desi bhabhi ki chudai : मेरी भाभी का नाम संजना है। उम्र 30 साल है,कद लम्बा और शरीर थोड़ा भारी है।मेरे भाई बम्बई में काम करते हैं और वह दो चार महीने के बाद घर आते हैं। उनके दो बच्चे भी हैं जो स्कूल में पढ़ते हैं।
हम एक पहाड़ी गांव में रहते हैं, घर में उनके सिवा मेरे माता पिता और मैं ही रहते हैं मैं 11 क्लास में पढ़ता हूं और घर के काम में भाभी का हाथ बंटाता है। भाभी दो बच्चों की मां होने के बाबजूद भी अभी तक बहुत सैक्सी दिखती है।
सलवार कुर्ते में भी उनके उभरे हुए नितम्बों और मोटे मोटे स्तनों को देख कर बूढों के भी लंड खड़े हो जाते हैं। क्योंकि हम घर के सभी लोग खेतीबाड़ी का काम मिलजुल कर रहते हैं इसलिए हमारे शरीर मजबूत और सुंदर रहते हैं।
मेरा नाम सुमनजीत है पर सभी लोग प्यार से मुझे सोनू कहते हैं। मेरा कद नार्मल है और थोड़ा पतला हूं। दो साल पहले जब मुझे अभी नई नई दाड़ी मूंछ निकली थी तो दोस्तों से चुदाई की बातें सुनकर मुठ मारना सीखा था। पर मुठ मारने का मौका भी नहीं मिलता था।
क्योंकि जब मैं खेत में काम करने जाता तो भाभी भी मेरे साथ ही होती। और मैं भाभी की बहुत इज्जत करता था और वह भी मेरी हर जरूरत का पूरा ख्याल रखती थी।और रात को दूसरी छत पर जिस कमरे में भाभी अपने बच्चों के साथ एक डबल बेड पर सोती उसी कमरे में मैं भी एक चारपाई पर सोता था ।
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मैं उस चारपाई पर भी मुठ नहीं मार सकता था क्योंकि ज़रा सी करवट बदलने से ही वह चारपाई बहुत आवाज करती थी।लेकिन मैं और भाभी लाइट आफ करते बहुत देर तक इधर उधर की बातें करते रहते थे।
सुबह भाभी जल्दी उठ जाती थी। और बाद में मुझे जगाती थी। एक सुबह भाभी ने जब मुझे जगाने आई तो मेरा लंड मेरे लोअर में तन कर खड़ा हो गया था। तो भाभी ने इस पर जोर का थप्पड़ मारा और वहां से भाग गई।
दर्द से मेरे मुंह से चीख निकल गई ,मैंने उठ कर पेशाब किया और चाय लेने रसोई में गया तो भाभी को देख कर मुझे शर्म आने लगी पर भाभी ने नजरें झुका कर मुस्कुराते हुए मुझे चाय का कप थमाया।
उस दिन मैं सोचता रहा कि भाभी मेरे बारे में क्या सोचती होगी। फिर मैंने फैसला किया कि अब मैं भाभी के कमरे में नहीं सोया करूंगा। पर रात को जब सब सोने की तैयारी करने लगे |
तो मैंने अपनी मां से कहा कि मैं अलग कमरे में सोऊंगा क्यों कि मुझे देर रात तक पढ़ाई करनी होती है तो मां मान गई पर भाभी बोली पड़ी कि मांजी सोनू मेरे कमरे में ही पढ़ाई करेगा |
अगर इसे अकेला छोड़ दिया तो यह बहुत जल्दी सो जाएगा और पढ़ाई नहीं करेगा।
इस पर मां ने भी भाभी की बात मान ली और मुझे फिर भाभी के कमरे में ही सोना पड़ा।
रात को जब मैं अपनी चारपाई पर बैठ कर पढ़ाई कर रहा था और बच्चे भी अपना लेसन याद कर रहे थे तो बाहर कुछ कुत्ते भौंकने लगे। तो भाभी के बड़े बेटे राजू ने कहा,”मम्मी आज जब हम स्कूल से घर आ रहे थे |
तो रास्ते में बहुत से कुत्ते इकट्ठे हुए थे और एक कुत्ता ऐसा था जिसके दो मुंह थे।यह कैसा कुत्ता था, तो भाभी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और कहने लगी कि मुझे नहीं पता तुम अपना लेसन याद करो।
तो राजू ने कहा,”पहले बताओ तो भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा कि अपने चाचू से ही पूछो। तो राजू ने कहा, चाचू हमने भी दो मुंह वाला कुत्ता लेना है आप ला दोगे क्या” तो मुझे बहुत शर्म आने लगी और मैं चुप रहा।
