Bhabhi Sex Stories कार सेक्स कहानी में पढ़ें कि हमारी चार छोटी होने के कारण भाभी को मेरी गोद में बैठना पड़ा| मेरा लंड खड़ा होने लगा तो भाभी की गांड में चुभने लगा| उसके बाद क्या हुआ?
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका दोस्त दीपक राइटर| आज मैं आपके सामने अपनी भाभी की चुदाई की कहानी बयान करने जा रहा हूं कि कैसे मैंने अपनी प्यारी भाभी की चुदाई की और मजे दिए|
हमारे परिवार में 6 लोग हैं| मैं मेरी बहन कोमल, मेरे माता पिता, भाई मोहन और भाभी शिला| मेरी भाभी का नाम शिला है, वे बहुत ही सेक्सी हैं|उनका बदन भरा हुआ है, मस्त 34-30-36 की फिगर है उनकी|
वे बहुत ही खूबसूरत हैं, पर रंग हल्का सा सांवला है| बिल्कुल विपाशा बसु लगती हैं|यह कार सेक्स कहानी कुछ दिन पहले की है| हम लोग किसी की शादी में गए थे|हमारे पास एक कार है, जिसमें 5 लोग ही बैठ सकते हैं पर परिवार में 6 लोग हैं|
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थोड़ी आर्थिक तंगी होने के कारण हम सब एडजस्ट कर लेते हैं| तो शादी में हम सबको दूसरे शहर जाना था|हम सब कार में फंस फंस कर बैठ गए| पापा और भाई आगे बैठे थे| मैं, भाभी मम्मी और बहन पीछे की सीट पर फंस कर बैठे थे| थोड़ी दूर ही चले थे कि हमको दिक्कत हो रही थी|
मेरी और भाभी की बॉडी एक दूसरे से टकरा रही थी| कभी उनका हाथ मेरे बदन से लगता, तो कभी मेरा हाथ उनके बूब्स पर| इस पर उनका कोई रिएक्शन नहीं था और मेरे मन में भी उनके लिए कुछ नहीं था|
कुछ और दूर चलने के बाद वह मुझसे बोलीं- या तो तू मेरी गोद में बैठ जा, या मुझे अपनी गोद में बैठने दे| मैंने उन्हें अपनी गोद में बिठा लिया| जैसे ही वह मेरे लौड़े पर बैठीं, मेरी बॉडी में करंट सा दौड़ने लगा| पर मैं खुद को संभाले हुए था|
गाड़ी खड्डों में गिरने से वह मेरे लौड़े के ऊपर उछल रही थीं और मेरा लंड खड़ा हुआ जा रहा था| अब मेरे ख्याल उनके लिए बदले लगे थे पर मुझे डर भी था कि उनको पता ना चल जाए कि मेरा हथियार खड़ा हो गया है|
एक बार भाभी कुछ ऐसी उछलीं कि वह सीधा मेरे लंड पर आ बैठीं| उनको भी अहसास हो गया कि मेरा 7 इंच का लंड खड़ा हो गया है| मुझे लगा था कि वह मेरे ऊपर गुस्सा करेंगी कि ये क्या है|
उन्होंने मुझे स्माइल दी और मुँह घुमा लिया| अब मेरी भी हिम्मत बढ़ गयी| मैंने उन्हें कसके पकड़ लिया| मैंने भाभी को ऐसे पकड़ा हुआ था कि किसी को शक भी ना हो|
धीरे धीरे मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैंने उनकी जांघों पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा| उनका कोई रिएक्शन नहीं था| कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं अपना हाथ उनकी चूत की तरफ ले गया|
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और आंखें दिखाईं| मैं डर गया और भाभी ने मेरा हाथ साइड में कर दिया| परंतु शायद उनके मन में भी यही सब चल रहा था| कुछ देर बाद उन्होंने अपने और मेरे ऊपर एक शॉल ओढ़ ली और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी जांघों पर रख दिया|
