Desi Kahani मेरी चुदाई की है| मेरे ऑटो वाले ने मुझे पटाकर चोद दिया था| उसके बाद मुझे सेक्स का चस्का लगा गया, एक रात मैंने ऑटो वाले को अपने घर बुला लिया|
दोस्तो, मैं आशा करती हूं कि आप सब बहुत सेक्सी होंगे और आप लोगो कि सेक्स लाइफ अच्छी बीत रही होंगी| मेरा नाम सुहानी है| मैं fungirl.in पर हर रोज सेक्स की कहानियां पढ़ती हूं और मैं fungirl.in की बहुत बड़ी फैन हूं|
आप सब की कहानी पढ़ कर मैं आप सब को मेरी कहानी बताने जा रही हूं| उम्मीद है कि आप सब को मेरी हॉट सेक्स यंग गर्ल स्टोरी पसंद आयेगी| दोस्तो, पहले मैं आप सब को मेरे बारे में बताती हूं|
मेरी उम्र 18 साल है| मेरा रंग गोरा और मेरे बाल काले और मेरी कमर तक लंबे हैं| मेरा फिगर साइज 34-26-36 है| मैं अपने मोहल्ले की सबसे ज्यादा हॉट माल हूं| दोस्तो, जब मैं 17 साल की थी तब मैंने पहली बार सेक्स किया था और मेरी सील टूटी थी| तब मेरे पड़ोस में रहने वाले एक लड़के से मुझे पहली बार प्यार हो गया था| उसका नाम विनोद था|
ठरकी बाबा के आश्रम में चुदाई का नंगा नाच – Desi Sex Kahani
विनोद मुझसे4 साल बड़ा था| विनोद कद काठी से बहुत ही अच्छा खासा था| वह देखने में ज्यादा गोरा नहीं था लेकिन ज्यादा बुरा भी नहीं था| उस वक्त विनोद ऑटोरिक्शा चलता था और रोज मुझे स्कूल लाने और वापस घर छोड़ने आता था|
विनोद और मैं हर रोज मिलते थे और एक दूसरे को पसंद भी करने लगे थे और रोज थोड़ी थोड़ी चूमा चाटी भी किया करते थे| एक दिन मेरे स्कूल में एक प्रोग्राम था और मैं उसमें हिस्सा नहीं लेने वाली थी|
उस दिन मैंने स्कूल से गुल्ली लगाई और पूरा दिन विनोद के साथ बिताने का प्लान बनाया| उसी दिन विनोद ने मेरी पहली बार चुदाई की थी| मैंने यंग सेक्स का मजा लिया था|
पहली बार विनोद से चुदने के बाद मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मैं बार बार विनोद से चुदना चाहती थी| लेकिन हर रोज स्कूल से गुल्ली लगा कर मजा नहीं कर सकती थी|
रात को कई बार मैं विनोद को याद कर कर के मेरी चूत में उंगली डाल कर खुद को शांत कर लिया करती थी| लेकिन लन्ड का मजा उंगली तो नहीं दे सकती थी| उन दिनों मेरी स्कूल की परीक्षा भी नजदीक आ रही थी |
तो मैं देर रात तक अकेले ऊपर के कमरे में पढ़ाई करती रहती थी| विनोद के साथ सेक्स किए हुए कुछ 8 दिन बीत चुके थे और अब मेरी चूत लन्ड के लिए बहुत तड़प रही थी|
तब मैंने दूसरे दिन विनोद को कहा- क्या तुम रात को सब के सोने के बाद मेरे घर पर आ सकते हो? विनोद तो देर रात तक घर से बाहर घूमता रहता था तो वह रात को मेरे घर आने के लिए तैयार हो गया|
उस दिन मैं रात को सब के सोने का इंतजार करने लगी| रात को करीब 11 बजे थे और मेरे घर पर सब सो चुके थे| मैं ऊपर के कमरे में रोज की तरह मेरी पढ़ाई कर रही थी|
करीब एक घंटे के बाद मेरे कमरे के दरवाजे पर एक हल्की सी दस्तक हुई| मैंने धीरे से कमरे का दरवाजा खोला और देखा तो विनोद छत के रास्ते से होते हुए मेरे कमरे के बाहर खड़ा था|
मैंने जल्दी से विनोद को कमरे के अंदर बुला लिया और दरवाजा बंद कर दिया|
विनोद को देख कर मुझे इतनी खुशी हुई और मुझे अंदर ही अंदर यकीन हो गया कि आज मेरी चूत को फिर से लन्ड का मजा मिलेगा|
मैं अंदर ही अंदर से खुश हो रही थी| इतने में ही विनोद ने मुझे दरवाजे के पास से खींच लिया और सीधा मुझे बिस्तर पर लेटा कर मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे किस करने लगा| मैं भी विनोद को बाहों में भर कर किस में उसका साथ देने लगी|
कुछ देर किस करने के बाद विनोद अपनी शर्ट निकालने के लिए खड़ा हो गया और मैंने मेरी टी शर्ट उतार दी|विनोद अपनी शर्ट के बटन खोल रहा था और मैंने विनोद के पैन्ट का बटन और चैन खोल दी|
वह मुझे कहने लगा- जान, बहुत उतावली हो रही हो लन्ड देखने के लिए? मैंने विनोद से कहा- देखने के लिए नहीं, लेने के लिए उतावली हूं| जब से तुम्हारा लन्ड लिया है तब से रोज रात को उंगली करना पड़ता है|
मेरी बात सुन कर विनोद बहुत जोश में आ गया और उसने पैन्ट के साथ साथ अपनी चड्डी भी उतार दी| विनोद का लन्ड लंबा और कड़क हो चुका था| फिर विनोद ने मुझे कहा- इतनी ही उतावली हो तो फिर अभी तक कपड़ों में क्यूं हो? जल्दी से नंगी हो जाओ| आज पूरी रात मजा दूंगा तुम्हें इसका!