तो भाभी ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और बोली,देवर जी चुप क्यों हो राजू की बात का जवाब क्यों नहीं देते तो मैंने नज़रें झुका कर कहा, आप ही बता दीजिए मुझे भी नहीं पता है |
आज सोनू को देवर जी क्यों पुकार रही हो तो भाभी ने कहा, क्योंकि मेरा सोनू बड़ा हो गया है और अपनी प्यारी भाभी से अलग हो कर दूसरे कमरे में सोने को कह रहा था इसलिए ।
तो मैंने कहा, अब और पिटाई करने का मन है क्या, सुबह से दर्द हो रहा है तो भाभी ने कहा, अच्छा तो यह नाराजगी है,आज ही मैं अपने सोनू को तेल लगा कर सारा दर्द ठीक कर दूंगी|
बच्चों को सो जाने दो और जब दोनों बच्चे सो गए और मैं चारपाई पर लेट कर किताब पढ़ रहा था| तो भाभी उठ कर मेरे पास आई और बोली देवर जी अब बताओ कि सच में बहुत दर्द हुआ था |
तो मैंने नज़रें झुका कर कहा, हां बहुत हुआ था,तो भाभी ने कहा,मेरे बैड पर चलो मैं तेल लगा देती हूं, तो मैंने कहा, रहने दो मुझे नहीं लगाना है तेल वेल मुझे शर्म आती है”|
तो भाभी ने कहा, अब बहुत शर्म आ रही है, तब शर्म नहीं आ रही थी जब सुबह मूसल जैसा खड़ा कर के सो रहे थे । चलो उठो और दिखाओ कि कहां दर्द हो रहा है, और भाभी ने मेरे गाल पर जोर से किस्स किया और मेरी बांह पकड़ कर उठाते हुए कहा कि उठो और मेरे बैड पर लेट जाओ ।।
मैं उठा और बाथरूम में पेशाब कर के जब कमरे में बापिस आया तो देखा कि भाभी ने दोनों बच्चों को मेरी चारपाई पर सुला कर उन पर चादर ओढ़ दी थी। फिर भाभी ने मेरी बांह पकड़ कर अपने बैड पर लिटा दिया और खुद बाथरूम में चली गई।
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मैं भाभी के बैड पर तो लेट गया पर मेरा दिल धड़कने लगा था और मैं सोचने लगा कि मैं भाभी को कैसे अपना नंगा लंड दिखाऊंगा। थोड़ी देर के बाद भाभी जब आई और उसने दरवाज़े की अंदर से कुंडी लगा दी तो मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा |
फिर भाभी मेरे पास आकर मुझे अपनी बाहों में ले कर बैड पर लेट गई।उनके जिस्म में से मुझे बहुत ही प्यारी खुशबू आने लगी। भाभी ने मेरे माथे पर चूमते हुए कहा,” अब दिखाओ कहां दर्द हो रहा है |
तो मैंने कहा, भाभी रहने दो अब दर्द नहीं हो रहा है “पर भाभी ने मुझे अपनी छाती से लगा लिया और मुझे प्यार करते हुए मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी।फिर मुझे सीधा लिटा कर भाभी ने मेरे लोअर के ऊपर से मुरझाए हुए लंड पर हाथ फेरते हुए लंड को पकड़ लिया |
फिर बोली,अब क्यों मुर्झाया हुआ है सुबह तो बहुत अकड़ दिखा रहा था और इतना बड़ा लग रहा था जितना बड़ा तो तुम्हारे भाई का भी नहीं है| तो मैंने शरमाते हुए कहा, भाभी आप सो जाईए |
मैंने नहीं लगवाना है तेल “तो भाभी ने कहा ,”पहले मुझे देखना है कि क्या तुम्हारी नूनी सचमुच मैं इतनी बड़ी हो गई है या वह कुछ और था “तो भाभी के मुंह से नूनी शब्द सुनकर मुझे बहुत अजीब सा लगा |
तो मेरे मुंह से भी निकल गया,भाभी बह मेरा वहीं था,मुझे बहुत पेशाब लगा हुआ था इसलिए थोड़ा सा खड़ा हो गया था| तो भाभी ने कहा,, अब जल्दी से इसे खड़ा कर के दिखाओ।
तो मैंने कहा भाभी मुझे बहुत शर्म आ रही है इसलिए अब यह खड़ा नहीं होगा । तो भाभी बोली,, मेरे सोनू शर्माते क्यों हो अपनी भाभी को नहीं दिखाओगे तो क्या अपनी किसी गर्लफ्रेंड को ही दिखाओगे,” तो मैंने कहा भाभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं है।
भाभी बोली, अब तो तुम बड़े हो गए हो तो कभी किसी नंगी औरत को देख कर या किसी जानवर को सैक्स करते देखकर तुम्हारा खड़ा नहीं होता और तुम्हारा कुछ करने को दिल नहीं करता?
