और वो मुझसे चिपक गईं|
मैंने उनको ठीक से अपनी बांहों में ले लिया और उनकी पीठ को सहलाने लगा|इस समय मुझे चाची के मम्मे बड़े ही सुखद लग रहे थे| उनके चूचों का ठोसपन मुझे अपनी छाती में गड़ रहा था|
चाची मेरे सीने में अपना सर छिपाए हुए हल्के हल्के से सुबक रही थीं| मैंने उनके चेहरे को अपने हाथों से सामने किया और उनको एक लिप किस कर दी| चाची ने होंठों के चुम्बन से एकदम से हटते हुए मुझे दूर किया|
दुकान वाली सेक्सी चाची की चुदाई – desi chachi ki chudai
मैंने चाची की तरफ सवालिया नजरों से देखा| चाची, नहीं कुछ भी हो, मैं ये सब नहीं कर सकती| पर आज इतना सुनहरा अवसर सामने था| मैं कहां मानने वाला था| मैंने दुबारा उनको अपनी तरफ खींचा और उनको चूमना चालू कर दिया|
मैंने ज़ोर से किस किया और इसी के साथ में मैंने उनकी चूची को मसलना शुरू कर दिया| चाची मुझे छूटने का प्रयास करने लगीं| मगर मैंने उन्हें नहीं छोड़ा| इधर एक बात समझने वाली थी |
कि चाची मुझसे छूटने का प्रयास जरूर कर रही थीं, लेकिन वो चिल्ला नहीं रही थीं| जबकि किसी भी नारी को उसकी मर्जी के बिना टच करने पर सबसे पहला काम उसका चिल्लाना ही होता है|
मैंने एक मिनट तक चाची को अपनी बांहों में जकड़े रखा और उनकी चुम्मियां लेता रहा , दूध मसलता रहा| इससे चाची की छूटने की कोशिश कम होती चली गई और उनकी जिस्मानी कसमसाहट बढ़ने लगी|
ये देख कर मैंने उनको लेटा दिया और उनकी नाभि पर किस किया| मैं इस दौरान अपनी जीभ को उनकी नाभि के आस-पास फिराने लगा| इससे मैंने देखा कि चाची की सांसें तेज़ होती जा रही थीं|
उनकी सांसों से गर्मी निकल रही थी और वो मादक सिसकारियां भरने लगी थीं| शायद चाची के मना करने का कारण सिर्फ नारी सुलभ लज्जा थी| वो खुद चुत चुदवाना चाहती थीं| मगर उनको किसी गैर मर्द से चुदवाने में डर लग रहा था|
अब मैंने उनको उल्टा करके उनकी गर्दन पर भी किस किया और पीछे चाची की गांड पर हाथ फेरने लगा| उनकी उंगलियों को मुँह में लेने लगा और उनके मम्मों को बेतहाशा दबाना चालू कर दिया|
अब चाची खुद मूड में आने लगी थीं और वो धीरे धीरे गर्म होने लगी थीं| चाची की गर्म सिसकारियां उम्म्ह… अहह… हय… याह… कमरे में भरने लगी थीं| फिर मैंने चाची की नाइटी उतारी| उन्होंने केवल पैंटी पहनी हुई थी| chachi ki chudai ki kahani
मैंने उनके मम्मों को अपने हाथों में भरा और मसलना चालू कर दिया| चाची को बेहद मजा आने लगा था| वो कुछ बोल नहीं रही थीं … लेकिन अपने होंठ दबाते हुए मेरी हरकतों का पूरा मजा ले रही थीं और सीत्कार रही थीं|
मैं चाची के बड़े बड़े मम्मों को मुँह से चूसने को हुआ, तो उनके हल्के भूरे रंग के कड़क निप्पल मेरे सामने थे| चाची के चूचुकों को देखते ही मेरा लंड डंडे के माफिक खड़ा हो गया|
आह मेरी सेक्सी चाची क्या कमाल की आइटम लग रही थीं| उनका वो गोरा बदन और उस पर लाइट ब्राउन निप्पल एकदम मस्त लग रहे थे| कुछ देर दूध चूसने के बाद मैंने उनकी पैंटी निकाल दी|
मैंने जैसे ही चाची की पैंटी निकाली, उनकी सुनहरी झांटों वाली चुत मेरे सामने आ गयी| मैंने चाची से पूछा- झांटें साफ़ क्यों नहीं रखतीं आप? वो पहली बार बोलीं, तुम्हारे चाचा को ऐसी ही पसंद हैं|
मैंने पूछा,लेकिन आप तो कह रही थीं कि चाचा अब आपको नहीं चोदते हैं? वो बोलीं,मैंने गलत कह दिया था| दरअसल वो मुझे चोद ही नहीं पाते हैं| बस कुछ देर मेरे शरीर के साथ खेल कर झड़ जाते हैं|
उनको मेरी झांटें देख कर बड़ा सेक्स चढ़ता है| मैं बोला,चाची मुझको क्लीन पिच पसंद है|चाची पिच शब्द सुनकर हंस दीं और बोली- तो फिर तुम ही इसे साफ़ कर दो| मैंने कहा, मैं तो अभी कर दूंगा, पर चाचा आकर देखेंगे, तो उनसे क्या कहोगी?
