Hindi Sex Story : मेरा नाम मोहित है|मैं गुजरात का रहने वाला हूं|मैं ग्रामीण इलाके से संबंध रखता हूं और मेरी उम्र 22 साल है| मेरा रंग हल्का सांवला है और शरीर भरा हुआ है| मेरा लंड 6|5 इंच का मोटा सा है|मेरी बुआ की तो बात ही क्या करें|
उनकी उम्र 34 साल की है| उनकी सांवली सूरत और गाल पर पागल बना देने वाले डिंपल हैं|बुआ का 34-28-36 का कातिलाना जिस्म है| मुझे वो मदहोश कर देने वाली जवानी लगती हैं और अब तो मुझसे चुदवा कर वो मेरी जान ही बन गई हैं|
ये बात तब की है, जब पूरा विश्व कोरोना का कहर झेल रहा था|मेरे सालाना एग्जाम हो चुके थे और एग्जाम से फ्री होने के बाद अपनी बुआ के घर घूमने गया था|बुआ के घर आने के कुछ दिन बाद अचानक से लॉकडाउन लग गया|
मेरे फूफा जी सूरत में काम करते थे और उनका इकलौता बेटा भी वहीं पढ़ता था|वो दोनों वहीं सूरत में फंस गए थे|हालांकि फूफा जी इस बात से निश्चिंत थे क्योंकि उन्हें मालूम था कि बुआ का ख्याल रखने के लिए मैं गांव में था|
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अब घर में केवल मैं और बुआ ही बचे थे|मेरी बुआ काफी अमीर हैं और वो अपने जिस्म का काफी ख्याल रखती हैं|कोरोना के कारण सब कुछ बंद हो गया था|हम दोनों के दिन घर की चारदीवारी में ही बीतने लगे|
चार दिन बाद सुबह के समय मैं उठा, तो मैंने देखा कि बुआ बाथरूम में नहा रही थीं|बाथरूम का दरवाजा पूरी तरह से लगा नहीं था इसलिए अन्दर का मदमस्त कर देने वाला नजारा साफ़ दिख रहा था|नंगा सीन देख कर मैं ठिठक गया और देखने लगा|
सुबह के समय वैसे ही मन में कुछ उत्तेजना रहती है और मेरा लंड भरा हुआ था|मैंने चुपचाप अपनी बुआ को नहाते हुए देखना शुरू कर दिया| साबुन के झाग से उनके दोनों मम्मे ढके हुए थे और वो नीचे पैंटी पहनी हुई थीं|
मैं अपने लंड को सहलाते हुए बुआ को देखने लगा| बड़ा ही मस्त नज़ारा था|जब बुआ ने अपने जिस्म पर पानी डाला तो उनके दोनों चूचे साफ़ दिखने लगे और मेरे अन्दर की आग भड़क उठी|साथ ही साथ खड़ा हो चुका मेरा लंड फड़फड़ा उठा|
मैं भूल गया कि सामने मेरी बुआ हैं … मुझे तो बस एक मस्त कांटा माल दिखाई दे रहा था|बुआ का नंगा बदन मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई पोर्न वीडियो में किसी पोर्न ऐक्ट्रेस को नंगी देख रहा हूँ|मैं अपना लंड हिलाने लगा|
उसी बीच न जाने कैसे उन्हें दरवाजे के बाहर हलचल समझ आ गई और मेरी बुआ जान गई थीं कि मैं जाग गया हूँ और उन्हें देख रहा हूँ|बुआ ने दरवाजे को खींचा, तो मैं समझ गया कि शायद बुआ ने मेरी उपस्थिति को महसूस कर लिया है|
ये सोचते ही मानो मेरे लौड़े लग गए थे और कैसे भी करके मैं वहां से कमरे में आ गया|मेरी हालत खराब हो गई थी|इधर मेरा लंड बिना झड़े मानने को तैयार नहीं था|मैंने कैसे भी करके अपने लंड की मुठ मारी और खुद को शांत किया|
अब मेरा नजरिया बुआ के लिए बदल गया था|दिन भर मैं बस उनके चूचों को देखता और उनको चोदने की तमन्ना मन में बसाए हुए लंड सहलाता रहता था|सुबह जैसे ही बुआ नहाने जातीं … मैं दरवाजे की झिरी से बुआ का नंगा बदन देखने लगता था|
बुआ भी अपनी चुत में उंगली करती रहतीं और अपने दूध दबाती रहती थीं|दो दिन बाद बात ही बात में बुआ को चोदने का अवसर बनता नजर आया|उस दिन बुआ और मैं लूडो खेल रहे थे|बुआ ने मैक्सी पहनी हुई थी| जिसका गला काफी खुला हुआ था|