तो मैंने कहा, दिल तो बहुत करता है पर क्या करें ” तो भाभी बोली,” तुम्हें मेरी कसम सच सच बताओ फिर क्या करते हो ,मुठ मारते हो या किसी घोड़ी वगैरा की लेते हो।
भाभी की बातें सुनकर मेरी शर्म भी दूर होने लगी |
मेरा लंड भी खड़ा होने लगा और मैंने कहा,” कि दोस्तों की बातें सुनकर थोड़े ही दिनों से मुठ मारना सीखा है और आजतक सिर्फ सात आठ बार ही मुठ मारी है पर किसी की भी नहीं ली |
न ही किसी गर्लफ्रेंड के बारे में सोचा क्यों कि मेरे दोस्त मुझे कहते हैं कि तेरा बहुत ही बड़ा है अगर तू किसी लड़की के साथ करेगा तो बह मर जाएगी इसीलिए मैं लड़कियों से दूर ही रहता हूं ।
तो भाभी ने कहा,पर आज मैं इसे पूरा खड़ा कर के देखूंगी ।भाभी की बात सुनकर मेरी शर्म थोड़ी कम हुई और मैंने भाभी से कहा,आप मुझे अपने शरीर पर तेल लगाने दीजिए |
शायद फिर शायद यह भी खड़ा हो जाए ,तो भाभी ने अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर अपनी सलवार उतार दी और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी नंगी एक जांघ पर रख दिया| और बोली, मेरी गोरी जांघों को देख कर तो तुम्हारा खड़ा हो जाना चाहिए |
मैं भाभी की छाती से लग कर भाभी की नंगी जांघ पर हाथ फेरने लगा तो मेरा हाथ फिरते हुए जब भाभी के बड़े नितम्ब तक पहुंचा तो मुझे पता चला कि भाभी ने अंदर पैंटी भी नहीं पहनी थी।
भाभी ने मुझे कसकर अपने साथ चिपका लिया जिससे मेरा लंड खड़ा होने लगा और लोअर मे से भाभी कुर्ते से ढकी हुई चूत को टच करने लगा। तो भाभी बोली,”तुम्हारी नूनी तो खड़ी हो रही है |
अब मेरे पेट के नीचे चुभने लगी है, अब मैं इसे अपने हाथ में पकड़ कर देखना चाहती हूं। फिर भाभी मुझ से अलग हो गई और मेरा लोअर खींच कर मुझे नीचे से नंगा कर दिया।
जब उसने मेरा लंड देखा तो उसे अपने हाथ में पकड़ कर हिलाते हुए बोली,”अरे यह अब नूनी नहीं यह तो बहुत बड़ा लंड बन गया है पर अभी भी मुरझाया हुआ है,
तो मेरे मुंह से निकल गया, भाभी अगर एक बार आप अपनी उसके दर्शन करवा दें |
तो एक मिनट में तनकर खड़ा हो जाएगा ,तो भाभी ने कहा कि खुलकर कहो कि किसके दर्शन करवाऊं जिससे तुम्हारा लंड पूरा खड़ा हो जाए, तो मैंने झिझकते हुए कहा, भाभी मुझे अपनी फुद्दी के एक बार दर्शन करवा दो|
तो मैं आपका यह अहसान जिंदगी भर याद रखुंगा क्योंकि मैंने आज तक कभी किसी की भी नहीं देखी है, मेरी बात सुनकर भाभी हंसने लगी और सीधी हो कर पीठ के बल लेट गई |
अपनी दोनों टांगें फैला कर बोली,” सोनू मेरे कुर्ते को ऊपर उठा कर अपनी भाभी की फुद्दी के जी भरकर दर्शन करके मज़ा लेलो”मैं उठकर बैठ गया और आहिस्ता से भाभी के कुर्ते को आगे से उठाकर उनकी नाभि के ऊपर तक कर दिया |
