Chachi ki chudai कहानी मेरी देसी चाची की चूत चुदाई की है| उनकी सेक्स की प्यास अधूरी रहती थी और मैं चाची को चोदना चाहता था पर पहल करते हुए मेरी फटती थी|
मेरा नाम रोहन है|मैं 22 साल का हूँ| आज मैं आपको अपनी Chachi ki chudai कहानी बताने जा रहा हूँ| मेरे मम्मी पापा के देहांत के बाद मैं अपने चाचा चाची के साथ रहने लगा था| मेरी चाची बहुत ही सुंदर हैं और वो तकरीबन 30 साल की हैं|
हम सब शहर में रहते हैं इसलिए चाची साड़ी की जगह सलवार सूट पहनना पसंद करती हैं| गांव में विवाहितों को सलवार सूट पहनना उधर के रीति रिवाज के खिलाफ है| शहर में चाची बिंदास सलवार सूट पहनती थीं| सलवार सूट में चाची बहुत सेक्सी भी लगती हैं|
मेरे चाचा ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं, इसलिए वो काम के सिलसिले में अधिकतर बाहर रहते हैं| उनकी एक लड़की है, जो लगभग मेरी ही उम्र की है मगर वो दिखने में सुंदर नहीं है|
वो पढ़ाई के लिए दिल्ली में रहती है इसलिए मैं और चाची ज्यादातर अकेले रहते हैं|चाची मेरे सामने अक्सर नाइटी में रहती थीं| मैं देखता था कि चाची नाइटी के नीचे ब्रा पैंटी नहीं पहनती थीं|
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चाची अक्सर मुझे अपने लिए नैपकिन मंगाती थीं| मैं भी बिना कुछ कहे ले आता था|मैंने महसूस किया था कि चाची मुझसे खुलने की कोशिश करती हैं मगर मैं जरा सी भी कोशिश नहीं करता था क्योंकि मुझे डर लगता था|
जबकि चाची को मैं सेक्स की नजर से देखता था, मैं अक्सर उनको सोचते हुए मुठ मारता था| जब वो नहाने जाती थीं, तो मैं अक्सर दरवाजे में बने एक होल से उनको नंगी नहाते हुए देखता रहता था|
हमारे घर में सिर्फ एक ही बाथरूम था| घर में हम दोनों के अलावा कोई नहीं रहता था तो मैं आराम से उन्हें देख लेता था| एक दिन शाम को उन्होंने साड़ी पहनी थी और साड़ी में चाची इतनी ज्यादा सुंदर लग रही थीं कि क्या बताऊं|
मेरा जी कर रहा था कि अभी के अभी उन्हें चोद दूँ| मगर मैं डरता था इसलिए कुछ नहीं करता था| चाची बोलीं, रोहन , मैं कैसी लग रही हूँ| मैंने उनसे कहा- चाची, आप साड़ी में बहुत सुंदर लग रही हैं|
वो मेरी बात से बड़ी खुश हुईं और बोलीं- क्या मैं सलवार सूट में अच्छी नहीं लगती? मैंने कहा- हां आप सलवार सूट में भी बहुत सुंदर लगती हैं … पर आज आपने काफी दिनों बाद साड़ी पहनी है न, तो आप साड़ी में बहुत सुंदर लग रही हैं|
चाची ने हंस कर कहा- हां रोहन ,मेरे भाई के घर में शादी है न , तो आज साड़ी पहन कर देख रही थी कि कौन कौन सी साड़ी ले जाना ठीक रहेगा| मैंने कहा- शादी कब है चाची?
चाची- अगले सप्ताह पटना जाना है| मैंने कहा- ओके … पर चाचा तो एक महीने के लिए मुंबई गए हैं| क्या वो शादी में सीधे मुंबई से ही मुंबई आ जाएंगे? चाची,नहीं, वो शादी में नहीं जाएंगे| तेरी बहन को भी पढ़ाई के कारण आने में दिक्कत है|
तू ही मेरे साथ मुंबई चलना| मैंने हामी भर दी| तभी उन्होंने मुझसे कहा- आज मेरे साथ तू बाजार चलना| मेरे भाई की लड़की की शादी है तो कुछ खरीदारी करना है| मैंने कहा- ठीक है चाची|
दोपहर को हम दोनों बाजार गए और चाची ने अपने लिए साड़ी खरीदीं| और उसके बाद वो एक लेडीज सामान की दुकान पर आ गईं| उधर वो अपने लिए ब्रा पैंटी देखने लगीं| मैं बाजू में ही खड़ा था|
चाची मुझसे कहने लगीं- बता कौन सी वाली ले लूं? मैं सकुचा रहा था| सामने एक लड़की चाची को ब्रा पैंटी दिखा रही थी| वो कुछ और सैट लेने नीचे झुकी तो चाची मुझे एक जाली वाली ब्रा दिखाती हुई बोलीं- ये कैसी रहेगी?
