chudai ki kahani: हैल्लो फ्रेंड्स, मैं बिपाशा रायपुर से एक बार फिर से आपके सामने अपनी चुत चुदाई की कहानी को आगे बढ़ा रही हूँ|में अब तक आपने पढ़ा था कि कॉलोनी के एक छपरी युवक सचिन मेरे घर में आ गया था |
मैं खुद उससे चुदवाने को मरी जा रही थी|सचिन ने मुझे पकड़ा, फिर भी मैंने अपना हाथ उसकी पकड़ से छुड़ाना चाहा|लेकिन सचिन के हाथों की पकड़ इतनी ज्यादा सख्त थी कि मैं अपने आपको उसकी पकड़ से नहीं छुड़ा पा रही थी|
अब सचिन ने मुझे हॉल में ही धक्का देकर दीवार से सटा दिया|मेरे सामने आकर मेरे होंठों पर उसने अपने होंठ रख दिए और मेरे होंठों को चूसने लगा|उसके चूसने का तरीका इतना ज्यादा मादक था कि मैं पानी पानी हो रही थी|
फिर भी मैं दिखाने के लिए उससे बोले जा रही थी,छोड़ो सचिन छोड़ो …मैं अपने मुँह को इधर उधर करने लगी| मैंने सचिन से कहा,मुझे इस तरह बर्बाद ना करो|लेकिन वह मानने को तैयार ना था|
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कुछ ही पलों में उसने मेरे होंठों को काटना आरम्भ कर दिया| यहां तक कि उसके मुँह से आ रही शराब की महक भी मुझे अब अच्छी लगने लगी थी|मैं अपने हाथों से उसकी छाती को धक्का देकर दूर करना चाह रही थी|
उसने अपने दोनों हाथ से मेरे हाथों को पकड़ कर मुझे दीवार से सटा दिया|मैं कुछ नहीं कर पा रही थी| उसने मेरे होंठों को चूसना चालू कर दिया था|5 मिनट बाद मेरी आंखों से आंसू तक निकलने लगे लेकिन उसकी मर्दानगी की मैं कायल हो गई थी|
फिर उसने अपने एक हाथ से मेरे साड़ी के पल्लू को नीचे कर दिया और फिर से मेरा हाथ पकड़ कर मेरे गले, मेरे चेहरे को चूमने लगा|उसकी चूमाचाटी मुझे काफी उत्तेजित कर रही थी लेकिन मैंने विरोध का नाटक अभी भी जारी रखा था|
मैं उससे बार बार बोल रही थी,छोड़ो मुझे यह तुम ठीक नहीं कर रहे हो, मैं सबसे बता दूंगी|लेकिन वो कुछ मानने को तैयार ना था|फिर उसने एक हाथ से मेरे ब्लाउज को पकड़कर खींचा, जिससे मेरे ब्लाउज के सारे बटन खुल गए|
मेरे ब्लाउज के बटन खुलने के कारण मैं सिर्फ ब्रा में उसके सामने आ गई|मुझे काफी शर्म आ रही थी और उसे रोकने की कोशिश कर रही थी|वह अपने काम में लगा रहा और उसने मेरे गले पर, सीने में, किस करना शुरू कर दिया|
दो मिनट किस करने के बाद वह मुझसे दूर हो गया और मैं उसकी आंखों में देखने लगी|उसने अपनी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिया|मैं चुपचाप उसे देख रही थी|सचिन ने अन्दर बनियान नहीं पहनी थी|जल्दी ही उसने अपनी शर्ट निकाल फेंकी|
मैं उसके मर्दानगी भरे सीने को देखकर उस पर निहाल हो गई|मैं उसकी आंखों में देख रही थी| वो भी मेरी आंखों में एकटक देख रहा था|कुछ समय बाद वह मेरे करीब आया और मुझे अपने सीने से चिपका लिया|
मैंने विरोध करना बंद कर दिया और शांति से खड़ी हो गई|वो मेरी गर्दन पर फिर से किस लेने लगा|इस बार उसने अपना हाथ मेरी पीठ पर रख दिया और मेरी कमर को सहलाता हुआ मेरी बढ़ती धड़कनों को सुनने लगा|
