मित्रो कामवाली को चोदने की इच्छा कौन नहीं रखता…! वैसे यह कामवालियां भी अक्सर साहब के लौड़े लेने के लिए ही काम करने आती हैं| लेकिन कभी कभी ऐसी कामवाली भी आती है जिन्हें चोदने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं|
फिर भी साली वह अपनी चूत देने में नखरे दिखाती हैं तो मन करता हैं उन्हें पेड़ के साथ बाँध कर उनकी गांड ही मार दूँ| मेरे फ्लेट्स में मैं अब तक तिन कामवालियां बदल चूका था|
पहली दो मैं से एक को चोदने में हर्ज था और दूसरी सिर्फ चुदवाने आती थी और सारा काम मुझे करना पड़ता था| बेचलर लाइफ थी क्यूंकि अभी पिएचडी ख़तम होने में और एक महिना बाकी रह गया था|
मेरे साथ के सभी साथी फ्लेट छोड़ छोड़ के जा चुके थे और मैं अकेला पीछे रह गया था| बोर लगता था लेकिन मैं अक्सर कोलेज की लायब्रेरी मैं ही अपना वक्त निकाल देता था|
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घर आके मुझे चोदने की इच्छा हो जाती थी क्यूंकि लायब्रेरी में बैठी हसीन गांड और स्तन को देख मेरा लंड कोलेज की लायब्रेरी में ही खड़ा हो जाता था| मैं एक कामवाली की तलाश में था जो काम करे और मुझ से चुदवायें, और वोह भी कम दामों में|
मैंने राशन के दूकान वाले शेट्टी और बेकरी वाले सुनील को बोल रखा था कामवाली के लिए| तिन दिन के बाद सुनील भाई ने कमली नाम की एक कामवाली को मेरे पास भेजा, जिसकी उम्र कुछ 28 की होगी|
कमली शक्ल से ही चुदक्कड लगती थी| घेरी रंग ककी लिपस्टिक, माथे में मस्त बिंदिया, गले में चेन और हाथ में मस्त महेंदी| मैं तो पहली बार इस सेक्सी कामवाली को देख उसे चोदने के स्वप्न वही देखने लगा|
मैंने उसे ऊपर से निचे देखा और दरवाजा खोल अंदर बुलाया, वोह मेरे सामने कुर्सी पर बैठने लगी| कुर्सी के ऊपर उसकी बड़ी गांड आ नहीं रही थी, लेकिन वो एडजस्ट कर के बैठ गई| मैंने उसे काम बताया और साथ में मैं कितने पैसे दे सकता हूँ वोह भी बताया| वोह काम करने को तैयार थी यह रेट में|
लेकिन उसकी दो शर्ते थी एक के वो बुधवार को काम नहीं करेंगी और दूसरा की वोह कचरा वगेरह करने शाम में आएंगी क्यूंकि वो कई और भी काम करती थी| मैंने उसकी शर्ते मान ली|
सच बताऊँ तो वो दो दिन में एक बार भी कचरा वगेरह करे तो कोई दिक्कत नहीं थी मुझे| कमली उठ के जा रही थी, मेरी नजर उसके स्तन के ऊपर ही गड़ी हुई थी| मटकती गांड को पकड़ के उसे दबाने को मन कर रहा था|
कमली को काम चालू किए तब दूसरा हफ्ता था| मैंने अभी तक उस से चुदाई की बात नहीं की थी| साली भाव तो दे रही थी मुझे लेकिन मैं जल्दबाजी कर के काम ख़राब नहीं करना चाहता था|
आज मैं कोलेज से जल्दी आ गया था| कमली के आने का समय हुआ नहीं था अभी| मैंने लेपटोप पे प्रिया राय की चुदाई की एक क्लिप देखी और मुठ मारने के लिए तौलिया ले के बाथरूम में चला गया| लक्स साबुन के पुरे पैसे वसूल करते हुए मैं उसे लंड पे सही तरह मल के मुठ मारी|