मैं भी उनका इशारा समझ गया और कुछ देर जांघें सहलाने के बाद सलवार के ऊपर से ही चूत पर हाथ रख दिया| उनके शरीर में जैसे 440 बोल्ट का करंट लगा हो|
उन्होंने हम दोनों के ऊपर शॉल ओढ़ा हुआ था इसीलिए किसी को कुछ दिख नहीं रहा था कि मेरा हाथ क्या हरकत कर रहा है| मैंने सलवार के ऊपर से ही चूत सहलानी शुरू कर दी और वे भी भरपूर मजे ले रही थीं|
दूसरा हाथ मैंने उनके बूब्स पर रख दिया और एक दूध को मसलने लगा| भाभी की मादक सिसकारियां निकलनी शुरू हो गयी थीं पर वह होंठों को भींच कर अपनी आवाज को दबा रही थीं|
वे बहुत हिल रही थीं जिससे लौड़े को उनकी चूत में रगड़ मारने का मजा मिल रहा था| दस मिनट तक ये सब चला| अब उन्होंने अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर मेरा हाथ अन्दर कर दिया|
अभी तक मैंने भी उनकी कुर्ती के अन्दर मम्मों तक हाथ पहुंचा दिया था और एक को मसल रहा था| भाभी ने मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया था|
कुछ समय उनकी चूत को सहलाने के बाद मैंने अपनी दो उंगलियां उनकी चूत में डाल दीं| उंगलियां अन्दर पाते ही वह उछल पड़ीं और उनके मुँह से चीख निकल गयी|
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मैंने हाथ वहीं रोक दिया| भाई ने पीछे मुड़ कर कहा- क्या हुआ? भाभी ने होश संभालते हुए कहा- मुझे वाशरूम जाना है| भैया बोले- आगे किसी ढाबे पर रोकते हैं|वे गाड़ी चलाने लगे|
मैंने अब दोनों उंगलियों को भाभी की चूत के अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया था|भाभी भी सातवें आसमान में थीं| उनकी चूत की गर्मी मेरी उंगलियां अच्छे से महसूस कर रही थी|
जैसे ही उंगलियां अन्दर की ओर जातीं, वे ऊपर की ओर उठ जातीं| इस सबसे मुझे भी काफी आनन्द आ रहा था|इधर भाभी ने मेरी पैंट खोलनी शुरू कर दी थी|
मैं एक हाथ से चूत तो दूसरे हाथ से उनके बड़े बड़े दूध मसल रहा था| हम दोनों को कोई होश नहीं था कि हम कहां हैं| बस वासना की आग में खोए हुए थे| भाभी की गर्म गर्म चूत में जाती |
उंगलियां और दूध को मसलता हाथ, बड़ा आनन्द दे रहा था| तभी अचानक से भाई ने गाड़ी ढाबे पर रोक दी|हम दोनों ने खुद को संभाला और कपड़े ठीक कर लिए| सब गाड़ी से उतरे|
एक तरफ उतर कर आराम भी मिला पर दूसरी तरफ दुख भी हुआ कि क्यों रोकी क्योंकि हम दोनों पूरे गर्म हो चुके थे| नीचे उतरते ही भाभी टॉयलेट की तरफ जाने लगीं |
मैं भी उनका पीछा करते हुए महिला टॉयलेट में घुस गया| वहां कोई नहीं था इसलिए मैंने भाभी को पीछे से पकड़ा और गर्दन पर किस करने लगा| भाभी भी मेरा खूब साथ दे रही थीं|
मैंने उनका कुर्ता उतार दिया|अब भाभी ब्रा में थीं| मैंने उन्हें घुमाया और उनके होंठों पर होंठ रख कर किस करने लगा| कोई 5 मिनट किस करने के बाद मैं नीचे की तरफ बढ़ा|
मैं भाभी के बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा| भाभी का हाथ भी मेरे बालों में था|तभी एक आवाज आई- भैया ये क्या कर रहे हो? ये आवाज मेरी बहन कोमल की थी|उसने हम दोनों को ये सब करते हुए देख लिया था|