धीरे धीरे वो अपना एक हाथ मेरे बालों के जूड़े तक ले आया और उसे भी खोल दिया|मेरे बाल खुल कर बिखर चुके थे और वो मेरे बालों से खेलने लगा था|फिर वो पीछे अपने हाथ ले गया |
मेरी दोनों आस्तीनों से मेरे ब्लाउज को निकाल कर अलग कर दिया|अब मैं उसके सामने केवल ब्रा में थी|मैंने उसे धक्का देकर दूर किया और अपने हाथों से अपने स्तन छुपाते हुए बेडरूम की ओर जाने लगी|
मेरी साड़ी का पल्लू नीचे जमीन पर रेंगते हुए मेरा पीछा कर रहा था|मैं बेडरूम के पास जाकर रुक गई और पलट कर सचिन की तरफ देखा; उसे आंखों ही आंखों में बेडरूम में आने का न्यौता सा दे दिया|फिर से मैं आगे बढ़ने लगी|
मैं बेड के पास जाकर खड़ी हो गई|वासनावश सेक्सी भाभी ने छपरी से चुत चुदवा ली,सचिन मेरे पीछे पीछे आ गया और वह मेरे पीछे से हाथ डालते हुए मेरे पेट को सहलाने लगा|
दूसरे हाथ को मेरे सीने पर हाथ रखते हुए मेरे मम्मों को हल्का हल्का दबाने लगा|अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था| बेड के दूसरे तरफ लगे आईने में मैं देख रही थी|सचिन ने आगे से मेरी साड़ी को साये के अन्दर हाथ डाल कर खींचा |
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मेरी साड़ी एक ही क्षण में जमीन पर गिर गई|मैंने उसकी तरफ घूम कर देखा|उसकी आंखों में हवस का नशा था|मुझे लग रहा था कि वो जल्दी से मुझे बेड पर लेटा दे और अपना काम चालू कर दे|
उसने मुझे अपने दोनों हाथों से उठा लिया|उसका एक हाथ मेरे घुटनों के थोड़ा ऊपर था और दूसरा हाथ मेरी पीठ पर था|अगले ही पल उसने मुझे उठा लिया था|मेरा साया मेरे घुटनों तक आ चुका था|
उसने दो कदम चल कर मुझे बेड पर लेटा दिया और अपनी पैंट की चैन खोलकर अपनी पैंट को अपने शरीर से अलग कर दिया|अब वह मेरे सामने सिर्फ अंडरवियर में था और मैं ब्रा और साये में बेड पर लेटी थी|
मेरा पेटीकोट मेरी चुत को बस जरा सा ढके हुए था|मेरी चमकती जांघें साफ दिख रही थीं|वह सीधा मेरे ऊपर गिरते हुए फिर से मेरे होंठों को चूसने लगा; काफी वहशी तरीके से चूस रहा था|मेरे लिए खुद को कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा था|
अब धीरे-धीरे मैं भी उसका साथ देने लगी|हम दोनों बिस्तर पर थे लेकिन अब तक वह मेरे ऊपर से मेरे सारे शरीर को जोर जोर से मसलने लगा|कुछ देर बाद उसने मेरे ब्रा की स्ट्रिप पीछे हाथ डालकर खोल दी |
नीचे से मेरे पेटीकोट के नाड़े को भी खोल दिया|तब उसने मेरी ब्रा और पेटीकोट को मेरे शरीर से अलग कर दिया| अब मैं पूर्ण तरह निर्वस्त्र उसके सामने थी|उसने अपनी अंडरवियर को भी कुछ ही देर में उतार दिया|
वो बैठकर मेरे पूरे शरीर को देख रहा था| मेरे मम्मों पर, कमर पर, चेहरे पर हाथ फेरते हुए उसने मुझे मदहोश कर दिया था|मेरी चूत तो पहले से ही गीली हो चुकी थी और फिर मुझे पता ही ना चला कब हम दोनों आपास में दो जिस्म एक जान हो गए|
वो मेरे जिस्म को चूमे जा रहा था|वह मेरे मम्मों पर भी आ चुका था और मेरे मम्मों को जोर जोर से चूसने लगा|मैं उसके सिर पर हाथ रखकर अपने मम्मों पर उसे दबाने लगी थी|
मैं उसका साथ देती हुई बोल रही थी,सचिन बहुत हुआ अब छोड़ दो मुझे|सचिन यह बात जानता था कि मैं बस दिखावे के लिए ये बोल रही हूँ इसलिए वो मेरे मम्मों को दांतों से दबाने काटने भी लगा था|