तो भाभी की फूली हुई फुद्दी के दर्शन पाकर मेरी धड़कन तेज होने लगी| और मैं आहें भरते हुए भाभी की फुद्दी को ललचाई नज़रों से देखने लगा क्योंकि उस पर एक भी बाल नहीं था |
फूली हुई फुद्दी की सिर्फ दरार ही दिख रही थी पर सुराख कहीं भी नजर नहीं आ रहा था। भाभी मेरे चेहरे के भाव देख कर मुस्कुरा रही थी फिर मुझ से बोली, सोनू क्या हुआ, तुम अब तो खुश हो या कुछ और देखना है?
तो मैंने कहा,” भाभी मैंने जिंदगी में पहली बार आपकी ही फुद्दी देखी है जिसे देखकर मेरा लंड तो पूरा खड़ा हो गया है पर इतनी सुन्दर फुद्दी में सुराख ही नहीं है, भैया अपना लंड कहां डालते हैं ?
मेरी बात सुनकर भाभी हंसने लगी और अपने घुटने खड़े करके टांगें फैला कर बोली कि सोनू सामने से देखो मैं तुम्हें सुराख भी दिखाती हूं । मैं भी खिसक कर भाभी के पैरों की तरफ बैठ गया |
फुद्दी को गौर से देखने लगा तो भाभी अपना एक हाथ अपनी फुद्दी पर फिराने लगी और फिर बह अपनी एक उंगली अपनी फुद्दी के अंदर घुसा कर घुसा कर अन्दर बाहर करते हुए बोली, सोनू देखो यह है |
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सुराख जहां तुम्हारे भैया का लंड जाता है और जहां से दो बच्चे भी निकले हैं। अब तुम भी मुझे अपना लंड दिखा दो, तब मैं अपने दोनों हाथों से अपने तने हुए लंड को अपनी टीशर्ट में छुपाते हुए उठकर खड़ा हो गया।
भाभी भी झट से उठ कर खड़ी हो गई और मेरे हाथों से मेरी टीशर्ट छुड़ा कर उतार फैंकी पर मैं अपने हाथों से अपने लंड को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगा।भाभी ने झटके से मेरे हाथों में से मेरे लंड को आजाद करवा दिया और उसे देख कर भाभी की आंखे फटी की फटी रह गईं।
फिर भाभी मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी और उसे दबा कर देखा फिर मेरी नज़रों से नज़रें मिला कर थोड़ी देर बाद बोली, अरे तेरा लंड तो बहुत ही बड़ा हो गया है कितना लंबा और मोटा है।
अरे यह तो लोहे की तरह सख्त और गर्म है पर सुंदर भी बहुत है। मेरा दिल कर रहा है कि मैं अभी इसे अपनी चूत में घुसा लूं पर डर लग रहा है कि कहीं यह मेरी चूत न फाड़ दे।
फिर भाभी मेरे लंड को पकड़ कर पैरों के के बल बैठ गई और मेरे लंड को प्यार से सहलाने लगी । तो मुझे भी मज़ा आने लगा और मेरी आंखें बंद होने लगी। तभी भाभी ने मेरे लंड की चमड़ी को आगे से पीछे हटाया और सुपाड़े पर किस्स किया |
फिर उस पर अपनी जीभ फिराने लगी तो मुझे गुदगुदी सी होने लगी और मैंने अपना लंड पीछे खींच लिया।तो भाभी बोली कि क्या हुआ तो मैंने कहा कि बहुत गुदगुदी हो रही है तो भाभी बोली कि जब तुम मुठ मारते हो तो गुदगुदी नहीं होती?