मैं भी जल्दी से मेरी टी शर्ट, ट्राउजर और पैंटी उतार कर विनोद के सामने नंगी हो गई| विनोद और मैं दोनों नंगे होकर बिस्तर पर लेट गए और एक दूसरे को किस करने लगे|
किस करते हुए विनोद मेरे बूब्स को दबाने और मसलने लगा था और मेरी चूत गीली होने लगी| मेरी चूत लन्ड लेने के लिए बहुत तड़प रही थी| लेकिन विनोद इतनी आसानी से और इतना जल्दी मेरी चूत को शांत नहीं करना चाहता था|
विनोद मेरी चूत को लन्ड के लिए और तड़पना रहा था| कुछ देर तक मेरे बूब्स मसलने के बाद विनोद मेरे बूब्स को चूसने लगा और मेरी चूत को मसलने लगा| विनोद का हाथ मेरी गीली चूत को मसल रहा था और वह मेरे बूब्स को चूसने लगा था| मेरी चूत को मसलते हुए विनोद मेरे निप्पलों को अपने दांतों से काटने लगा और कुछ ही देर में उसने मेरी चूत को मसलते हुए मेरा का पानी निकाल दिया|
मैं धीरे धीरे ठंडी हो रही थी लेकिन विनोद और भी ज्यादा गर्म हो गया था| मेरी चूत का पानी निकालने के बाद विनोद मेरे बूब्स पर आ गया| अपना लन्ड मेरे मुंह के सामने रख दिया और मुझे कहा- ले अब इसको चूस … फिर तेरी चूत की प्यास बुझाता हूं|
विनोद का लन्ड मेरे मुंह के पास था| मैंने मेरा मुंह खोला और उसका लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी| विनोद इतना गर्म हो गया था कि वह अपना लन्ड मेरे मुंह में अंदर बाहर करने लगा| लन्ड धीरे धीरे मेरे मुंह में अंदर बाहर हो रहा था जैसे विनोद मेरा मुंह चोद रहा है|
कुछ ही देर में विनोद ने अपना पूरा लन्ड मेरे मुंह में डाल दिया और जोर से अपना लन्ड मेरे मुंह में दबाए रखा| लन्ड मेरे गले में तक अंदर चला गया था और मेरी आंखें चौड़ी हो गई थी; मेरी सांस फूलने लगी, मेरी आंखों से पानी निकलने लगा|
उसके बाद मैंने विनोद को थोड़ा जोर से धक्का दिया और उसको मुझसे थोड़ा दूर किया| विनोद का लन्ड मेरे मुंह से निकला तो मुझे थोड़ा चैन मिला और मेरी सांस जोर जोर से चलने लगी|
मेरे धक्का देने से विनोद को थोड़ा गुस्सा आया, उसने मुझे कहा- क्या हुआ साली, अभी तो इतना जोर से तेरी चूत मारनी बाकी है| चल अपनी चूत खोल … अब तेरी चूत को लन्ड का असली मज़ा देता हूं|
मैं कुछ बोल पाती , उससे पहले ही विनोद मेरे दोनों पैरों के बीच में अपने घुटनों पर बैठ गया और पैर फैला कर मेरी चूत को खोल दिया| फिर विनोद ने मेरी चूत पर अपना हाथ रखा और उसको थोड़ा रगड़ने लगा|
चूत को रगड़ते हुए विनोद ने कहा- तेरी चूत तो बहुत गर्म हो चुकी है| चल इसको गर्मी निकाल देता हूं| इतना बोलने के बाद विनोद ने मेरी चूत पर अपना लन्ड रखा और एक जोर का झटका दे कर अपना आधा लन्ड मेरी चूत में अंदर डाल दिया|
विनोद का लन्ड अंदर जाते ही चूत में थोड़ा दर्द होने लगा लेकिन मज़ा भी आने लगा था| मेरी चूत में अपना आधा लन्ड डालने के बाद विनोद ने अपने दोनों हाथ मेरे कंधे के पास रखे और अपना लन्ड धीरे धीरे मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा|
विनोद का लन्ड धीरे धीरे मेरी चूत में अंदर जाने लगा था| शुरू शुरू में विनोद धीरे धीरे अपना लन्ड मेरी चूत में अंदर बाहर कर रहा था| पर कुछ देर बाद विनोद ने बीच बीच में अपने लन्ड का एक एक जोर का झटका मेरी चूत में मारना शुरू कर दिया|
10 मिनट के बाद विनोद ने अपना लन्ड मेरी चूत से बाहर निकाला और दो मिनट के लिए रुक गया| मैंने पूछा- क्या हुआ? रुक क्यूं गए? उसने मुझे कहा- एक मिनट रुक जा, अभी फिर से डालता हूं|