मुझे मीठा दर्द होने लगा था लेकिन मैं उसका साथ पूरी तरह से दे रही थी|वो मेरे पेट को भी चूम रहा था और मुझे मछली जैसे तड़पा रहा था|कुछ देर बाद सचिन ने उठकर मेरे चेहरे पर हाथ रखा और जल्द ही मेरा हाथ पकड़कर मुझे घुमा दिया|
मेरे बालों को उसने एक साथ करके पकड़ा और खींचते हुए बोला,मेरी जान, मैंने कब से इस समय के लिए इंतजार किया है|उसका लंड सात इंच से भी ज्यादा लंबा हो चुका था|उसने मुझे घोड़ी बनाकर अपना लंड मेरी गांड पर रखा |
मेरी गांड पर एक जोरदार चपेट मारते हुए कहा,ले बिपाशा, कब से तेरी गांड मारने के लिए जी बेकरार था| आज अपने आशिक का लंड ले ले|उसने मेरी गांड पर लंड सैट करते हुए एक जोरदार झटका दे मारा|
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उसका लंड मेरी गांड में आधे से ज्यादा जा चुका था और उसके पहले ही झटके में मेरी आंखों से आंसू तक निकल आए थे|हालांकि मैं अपने पति से गांड मरवा चुकी थी, तो मेरे लिए गांड मराना कोई नई बात नहीं थी|
तब भी सचिन का लंड बहुत मोटा था और गांड मराने में दर्द होता ही है, ये गांड में लंड लेने वाले और वाली, सब जानते होंगे|मैं जानती थी कि इन झटकों के बाद मुझे जो सुख मिलने वाला था|इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा|
वह मुझसे अंड बंड बोले जा रहा था, गलियां भी बक रहा था|मगर सेक्स में गालियों के साथ चुदाई का मजा ही अलग है|उसने कुछ सेकड रुकने के बाद एक और झटका मारा जिससे उसका सारा लंड मेरी गांड में चला गया|
अब मेरी आंखों से आंसू बहने लगे थे|मैंने उससे कहा,रुको यार … क्या मैं इंसान नहीं हूं|पर वह कहां मानने वाला था|मैं उससे बोले जा रही थी,देखो तुम गलत कर रहे हो और यह बात मैं सबसे बता दूंगी|
लेकिन वह कहां मानने वाला था| उसने अपनी चुदाई का कार्यक्रम मेरी गांड मारने से शुरू कर दिया, पूरा लंड मेरी गांड में अन्दर बाहर करना चालू कर दिया|करीब दस मिनट तक उसने मेरी गांड में लंड पेला|
बीच बीच में रुक कर वो मेरी गांड पर जोरदार चमाट मार देता जिससे मुझे हल्का दर्द भी हो रहा था|लेकिन जो सुख मिल रहा था, उसके सामने वह दर्द कोई मायने नहीं रखता था|
वह मेरे बालों को पकड़ कर बीच-बीच में खींच देता और मुझे इसकी यह अदा काफी अच्छी लग रही थी|मेरी पीठ पर अपने हाथ से चलाते हुए मेरी गांड मारे जा रहा था|वो मेरी गांड की तारीफ भी कर रहा था|
अब हर शॉट में फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं और हमारा बेड भी साथ ही साथ हिल रहा था|हमारी चुदाई के खेलने की ताकत में बता सकती थी कि उसकी चुदाई बहुत जोरदार थी|
करीब दस मिनट बाद उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाला और लंड निकलते ही मैं गिर पड़ी|उसने मुझे सीधा किया और अपना लंड मेरी चुत पर सैट करते हुए बोला,ले बिपाशा, आज और चुदाई का मजा ले ले|
उसने अपना लंड मेरी चुत में सैट करते हुए अन्दर पेल डाला|मैंने उसका लंड एक बार में पूरी तरह अन्दर ले लिया क्योंकि मेरी चुत काफी गीली हो चुकी थी और पानी भी काफी निकल चुका था|
