Hindi Sex Story : मेरा नाम दीपक है और में गुजारत का रहने वाला हूँ| मेरी उम्र 28 साल है और मेरे लंड का साईज़ 6|5 लंबा और 2|5 मोटा है और अब में आप सभी को अपनी कहानी पूरी विस्तार से सुनाता हूँ|
दोस्तों में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद में दिल्ली में एक कंपनी में नौकरी करने चला गया|वहां पर मुझे एक मेनेजर की नौकरी मिली और हमारा काम सभी कम्पनी के मोबाईल टावर का सिविल का काम और लाईट का साईड पर काम था|
तो वहां पर पहले से ही बहुत से लोग काम किया करते थे, कुछ राज्य के बाहर और कुछ मेरे राज्य के ही थे तो वहां पर मुझे उन सभी के बीच बहुत इज़्जत मिलती थी, क्योंकि में अपने बॉस का बहुत चहिता था|
दोस्तों वहां पर एक पाण्डेय जी भी मेरे साथ काम किया करते थे और वो अहमदाबाद के रहने वाले थे, उन्होंने अपनी मर्जी से लड़की पसंद करके शादी की थी और उनकी पत्नी गुजरात की रहने वाली थी|
दोस्तों मेरी उनसे बहुत कम समय में बहुत अच्छी पहचान हो गई थी, क्योंकि उनका व्यहवार मेरे लिए बहुत अच्छा था और वैसे उनकी शादी को करीब एक साल ही हुआ था|
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फिर एक दिन उन्होंने मुझे अपनी शादी की सालगिरह में अपने घर पर बुलाया, वैसे वो ज्यादातर अपने ऑफिस के काम से हमेशा बाहर रहते थे, लेकिन वो अपनी शादी की सालगिरह के दिन अपने घर पर ही थे |
उन्होंने मुझे अपनी शादी की सालगिरह में जरुर जरुर आने को कहा|फिर जब मैंने उनकी पत्नी को पहली बार देखा तो में उन्हें देखकर बिल्कुल पागल हो, वाह क्या यार क्या माल थी वो? वो उस दिन साड़ी में थी |
उनका फिगर बहुत सेक्सी आकर्षक लग रहा था| फिर में उनके बड़े ही सुंदर गदराए हुए बदन को देखकर उनका दीवाना हो गया और में उन्हें लगातार घूर घूरकर देख रहा था, मेरी नजर बार बार उनकी तरफ जा रही थी|
कुछ देर बाद अपने पूरे होश में आकर मैंने उन दोनों को उनकी शादी की सालगिरह की बधाई दी और उस सेक्सी माल से हाथ भी मिलाया और उनको छूते ही मेरे पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ने लगा |
वैसे वो बहुत ही मिलनसार व्यहवार की थी, क्योंकि वो भी मेरी तरफ बहुत प्यार से देख रही थी और मेरा उनको लगातार घूरकर देखना उन्हें बिल्कुल भी बुरा नहीं लग रहा था|और वो भी मेरी बातों का मुस्कुराकर जवाब दे रही थी|
फिर वो लोग मेरे पास वापस आ गए और मुझसे बातें करने लगे, लेकिन उस दिन तक भाभी के बारे में मेरे दिमाग़ में ऐसी कोई ग़लत भावना नहीं थी| फिर में वहां पर कुछ घंटे रुककर अपने कमरे पर आ गया|
मैंने आप सभी को पहले ही बताया था कि में गुजारत का रहने वाला था तो मेरे परिवार वाले सर्दियों में मेरे पास घूमने आने वाले थे और वो भी पूरे दो महीने के लिए| फिर मैंने एक दिन पाण्डेय जी को कहा कि यार |
आप मुझे दो महीने के लिए कोई रूम दिलवा दो|फिर वो मुझसे कहने लगे कि मेरे रूम के पास में एक रूम कुछ दिनों से खाली पड़ा हुआ है और अगर तुम कहो तो में वो रूम तुम्हें दिलवा दूँगा|
फिर मैंने उनकी पूरी बात सुनकर तुरंत उन्हें हाँ कह दिया और फिर वो खुद मुझे उनके पास वाला रूम दिलाकर दूसरे ही दिन करीब दो महीने के लिए हमारी कम्पनी के काम से बाहर चले गये|