आँखे बंध कर के मैं कमली की याद में ही डंडा रगड़ने लगा| जबरदस्त छुट हुई और कुछ मिलीलिटर वीर्य नाली में बहने लगा| मुझे कुछ शांति जरुर मिल गई लेकिन मेरे मंद में कमली को चोदने की इच्छा और भी जागृत हो गई| लंड नाम का शैतान जाग उठा था |
जिसे सुलाने के लिए कमली की चूत ही शक्तिमान थी| तभी कमली आई, उसने आज मस्त लीले रंग की साडी और अंदर काली ब्लाउज डाली थी| मैं हररोज की तरह उसके स्तन की और ताकने लगा|
मुझे देख उसने साडी का पल्लू सही करने के एक्टिंग की| मैंने नजर तब भी नहीं हटाई उसके भरे हुए बूब्स से| कमली कमरे में झाड़ू लगाने लगी और मैं सोफे पर बैठ के लेपटोप देखने लगा|
मेरा सारा ध्यान कमली के ऊपर ही था, आज मुझे चोदने की बड़ी इच्छा हुई थी| मैंने देखा की कमली मेरे को उसके स्तन का हिस्सा देखने को मिले इस तरह निचे झुकती थी और स्तन के आगे की साडी हटा रही थी|
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मैं दो मिनट तक उसके ब्लाउज के अंदर उछलते हुए स्तन को देखता रहा और फिर मुझ से रहा नहीं गया| मैं उठा और सिगरेट लेने के बहाने मैं जानबूझ के कमली की गांड को टांग लगाते हुए चला|
मेरा पाँव उसकी गांड के ऊपर अड़ने के बावजूद कमली कुछ नहीं बोली| मैं दुबारा उसकी गांड घिसते हुए वापस लेपटोप के पास आके बैठ गया|
मुझे अब कमली को चोदने की बहुत ही खुजली हो रही थी, जैसे ही वोह नजदीक आके झाड़ू लगाने लगी मैंने पीछे से उसके गांड के ऊपर पाँव लगा दिया| मेरा अंगूठा उसके गांड के छेद की तरफ ही था|
उसकी चुप्पी मेरी हिम्मत बढ़ाने लगी और मैं उसकी गांड के ऊपर अंगूठे को घिसने लगा| वोह अभी भी जैसे की कुछ ना हुआ हो वैसे झाड़ू लगा रही थी| मैं अब खड़ा हुआ, मेरा लंड कब से चोदने के लिए बेताब था|
मैंने कमली को कंधे से पकड़ा और खड़ा किया| मैंने उसे कहा, कमली मुझे तुम्हे चोदना है, लेकिन अगर तुम्हारी मर्जी हो तो| कमली कुछ बोली नहीं लेकिन उसकी नजरें मेरे लंड की तरफ थी|
मैंने उसके साडी के पल्लू को साइड में किया और उसके भारी स्तन मसलने लगा| उसके स्तन में जबरदस्त कसाव आया हुआ था और वोह नजरे उठाये मुझे देखने लगी| मैंने धीमे धीमे कर उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए|
उसके बड़े बड़े स्तन देख चोदने का कीड़ा और भी उबाल मारने लगा| मैंने कमली को पूरा नंगा कर दिया| वोह हाँ तो नहीं बोली थी, लेकिन चुप रहने का मतलब तो हा ही होता हैं|मैंने अपने कपडे भी तुरंत उतार दिए|
कमली मेरे 9 इंच लम्बे लौड़े को देख के खुश हो गई और उसे हाथ में ले के मसलने लगी| चोदने की इच्छा जबरदस्त हुई थी इसलिए लौड़े में मस्त कसाव आया था|
कमली ने लंड को थोडा सहलाया और फिर बहुत देर तक हाथ में ले के हिलाया| मैं थोड़ी देर पहले ही मुठ मारके आया था इसलिए लंड अभी झड़ने के चांसिस बहुत ही कम थे|