मैंने कहा- मैं क्या कह सकता हूँ| आपको जो पसंद हो वो ले लीजिए| चाची हंस दीं और बोलीं- एकदम बुद्धू हो ,बता नहीं सकता क्या? मैंने कहा- चाची, मैं अभी छोटा हूँ, मैं इन सबके बारे में नहीं जानता हूँ|
चाची बोलीं- कहां से छोटा है तू? मैं सकपका गया और चुप रहा| चाची धीमे से बोलीं- नहाते वक्त तो छोटा नहीं दिखता| मैं एकदम से घबरा गया है और चाची हंसने लगीं|
दुकान वाली सेक्सी चाची की चुदाई – desi chachi ki chudai
फिर वो मेरे साथ वापस घर आ गईं| शाम को चाची बोलीं- अपने कपड़े एक अटैची में लगा लेना| शनिवार को पटना जाना है| मैंने कहा- ठीक है चाची| चाची बोलीं- दो टिकट भी बुक करवा लेना| मैंने कहा- ओके|
मैंने ट्रेन में टिकट सर्च किए तो जगह खाली नहीं थी, लम्बी वेटिंग आ रही थी| मैंने चाची को बताया तो चाची ने कहा- बस से देख ले| मैंने बस में देखा तो एक लग्जरी स्लीपर बस में जगह मिल गई| तो मैंने जल्दी जल्दी में दो बर्थ बुक कर लीं|
शनिवार शाम को बस थी| उस दिन हम दोनों की तैयारी पूरी हो गई थी| बस के समय से आधा घंटा पहले हम दोनों बस स्टैंड आ गए| बस में अन्दर गए तो पता चला कि हम दोनों को जो दो बर्थ मिली थीं|
वो एक दो बर्थों वाली सीट थी| मैं मन ही मन में तो काफी खुश था कि आज चाची के साथ लेटने का अवसर मिलेगा| बस में झटके भी लगते हैं तो कुछ रगड़ सुख भी मिल जाएगा| मैंने चाची से कहा- ये बर्थ तो दोनों के लिए मिली है|
चाची बोलीं- तो क्या हुआ ,अपन को कौन सा इसी में रहना है| सुबह पटना पहुंच जाएंगे| मैंने भी कुछ नहीं कहा| चाची बोलीं, चलो मुझे ऊपर चढ़ने में जरा मदद कर दो| मैंने चाची को सहारा देकर ऊपर चढ़ाया तो चाची का मुलायम जिस्म छूने का मौक़ा भी मिल गया|
अब हम दोनों रात को एक साथ ही सोने वाले थे| बस चल दी, चाची सो गईं| रात के बारह बजे थे, मुझे नींद नहीं आ रही थी| तभी मैंने देखा कि चाची ने करवट ली तो उनकी साड़ी पूरी तरह से गांड के ऊपर आ चुकी थी|
उन्होंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी| मुझे पीछे से उनकी गांड और थोड़ी थोड़ी गोरी चूत भी दिख रही थी| चाची की चूत देखने के बाद मेरा लंड पूरा तन गया था| मगर गांड फटी हुई थी तो बस लंड सहलाते हुए देखता रहा|
मैं उन्हें देखते देखते कब सो गया, मुझे पता ही नहीं चला| अगली सुबह हम दोनों मुंबई पहुंच गए थे| सभी मेहमानों को एक होटल में ठहराया गया था| हम चाची भतीजे को एक रूम मिला था|
वहां से फ्रेश होकर शादी में गए| रात को हम सोने के लिए वापस होटल आए| रात को चाची अपनी नाईटी, ब्रा और पैंटी निकाल कर कुर्सी पर रख गईं और नहाने चली गईं| मैं बेड पर लेट गया|
चाची तौलिया लपेट कर बाहर आईं| उन्हें लगा कि मैं सो गया हूँ मगर मैं जाग रहा था|
तभी उन्होंने अपना तौलिये को निकाल दिया और पूरी नंगी हो गईं| वो मेरी ओर देख रही थीं कि मैं सो रहा हूँ या नहीं|
मैं सोने का नाटक कर रहा था| चाची कुछ सोचने लगीं और फिर से बाथरूम में चली गईं| चाची ने दरवाजा पूरा नहीं लगाया था| झिरी में से मैंने उन्हें देखा| अन्दर वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थीं|
मुझे लगा कि चाची आज चुदाई के मूड में हैं| फिर वो बाथरूम से बाहर आने लगीं तो मैं झट से पलंग पर जाकर सो गया| तभी अचानक से वहां बिजली चली गई| कमरे में अन्धेरा हो गया| मैंने सोने का नाटक जारी रखा|
चाची बाहर आईं और उन्होंने अपनी ब्रा और पैंटी पहन ली थी| उन्होंने नाईटी नहीं पहनी, वो बस ब्रा पैंटी में ही मेरे पास आकर सो गईं| मैं उन्हें देख रहा था और मेरा लंड तन गया था|
कुछ देर बाद मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनकी कमर पर हाथ रखा और धीरे धीरे उनकी चूचियों की तरफ हाथ बढ़ाने लगा| तभी मुझे लगा कि चाची जाग रही हैं मगर सोने का नाटक कर रही हैं|
मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए| मैं चाची से चिपक गया और उनकी चूचियों को मसलने लगा| चाची की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैं अपने तने लंड को उनकी गांड पर रगड़ने लगा|
मेरा लंड एकदम से हार्ड हो गया था| अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पीछे से उनकी ब्रा का हुक खोल कर उसको उतार दिया| फिर चाची को सीधा करके उनको किस करने लगा|
तभी चाची ने आंखें खोल दीं और मुझे धक्का मारती हुई कहने लगीं- ये क्या कर रहे हो| मैं तुम्हारी चाची हूँ| मगर मैंने कुछ नहीं सुना और उनको किस करने लगा| वो थोड़ा विरोध कर रही थीं मगर मुझे पता था कि वो भी चुदना चाहती हैं इसलिए मैं लगा रहा|
धीरे धीरे चाची भी मेरा साथ देने लगीं| वो कराहने लगीं- कबसे तुझे गर्म करने की कोशिश कर रही थी| अब जाकर मेरे काम का हुआ है| मैंने उन्हें चूमते हुए कहा- मेरी हिम्मत नहीं होती थी चाची| वरना तो कब का चोद चुका होता|
चाची बोलीं- हां, मुझे याद करके बाथरूम में मुठ मारता था न, मैं सब देखती थी| चल आज मेरे ऊपर चढ़ जा और चोद दे मुझे! यह सुनकर मैं चाची की चूचियों को चूसने लगा और वो हल्की आवाज में कामुक सिसकिरियां भरने लगीं|
मैं धीरे धीरे चाची की चूचियां चूसते चूसते उनकी चूत पर अपना हाथ ले गया और पैंटी के ऊपर से ही चूत को रगड़ने लगा| इतने में बिजली आ गई और सब कुछ उजागर हो गया| मैं अब चाची को ठीक से देख पा रहा था|
वो इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मैं रुक नहीं पाया| मैंने झट से चाची की पैंटी को खींचा और उनको नंगी करके उनकी चूत पर लंड टिका दिया| अभी चाची कुछ समझ पातीं|
कि मैंने धक्का लगा दिया और मेरा पूरा लंड चूत में अन्दर घुसता चला गया| चाची जोर से चीख पड़ीं मगर मैं रुका नहीं , जोर जोर धक्के लगाने लगा| चाची जोर जोर से सिसकारियां भरने लगीं|
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हमारे बीच मस्त चुदाई चलने लगी| कोई दस मिनट तक धकापेल चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और वैसे ही चिपक कर सो गए| सुबह मैं उठा और देखा कि चाची चूत पसारे सो रही हैं|
मेरा लंड एकदम अकड़ा हुआ था और उनकी चूत के पास हिल रहा था| चाची कुछ बोले ना इसलिए मैंने अपने फोन से उनकी नंगी वीडियो और फोटो निकाल ली| अब मैं फिर से चाची के ऊपर चढ़ गया और चूत में लंड पेल कर उनको चोदने लगा|
लंड अन्दर जाते ही चाची जाग गईं और मेरा पूरा साथ देने लगीं| चाची ने गांड हिलाते हुए कहा, आज मैं पूरा दिन और रात तुमसे चूदूंगी| मैंने उनसे कहा- फिर शादी मैं कौन जाएगा?
उन्होंने कहा- मैं बीमार होने का बहाना कर दूँगी| मैंने मुस्कुरा कर उन्हें चूमा और कहा- हां, मैं आपकी देखभाल करने की कह दूंगा| चाची हंस दीं और बोलीं- अब जोर जोर से चोदो| मैंने उनको घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेल कर चोदने लगा|
थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया और चाची के बाजू में लेट गया| न्यूड आंटी मेरे लंड को चूसने लगीं| थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और वो मेरे ऊपर चढ़ कर लंड चोदने लगीं| मैं फिर से झड़ गया|
उस दिन मैंने चाची को सारे दिन में कई बार चोदा| दूसरे दिन हम घर चले गए| उसके बाद तो मैंने चाची को न जाने कितनी बार चोदा और अभी भी चोदता हूँ|
दोस्तो, मैं अगली बार और एक नई सेक्स कहानी लेकर आऊंगा| आप मुझे बताएं कि आपको चाची की चुदाई कहानी कैसी लगी? कमैंट्स में जरूर बताना |
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