उनके चले जाने के चार दिन बाद ही मेरे परिवार वाले आ गए और वो लोग भाभी से बहुत अच्छी तरह से घुल मिल गये| दोस्तों मुझे माफ़ करना में आप सभी को अपनी सेक्सी भाभी के बारे में बताना ही भूल गया|
वो 26 साल की थी और उनके फिगर का साईज 36-32-34 था, उनका नाम दीपाली था और वो हमेशा मेरे सपनों में आती रहती थी|दोस्तों उन्होंने मेरे परिवार वालों की घूमने में बहुत मदद की और उस दौरान मेरी उनसे बहुत जमने लगी थी|
में उनसे बहुत खुलकर बातें करने लगा था और वो मेरी अधिकतर बातों को समझकर बिल्कुल चुप हो जाती या फिर मुस्कराकर मेरी आखों में देखने लगती और में उनकी इन सभी हरकतों का मतलब अब धीरे धीरे समझने लगा था|
अब थोड़ा गर्मी का समय आ गया था और हम लोग दिल्ली के पुराने दिल्ली में किराए पर रहते थे तो वहां पर हम गर्मी आने पर छत पर सोते थे| फिर एक रात को में भी छत पर सो रहा था |
तो मुझे रात को करीब 1:30 बजे प्यास लगने लगी, इसलिए में उठकर नीचे चला गया और भाभी के रूम में चला गया|और उस समय पाण्डेय जी बाहर गये हुए थे तो मैंने फ़्रिज़ से पानी निकालकर पिया और फिर छत पर वापस जाने लगा|
तभी मेरी नज़र भाभी पर पड़ी जो उस समय बहुत गहरी नींद में सो रही थी और उनके बूब्स उनकी उस ढीली सी मेक्सी से आधे आधे बाहर निकल रहे थे तो में वो सब देखकर वहीँ पर अचानक से रुक गया |
भाभी के उभरते हुए नंगे बूब्स को छूने लगा|लेकिन कुछ देर तक वो बिल्कुल भी नहीं हिली और जब वो उठी तो अचानक से डरकर बैठ गई और फिर वो मुझसे हड़बड़ाहट में बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो?
फिर मैंने उनके मुहं पर अपना एक हाथ रखकर उनसे बोला कि भाभी चुप रहो वरना सब लोग जाग जाएँगे|वो कुछ शांत हुई तो फिर में उनसे बोला कि भाभी में आपसे क्या एक बात पूछ सकता हूँ, लेकिन आप मुझे उसका जवाब बिल्कुल सच सच देना?
तो वो बोली कि हाँ दीपक कहो तुम्हें मुझसे ऐसा क्या पूछना है? फिर मैंने उनसे पूछा कि भाभी पाण्डेय जी ज्यादातार समय हमारी कम्पनी के काम से बाहर रहते है तो फिर आपकी कभी उनके चले जाने के बाद सेक्स करने की इच्छा नहीं होती क्या?
तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर करीब दस मिनट तक बिल्कुल चुप रही और बस लगातार मुझे देखती रही और में उनके कुछ बोलने का इंतजार करता रहा| मैंने बहुत इंतजार किया, लेकिन वो अब भी कुछ नहीं बोली |
में उन्हें उसे हालत में छोड़कर जाने लगा|फिर भाभी मुझसे बोली कि रुको दीपक और में तुरंत रुक गया| फिर वो मुझसे थोड़ा उदास होकर बोली कि पाण्डेय जी के अलावा मैंने कभी किसी और के बारे में कुछ नहीं सोचा|
लेकिन आज तुमने मुझसे यह सब सवाल पूछकर मेरी सेक्स की इच्छा को और भी बड़ा दिया है और जिसको में अब तक अपने ऊपर कंट्रोल करके बैठी हुई थी|में हमेशा अपने पति के आने पर उनके साथ बहुत खुश रहती हूँ|
लेकिन उनके बाहर चले जाने पर में अपने आपको बहुत अकेला महसूस करती हूँ और में अपनी सेक्स की आग से अंदर ही अंदर जलती रहती हूँ, लेकिन मैंने अब तक किसी को भी अपने मन की बात नहीं बताई|
में हमेशा बिल्कुल शांत रही और उस आग में जलती रही तड़पती रही| दोस्तों में उसकी बात जैसे ही खत्म हुई तुरंत उससे बोला कि दीपाली में हूँ ना तुम्हारे पास, तुम्हारी सभी इच्छा को पूरा करने के लिए|
तुम क्यों इतना परेशान होती हो और में तुम्हें बहुत प्यार करूंगा|भाभी बोली कि हाँ तो अब जल्दी से आ जाओ और में उनके होंठो पर किस करने लगा| करीब 15 मिनट तक हमने लगातार एक दूसरे को किस किया |
