muslim sex story ; दोस्तो, मैं अनवर हूँ| मेरे घर में हम 4 सदस्य हैं| मैं, मेरी बहन, मेरी अम्मी और मेरे अब्बू| मेरी बहन का नाम गुलप्सा और मेरी अम्मी का नाम फातिमा है|यह सेक्स कहानी उस समय की है|
जब मैं जवानी की दहलीज पर था और मेरे अब्बू की हार्ट सर्जरी समय के समय मुत्यु हो गयी थी| अब्बू के इंतकाल के बाद हमारे घर की हालत गंभीर हो गई थी| उस समय मेरी अम्मी की एक बहुत ही मस्त सेक्सी औरत थीं|
मेरी बहन 18 साल की कांटा माल थी| मेरी अम्मी का फिगर 36-32-38 का था और मेरी बहन का 30-26-32 का फिगर था| मैं स्कूल में पढ़ाई करता था| अब्बू के जाने के बाद मेरी अम्मी कपड़े सिलने का काम करती थीं|
लेकिन सिलाई के काम में कुछ ज्यादा नहीं मिलता था| घर का खर्चा भी पूरा नहीं हो पाता था| उस समय हमारी बस्ती में लाला नाम का एक बहुत बड़ा पैसे वाला आदमी रहता था और वो ब्याज पर पैसे भी देता था|
मेरी अम्मी ने उससे ब्याज पर पैसे लेना शुरू कर दिया था| उससे लिए पैसे से घर अच्छे से चलने लगा था| लेकिन ब्याज भी चढ़ रहा था| देखते देखते बहुत ब्याज चढ़ गया| मूल चुकाने की बात तो दूर की कौड़ी थी|
अम्मी ने दिलाई सामूहिक चुदाई का मज़ा – muslim sex story
अब लाला सेठ ने मेरी अम्मी को ब्याज पर पैसे भी देने बंद कर दिए थे| वो अपनी रकम का ब्याज लेने हमारे घर पर आता और धमकी देता था| लेकिन मेरी अम्मी ब्याज का पैसा नहीं दे सकती थीं … इसलिए उसकी बातें सुनकर चुप रह जाती थीं|
फिर एक दिन मेरी अम्मी हमारे पड़ोसन सुनीता आंटी से मिलीं और उनको अपनी आपबीती सुना कर बोलीं- लाला को ब्याज के पैसे कैसे लौटाऊं … कुछ समझ ही नहीं आता है| अब तो वो धमकी भी देने लगा है|
सुनीता आंटी बोलीं,देख फातिमा, तू एक काम कर लाला को अपने सेक्सी जिस्म से फांस ले| वो तेरा कर्ज माफ कर देगा, क्योंकि मैं भी उसके साथ ऐसा कर चुकी हूँ|पड़ोसन आंटी सुनीता की बात सुनकर मेरी अम्मी एकदम से चौंक गईं और बोलीं, ये तुम क्या कह रही हो|
क्या वो इस तरह का आदमी है? सुनीता आंटी हंस कर बोलीं- तू उसकी नजरें देखना, फिर बताना कि वो कैसा आदमी है| अम्मी अपनी चूचियों की तरफ इशारा करते हुए बोलीं- हां, वो मेरे इनको देखता हुआ सिगरेट पीता रहता है|
मगर मैंने उसकी इस आदत को समझ ही नहीं पाया| अब मैं उससे ये सब कैसे करूं?तब सुनीता आंटी बोलीं- देख लाला शौकीन मर्द है,अब तू उसे मस्त कर दे … या उसके पैसे लौटा दे|
मेरी अम्मी समझ गईं कि क्या करना है| शाम को उन्होंने मुझसे कहा- जा लाला सेठ से कह आ कि अम्मी बुला रही हैं| उस दिन मेरी अम्मी ने बड़ा मेकअप वगैरह किया हुआ था और वो कुछ ज्यादा ही सेक्सी दिख रही थीं|
