नमस्ते दोस्तो मैं आपका अब्बास, दोस्तो लंड और चूत का रिश्ता इतना गहरा है कि उसे लफ़्ज़ों में बयां नही किया जा सकता|
दोस्तो आपने मेरी कहानी अलिया मुमानी ने दीवाना बना लिया मुझे खैर मै फिर एक बार आपकी खिदमत में हाज़िर हुआ हूं, आपको मेरी अगली रोमांचक कहानी सुनाने के लिए।
आपको मेरे संबंध अलिया मुमानी के साथ क्या है ये तो पता ही है। इस बार हुआ यूं कि अलिया मुमानी के बर्थडे पर उनके साथ सेक्स सेलिब्रेशन करने के बाद में अपने होस्टल पर वापस लौट आया और फिर रोज़ा रखने का मअलिया शुरू होगया। जिसकी वजहसे मैं मेरी अलिया मुमानी को चोदने एक महीने तक नही जा पाया।
मगर फिर एक महीने बाद ईद आई और हम सब ने आपस मे ये तय किया कि हम इस बार ईद नानी के गांव उनके घर मनाएंगे। तो तय होते ही मैं अपने होस्टल से निकल पड़ा |
अलिया मुमानी भी उनके घरसे बच्चों के साथ रवाना हुई, उधर से फिरदौस मुमानी मेरे मामू के साथ उनके घरसे अपने बच्चो के साथ निकल गयी।
ईद के दिन सुबह सवेरे उठ के सब ने ईद मनाई, हम सब ने मिल कर सिरखुरमा पिया, उस दिन घर पर मेरे मम्मी-पापा, मेरे नाना, फिरदौस मुमानी औऱ मंजले मामू, अलिया मुमानी और छोटे मामू और दोनो के बच्चे घरपर थे।
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ईद के दिन अलिया मुमानी एकदम हसीन लग रही थी, एक महीने के उपवास के वजहसे वो एकदम दुबली पतली होगयी थी.
अलिया मुमानी ईद के दिन सज सवर के ललिपोडर करके एकदम अंगार लग रही थी, उन्होंने आसमानी रंग का कुर्ता और शलवार पहना था, और फिरदौस मुमानी भी कुछ कम नही लग रही थी |
उन्होंने ने नारंगी रंग का कुर्ता और ग्रे रंग का प्लाजो पहना था। यानी घरकी दोनो ही बहूएँ मुझे एकदम आकर्शित कर रही थी।
सुबह से ही मेरी नज़र अलिया मुमानी के और फिरदौस मुमानी पर थी, उसदिन दोपहर में हम सब ने एकसाथ मिलकर खाना खाया, मेरा खाना जल्द ही हो गया था तो में दस्तरख़ान से सब्से पहले उठगया।
हाथ धोये और फिर आकर खड़ा हो गया यकायक तभी मेरी नज़र अलिया मुमानी के सीने पर गयी तो देखा कि उनकी बूब्स की क्लीवेज दिखाई दे रही थी.
मैं सुकून से खड़े हो कर ऊपर से उनके क्लीवेज को देख कर मज़े ले रहा था। दोपहर को खाना खाकर मम्मी-पप्पा सारे बच्चो को लेकर रिश्तेदारों ये यहा ईद मिलने चले गए।
नाना सोने चले गए और मंजले मामू और छोटे मामू घरके काम से बाहर चले गए, खाना खाकर घरमे में थोड़ा कचरा पड़ा हुआ था तो मुमानी झाड़ू लेकर घर को झाड़ू लगाने लग गयीं।
तब मैं सोफे पर बैठे-बैठे मुमानी को देख रहा था तभी उनकी दूसरी तरफ से धूप चमकने लगी और अलिया मुमानी का ड्रेस एकदम पारदर्शी हो गया और अंदर से उनकी शलवार मे से उनकी टाँगे और उनकी गांड दिखने लगी।
मुझे रहा नही गया मैं उठा और चलकर अलिया मुमानी के पास गया और उनकी गांड पे ज़ोर से थप्पड़ दे मारी।
अलिया मुमानी बोली ये क्या कर रहे हो आज ईद है, आज मस्ती मत करो, मैंने कहा मेरी मुमानी आज तुम बहोत खूबसूरत लग रही हो, अब तो ईद भी होगयी है और एक महीने की लंबी जुदाई भी थी|