कुछ देर बाद भाभी मुझसे थोड़ा दूर हटकर बोली कि अभी बस इतना ही बाकि जब कोई नहीं होगा तब हम करेंगे और में वहां से चला गया और छत पर जाकर भाभी के बारे में सोच सोचकर ना जाने कब सो गया|
दोस्तों उसके बाद दूसरे दिन से हमारे बीच हंसी मजाक कुछ ज्यादा ही होने लगा, में हर कभी सही मौका देखकर भाभी को छेड़ दिया करता और उनके बूब्स को दबा देता, लेकिन भाभी मुझसे कुछ नहीं कहती बस मुस्कुराकर मुझे देखा करती |
हंस हंसकर मुझसे बातें करती तो में हर कभी उन्हें किस करता और बहुत मज़े करता|फिर कुछ दिन के बाद मेरे घर वाले वापस आ गये और में उनको स्टेशन छोड़कर वापस अपने कमरे पर आ गया |
फिर थोड़ा सा थके होने की वजह से में खाना खाकर सोने चला गया, लेकिन मेरी इच्छा अब भी भाभी को चोदने की थी, लेकिन उस समय उनके घर पर कोई मेहमान आया हुआ था तो में सो गया|
फिर रात को करीब एक बजे किसी ने मेरे कमरे का दरवाजा बजाया और मैंने जब उठकर देखा तो बाहर दरवाजे पर भाभी खड़ी हुई थी, वो मुझसे बोली कि क्यों सो गये क्या? मैंने कहा कि नहीं बस ऐसे ही लेटा हुआ था|
फिर वो मुझसे बोली कि आ जाओ आज तुम्हारी जितनी इच्छा है उसे मुझे चोदकर पूरा कर लो|में उनकी बात को सुनकर तुरंत समझ गया कि आज भाभी को मुझसे अपनी चुदाई करवानी है और में जल्दी से उनके साथ उनके कमरे में चला गया |
अंदर जाते ही मैंने उनको पीछे से तुरंत पकड़ लिया और उनको किस करने लगा तो वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी|फिर में उनसे कहने लगा कि भाभी आज तेरी चूत को फाड़ दूँगा, में आज तेरी चूत को चोद चोदकर भोसड़ा बना दूंगा |
तुम्हें मेरी चुदाई से बहुत खुश कर दूंगा और इस प्यासी तड़पती हुई चूत को बिल्कुल शांत कर दूंगा|फिर वो मुझसे बोली कि हाँ मेरे राजा आज तू मुझे चोद चोदकर अपनी रंडी बना ले, मेरी चूत को वो सुख दे जिसके लिए में इतने दिनों से बैचेन हूँ |
चाची का मूड बना के फुद्दी मारी – Chachi Ki Chudai
क्योंकि तेरा भाई तो नामर्द है वो आज तक मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाया है, लेकिन आज से में तेरी रंडी बन कर रहूंगी, तू मुझे हर कभी रात दिन चोद सकता है, में तुझसे कभी भी ना नहीं कहूंगी, लेकिन प्लीज अब जल्दी से मुझे चोद दे मुझे और ना तरसा|
दोस्तों अब में उनको होंठो पर किस करने लगा और साथ साथ उनके ब्लाउज को उतारने लगा उसके बाद अपने एक हाथ से में उनके बूब्स को दबाने लगा और दूसरे हाथ से उनकी गांड को दबाने लगा तो वो मुझसे कहने लगी |
कि तू कितना सेक्सी है दीपक आज तू मुझे जी भरकर चोद और आज मुझे जन्नत दिखा दे|मैंने एक ज़ोर का झटका देकर उनकी ब्रा को खींचकर उतार दिया और उनके एक बूब्स को चूसने तो दूसरे को दबाने, निचोड़ने लगा |
जिसकी वजह से वो वो भी पूरी तरह जोश में आकर मोन करने के साथ साथ मेरे सर को पकड़कर अपने बूब्स पर दबाने लगी|और मुझसे कहने लगी कि हाँ उह्ह्ह्हह्ह आज इन्हें खा जाओ मेरे राजा आज से में तेरी रंडी हूँ |
आह्ह्हह्ह तू जब भी मुझसे बोलेगा में तुझसे चुदवाने को तैयार रहूंगी| अब मैंने उनके पेटीकोट को खोल दिया और मैंने देखा कि भाभी ने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और उनकी चूत एकदम साफ थी|