तो मैंने कहा कि तब तो बहुत मज़ा आता है फिर भाभी बोली कि जब तुम मुठ मारते हो तो किसी की फुद्दी का ख्याल नहीं आता तो मैंने कहा कि तब तो दिल करता है कि काश कोई औरत मेरे नीचे लेटी हो और मेरा लंड उसके अन्दर जा रहा हो।
तो भाभी ने कहा,, क्या मेरे अंदर डालने का दिल नहीं कर रहा?, तो मैंने कहा,आप मेरी भाभी हैं आपके अंदर मैं कैसे डाल सकता हूं ।और आपकी फुद्दी का सुराख भी बहुत छोटा है क्या मेरा लंड उसमें जा सकता है?
तो भाभी ने एक आह भरी और बोली ,” सच सच बताओ अब तुम्हारा दिल क्या कर रहा है , मैंने कहा भाभी मेरा दिल कर रहा है कि मैं आपकी फुद्दी को बहुत प्यार करूं|
उसको चाट डालूं और आपके मोटे मोटे मम्मों को चूसूं” तो भाभी ने कहा,, तो किस ने मना किया है आज जो करना चाहते हो कर लो ,तुम तो मेरे प्यारे देवर हो पर आपना यह गधे जैसा मोटा लंड मेरी फुद्दी में डालने की कोशिश मत करना क्योंकि मैं इसे झेल नहीं पाऊंगी|
यह कह कर भाभी अपनी टांगें फ़ैला कर लेट गई और मैं भाभी के पेट पर लेट कर भाभी के बड़े बड़े मम्मों को मसलने के बाद बारी बारी से चूमने लगा।मेरा तना हुआ लंड भाभी की फुद्दी को छू रहा था।
भाभी कसमसाने लगी और बोली, ” देवर जी मेरी फुद्दी पर आपका गर्म गर्म लंड बार बार टच कर रहा है जिससे मेरी फुद्दी भी गर्म हो गई है आप अब उसे ज़ोर ज़ोर से चाट डालो और उसे ठंडा कर दो |
अपना लंड मेरे मुंह पर रख दो मैं भी उसे प्यार से चाट चाट कर ठंडा कर दूं, तो मैं झट से अपने घुटने भाभी के दोनों ओर रख कर भाभी की फुद्दी को चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से भाभी के मोटे मोटे नितम्बों को पकड़ लिया।
भाभी की फुद्दी में बहुत ही खुशबूदार पानी निकल रहा था जिसको मैंने चाट लिया और तब तक भाभी ने भी बड़ी मुश्किल से मेरा थोड़ा सा लंड अपने मुंह में डाल लिया था और उसे चूसने लगी थी।
थोड़ी देर बाद भाभी अपनी कमर उठा उठा कर अपनी फुद्दी चटवाने लगी और मेरा लंड अपने मुंह में से निकाल कर उसे ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और आहें भरने लगी।
फिर भाभी बोली कि, तुम्हारा लंड बहुत मोटा है मेरे मुंह में नहीं आ रहा था और गर्म भी बहुत है तुम सीधे हो कर अपने लंड को मेरी फुद्दी पर जोर जोर से रगड़ो दोनों को बहुत मज़ा आएगा, जल्दी करो|
तो मैं घुटनों के बल भाभी की टांगों के बीच बैठ गया तो भाभी ने अपनी टांगें और फ़ैला दीं और अपने घुटने खड़े कर दिए। मैंने अपना तना हुआ लंड हाथ में पकड़ा और भाभी की फुद्दी के उपर रगड़ने लगा |
तो मुझे बहुत मजा आने लगा और भाभी की सांस तेज होने लगी। फुद्दी में से और पानी निकलने लगा और मेरा लंड भी गीला हो गया। तभी भाभी ने अपना एक हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया |
खुद उसे अपनी फुद्दी के सुराख पर जोर जोर से घिसने लगी और आह आह करने लगी।यह सुनकर मेरा जोश भी बढ़ने लगा। तभी भाभी ने मेरे लंड का सुपाड़ा अपनी फुद्दी के सुराख पर सैट किया और बोली, सोनू अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा।
