ये कहानी मेरी अम्मी और शहर के एक गुण्डे अफ़ताब की है, मेरी अम्मी बहुत सुंदर हैं, जिनका शरीर 32-30-32 का है। गहरे गले का ब्लाउज़, साड़ी में बलखाती कमर और मटकते चूतड़ किसी भी मर्द का पानी निचोड़ लें। अफ़ताब जो थे कई बार जेल आ जा चुके थे, कई अपहरण, छिनैती के सिलसिले में। एक दिन उनकी नजर अम्मी पर पड़ गई।
पहले मैं इन बातों से अनभिज्ञ था, तो अफ़ताब मेरे पास आये मुझे चाकलेट दिलवाने का बहाना कर मुझे कुछ सुंघा दिया और मेरी जब नींद खुली मैं उनके बिस्तर पर बिल्कुल नंगा था और अफ़ताब भी एकदम नंगे थे। मैं डरकर रोंने लगा तभी अफ़ताब जोर से डांटे मैं सहम कर चुप हो गया।
मेरे चूतड़ों पर कुछ चुभ रहा था मैंने पीछे मुड़कर देखा तो अफ़ताब का 8 इंच लंबा लौड़ा था। अफ़ताब मुझे ऊपर खींच कर फोंन पर बोलने लगे कि जाकर उसे ये फोटो दिखाना और कहना कि अगर अकेले नहीं आई तो अगली रात भर में इसकी गांड़ मारते हुए भरता तो बनाऊंगा ही और काटकर फेंक दूंगा।
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उधर से कुछ आवाज आई तभी अफ़ताब ने कहा, अरे समझ यार बहुत जेल की हवा खाई अब नहीं इसलिए ऐसा करने पर आराम से आ जायेगी बिस्तर पर नहीं। मैं ये सब छोड़ चुका था पर साली क्या रांड की जवानी है, एकदम पागल कर दी है।
मैं रात भर अफ़ताब के सीने से लगकर सोता रहा, सुबह खिलाया पिलाया गया और फिर सुला दिया गया। रात में जब नींद खुली तो अम्मी वहां अफ़ताब से बतिया रही थी कि मेरा बच्चा छोड़ दो, जो पैसा चाहिए ले लो, तुम जो चाहोगे मैं दूंगी। अफ़ताब बोले चल आज रात मेरे साथ सोजा।
अम्मी बोली तुम्हारा दिमाग खराब है, मैं शादीशुदा हूं। अफ़ताब बोले तो क्या हुआ चुदवा लेगी मुझसे भी तो क्या हो जायेगा। अम्मी बोली ऐसा मैं नहीं कर सकती। अफ़ताब बोले मेरी जान तेरे जैसी कितनी नखरीली रंडियों का बलात्कार किया है मैंने साली पहले नाटक करतीं हैं फिर सुस्त बाहों में नंगी सोती हैं और अपनी मर्जी से आ नहीं तो बेटा भूल जा।
मुझे तेरी जवानी का रस पीना है, पैसे मुझे नहीं चाहिए। अम्मी के पास कोई ऑप्शन नहीं था। तब तक मैं रोने लगा और अम्मी के पास आकर लिपट गया। अफ़ताब अम्मी के पास आये और मुझे ले जाने लगे। अम्मी बोली ठीक है मैं आपकी बात के लिए तैयार हूं, तो अफ़ताब बोले ठीक कल सुबह अपनें साथ बच्चे को भी ले जाना। आज रात तू मेरी रंडी है।
मुझे उनका नौकर दूर ले गया और अफ़ताब अम्मी के बगलों के अंदर से हाथ डालकर उनकी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगे और बोले मेरी जान तूने गरम ही इतना कर दिया कि क्या करूं तुझे चोदने का और कोई तरीका नहीं बचा था। अम्मी आहह धीरे दबाओ आह।
अफ़ताब बोले आज तू मेरी रंडी है और तुझे मैं अपनी मर्जी से चोदूंगा। इतनी बुरी तरह ब्लाउज के ऊपर से अम्मी के दूध अफ़ताब दबा रहे थे कि अम्मी उन्हें दूर झटक दीं, अफ़ताब नें उनकी साड़ी का एक छोर पकड़ लिया और अम्मी की घूमते घूमते साड़ी निकल गई। अम्मी बोली मैं पुलिस में कम्प्लेन करूंगी और दरवाजे की ओर जाने लगीं।
अफ़ताब दरवाजे पर पकड़ लिए और पीछे से उनका ब्लाउज हाथ में आया था, जो चरचराकर फट गया, अम्मी केवल ब्रा में दरवाजे से टकरा गईं, अफ़ताब तब तक पीछे से उनकी ब्रा भी निकाल दिए और पहले से ज्यादा और बेरहमी से उनकी चूचियों को दबाने लगे और बोले कहां जाओगी मेरी जान ये जो लौंड़ा खड़ा की हो शांत कौंन करेगा?