कमली ने थोड़ी देर लंड हिलाने के बाद उसे सीधा मुहं में रखा| उसके होंठ लंड के ऊपर निचे होने लगे| उसके होंठ लंड को चोदने के लिए जैसे की उकसा रहे थे| वोह पूरा मुहं अपने गले तक भर लेती थी और फिर अपने होंठो को उसके उपर ऐसे चलाती थी जैसे की कुल्फी खा रही हो|
मेरी हालत खराब हो रही थी और मुझे इस देसी कामवाली को चोदने की असीम इच्छा होने लगी| मैंने कमली का सर पीछे से पकड़ा और उसके मुहं के अंदर ही झटके देने लगा|
कमली ने अपना मुहं मेरे झटके देने के वक्त थोडा खोल दिया जिस से मुझे उसका मुहं चोदने में कोई तकलीफ ना हो| मेरे झटके देने से उसके मुहं से…गोगूग्गग्गग्गग…||ऐसे आवाज आ रहे थे| मैंने करीब 2 मिनिट तक जम के उसके मुहं में लंड दिया|
कमली ने लंड अब मुहं से बहार निकाला और मैं उसे हाथ पकड़ के पलंग के तरफ ले गया| उसको मैंने पलग के ऊपर उल्टा लिटा दिया| वैसे भी डौगी स्टाइल मेरी फेवरेट थी |
इसलिए मैं हमेशां उसी स्टाइल में चोदने की इच्छा रखता था, हाँ कभी कभी कुछ लडकियां और आंटीयां पहेले से इस पोजीशन में चुदवाने को राजी नहीं होती क्यूंकि इसमें लंड पूरा पेनेट्रेट होता हैं| लेकिन कमली को पहले से कुतिया बनके लंड लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई|
मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड दे दिया| आह आह ओह ओह हम दोनों के मुहं से निकल पड़ा, कमली की चूत मस्त गर्म और चिकनी थी|
मेरे प्रत्येक झटके से जैसे की लंड के ऊपर एक अजब चिकनाहट महेसुस हो रही थी| कमली थोड़ी देर में ही अपनी गांड को हिला हिला के चोदने के मजे लेने लगी| मैंने भी उसकी सेक्सी गांड को दोनों तरफ से पकड़ लिया |
उसे जोर जोर से चोदने लगा| हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे और कमली की हालत तो मुझ से भी खराब हो गई थी क्यूंकि वैसे भी 9 इंच का लंड किसी भी पोजीशन में हालत ख़राब कर सकता हैं जब की यह तो डौगी स्टाइल थी|
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कमली की इसी तरह 10 मिनिट तक चुदाई होती रही और मुझे और जोर जोर से चोदने की मजा आने लगी थी| मैंने कमली को पूरा लंड बहार निकाल के वापस उसकी चूत में देता था|
वोह भी हिल हिल के लंड के मजे लेती रही, हाँ लेकिन वह अब एकदम धीमे धीमे हिल रही थी क्यूंकि इतनी हार्ड चुदाई से वह थक चुकी थी| मेरे लंड में अजब सा तनाव होने लगा और उसके अंदर जैसे की अजब ताकत आने लगी, मुझे लगा की अब मैं तुरंत झड जाऊँगा|
मैंने सोचा की कमली के अंदर ही झड़ जाऊं, लेकिन तभी मैंने सोचा की अगर गर्भ रह गया तो पंगे होंगे| सालाबिना कमाई में खर्चा हो जाएंगा| मैंने जोर जोर से दो झटके दिए और जैसे ही वीर्य निकलने वाला था |
मैंने लंड बहार खिंच लिया| लंड से वीर्य की एक नदी बहने लगी, मैंने सारा के सारा वीर्य कमली के गांड के ऊपर छिडक दिया…||वोह भी आह आह अ=करती हंस रही थी| मुझे आज पहली बार एक कामवाली को चोदने में इतना मजा आया था|