फिर विनोद ने मेरी चूत पर अपना लन्ड रखा और झटके से वापस अंदर डाल दिया| लन्ड मेरी चूत में डाल कर विनोद ने मेरे घुटनों के नीचे से अपने दोनों हाथ डाले और मेरी टांगें ऊपर उठा ली|
उसका लन्ड मेरी चूत के अंदर था और मेरी दोनों टांगें फैली हुई विनोद के हाथों में थी| फिर विनोद ने अपना लन्ड मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू किया और उसके साथ साथ वो मेरी चूत में अपने लन्ड के झटके तेज करने लगा|
विनोद का पूरा लन्ड मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और आआह ऊहह करते हुए विनोद के लन्ड का मज़ा ले रही थी| कुछ देर बाद विनोद ने मेरी टांगें अपने कंधों पर रख दी और हाथों से मेरी कमर को कस कर पकड़ लिया| फिर वह जोर जोर से मेरी चूत में अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगा|
विनोद जबरदस्त तरीके से मेरी चूत चोद रहा था और मेरी चूत से दुबारा पानी निकल गया| मैंने विनोद को रुकने के लिए कहा| लेकिन उसने कहा- चुप कर साली रंडी … थोड़ा और जोर से चोदने दे, मेरा भी निकलने वाला है|
विनोद और जोर जोर से मुझे चोदने लगा था| उसका वीर्य भी निकलने वाला था विनोद ने जल्दी से अपना लन्ड मेरी चूत से बाहर निकाला और अपने सारा वीर्य चूत के आस पास छोड़ दिया| उसका वीर्य बहुत ही गर्म था|
विनोद ने मुझे कहा- मज़ा आ गया आज तुझे चोदने का! फिर वह मेरे बगल में नंगा ही लेट गया और मैं उसके सीने पर सर रख कर सो गई| सुबह के करीब 4 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने पहले कपड़े पहने और फिर विनोद को उसके घर जाने के लिए जगाया|
वह बहुत ही गहरी नींद में था| बड़ी मुश्किल से मैंने उसको जगाया और कहा- कपड़े पहन लो और घर जाओ| बहुत देर हो चुकी है| जगने के बाद विनोद ने मुझे फिर से पकड़ कर बिस्तर पर लेटा दिया |
मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस करने लगा| मै उसको मेरे होठों पर किस नहीं करने दे रही थी और उसको जाने के लिए कह रही थी| विनोद मेरी बात सुने बिना मुझे गाल पर और गरदन के आस पास किस करे जा रहा था|
फिर विनोद ने कस कर मेरे दोनों हाथों की कलाईयां पकड़ ली और मुझे किस करने लगा| धीरे धीरे मैं भी गर्म हो गई और विनोद को किस करने लगी| किस करते हुए मैंने विनोद का लन्ड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी|
विनोद का लन्ड धीरे धीरे कड़क हो गया और वह खुद भी बहुत गर्म होने लगा| कुछ देर बाद विनोद खड़ा हो गया और मुझे नंगी करने लगा| उसने एक एक कर के मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझे नंगी कर के मेरे बूब्स चूसने लगा|
विनोद मेरे बूब्स को चूस रहा था और मैं उसका लन्ड पकड़ कर हिला रही थी| मेरे बूब्स चूसने से मेरी चूत गीली हो रही थी| मैंने विनोद का लन्ड मेरी चूत पर रख दिया और धीरे से थोड़ा अंदर दबा दिया|
लन्ड मेरी चूत में अंदर चला गया और विनोद मेरे बूब्स चूसते हुए मेरी चूत में अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगा| विनोद का लन्ड मेरी चूत में अंदर जाने लगा था और वो मेरे बूब्स चूस रहा था|
कुछ देर में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया| लेकिन विनोद मेरी चूत चोदे जा रहा था|