मूड क्यों नही बना लेती तुम अपना। अलिया मुमानी बोली आज नही सब घरपर है फिर कभी बादमे बना लेती हूँ।
उन्होंने काम खत्म किया और बैडरूम में जाकर लेट गई। वहां दूसरी तरफ फिरदौस मुमानी गेहू साफ कर रही थी। अलिया मुमानी उसदिन मुझे बहोत आकर्षित कर रही थी |
में उनकी तरफ खींचा जा रहा था तो मैं नशे में जाकर उनकी बाज़ू में लेट गया, अलिया मुमानी समझ गयी की मैं वहा क्यों आया था।
अलिया मुमानी मेरी उल्टी तरफ करवट करके पड़ी रही। मैंने मौका देखा और आहिस्ता से उनकी तरफ हाथ बढ़ते हुए उनकी गांड पर हाथ रख कर फेरने लगा।
कुछ देर तक अलिया के गांड के सुख लेने के बाद मैंने अपना हाथ हटा लिया और करवट बदल दी, तो अलिया मुमानी बोली कि क्या हुआ अब्बास, बस इतना ही? और वो फिर सोने लग गयी।
मुझे ऐसा कहकर उन्होंने मुझे जैसे ललकारा तो फिर मैं कहा रुकने वाला था, मैंने फिरसे करवट बदली और इस बार मुमानी का कुर्ता उठा कर अपना लंड उनकी गांड को चिपका कर उनसे लिपटकर सोया और अपने हाथ से अलिया मुमानी की गर्दन सहलाता और उनके स्तनों की मसाज करता।
अलिया मुमानी को भी मेरा ऐसा करना अच्चा लग रहा था। कुछ ही देर में मैं और अलिया मुमानी एक दुसरे को किस करने लग गए।
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ओठों से ओठों की पप्पी लेने-देने का काम आपस मे चल रहा था तो दूसरी तरफ में अपने हाथों से अलिया मुमानी के टांगो में टांग डालकर गांड मसल रहा था वो अलग।
यू हमारा काम चल ही रहा था कि उतने में फिरदौस मुमानी कमरे में एकदम से आगयी और ज़ोर से चीख पड़ी। हम दोनों डर गए कि अब इन्होंने हमे देख लिया है
अब हमारा भांडा फुट जायगा, मैं और मुमानी जल्दीसे उठे खुदको ठीक किया और फिरदौस मुमानी को चुप कराने लगे।
इससे पहले की नाना पुछते की क्या हुआ हम ही मामले को रफ दफा करने की कोशिश करने लगे। फिर अलिया मुमानी फिरदौस मुमानी को समझाने लगी और उनको भी मनाने लगी कि जो चल ररहा है
उसका आनंद वो भी ले सकती है। फिरदौस मुमानी मान नही रही थी अलिया मुमानी ने जल्दीसे कमरे की कुंडी लगा दी और फिरदौस मुमानी से बोली कि रुको और अब ये देखो.
अलिया मुमानी ने झट से मेरा हाथ पकड़ा और अपने पास खींचा और वो घुटनो के बल बैठ गयी । उन्होंने अपने हाथों से मेरी शलवार की नाड़ी खोली और मेरे अंडरवेअर मेसे मेरा लंड बाहर निकाला लिया |
मेरे लंड को मसलने लगी जिसकी वजह से मेरे लंड में सख्ती आने लगी । फिरदौस मुमानी खड़े खड़े हम दोनों को देख रही थी।
उनको समझ ही नही आ रहा था के वो अब करे तो क्या करे। जैसे ही मेरे लंड में सख्ती आई उन्होंने लपक कर मेरा लंड अपने मुँह में दाल दिया और चूसने लगी। मैं तो पहले भी अलिया मुमानी को दो बार चोद चुका था|
मेरा मन फिरदौस मुमानी को चोदने ललचा रहा था तो मैंने वैसे ही अलिया मुमानी को मेरा लंड चूसने दिया और खड़े-खड़े फिरदौस मुमानी का हाथ पकड़कर अपनक तरफ खींचा।