अब वह चुदाई करते करते मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा|वह मेरे होंठों को चूस रहा था, मेरे मम्मों को दबा रहा था और बालों को पकड़कर खींचते हुए मेरे गले पर चुम्बनों की बौछार कर रहा था|
इसके साथ नीचे उसने अपनी चुदाई का कार्यक्रम बिल्कुल नहीं रोका था|करीबन बीस मिनट तक उसने मुझे सामने से चोदा|इसके बाद सचिन बोला,मुझे अपनी बूंदें गिराना है, बोल कहां गिराऊं|
मैंने कहा,जब मेरी एक नहीं सुनी तो यह किस लिए पूछ रहे हो?उसने 20-25 जोरदार झटके मारे और अपना सारा वीर्य मेरी चुत में ही छोड़ दिया|वो मेरे ऊपर गिर गया|मैं भी उसकी पीठ के ऊपर हाथ रख कर लंबी लंबी सांसें लेने लगी|
वह भी लंबी लंबी सांसें ले रहा था|करीब 5-10 मिनट बाद वह मेरे होंठों के ऊपर होंठ रखते हुए और मेरे गालों पर किस करने लगा|वो मेरे बालों को सहलाने लगा|
फिर वह उठा और मेरे बगल में बैठ गया|मैं भी उठ कर उसके सीने पर सर रखते हुए बैठ गई|वह मुझे प्यार करते हुए मेरे चेहरे पर किस करने लगा|मेरे बालों को सहलाते हुए मेरी कमर पर सब जगह हाथ घुमा रहा था|
मैंने कहा उससे,तुमने मुझे बर्बाद कर दिया, अगर यह बात मेरे पति को पता चल गई तो वह मुझे छोड़ देंगे| मेरी जो बदनामी होगी वह अलग!उसने कहा,तुम चिंता मत करो, तुम्हारे पति या किसी को भी यह बात नहीं पता चलेगी|
फिर उसके बाद हमने करीबन आधा घंटे बातचीत की और हम लोग लेट गए|लेटते लेटते वह फिर मेरे ऊपर आ गया और उसने फिर से एक बार मेरी जोरदार चुदाई की|इस बार वो मुझे गालियां नहीं दे रहा था बल्कि मुझे प्यार से भरी चुदाई कर रहा था|
उसका स्टैमिना इतना था, जिसके सामने मैं टिक नहीं पा रही थी|करीबन 20 मिनट तक वो मुझे आगे से चोदता रहा था|इस दूसरे राउंड के बाद वह मेरे बगल में ही लेट कर सो गया|
सुबह 8:00 बजे जब मेरी नींद खुली, तो उसने मेरे मम्मों के ऊपर हाथ रखा हुआ था| उसका चेहरा मेरी गर्दन के पास था|मैंने उसी पोजीशन में उसके सर के ऊपर हाथ रखा और सर को सहलाया|
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उसी दौरान वो फिर से जग गया और मुझे प्यार करते हुए बोला,कैसी कटी रात?मैंने कहा,सारा शरीर दुख रहा है|उसने बोला,कोई बात नहीं|फिर मैं उठी और चाय बना कर लाई|मैं वैसे ही बिना कपड़ों के चाय बनाने गई थी|
हमने साथ बैठकर बेड पर ही चाय पी|उसके बाद वह मुझे उठाकर वॉशरूम ले गया, जहां उसने वाशरूम में भी एक बार और मेरी जोरदार जोरदार चुदाई की|इस तरह उसकी चुदाई के कारण मुझसे चलने में परेशानी हो रही थी|
तीसरा राउंड करने के बाद हम लोग एक साथ मिलकर नहाए और बाहर आकर उसने अपने कपड़े पहन लिए|उसने कहा कि शाम को कहीं बाहर मिलो|जिस पर मैंने कहा,नहीं, अगर मिलना होगा तो हम घर पर ही मिलेंगे|
वह निकल गया|दोस्तो कैसी लगी मेरी सचिन के साथ की होम अलोन सेक्स कहानी| अगर कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें। हमारी वेबसाइट fungirl.in आपके लिए ऐसी ही मजेदार चुदाई की कहानियां लाती रहेगी।