Bhai Behan ki Chudai : नमसकर दोस्तों मेरा नाम राहुल है, मैं मुंबई में रहता हूँ|मेरे परिवार में 4 लोग हैं| मैं मम्मी पापा और मेरी बहन पूजा |पूजा दी मुझसे 4 साल बड़ी हैं| वे दिखने एकदम हीरोइन लगती हैं|
उनके फिगर का साईज 34-30-36 उन्हें बड़ा ही मस्त माल बनाता है|पूजा दीदी अपनी पढ़ाई पूरी करके जॉब के लिए ट्राई कर रही थीं|तभी उनका इन्टरव्यू ठाणे में एक कंपनी से कॉल आया|
ठाणे में हमारा एक फ्लैट पहले से ही है जो खाली रहता है|पूजा दी ने मुझसे साथ चलने के लिए कहा|पापा ने हमारी टिकट करंट में एसी फर्स्ट में दो बर्थें बुक करवा दी और हम लोग शाम को ट्रेन में बैठ गए|
हम दोनों स्टेशन पर अपने एसी फर्स्ट वाले कूपे में चले गए| ये दो बर्थ वाला कूपा था|टीटीई से अपने टिकट चैक करवा कर हम दोनों अन्दर आ गए और कूपा अन्दर से लॉक कर लिया|अब हम दोनों बात करने लगे|
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बातों बातों में दीदी ने पूछ लिया- तेरी कोई गर्लफ्रैंड है?मैं,नहीं साले झूठ मत बोल, इतना हैंडसम होने के बाद भी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है … क्यों?मैं,आपके जैसी कोई आज तक मिली ही नहीं|
दीदी मुस्करा कर बोलीं,अच्छा बेटा मेरे जैसी का क्या मतलब?मैंने कहा,दीदी आपके जैसी सुंदर लड़की नहीं मिली|दीदी ने सेक्सी स्माईल दी और हम लोग खुल कर बात करने लगे|
मैंने कहा, शायद ऊपर वाला हमें कोई सिग्नल दे रहा है|दीदी बोलीं,क्या सिग्नल?तभी मैंने दीदी का चेहरा अपने दोनों हाथों में पकड़ा और बोला- दीदी आई लव यू| दीदी ने भी ‘आई लव यू टू|’ बोला|
मैं,दीदी मैं आपसे वो वाला प्यार करता हूँ|दीदी, कौन सा वाला!दीदी मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ|’दीदी बोलीं,पागल हो गए हो क्या … मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूँ|मैंने कहा,तो क्या हुआ दीदी आप बताइए|
दीदी आपका सेक्स करने का मन नहीं करता क्या? वे बोलीं,करता तो है लेकिन तुम मेरे भाई हो| मैं तुम्हारे साथ नहीं कर सकती|मैंने कहा,दीदी, कहीं बाहर जाकर करोगी तो बदनामी होगी और कोई ब्लैकमेल भी कर सकता है|
आप घर में ही कर लो ना!दीदी चुप हो गईं| मैं दीदी के पास जाकर बैठ गया और उनके होंठों पर होंठ रख दिए| अब दीदी भी मेरा साथ देने लगीं|मेरा हाथ उनके बूब्स पर चल रहा था|
दीदी एक टॉप और जींस पहनी हुई थीं|मैंने अपना हाथ दीदी के टॉप में डाल दिया और उनके एक दूध को दबाने लगा|वे नशीली आंखों से देखती हुई बोलीं- कपड़ों के ऊपर से मजा लेना है क्या?