मैं सेठ को बोल आया कि अंकल आपको मेरी अम्मी बुला रही हैं| उसने आने की हां कह दी| शाम को आठ बजे सेठ हमारे घर आया और उसने आते ही अम्मी को देख कर उनसे बात की कि क्यों बुलाया था|
अम्मी ने उसे बिठाया और कहा- सेठ जी, मैंने आपके लिए मटन बनाया था, तो सोचा कि आपको भी खिला दूँ| मेरी अम्मी ने सेठ के सामने दुपट्टा नहीं ओढ़ा हुआ था| उनके बड़े गले के सूट से उनकी चूचियां साफ़ दिख रही थीं|
अम्मी ने सेठ के सामने झुक कर उसे आदाब किया| वो लंड सहलाने लगा तो अम्मी ने उसे देख कर अपने होंठ दबा कर आंख मार दी| तभी रौ सेठ ने मुझे एक हजार रूपए दिए और कहा- ओए लौंडे … जा एक ब्लेंडर व्हिस्की की बोतल तो ले आ|
मैं समझ ही नहीं पाया कि ये किधर मिलती है| मैंने पूछा तो उसने मुझे सब बताया और भेज दिया| मैं भाग कर गया और ठेके से दारू की बोतल ले आया| जब मैं घर आया तो सेठ चारपाई पर पसर कर बैठा था और मेरी अम्मी ने उसके सामने प्लेट में मटन रखा था|
मैं आया, तो बोतल लेकर अम्मी ने गिलास में पैग बनाया और उसे अपने हाथ से पिलाने लगीं| वो भी मेरी अम्मी को अपने सीने से चिपका कर दारू पीने लगा| मुझे समझ आ गया कि अम्मी ने उसे सैट कर लिया है|
तभी मेरी अम्मी ने मुझसे कहा- अनवर तू बाहर जा, बाद में आ जाना| मैं बाहर चला गया, मगर खिड़की से अम्मी की हरकतें देखने लगा| अम्मी उससे कह रही थीं- मैं आपको पैसे नहीं दे पाऊंगी, बदले में जब मर्जी हो मेरे पास आकर मजे कर लेना …
मुझे पैसे से मदद करते रहना| सेठ अम्मी की बात मान गया| कुछ देर बाद मेरी अम्मी ने भी दारू पीना शुरू कर दी और लाला के साथ नंगी हो गईं| सेठ ने मेरी अम्मी को चोदा और चला गया|
उसके बाद से ऐसा गाहे बगाहे चलने लगा| लगभग एक साल तक ये सब चलता रहा|अब मेरी अम्मी और मेरी बहन दोनों ही सेठ से चुदने लगी थीं| हमारे घर में पैसे की कोई कमी नहीं रह गई थी|
खूब साधन हो गए थे| टीवी फ्रिज और एसी भी लग गया था| अम्मी का कमरा बड़ा शानदार बन गया था, जहां रौलाला मेरी अम्मी और मेरी बहन को एक साथ पेलने लगा था|
एक साल मैं न जाने कितनी बार छिप छिप कर उन सबकी चुदाई को देख कर गर्म हो चुका था| अब मैं भी चाहता था कि अपनी अम्मी और बहन को मैं भी चोदूं| मगर ये सब कैसे होगा, ये मेरी समझ में नहीं आ रहा था|
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मैं उन तीनों को सेक्स करते देखता और उनके नाम की मुठ मार लेता था| एक दिन मैंने मेरी अम्मी की ब्रा और मेरी बहन की पैंटी उठाईं और उन पर मुठ मारने लगा| कुछ देर बाद मेरा वीर्य निकल गया और उन दोनों की ब्रा पैंटी गंदी हो गईं| मैंने ध्यान नहीं दिया|