अपना पूरा ज़ोर लगा कर अपना लंड मेरी फुद्दी में घुसा डालो।फटती है तो फटने दो इसे जल्दी करो नहीं तो मैं मर जाऊंगी।हाय जल्दी करो प्लीज,तो मैंने अपना पूरा ज़ोर लगा कर धक्का लगाया तो मेरे लंड का सुपाड़ा अन्दर चला गया और भाभी के मुंह से चीख निकल गई तो मैं डर कर रुक गया|
तो भाभी ने कहा,अरे सोनू रुक क्यों गए और जोर लगाओ , मैं कहीं नहीं मरती डरो मत और जोर जोर से धक्के लगा कर पूरा लंड मेरे अंदर घुसा दो” तो मैंने भी जोश में आकर अपना पूरा लंड भाभी की फुद्दी में घुसा दिया |
फिर मैंने थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा लंड जब अंदर जाकर टकराया तो भाभी की फिर चीख निकल गई और उनकी आंखों में आंसू आ गए|
बह बोली, थोड़ी देर रुक जाओ और मुझे सांस लेने दो फिर आहिस्ता आहिस्ता धक्के लगाओ,अब मुझ से भी रहा नहीं जा रहा था और मैं थोड़ी देर बाद दोबारा धक्के लगाने लगा।अब मेरा पूरा लंड गीला हो चुका था | मुझे जिंदगी में पहली बार चुदाई का मजा भी आ रहा था। अब भाभी ने मुझे अपने उपर खींच लिया और मुझे जोर जोर से किस्स करने लगी।
फिर बह बोली,” अब मज़े से मेरी फुद्दी को चोद अब बहुत मज़ा आ रहा है,” और जब मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई तो भाभी के मुंह से आह आह की आवाजें निकलने लगीं और बह अपनी गांड़ उठा उठा कर चुदवाने लगी।और जब बह पूरे जोश में आ गयी|
तो उनके मुंह से निकल पड़ा,”हाय हाय मज़ा आ रहा है और जोर से मारो मेरी फुद्दी हाय फाड़ दे अपनी भाभी की,हाय तेरा गधे जैसा मोटा और लम्बा लंड पूरा मेरी फुद्दी में घुसा दे,हाय मुझे जिंदगी में पहली बार असली मजा आने लगा है |
ज़ोर से धक्के लगा,हाय,मैं मर जाऊं तेरे लंड पे,अब जल्दी जल्दी धक्के लगा और जल्दी और और और और हाय हाय हाय मैं गई गई अब तू भी जल्दी जल्दी कर आह आह आह|” और भाभी ने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर को लिपेट कर मुझे जकड़ लिया |
जिससे मेरा पूरा लंड भाभी की फुद्दी के अंदर गहराई में अटक गया और मैं चाहकर भी हिल न सका। थोड़ी देर बाद भाभी की टांगों की पकड़ जब ढीली पड़ गई तो भाभी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और अपनी बाहों में कसकर अपनी छाती से लगा लिया|
और मेरे चेहरे को पागलों की तरह चूमने लगी जिस से मेरी सांस रुकने लगी और मेरा लंड फुद्दी में से बाहर निकल गया जो अभी तक पूरी तरह तना हुआ था। थोड़ी देर तक भाभी ने मुझे प्यार किया और फिर उठ कर मेरे लंड को पकड़ कर मुठ मारने लगी।
पर मेरा माल नहीं निकल पाया तो भाभी ने कहा अब मैं तुम्हें घोड़ी बन कर ऐसा मज़ा दूंगी कि तुम भी याद रखोगे| और मेरे सामने बह घुटनों के बल बैठ गई और जब उसने आगे को झुक कर अपनी गांड़ को पीछे से ऊपर उठाया |
तो उसके मोटे मोटे नितम्बों के बीच में भाभी की फुद्दी और गांड के सुराख को को देख कर मेरा दिल धक धक करने लगा और लंड खुद ही झटके खाने लगा। और जब मैंने दोनों नितम्बों पर हाथ फेरते हुए फुद्दी तक अपना हाथ पहुंचाया तो देखा कि बह बहुत गीली थी |