फिरदौस मुमानी मुझसे खुदको छुड़ाने लगी लेकिन मैंने उनकी कमर में केस कर हाथ डाला और उनको किस करने की कोशिश करने लगा। फिरदौस मुमानी पहले तो झटपटाई मगर बादमे मेरे ओठ उनके ओठों से मिलते ही कुछ देरमें वो शांत हो गयी और आरामसे मुझसे किस का मज़ा लेने लागी।
उधर अलिया मुमानी मेरा लंड चूस रही थी तो मैं इधर फिरदौस मुमानी को किस करते करते उनके स्तन दबाने लग गया।अब मेरे बरसो के अरमान पूरे होने जा रहे थे तो मैं जल्दीसे समझ गया|
अब मेरे पास दो औरते है और मैं अकेला मैने जल्दीसे ज़िम्मेदारी ली कि मैं मेरे दोनो मुमानीयो को संतुष्टि दे सकू। मैं एक सेकंड के लिए दोनों से अलग हुआ अपने बैग से कंडोम की पैकेट निकली और उसे फिरदौस मुमानी को मुझे पहनाने दिया।
वहां मैंने अपनी शलवार उतारी अपना कुर्ता उतारा, और तब तक अलिया मुमानी फिरदौस मुमानी को किस कर रही थी।
अगले ही पल मैंने अलिया मुमानी का कुर्ता अपने हाथों से निकाल फेका फिरदौस मुमानी का कुर्ता निकाल दिया और दोनों के गर्दन पर किस करने लगा।
अलिया मुमानी ने लाल रंग की ब्रा पहनी थी तो फिरदौस मुमानी ने सफेद वाली लोकल ब्रा पहनी थी मगर दोनो ही सेक्सी लग रहे थे। बिल्कुल भी वक़्त न गवाते हुए मैंने फिरदौस मुमानी को कमर तक चूमना शुरू किया|
फिरदौस मुमानी के आंख पर, माथे पर, नाक पर, ओठो पर, गालो पर, गर्दन पर, कंधो पर, पीठ पर, सीने पर उनकी क्लीवेज पर, पेट पर, उनकी नाभि पर, हर जग चुम चुम कर उनके बदन को गीला करदिया।
फिर मैंने अलिया मुमानी के साथ भी ऐसा किया और फिरदौस मुमानी की ब्रा खोल दी। अब मेरे आंखों के सामने फिरदौस मुमानी के दो गोल गोल स्तन लटक रहे थे,
उनके चूचियो के इर्दगिर्द बड़े से काले काले गोल गोल रंग की चमड़ी एकदम खूबसूरत लग रही थी मैंने उनके स्तनों को हाथ लगाया और उसे दबाने लगा। मेरे मुँह से जैसे पानी टपकने लगा था ।
वाकई में फिरदौस मुमानी के स्तन एकदम नरम-नरम थे जैसे कोई रुई होती है। मैं फिरदौस मुमानी को किस करने लगा और एक हाथसे उनके स्तन दबाता गया और दूसरे हाथ से उनके गांड को दबाता गया।
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फिरदौस मुमानी एकदम गरम हो गयी थी। दूसरी तरफ अलिया मुमानी ने खुदसे ही अपनी ब्रा उतारी और हम दोनों में मंझ गयी।
उसके बाद मैंने दोनो के शलवार की नाड़ी खोली दोनो मुमानी मेरे सामने पैंटी में खड़ी थी। मैने उन्हें भी उतार दिए और उनके खूब मज़े लिए। उसके बाद मैं बिस्तर पर लेट गया |
अलिया मुमानी और फिरदौस मुमानी कभी बारी बारी से मेरे लंड को चुस्ती, चाटती, कभी मेरे अंडवे के साथ खेलती, कभी मेरे अंडवो को चूसती तो कभी एक बार मे एक मेरे लंड को चुस्ती तो दूसरी मुमानी मेरे अंडवो को चाटती।
वो पल मेरे लिये स्वर्ग में होनेसे काम नही था। मेरा लंड चूसने देने के बाद मैंने पहले अलिया मुमानी की चूत चाटी, उनके चूत में उंगली की उसके बाद फिरदौस मुमानी की चूत चाटी और उनके चूत में भी उंगली की।
अलिया मुमानी और फिरदौस मुमानी की चूत का स्वाद उसदिन मुझे शिरकुरमे से भी मीठा था और हा अलिया मुमानी की चूत फिरदौस मुमानी के मुकाबले में ज्यादा गोरी थी.