चाची बोलीं, वो सब मैं देख लूंगी| तुम चुत साफ़ कर दो| अब हम दोनों बाथरूम में आ गए| मैंने चाचा की शेविंग किट से रेज़र लिया और ब्लेड बदल कर चाची की चूत पर फोम लगा कर उनकी चुत साफ़ करने लगा|
चाची अपनी चुत को पूरा खोल कर फर्श पर चित पड़ी थीं| मुझे इस समय चाची की चुत साफ़ करते समय बड़ी उत्तेजना हो रही थी| ऊपर से चाची भी गर्म थीं सो वे मेरे लंड को बार बार टच कर रही थीं|
मैं बड़ी मुश्किल में चाची की चूत साफ़ कर पाया| कुछ देर बाद मेरे सामने चाची की मस्त गुलाबी चुत एकदम सफाचट हो गई थी|मैंने चाची को चूमते हुए कहा, आप खुद देखो चाची, कितनी सुन्दर चुत है,अब से आप इसे क्लीन ही रखना|
चाची ने उठते हुए अपनी चिकनी चुत को देखा और मुस्कुराते हुए मुझे चूम लिया|मैं भी उनके मम्मों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा| कुछ देर बाद मैंने कहा,चलो अब कमरे में चलते हैं|
चाची बोलीं,नहीं अभी एक बार शॉवर ले लेते हैं … फिर कमरे में चलेंगे| मैंने ओके कहते हुए अपनी पैन्ट निकाली और नंगा हो गया| वो मेरे लंड को देख कर हैरान हो गईं|
चाची लंड सहलाते हुए बोलीं, इतना बड़ा तो तुम्हारे चाचा का भी नहीं है| मैंने फव्वारा चला दिया और हम दोनों पानी में गीले होने लगे| इस वक्त चाची मेरी बांहों में चिपकी हुई थीं और वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहला रही थीं|
मैं उनके मुँह में जीभ डाल कर उनको चूस चूम रहा था| मैंने चुम्बन रोकते हुए चाची से लंड को मुँह में लेने को बोला, पर वो मना करने लगीं| मेरे बहुत बोलने के बाद वो लंड चूसने के लिए मान गईं और नीचे फर्श पर घुटने बल बैठ गईं|
उनके होंठों का स्पर्श मुझे अपने लंड पर मिलते ही मानो मुझे जैसे जन्नत मिल गयी हो ऐसा लगा| चाची कुछ ही पलों में फव्वारे से गिरती बूंदों में मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं|
मैंने उनको जमीन पर लिटाया और खुद भी 69 में लेट गया| अब मैंने उनकी चुत को चाटना चालू कर दिया था| वो भी चुत की आग से तड़पने लगी थीं| उनका मन मेरे लंड को चुत में लेने के लिए मचलने लगा था|
चाची बोली- अब रहा नहीं जाता , जल्दी से अन्दर डाल दो, मुझे अब रहा नहीं जा रहा है| पर मैं इतनी जल्दी कहां मानने वाला था| मैंने उन्हें और तड़पाना जारी रखा| कोई दो मिनट बाद जब उनसे नहीं रहा गया, तो वो फिर से कहने लगीं|
उनके बहुत ज़ोर देने पर मैंने उन्हें कमरे में चलने का कहा और हम दोनों कमरे में आ गए| इधर बिस्तर पर चाची को लिटा आकर मैंने लंड पर कंडोम चढ़ा कर चुदाई की पोजीशन बनाई और उनकी चुत के दाने पर लंड रगड़ना चालू कर दिया|
चाची ने नीचे से अपनी गांड उठा कर लंड लेने की व्याकुलता दिखाई, तो मैंने चाची की चुत के छेद पर लंड फंसा कर एक ज़ोर का धक्का दे दिया| एकदम से लंड घुसने से चाची की चीख निकल गयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
इधर मैं भी नहीं रुका, मैंने दूसरा धक्का दे दिया| इस बार मेरा पूरा लंड उनकी चुत में अन्दर तक घुसता चला गया| वो दो पल के दर्द के बाद बड़े मजे लेने लगीं- अहह उहह … और ज़ोर से और जोर से!