कुछ देर बाद विनोद ने अपना लन्ड मेरी चूत से बाहर निकाला| उसका लन्ड थोड़ा ढीला हो गया था|
अपना लन्ड मेरी चूत से बाहर निकाल कर विनोद बिस्तर पर सीधा लेट गया और मुझे कहा- चल इसको चूस कर फिर से कड़क कर! मैंने उसे कहा- अब तुम जाओ, बहुत देर हो चुकी है| हम फिर कभी करेंगे|
विनोद मुझ पर गुस्सा हो गया और उसने कहा- चल साली रंडी, जितना कहा उतना कर| जल्दी करेगी तो जल्दी खत्म होगा| एक बार चोदे बिना मैं यहां से जाने वाला नहीं हूं|
फिर मैंने विनोद का लन्ड मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी| विनोद का लन्ड फिर से कड़क हो गया था| लन्ड कड़क होने के बाद मैंने उसका लन्ड चूसना बंद किया तो उसने कहा- थोड़ा और मुंह में ले, बहुत मजा आ रहा है|
बहुत मस्त लन्ड चूसती है तू! करीब 5 मिनट तक मैं विनोद का लन्ड चूसती रही|फिर विनोद ने मुझे कहा- चल आ जा, अब तेरी चुदाई करने दे| तू चार पैरों पर खड़ी हो जा, अब मज़ा आएगा|
मैं बिस्तर पर विनोद के सामने चार पैरों पर खड़ी हो गई और विनोद मेरे पीछे अपने घुटनों पर बैठ गया| फिर विनोद ने पीछे से मेरे पैर थोड़े चौड़े किए और अपना हाथ मेरी चूत पर रगड़ा|
मेरी चूत थोड़ी सूख गई थी, विनोद ने अपने हाथ पर थोड़ा थूक लिया और मेरी चूत पर लगाकर मेरी चूत को गीला किया| फिर उसने अपना लन्ड अपने एक हाथ में पकड़ा और मेरी चूत में अंदर डाल दिया| मेरी चूत में थोड़ा दर्द होने लगा और मैं दर्द से कराहने लगी|
फिर विनोद ने धीरे धीरे अपना लन्ड अंदर बाहर करना शुरू किया| कुछ देर बाद मेरी चूत का दर्द मजे में बदल गया और विनोद पीछे से मेरी चूत में अपना लन्ड डाल कर मुझे चोदने लगा|
देसी कमसिन चूत को बाजरे के खेत में लेजा कर चोदा – Desi Sex Kahani
वह पीछे से लगातार मेरी चूत में अपना लन्ड अंदर बाहर करते हुए चोद रहा था और उसके लन्ड के झटकों से मेरे मुंह से ऊऊ ऊह हहह आह की आवाज निकल रही थी| हम दोनों चुदाई का पूरा मज़ा ले रहे थे|
कभी कभी विनोद बीच बीच में अपने लन्ड का जोर का झटका मेरी चूत में लगाता था और मेरे मुंह से जोर की चीख निकल पड़ती थी| करीब 10 मिनट तक चोदने के बाद विनोद ने मेरी कमर को दबा कर पकड़ लिया |
जोर जोर से मेरी चूत में अपना लन्ड अंदर बाहर करते हुए मुझे चोदने लगा| विनोद जब फुल स्पीड में जब मुझे जोर जोर से चोद रहा था तो पट पट कर के आवाज़ आने लगी और उसके तेज झटकों से मैं भी पूरी आगे पीछे होने लगी|
मेरे बूब्स भी जोर जोर से जुलने लगे और मैं बस आह आह आह आह करने लगी|विनोद पूरी मस्ती से मेरी चुदाई कर रहा था और मुझे रंडी, कुतिया और गालियां देते हुए चोद रहा था|
मुझे भी विनोद से चुदाने में बहुत मजा आ रहा था| फिर विनोद ने अपने लन्ड को मेरी चूत से निकाला और अपना पूरा वीर्य मेरी गांड पर निकाल दिया| अब विनोद ने कहा- सच में बहुत मजा आ गया तुझे चोदने का! काश ऐसा मौका रोज मिल जाए तो और भी मजा आ जायेगा|
मैंने विनोद से कहा- मुझे भी बहुत मजा आया| और तुम आ सको तो रोज रात को सब के सोने के बाद आ जाना, हम हर रोज ऐसा मज़ा करेंगे| फिर सब के जगने से पहले विनोद अपने घर चला गया|
और फिर रोज रात को सब के सोने के बाद विनोद मेरे घर आने लगा और हमने 2 साल तक ऐसे ही चुदाई का मज़ा लिया| आप लोगो को मेरी देसी कहानी कैसी लगी कमैंट्स में जरूर बताय |
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