मगर मेरा ध्यान इस बार फिरदौस मुमानी पर ज्यादा था क्योंकि मैंने अलिया मुमानी को पेहले दो बार चोदा था। फिर मैंने फिरदौस मुमानी को पेट के बल लिटाया और उनके गांड के छेद पर थूक लगाई और उनके गांड के छेद को खूब चाटा, खूब चूमा, और ऐसा ही दोबारा अलिया मुमानी के साथ भी किया।
अब बारी थी उनके चूत में मेरा लंड डालनेकी तो पहली बार मैं बिस्तर पर लेटा और अलिया मुमानी को अपने ऊपर बिठाया उनके चूत में अपना लंड डाला और वो ऊपर नीचे कूदने लगी। फिरदौस मुमानी को मैंने अपने मुँह पर बिठाया और फिरसे उनकी चूत चाटने लगा।
फिर फिरदौस मुमानी को आपने लंड पर बिठाया वो कूदने लगी और अलिया मुमानी को अपने मुँह पर। मैंने ठान ली थी के अपने लंड से दोनों को जितना चोदसक्ता हु खूब चोदूंगा मगर झडुंगा नही।
लेटे-लेटे चोदनेके बाद मैंने मेरी दोनो मुमानीयों को घोड़ी बनाया बिल्कुल उनके अगल बगल में और गिन के 20 धक्के पहले अलिया मुमानी को लगाए फिर 20 धक्के फिरदौस मुमानी को लागाये फिर अलिया मुमानी को फिर फिरदौस मुमानी को।
कही झड़ न जाऊ इस डर में मैंने अपना लंड बाहर निकाला और थोड़ी देर लेट गया मगर मेरी गरम हुई हुयी मुमानीयां कहा रुक रही थी वो तो जैसे मेरे लंड के पीछे ही पड़ गयी।
जैसे ही में लेटा वो आपस मे भिड़ने लग गयी मेरा लंड चूसने के लीये तो फिर मैंने बारी-बारी से उन्हें एक-एक करके अपना लंड उन्हें चूसने दिया।
फिर मैं वापिस उठ कर खडा हुआ और फिरदौस मुमानी को अपने और खींचा जी भर के उनको किस किया एक और बार उनके स्तन के साथ खेला उनके चूचे चूसे औऱ उन्हें दीवार की तरफ चेहरा करते हुए खड़े करदिया अपना लंड लिया और उनकी चूत में पिछेसे दाल दिया.
दोनो हाथ से उनके स्तन पकड़े और जमकर धक्के मारने शुरू किए, मेरे धक्कों की वजहसे उनकी गांड जिस तरह से हिल रही थी उसे देख कर मुझे और उत्साह आता।
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मैंने अपना ध्यान सिर्फ फिरदौस और सिर्फ फिरदौस मुमानी पर ही रखा धक्के देते देते फिरदौस मुमानी के पैर कापने लगे|
लगभग एक मिनट बाद फिरदौस मुमानी झड़ी मैंने लपक कर अपने हाथों में फिरदौस मुमानी का पानी जमा किया और उसे मज़े से पिया। फिर अलिया मुमानी को दीवार के बल खड़े किया इसबार उनकी पीठ दीवार की तरफ थी |
चेहरा मेरी तरफ था और खड़े खड़े ही मैन अपना लंड उनकी चूत में डाला और एक टांग उठाकर अपने कंधे पर रखा और पेलना शुरू कुया कुछ देर धक्के मारकर मुझे एहसास होने लगा कि अब मैं झड़ने वाला हु.
तो मैंने अपने लंड से कंडोम हटाया और दोनों मुमानीयो को घुटने के बल बिठा दिया आखरी दफा दोनो को अपना लंड चूसने दिया और जब झड़ने का वक़्त करीब आया तो दोनों के स्तन पर मैंने अपने लंड से पिचकारी मारी।
कसम लेकर कहता हूं मेरे दोनो मुमानी को चोद कर मुझे जितनी खुशी हुई उतनी खुशी मुझे इस दुनिया का सबसे अमीर इंसान बनकर भी नही मिल सकती। इस तरह मैंने ईद के मौके पर देवरानी-जेठानी या मेरी प्यारी और सेक्सी अलिया और फिरदौस मुमानी कि चुदाई की।