ऐसा रोज रोज होने लगा| उन दोनों की ब्रा पैंटी मेरे मुठ से गंदी हो जाती थीं| फिर एक दिन मेरी अम्मी ने मुझे मुठ मारते देख लिया और बोलीं- अनवर , ये तू क्या कर रहा है? तब मैं गुस्से में बोला- अम्मी अब मैं बड़ा हो चुका हूँ … और तुम जो लाला के साथ करती हो उसका मुझे सब पता है|
ये सुनकर मेरी अम्मी चौंक गईं और बोलीं- अनवर तू बड़ा चुका है लेकिन ऐसे मुठ मारेगा, तो नपुंसक हो जाएगा| लंड की मुठ नहीं मार … तू इसे चूत में डाल| इतना सुनते ही मैंने अपनी अम्मी के मम्मों को दबा दिया और बोला- हां आज तेरी ही चूत में लंड डालता हूँ| तू अपनी चुत दे दे|
मेरी अम्मी हंस कर बोलीं- ठीक है, आज रात तेरे साथ मैं सेक्स करूंगी … और अब से तू मुझे अम्मी नहीं, सिर्फ फातिमा बोलेगा| मैं बोला- ठीक है फातिमा डार्लिंग|
तब मैं रात होने का इंतजार करने लगा| मैं बहन और अम्मी ने डिनर किया और मेरी बहन अम्मी के रूम में चली गई| अब मैं और मेरी अम्मी मेरे रूम में थे| मेरी अम्मी ने लाल सूट पहना था| वो एकदम दुल्हन जैसे बनी थीं|
मैं अम्मी को देखा, तो वो बोलीं- अनवर , तू आज से मेरा शौहर है| मैं तेरी बीवी हूँ| ये सुनकर मैंने जल्दी अपने कपड़े उतार दिए और अम्मी के सामने नंगा हो गया|मैं अपनी अम्मी फातिमा से बोला- आ जा मेरी चुदक्कड़ रांड आज तुझे चोद दूँ|और मैं अपनी अम्मी के मम्मे दबाने लगा|
मेरी अम्मी फातिमा ‘आह ऊऊह …’ की आवाज निकालने लगीं| मैंने उनके सब कपड़े उतार दिए और उनकी नंगी जवानी को देख कर बोला- आह डार्लिंग … क्या मस्त मम्मे हैं तेरे| अम्मी ने मुझे इशारा करते हुए कहा- मस्त हैं, तो चूस ले मादरचोद!
मैं अपनी अम्मी के दूध पीने लगा| सच में दोस्तो मेरी अम्मी के मम्मे बड़े रसीले थे| उन्होंने अपने चूचों पर चॉकलेट लगाई हुई थी| मैंने चूसे तो बड़े टेस्टी दूध लगे| मैं अपनी अम्मी के निप्पल काट रहा था|
कुछ मिनट तक मैं अम्मी के मम्मे चूसता रहा| फिर अम्मी ने मुझे सीधा लेटा दिया और मेरा लंड हिलाने लगीं| एक मिनट बाद अम्मी ने लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं| मेरी अम्मी रौनकी सेठ कर का लंड लेते लेते रांड जैसा लंड चूसना सीख गई थीं|
अम्मी ने मेरा लंड चूसा तो मेरा लंड खड़ा हो कर 7 इंच का हो गया| फिर मेरी अम्मी मेरे लंड पर कोई क्रीम लगाई| जब मैंने पूछा तो बोलीं- पहली बार चूत चोदेगा, इसलिए लंड को तकलीफ ना हो|
मेरी अम्मी सीधी लेट गईं और मैंने अपना लंड चूत पर सैट कर दिया और फांकों में फंसा कर सुपारा अन्दर बाहर करने लगा| अम्मी गर्म हो गईं और बोलीं- मादरचोद अन्दर भी डालेगा या ऐसे ही रगड़ता रहेगा?