मैंने एक ढीला सा बरमूडा पहना था| ऊपर कट वाली बनियान पहनी थी|मेरा चौड़ा सीना शायद बुआ को भाने लगा था|वो झुक झुक कर लूडो की डायस फैंक रही थीं और अपनी गोटियां चल रही थीं|इससे उनके मम्मे साफ़ दिख रहे थे|तभी मैंने बुआ की एक गोटी मार दी
बुआ एकदम से बोलीं- अरे यार, मेरे पीछे क्यों पड़ा है, तूने तो मेरी पकी पकाई मार दी|मैं उस समय बुआ के मम्मे देख कर मस्त हो रहा था और उनके मुँह से ये सुनकर कि मैंने उनकी मार दी है … मैं एकदम से गनगना गया|
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कुछ देर बाद मैं गेम जीत गया, तो बुआ बोलीं- चल, अब बाद में खेलेंगे|मैं उनकी तरफ देखने लगा|अब हमारी बातें होने लगीं|बुआ ने मुझे एक अजीब सी बात पूछी- तेरा किसी लड़की से चक्कर तो जरूर होगा बाबू?मैं चौंक गया और बोला- अरे नहीं बुआ … ऐसा कुछ नहीं है|
बुआ थोड़ा हंसी|फिर उन्होंने मुझसे सीधे सीधे वो पूछ लिया, जिसका इंतजार मुझे इतने दिनों से था- तब तो तूने कभी वो सब भी नहीं किया होगा?मैं, वो सब क्या बुआ?बुआ,देख ज्यादा भोला मत बन … मुझे सब पता है|मैं,क्या बुआ?
बुआ बनावटी गुस्से में बोलीं- अच्छा … तू उस दिन से मुझे रोज सुबह नहाती देखता है ना?मैं ये सुनकर डर गया और बोला- न…|नहीं तो बुआ!मेरे इतना कहते ही बुआ मेरे करीब आ गईं और उन्होंने अपनी एक हथेली से मेरी जांघ को दबा दिया|
बुआ- मैंने तुझे उस दिन ही देख लिया था, जब तू भाग कर कमरे में गया और अपना हिला रहा था|अब मेरी हालत खराब हो गई- बुआ मुझसे गलती हो गई, माफ कर दो|कुछ देर बाद बुआ बोलीं- देख तू मुझे खुश कर दे वरना मैं भैया को सब बता दूंगी|
मैं चुप हो गया और मेरी नजरें झुक गईं|बुआ- बोल न … क्या तू मेरी गर्मी दूर करेगा?ये कह कर बुआ ने मेरी जांघ से हाथ अन्दर को सरका कर मेरे लंड को सहला दिया|मेरा लंड कड़क होने लगा था| मेरे अन्दर का डर भी अब साहस में बदलने लगा था|
मैंने उन्हें देखा, तो बुआ ने आंख दबा दी|मैं समझ गया कि यह हॉट औरत सेक्स के लिए बेचैन है| मैंने बिना रुके अपने होंठ आगे बढ़ा दिए और बुआ के होंठों पर अपने होंठ रख दिए|बस इतना हुआ ही था कि बुआ तो मेरे ऊपर एकदम से मानो टूट पड़ीं |
मेरे पूरे मुँह पर चुम्बन करने लगीं|मैं भी कई दिनों से भूखे शेर की तरह उन पर टूट पड़ा|लगभग दस मिनट हमने केवल लिपकिस किया|बुआ बीच में रुक जाती थीं, शायद वो सांस लेने लगती थीं|
अब मेरा लंड और तड़प उठा था| बुआ ने मुझे धक्का दे दिया और मेरे सीने पर झुक कर मुझे चूमने लगीं|मैंने नीचे से उनके गाउन में हाथ डाला और ऊपर करके बाहर निकाल दिया|बुआ ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी|लग रहा था कि बुआ चुदने के लिए पूरी तैयार होकर आई थीं|
उनके मोहक मम्मों को मैंने दबाना और मसलना शुरू कर दिया|बुआ मेरे मुँह में एक दूध देने लगीं और मैंने बुआ के उस दूध का निप्पल अपने मुँह में दबा लिया और दबाते हुए चूची चूसने लगा|वे ‘आह … आह …’ करती रहीं|
मैंने कुछ ही देर में बुआ के दोनों दूध चूस चूस कर लाल कर दिए|फिर उनको खड़ा कर दिया और अपने आपको बुआ के पीछे करके मैं बुआ के दोनों मम्मों को मसलने लगा| इस समय बुआ केवल पैंटी में थीं|
बुआ भी मेरे ऊपर टूट पड़ीं और मेरे जिस्म पर बनियान बरमूडा और कच्छे को उतार कर दूर फेंक दिया|मैं नंगा हो गया था और मेरा लंड बुआ की नंगी जवानी को खा जाने के लिए एकदम रेडी था|बुआ ने मेरा मोटा लम्बा लंड देखा और वो उसे ऊपर से सहलाने लगीं|
मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हें बिस्तर पर धकेल दिया|आज बुआ ने अलग ही किस्म का परफ्यूम लगाया था, उनकी पूरी चूत महक रही थी|मैंने पैरों से चूमना शुरू किया और जांघों पर आकर बुआ की संगमरमर से बदन को चाटने लगा|
बुआ आंह आंह करने लगीं और वो मेरे सर पर अपना हाथ फेरने लगीं|मैंने बुआ की पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसाईं और उनकी पैंटी को नीचे कर दिया|आह … मेरे सामने बुआ की एकदम चिकनी चुत खुल गई थी|हल्की सांवली सी चुत … जिस पर से चॉकलेटी महक आ रही थी|
एक बार बुआ की तरफ देखा मैंने … तो बुआ की वासना से तप्त आंखें मेरे सामने एक प्यासी औरत की कामुकता को दर्शा रही थीं|मैंने अपनी नजर नीचे की तो मेरे सामने उनके दोनों चूचे बिल्कुल पहाड़ के जैसे तने थे| उनमें जरा भी ढलकाव नहीं था|
मैंने एक हाथ से एक दूध पकड़ा और बस के हॉर्न जैसे दबा दिया|इस बार मैंने बुआ का दूध कुछ जोर से मसला था तो बुआ की आह निकल गई और इसी के साथ उनकी चुत कुछ ऊपर को उठ गई|
मैंने उसी पल बुआ की चुत में जीभ फेर दी|बुआ तड़फ उठीं और मेरे सर को उन्होंने जोर से अपनी चुत पर दबा दिया|पूरी चुत नमकीन रस से भरी पड़ी थी| मैंने चुत चाटना शुरू कर दिया और बुआ आह आह करती हुई अपनी चुत चटवाने का सुख लेने लगीं|
कुछ ही देर में बुआ की चुत ने रस छोड़ दिया और मैंने चुत को चाट चाट कर पूरा साफ़ कर दिया|बुआ की आंखें एकदम से लाल हो गई थीं| वो कुछ शिथिल सी पड़ी हुई मेरी तरफ देख रही थीं और मेरे सर को सहला रही थीं|
बहन की दोस्त अंजलि की चुदाई – Hindi Sex Story
अब तक मैं बहुत गर्म हो गया था और मेरा लंड फट पड़ने को था|मैं उठा और बुआ की चुत की तरफ मुँह करके 69 में हो गया|इससे मेरा लंड बुआ के मुँह की तरफ आ गया था|बुआ ने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगीं|
कोई पांच मिनट बाद बुआ ने मेरे लंड को निचोड़ लिया था और रस को खा गई थीं|हम दोनों एक एक बार झड़ चुके थे|हमारे बीच आपस में किसी तरह की कोई बात नहीं हो रही थी|फिर बुआ ने उठ कर दराज से एक सिगरेट निकाली और जला कर धुंआ उड़ाने लगीं|
उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा तो मैंने अपनी उंगलियां उनकी तरफ बढ़ा दीं|बुआ ने सिगरेट मेरी उंगलियों में फंसा दी|मैंने धुँआ उड़ाना शुरू कर दिया|कुछ देर बाद हमारे बीच फिर से माहौल बन गया और मैंने बुआ को लिटा दिया|
एक बार फिर से हमारे बीच सेक्स होने लगा|लंड खड़ा हो गया था, चुत गर्मा गई थी|मैंने बुआ की दोनों टांगें फैला दीं और लंड का सुपारा चुत की फांकों में सैट कर दिया|कुछ देर लंड चुत पर रगड़ा और एकदम से अन्दर पेल दिया|
बुआ की मस्त आंह निकल गई और हमारे बीच चुदाई शुरू हो गई|दस मिनट तक बुआ को मिशनरी पोज में चोदने के बाद मैंने लंड निकाला और चित लेट गया|अब बुआ मेरे लौड़े पर चुत फंसा कर बैठ गईं और गांड हिलाने लगीं|मैं बुआ की चुदाई करने लगा|
इस बीच बुआ हंसती हुई बोलीं- मालूम … मैंने ही तुझे अपने दूध दिखा कर फंसाया था|मैं हंस दिया और कह दिया कि हां और मैं फंस गया था|हम दोनों हंस दिए और मस्ती से चुदाई चलने लगी|उस दिन हम दोनों ने एक बार ही चुदाई का मजा लिया |
रात में बुआ ने मस्त पार्टी की|हम दोनों चार चार पैग खींचे और दो बार चुत चुदाई का मजा लिया|दूसरे दिन मैंने बुआ की कुंवारी गांड भी खोली, वो सब कैसे हुआ, मैं अगली अपनी सेक्स कहानी में आपको लिखूँगा|