जिससे मेरे हाथ पर एक चिपचिपा सा पदार्थ लग गया तो भाभी ने कहा हाय अब मैं घोड़ी बन गई हूं और तुम अब जल्दी स अपने मोटे लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर मेरी फुद्दी के सुराख पर रखकर जोर जोर से धक्का लगाओ और मुझे फिर से चोद डालो।
तभी मैंने अपने तने हुए लंड के फूले हुए लाल सुपाड़े पर बहुत सारा थूक लगाया और अपने हाथ से पकड़ कर भाभी की चौड़ी हिप्स पर हाथ फेरते हुए भाभी की फुद्दी के सुराख पर सैट किया और भाभी की कमर को पकड़ कर ज़ोर का धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड भाभी की फुद्दी को चीरता हुआ अंदर चला गया।
फिर मैंने अपना लंड थोड़ा सा पीछे को खींचा और फिर और एक पुरजोर धक्का लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की फुद्दी में समा गया। फिर मैंने आहिस्ता आहिस्ता धक्के लगाने शुरू कर दिए।
मुझे बहुत ही मजा आने लगा तो मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और तब मेरे मुंह से निकलने लगा,”हाय भाभी मजा आ गया ,हाय हाय, तुम कितनी अच्छी हो हाय हाय |
तभी मेरी नज़र साईड की अलमारी में में लगे हुए बड़े आइने पर पड़ी जिसे देखकर मैं चौंक गया और मेरा जोश दोगुना हो गया क्योंकि उसमें से हमारी कामक्रीड़ा का लाईव शो साफ़ नज़र आ रहा था।जिसमें मुझे भाभी के मोटे मोटे मम्मों का झूलना,और भाभी की मोटी मोटी गोरी जांघ बहुत उत्तेजित कर रहे थे।
कार में छिनाल भाभी के साथ चुदाई -Bhabhi Sex Stories
तो मैंने भाभी से कहा,भाभी अपना चेहरा घुमा कर इधर तो देखो, क्या गज़ब का नज़ारा दिखाई दे रहा है, । तो भाभी आइने में अपनी चुदाई देख कर बहुत खुश हुई और थोड़ी सी घूम गई ताकि उसको अपनी चौड़ी गांड़ और फुद्दी दिखाई दे सके।
फिर बह बोली, देखो सोनू ऐसे दिख रहा है जैसे कि किसी बड़ी घोड़ी पर एक छोटा गधा चढ़ कर अपने मोटे और लम्बे लंड से चुदाई कर रहा हो,हाय बहुत मज़ा आ रहा है।
जल्दी जल्दी अपना मूसल जैसा लंड आगे पीछे करते रहो और मेरी फुद्दी को फ़ाड़ डालो,हाय हाय जल्दी जल्दी धक्के लगाओ हाय” और फिर मैं अपना पूरा लंड घुसा कर जोर जोर से धक्का लगाने लगा |
कुछ देर बाद मैंने भाभी की कमर को पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच कर भाभी की फुद्दी की गहराई में पिचकारी छोड़ दी और ऐसे ही कुछ देर रुका रहा। फिर जब मेरा सारा माल भाभी के अंदर निकल गया |
तो मेरी पकड़ ढीली पड़ गई और भाभी की सांसें भी चलना कम हुईं तो भाभी ने कहा अब अपना लंड बाहर निकाल लो और आकर मेरी छाती पर लेट जाओ।जब मेरे लंड से आखिरी बूंद तक निकल गई तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया जो अभी तक तना हुआ था|
जब मैंने मैंने उसे गौर से देखा तो उसका सुपाड़ा बहुत फूला हुआ था और लाल हो गया था। तभी भाभी ने अपने अपने सिरहाने के नीचे से एक छोटे से तौलिए को निकाला |
उससे पहले मेरे लंड को साफ़ किया और फिर उससे अपनी फुद्दी को साफ़ किया और फिर मुझे खींच कर अपनी छाती पर लिटा कर मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मुझे चूमते हुए प्यार करने लगी।