मुझे ताव आ गया और मैंने एकदम से लंड पर जोर दिया और एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर घुसेड़ दिया| मेरी अम्मी चीख पड़ीं- आह मर गई आह धीमे कर साले| चुत फाड़ेगा क्या? मैं बोला- साली फातिमा रांड … भैन की लौड़ी … वो लाला का पूरा अन्दर लेती है |
तो कुछ नहीं कहती और मेरे लंड से चुत फटने का बात कह रही है| मैं गाली देते हुए अपनी अम्मी को जोर जोर से चोदने लगा| मेरी अम्मी ‘आ आह उफ ||’ किए जा रही थीं| चुदाई की आवाजें तेज हुईं तो मेरी बहन की आंख खुल गयी और वो मेरे रूम में आ गयी|
दरवाजा खुला हुआ ही छोड़ दिया था| कमरे में मैं मेरी अम्मी के ऊपर चढ़ा उन्हें चोद रहा था| मेरा लंड अम्मी की चूत में धकापेल अन्दर बाहर हो रहा था| मेरी बहन यह नजारा देख कर अम्मी से बोली- साली रांड … अकेली अकेली जवान लंड का मजा ले रही |
कुतिया … मैं याद नहीं आयी … तूने तेरे यार लाला से तो मजे दिला दिए, भाई के लंड से मजे क्यों नहीं दिलाने बुलाया? मैं उसे देख कर बोला- आज से यह मेरी बीवी है|मेरी बहन बोली,अच्छा भोसड़ी के … तो मैं तेरी बेटी हुई|
तब मैं बोला- नहीं, तू इसकी सौतन बनेगी| मतलब तू मेरी दूसरी बीवी और मैं तुम दोनों का शौहर हुआ| मेरी बहन उस समय सामने खुलने वाली मैक्सी में थी| उसने अपनी मैक्सी की डोरी खोल दी और उसकी ब्रा और पैंटी दिखने लगीं|
मैं अम्मी की चुत चोदता हुआ उससे बोला- चल गुलप्सा बीवी, तू अपनी मैक्सी उतार दे और आ जा| मैंने अम्मी की चूत पेलना जारी रखा और बगल ने नंगी होकर आ चुकी अपनी बहन गुलप्साके मम्मे चूसने दबाने लगा|
कुछ मिनट तक अम्मी की चूत चोदने के बाद मैंने लंड का पानी अम्मी की चूत में ही छोड़ दिया| फिर मैं बिस्तर पर चित लेट गया और उन दोनों से बोला- तुम दोनों मेरा लंड चूसो और हिलाओ|
चुदकड़ हसीन आपा की धमाकेदार चुदाई – muslim sex story
उन दोनों ने लंड चूसना शुरू कर दिया| कोई 5 मिनट में लंड फिर से खड़ा हो चुका था| अब मैंने अपनी बहन गुलप्साकी गांड में मेरा लंड डाल दिया और गप्प गपा गप करने लगा|
लगभग बीस मिनट से ज्यादा बहन की गांड मारी और उसी में झड़ गया| उस पूरी रात में मैंने 4 बार चुदाई की एक बार अम्मी की गांड मारी और एक बार अपनी बहन गुलप्सा की चुत चुदाई की|
चुदाई के बाद हम सभी थक गए थे तो एक एक पैग व्हिस्की के खींच कर हम तीनों सो गए| अब दिन में लाला आता और रात में मैं उन दोनों को चोदता| फिर एक दिन सेठ का एक्सीडेंट हो गया और इलाज के समय लाला की मौत हो गयी|
जाते समय उसने मेरी अम्मी को काफी पैसा दिया था| हम सभी को अब पैसे की कोई कमी नहीं थी|गुलप्सा की शादी करने का मतलब था कि हम अपनी दौलत को खत्म कर देते|
इसलिए हम तीनों ने एक साथ ही रहने का फैसला कर लिया और उधर से घर छोड़ कर दूसरी जगह रहने लगे| अब मैं ही अपनी बहन और अम्मी को पेलता हूँ और उन दोनों को अपनी बीवी बना कर रखे हुए हूँ|
हम तीनों को दूसरे लंड और पैसे की जरूरत पड़ती, तो मैं उन दोनों के लिए हाई क्लास ग्राहक बुला कर उन दोनों की चुदाई करवा देता हूँ| दोस्तो, मेरी यह Muslim Sex Story कहानी आपको कैसी लगी| मेरे ईमेल पर जरूर बताएं|
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