में उनकी चिकनी चमकती हुई चूत में उंगली करने लगा और वो मेरे लंड को हाथ में पकड़कर सहलाने लगी, मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा| फिर कुछ देर बाद मैंने उनसे कहा कि भाभी मेरा लंड अपने मुहं में लो ना|
वो तुरंत बोली कि में कब से इसे मुहं में लेने को उत्सुक होकर बैठी थी|मैंने बोला कि हाँ तो जल्दी से लो ना मेरी जान| अब वो झट से नीचे अपने घुटनों के बल बैठकर मेरे लंड को धीरे धीरे अपने मुहं में लेने लगी |
मेरी गोलियों के साथ खेलने लगी दोस्तों मेरा लंड थोड़ा मोटा और लंबा है इसलिए उसे पूरा अंदर लेने में बहुत मेहनत करनी पड़ रही थी|लेकिन उसने हार नहीं मानी और वो लगातार धीरे धीरे मेरे लंड को आगे पीछे करती रही |
लोलीपोप की तरह चूसती रही| फिर कुछ देर बाद में उससे बोला कि दीपाली अब ऊपर आओ में तुम्हारी चूत को चूसता चाटता हूँ, वो अब भी मेरा लंड चूस रही थी और हम 69 पोजीशन में आ गये और करीब 20 मिनट तक हम 69 पोजीशन में रहे|
अब भाभी मुझसे बोली कि दीपक अब मुझसे रहा नहीं जाता, तू फाड़ दे मेरी चूत को, आज से में तेरी रंडी बनकर रहूंगी, अब थोड़ा जल्दी से चोद मुझे मादरचोद, मुझे और ना तड़पा| अब मैंने भाभी को सीधा लेटाकर |
उनकी चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का लगा दिया|जिसकी वजह से मेरा आधा लंड भाभी की चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो दर्द से चिल्लाने लगी, उह्ह्ह्हह् आईईईइ प्लीज बाहर निकालो |
अपना लंड उफफ्फ्फ्फ़ में मर जाउंगी स्सीईईइ प्लीज इसे बाहर करो, मुझे उईईईइ माँ बहुत दर्द हो रहा है, वो उस दर्द से बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी, लेकिन मैंने उनकी एक भी बात नहीं सुनी और ना ही अपने लंड को बाहर निकाला|
दोस्तों वो वैसे ही चीखती, चिल्लाती रही और कुछ देर रुकने के बाद मैंने उनके होंठो पर अपने होंठो को रखकर उनको चूमते हुए सही मौका देखकर अपना दूसरा धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनकी चूत की गहराईयों में चला गया
उनकी आँखो से आंसू बाहर आने लगे थे और में कुछ देर रुकने के बाद धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा|अब उनको भी थोड़ा मज़ा आने लगा और वो मुझसे बोली कि हाँ चोद मेरे राजा और ज़ोर से चोद उह्ह्हह्ह्ह्ह |
हॉट पड़ोसन की सेक्सी फुद्दी फाड़ दी – Muslim Sex Story
आज से में तेरी रंडी हूँ, तू जब चाहे तब मुझे चोदना, हाँ थोड़ा और अंदर डाल उह्ह्ह्ह जाने दे इसे पूरा अंदर और में लगातार धक्के लगाता रहा और पूरे कमरे में सिर्फ़ मेरे धक्कों से हमारे जिस्म के टकराने वाली आवाज आने लगी|
फच फच फच और कुछ देर के धक्कों के बाद वो अब अकड़ने लगी और फिर वो झड़ गई, लेकिन मेरा नहीं हुआ था तो में अब भी धक्के देकर चोदता रहा|फिर में भी 15-20 धक्कों के बाद उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया|
मुझे उनके चेहरे से संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी और वो मेरी चुदाई से बहुत खुश थी| दोस्तों उस रात को मैंने उन्हें रुक रुककर करीब चार बार चोदा| फिर हम सो गये|
दोस्तों मैंने उन्हें इस तरह से उनका पति बनकर करीब एक साल तक रोज हर कभी चोदा और आज वो मेरे दो बच्चों की माँ बन गई, लेकिन उसके पति को आज तक नहीं पता कि उनके बच्चों का बाप में हूँ|