अम्मी छोड़ कुत्ते आह आह बचाओ मुझे आह नननहीं आह छोड़ मुझे छोड़ चिल्लाने लगीं। अफ़ताब अम्मी को उठाकर उस खटिया पर ले गये और अम्मी के हाथों को बांध दिया, ऊपरी सिरों से। अम्मी के शरीर पर केवल पेटिकोट ही था और छातियां डर के मारे ऊपर नीचे तेज़ी से हो रही थी।
अम्मी के ऊपर आकर उनके रसीले होंठों को चूसने लगे, अफ़ताब के दोनों हाथ अम्मी की चूचियों को दबाने में व्यस्त थे और अम्मी के बंधे हाथ कसमसा रहे थे, अम्मी अब चिल्ला भी नहीं पा रही थीं। उनके मुंह से मुमममुमहआहमुममममआह आ मुमममम आ मउउउमुम की आवाज आ रही थी।
अफ़ताब ने अम्मी की चूचियों को छोड़ कर उनके गालों को पकड़ कर उनके होंठों का रस पीने लगे। कुछ देर बाद वापस अम्मी की चूचियों पर लौट और उनके निप्पलों को काटते मसलते दबाते जा रहे थे, अम्मी के चिल्लाने की आवाज से सारा कमरा गूंज रहा था।
आह मेरी छाती ऐसे न दबा आआआआआह मेरे निप्पल आह छोड़ हरामखोर। अफ़ताब अम्मी का पेटीकोट भी निकाल दिए और अब उनके चूतड़ों को पकड़ कर उनकी चूत चाटने लगे और उनसे। अभी तक अम्मी चिल्ला रही थी अब सिसकने लगी आआआआई इसससस्स ननन इस्ससस कर।
अम्मी की इतनी गदराई जवानी देख अफ़ताब से भी रहा न गया और उन्होंने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड उनकी चूत पर रगड़नें लगे और अम्मी के हाथों को खोल दिया और उन्हें उठाकर अपनी गोद में बिठा लिया।
अब वासना के मारे अम्मी को भी अफ़ताब का वहशीपन सुकून दे रहा था, अम्मी अफ़ताब से लिपट गईं और अफ़ताब भी उन्हें सहलाने लगे, चूमनें, चाटने लगे। एक हाचूमनें, चाटने लगे। एक हाथ से उनकी चूची दबाते दूसरे से बुर सहलाते अफ़ताब अम्मी से पूछे अब बोल चुदेगी कि नहीं, अम्मी अफ़ताब के कंधे पर सर रखे पड़ी रहीं।
अफ़ताब उन्हें नीचे किये और उनके मुंह के अंदर लण्ड डालकर अपनीं जांघों से उनका सर दबा लिए और उनका मुंह चोदने लगे। अम्मी के मुंह से जब अफ़ताब ने अपना लंड निकाला एकदम सख्त लाल भन्नाया हुआ था।
अम्मी को अफ़ताब ने उठाया और हमारी ओर खड़ी करके उनकी चूचियों और बुर को मसलने लगे, उनका नौकर भी ये देखकर एकदम नंगा हो गया और अपना लंड सहलानें लगा।
अफ़ताब बोले ले देख सलमान ये गदराई रंडियां ऐसी ही होती हैं, अब बता मर्द की जात इन्हें दबोचेगी, मसलेगी, इनका सुख नहीं भोगेगी तो और क्या करेगी। रमुआ बोला मालिक इसकी चूंचियां पिला दीजिए बहुत मस्त दूध हैं इसके। अफ़ताब बोले चल आ जा और अम्मी को लेकर बिस्तर पर गये।
सलमान मुझे भी वहां लाया और कुर्सी से बांध दिया। अफ़ताब बोले अम्मी से आज तू मेरी रंडी और इसकी अम्मी है, अब चल इसे दूध पिला। अम्मी न नुकुर कर रहीं ही थीं कि सलमान अम्मी की चूचियों पर टूट पड़ा अफ़ताब अम्मी की टांगों और हाथों को पकड़ रखे थे, रमुआ जोर जोर अम्मी के निप्पलों को चूसने और दबाने लगा।