हम दोनों बहुत डर गए और वह भी भाग कर बाहर चली गयी| हम दोनों भी उसके पीछे भागे| मैंने उससे कहा कि किसी को ना बताए इस बारे में … उसे जो चाहिए, वह ले ले| पर किसी को ये बात ना बताए|
कुछ देर समझाने के बाद वह मान गयी| पर उसने मुझसे कहा कि आप मेरे और भाभी से दूर रहिए| मैंने भी उससे कहा- ठीक है, मैं दूर रहूँगा| पर जो आग हम दोनों के अन्दर जाग चुकी थी, वह आग कहां ऐसे शांत होने वाली थी|हम सबने वहां नाश्ता किया और फिर से गाड़ी में बैठ कर आगे चल दिए|
सब वैसे ही बैठे थे| भाभी मेरे ऊपर शॉल ओढ़े हुई बैठ गई थीं| इस बार मेरी बहन बार बार हमें देख रही थी इसलिए हम थोड़ी देर तक शांत रहे|
कुछ देर बाद भाभी से रहा नहीं जा रहा था तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी सलवार में डाल दिया| अभी मैं अपना हाथ चलाने ही वाला था कि कोमल ने भी अपने हाथ शॉल से ढकने के लिए शॉल के अन्दर किए और उसे दिख गया कि मेरा हाथ भाभी की चूत पर है|
वह हम दोनों को घूर ही रही थी कि तभी भाभी ने शॉल उसके ऊपर भी ओढ़ा दिया और ये सब करते हुए उन्होंने कोमल का एक बूब भी दबा दिया| वह हम दोनों को घूरे जा रही थी|
इसी बीच भाभी ने कोमल की चूत पर हाथ रख दिया और सहलाने लगीं| कोमल ने उन्हें हटाने की बहुत कोशिश की पर उन्होंने पूरे ज़ोर से कोमल की चूत को दबोचा हुआ था और मसले जा रही थीं|
इधर मेरा हाथ भाभी की चूत पर चल रहा था| उनकी गर्म गर्म चूचियां जब मेरे सीने से लगीं, तो मुझे पता चला कि भाभी ने अपनी ब्रा उतार दी थी| मेरा मुँह उनके गर्म गर्म मम्मों के बीच में था और हाथ पूरी तेजी से उनकी गर्म चूत में चल रहा था|
भाभी अपने एक हाथ से मेरी बहन की चूत को मसल रही थीं और दूसरे हाथ से मेरा लंड हिला रही थीं| ऐसा कुछ देर चला और भाभी झड़ गईं| उनका गर्म गर्म लावा जैसा निकलता पानी मेरे हाथों से होकर गुजर रहा था| मेरा हाथ गीला हो चुका था|
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मैंने हाथ बाहर निकाला और चाटने लगा| ये सब कोमल देख रही थी| अब तक वह भी गर्म हो चुकी थी| भाभी का हाथ मेरे लंड और कोमल की चूत पर जोर जोर से चल रहा था|
मैं भी झड़ने वाला था और शायद कोमल भी| दो ही मिनट बाद हम दोनों के मुँह से आआहहह निकली और हम दोनों भाई बहन एक साथ झड़ गए| हम तीनों अब थोड़े शांत होकर ढीले हो चुके थे|
असली आग लगनी शुरू हो चुकी थी| अभी तक जो बहन हमारे खिलाफ थी, अब वह भी लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी| कुछ देर के लिए हम तीनों थके होने के कारण सो गए|
अब तक हम वहां शादी की जगह पर पहुंच चुके थे| सारी महिलाएं कपड़े बदलने के लिए जल्दी जल्दी कर रही थीं| भाभी ने लाल रंग का लहंगा पहना था, जिसमें से उनकी नाभि दिख रही थी|
वे बहुत ही सेक्सी लग रही थीं| मेरा मन कर रहा था कि अभी पकड़ कर चोद दूँ|पर अभी सबको शादी एन्जॉय करनी थी| खाना आदि खा-पी कर जब सब थक कर बैठ गए तो मैंने भाभी को इशारा किया|
मैंने उनसे कहा- मैं थक गया हूं और सोने जा रहा हूं| भाभी भी सबके सामने बोलीं- मैं भी थक गई हूं और मुझे ड्रेस भी बदलनी है| यह कह कर हम दोनों साथ चल दिए| पर ये सब मेरी बहन ने सुन लिया था|