चाची यही सब बोलते हुए मेरे में जोश भरती रहीं और पूरा कमरा उनकी चुत चुदाई की ‘फ़च फ़च||’ की आवाज़ से भर गया| वो लगातार गांड उठाते हुए मेरा हौसला बढ़ाती रहीं |
ज़ोर ज़ोर से मादक सिसकारियां लेने लगीं- आह उहह म्म्म्मीम और जोर से … मेरे भतीजे और ज़ोर से … आह चोद ले अपनी चाची को … तेरे लंड जैसा दम नहीं है तेरे चाचा के लंड में … आह … मजा आ गया|
मैं भी चाची को गाली देते हुए चोदने में लगा था- ले मेरी जान चाची … साली न जाने कबसे मेरे लंड में तेरी चुत का भोसड़ा बनाने की तमन्ना थी ,आह , ले| चाची भी कहने में लगी थीं|
आह पेल दे … मेरी चुत ने ऐसा लंड पहली बार चखा है … आह ऐसे लंड का टेस्ट बड़ा मस्त है … आह साले आज फाड़ डाल अपनी चाची की चुत को| वो मेरे में जितना ज्यादा जोश भर रही थीं, मैं उतनी ही तेज़ी से उनकी चुदाई कर रहा था|
सेक्सी चाची को शॉवर के नीचे चोदा – Chachi Ki Chudai Ki Kahani
वो बोलीं- काश तुम्हारे चाचा के बदले मैंने तुमसे शादी की होती, तो ऐसी चुदाई मुझे हमेशा मिलती रहती| मैंने कहा,अब से आप मेरी वाइफ हो गई हो … जब चुदवाने का मन हो, बुला लेना| ये लंड हमेशा आपकी चुत के लिए खड़ा रहेगा|
उन्होंने भी कहा- मेरी ये चुत भी हमेशा तेरे लंड के लिए बेताब रहेगी| मैं पूरे जोश में चाची की चुत को चोदता रहा| चुत चुदाई के साथ मैंने उनकी मम्मों को भी बहुत ज़ोर ज़ोर से चूसना और दबाना जारी रखा था|
वो बड़े मज़े से चूत चुदवा रही थीं और ज़ोर ज़ोर से अंट-शंट बकते हुए सिसकारियां भर रही थीं| मैंने भी अपनी लाइफ में आज पहली बार चुत चोदी थी … और वो भी मेरी सेक्सी चाची की चुत चुदाई कर रहा था|
उनकी चुदाई से मुझे एकदम मज़ा आ गया था| क्या कमाल की चुत थी| चुत चुदाई के बाद मैंने चाची की गांड मारने के लिए भी बोला, पर उन्होंने मना कर दिया- मैं गांड नहीं मरवाती हूँ … मुझको दर्द होता है|
मेरे बहुत ज़ोर देने पर भी जब वो नहीं मानी, तो मैंने सोचा जाने दो … आज पहली बार ही तो है … दूसरी बार कैसे भी करके चाची की गांड भी मार लूँगा| उस रात मैंने चाची को 3 बार चोदा| वो पहली बार तो कंडोम से चुदी थीं|
मगर अगली दो बार वो बिना कंडोम के चुदीं और माल झड़ने के समय मेरे लंड का सारा माल पी गईं| चुदाई के बाद हम दोनों साथ में नंगे सो गए| जब सुबह उठ कर देखा, तो मेरी सेक्सी चाची के चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी|
उस चुदाई के बाद से में मेरा जब भी मन होता या उनका मन होता, तो वो मुझे फोन करके बुला लेतीं| ऐसा अक्सर जब ही होता था, जब चाचा घर पर नहीं होते थे, कहीं काम से गए होते थे| chachi ki chudai ki kahani
मैं भी उनके घर जाकर उनके मम्मों के और चुत चुदाई के मज़े ले लेता हूँ| एक बार मैंने उनसे कहा- आप दूसरा बच्चा पैदा कर लो … मुझको आपका दूध पीना है| ये सुनकर वो हंसने लगीं|
मैं बोला- काश मैं आपको पहले चोद देता, जब आपका बेबी छोटा था| मैं भी उसके साथ साथ आपका दूध टेस्ट कर लेता| वो फिर से हंसने लगीं| मगर चाची की हाँ न होने से मुझको ऐसा लग रहा था कि मुझे ही उनके दूसरे बच्चे का कुछ इंतजाम करना पड़ेगा|
दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जिसमें मैंने अपनी सेक्सी चाची को चोदा, प्लीज़ अपने रिव्यू ज़रूर देना कि कैसी लगी| मैं आगे लिखूंगा कि कैसे अपनी चाची की गांड भी मार ली, वो सेक्स कहानी भी मैं ही जल्दी लेकर आऊंगा|
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