पीछे अफ़ताब का लंड अम्मी की गांड़ में घुस रहा था, आगे से सलमान उनकी चूचियों को दबा दबा कर पी रहा था, कुछ देर बाद उससे बर्दाश्त न हुआ और अपना लंड अम्मी की खुली चूत के अंदर दे मारा। अफ़ताब सकपका गये और अम्मी चिल्ला उठीं आह आआआआआआआआह आह, उसका लंड बड़ा तो नहीं मगर मोटा बहुत था।
जोर जोर से अम्मी को गालियां देने लगा, आह ले मादरचोद तेरी चूत की ऐसी की तैसी बुरचोदी रंडी कुतिया ले, ले मेरा लंड। अफ़ताब अम्मी को पकड़े थे और आगे से रमुआ उनकी चूत बजा रहा था, उनकी चूचियों को खूब दबा रहा था।
अचानक से उसका लंड पानी छोड़ दिया और अम्मी की चूचियों के बीच में सर घुसा कर शांत हो गया। अफ़ताब नें उसे चोदने दिया ताकि किसी और को न बताये पर अब अफ़ताब नें उसे बिस्तर से नीचे फेंक दिया और गाली देकर कहा मादरचोद चूची पीनें आया था, मेरी ही माल चोद डाली।
अम्मी को अपनी ओर घुमाया और वासना से पागल थे ही अपना लंड उनकी बुर में घुसेड़ कर घचाघच चोदने लगे। अम्मी अचानक से लगातार दो मर्दों का लंड लेकर भौचक थीं। अफ़ताब अम्मी जैसी माल को इतनी आसानी से चोदकर शांत होने वाले नहीं थे।
अफ़ताब उठ गये और अम्मी बिस्तर पर पड़ी रहीं अफ़ताब घचाघच चोदने लगे, अम्मी ऊह आह ईह करनें लगीं। पन्द्रह मिनट तक अफ़ताब अम्मी को उसी पोजीशन में चोदते रहे |
फिर करवट लेट अम्मी की एक टांग उठा कर मेरी ओर अम्मी की चूचियों को कर अम्मी की एक टांग को उठाकर अफ़ताब नीचे उनकी बुर में घुस गये और गये और दोनों हाथों से अम्मी की गेंदों को दबाते हुए पेलने लगे।
अम्मी बोलीं धीरे धीरे चोदिये बहुत दर्द होता है। मेरी चूचियों को धीरे धीरे दबाइए, चोदने तो दे रही हूं न। अफ़ताब अम्मी कुछ कहे बगैर उन्हें चोदते ही जा रहे थे, खटिया घचर घचर कर रही थी |
अम्मी की चूत फच फच। अफ़ताब और ज़ोर ज़ोर से अम्मी को चोद रहे थे और उनकी बुर भी सहला रहे थे, अम्मी की चूचियां बड़ी तेजी से ऊपर नीचे हो रही थीं।
अफ़ताब अम्मी के नीचे हुए अम्मी को ऊपर किया और अम्मी अफ़ताब पर लेट गईं, लंड उनके नीचे सेट कर उसपर अम्मी की चूतड़ अफ़ताब पटकनें लगे और उनके मम्मों को चूसने लगे, मेरा पेशाब जैसा पता नहीं क्या (उस टाइम पता नहीं था) छूटने लगा। मैं कुछ देर के लिए अचेत हो गया और जब थोड़ा होश हुआ तो अम्मी घोड़ी बनीं थीं और पीछे अफ़ताब उनकी सवारी कर रहे थे।
इतना जोर से अफ़ताब धक्का मार रहे थे कि अम्मी अपनी आवाज दबाने के लिए तकिया का एक सिरा चबानें लगीं। अम्मी के पायल छन छन सुर मिला रहे थे, उनकी चुदाई में। लोग रंडियां भी इतनी बुरी तरह नहीं चोदते |
जिस तरह अफ़ताब अम्मी को चोद रहे थे। अफ़ताब झड़ने ही वाले थे और अम्मी भी, इसलिए अम्मी को एकबारगी अपनी गोद में बिठा लिये और अफ़ताब अम्मी दोनों एक दूसरे की बाहों में सिसकते हुए शांत हो गये।दोस्तों मेरी अम्मी की चुदाई की कहानी आप लोगो को पंसद आई मुझे कमैंट्स में जरूर बताय |