हम दोनों रूम में पहुंचे और एक दूसरे को किस करने लगे| मैंने उनके कपड़े उतारना शुरू किए| जल्दी ही भाभी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं| मैंने उन्हें बेड पर धकेल दिया और उन्हें चूमने लगा|
सबसे पहले उन्हें गर्दन से चूमा, वह आंखें बंद करके सिसकारियां भर रही थीं ‘आआह उहह|’ अब मैं उनके बूब्स पर आया, एक दूध को चूसने लगा और दूसरे दूध को हाथ से दबाने लगा|
उनके मुँह से गालियां निकलनी शुरू हो गयी थीं ‘चूस ले बहनचोद … इन्हें पी जा सारा रस खाली कर दे इनका … ओहह मां …’ दस मिनट तक चूचे चूसने के बाद मैं और नीचे आ गया, अपनी जीभ नाभि पर रख दी और चाटने लगा|
भाभी की आवाज और तेज हो गयी थी- साले मादरचोद आहहह मार डालेगा ऊऊहह| इसके बाद मैं और नीचे की तरफ गया और उनकी पैंटी अपने दांतों से नीचे कर दी|
उनकी चूत पर मुँह रख दिया और चाटने लगा| अब वे उछल रही थीं और उनकी सिसकारियां चीखों में बदल गयी थीं| भाभी बोल रही थीं- अब ना तड़पा बहनचोद … चोद दे मुझे|
मेरी नजर गेट की तरफ गयी तो वहां मेरी बहन खड़ी ये सब देख रही थी| उसका एक हाथ चूत पर, दूसरा दूध पर था| मुझे ये सब देख कर और जोश आ गया| मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर लगाया और एक धक्का दे दिया| पर लंड फिसल गया|
फिर मैंने उनकी चूत पर थूक लगाया और दुबारा धक्का लगा दिया|इस बार मेरा आधा लंड भाभी की चूत में समा गया और उनकी चीख निकल गयी- आअहह कुत्ते … बाहर निकाल ,बहुत दर्द हो रहा है|
मैंने लौड़ा बाहर नहीं निकाला और उनके होंठों पर होंठ रख दिए| भैया शायद भाभी को चोदते नहीं थे| कुछ देर बाद उनका दर्द कम हुआ तो उन्होंने कमर उठा कर इशारा दे दिया|
मैं धक्के मारने लगा| उनके मुँह से अब प्यार भरी सिसकारियां निकल रही थीं- अहह ऊऊहह उईईई मांआ मर गयी … चोद दे आज अपनी भाभी को … और बुझा दे जन्मों की प्यास … आह|
मैं ये सब सुनकर और जोश में आ गया और जोर जोर से पेलने लगा| उधर मेरी बहन अपनी चूत में उंगली कर रही थी| कुछ देर पेलने के बाद भाभी झड़ गईं और मैं भी झड़ने वाला था|
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मैंने उनकी चूत में ही अपना सारा रस निकाल दिया और लंड उनके मुँह में दे दिया|उन्होंने चाट चाट कर मेरा लंड बिल्कुल साफ कर दिया| भाभी ने लौड़े को दुबारा कड़क कर दिया|अब मैं उनकी गांड मारना चाहता था, तो मैंने भाभी से कहा| उन्होंने मना कर दिया|
पर मेरे जोर देने पर वह मान गईं| मैंने उनके पेट के नीचे तकिया रखा और अपने लंड और उनकी गांड पर तेल लगा कर लंड का धक्का मारा|
उनकी गांड में मेरा आधा से ज्यादा लंड समा गया| भाभी रोने लगीं| उनकी आंखों में पानी आ गया था|मैंने उन्हें शांत करने की कोशिश की पर वे नहीं मानी| मैंने वापस लंड का एक और धक्का दे मारा तो पूरा लंड अन्दर समा गया|
भाभी बेहोश होने लगीं तो मैंने लंड बाहर निकाला और उन्हें पानी पिलाया| थोड़ी देर बाद मैंने फिर से गांड मारने की ज़िद की पर वे नहीं मानी| तो मैंने दोबारा जिद नहीं की| यह थी भाभी की चुदाई की कहानी| आप मुझे मेल करें, बताएं कि आपको कैसी लगी यह सेक्सी कार कहानी!