मैंने दीदी का टॉप उतार दिया|अब दीदी मेरे सामने ब्रा और जींस में थीं|शायद पहली बार किसी और ने उनके साथ ऐसा किया था|उनका मखमल सा जिस्म चमक रहा था|मैं उनके होंठों को चूस रहा था और ब्रा के ऊपर से ही बूब्स दबा रहा था|
कभी दीदी आह आह कर देतीं, तो मुझे जोश आ जाता था| अब मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और पैंट भी| मैं केवल नेकर में था|दीदी का हाथ मेरे नेकर के ऊपर से ही लंड पर था|
मैंने दीदी की पैंट खोल कर उतार दी| दीदी मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थीं|मैं बता नहीं सकता कि मेरी बहन क्या कांटा माल लग रही थी|उनके जिस्म को देख कर मैं पागल हुआ जा रहा था|
तभी दीदी खड़ी हुईं और उन्होंने मेरा नेकर उतर दिया|मेरा लंड फनफना कर बाहर आ गया|‘राहुल तेरा लंड तो बहुत ही बड़ा है|’वे घुटनों के बल बैठ कर मेरे लौड़े को मुँह में लेने लगीं|मैं सातवें आसमान पर था|
मत पूछो कि कितना ज्यादा मजा आ रहा था| एक गदराई हुई बहन अपने भाई के लंड को चूस रही थी|मैं मादक आवाज में सीत्कार कर रहा था- आह दीदी, कितना अच्छा चूसती हो|
तुम मस्त हो मेरी बहना … आह आह आह चूस लो मेरे लौड़े को … आह मजा आ गया|कुछ मिनट दीदी ने मेरा लंड चूसा|उसके बाद मैंने दीदी को उठाया और गले से लगा लिया|
पीछे हाथ ले जाकर मैंने अपनी बहन की ब्रा का हुक खोल दिया|मैंने अपनी दीदी की चूचियों को आजाद कर दिया और उन्हें एक छोटे बच्चे की तरह पीने लगा|मैं दीदी की चूचियां पी रहा था|
दीदी के मुँह से आई आह यस … उह्ह्ह्ह हम्म्म आह आह की आवाज निकली जा रही थी| वे बोली जा रही थीं- आह चूसो मेरे बहनचोद भाई आह … पी जा साले इनका सारा रस|
अब मैंने दीदी को बर्थ पर लिटा लिया और उनकी पैंटी भी उतार दी|हम दोनों भाई बहन पूरे नंगे थे और ट्रेन भी अपनी फुल स्पीड में चल रही थी| दीदी बोले जा रही थींआह राहुल अब रहा नहीं जा रहा है |
मुझे चोद दो प्लीज … मेरी चूत में अपना लंड डाल दो|मैंने भी देर करना उचित नहीं समझा| मैं दीदी के मुँह के आगे लंड लाया और बोला- लौड़े को गीला करो दीदी|दीदी ने तुरंत मेरा लंड मुँह में लेकर अच्छे से गीला कर दिया|
मैंने उनकी दोनों टांगें फैलाईं और एक झटका दे मारा|मेरा टोपा उनकी चूत में चला गया और दीदी की बुरी तरह चीख निकल गई- आआ … आह्हह निकालो इसे … फट गई मेरी|
वे लगभग रोने लगीं और कसमसा कर ऊपर को होने लगीं|पर मेरी पकड़ काफी मजबूत थी, तो उनसे हिलना भी नहीं हो पाया|‘मुझे छोड़ दो प्लीज … मैं मर जाऊंगी निकालो इसे … मुझे नहीं चुदना|’
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दीदी की आंखों से आंसू आ रहे थे|मैं उसी पोजीशन में रुका रहा, उनके होंठों को चूसता रहा और बूब्स को दबाता रहा| इससे दीदी का दर्द कुछ कम हुआ|मैंने दूसरा झटका दे मारा|
इस वजह से पूरा लंड दीदी की चूत को चीरता हुआ चला गया|दीदी बेहोश हो गईं|मैंने दीदी की चूत से बिना लंड निकाले बिना पास में रखी पानी की बोतल से उनके मुँह पर पानी गिरा दिया|तभी दीदी होश में आ गईं और रोने लगीं|
मैं भी उनके बूब्स को हल्के हल्के दबा रहा था|थोड़ा दर्द कम हुआ तो मैं अपने लंड को आगे पीछे करने लगा|अब पूजा दीदी को भी चूत चुदवाने में मजा आने लगा था|वे भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगीं |
कहने लगीं- आह्ह्ह मेरे राजा चोद दे अपनी बहन को … फाड़ दे मेरी चूत को आह यस आआहह मेरे बहन के लौड़े भाई और तेज और तेज पूरा अन्दर तक डाल मादरचोद … फाड़ दे भोसड़ी के … आह आज मैं तेरी बहन नहीं … तेरी रखैल हूँ |
पूरा अन्दर तक डाल … गाभिन कर दे मुझे … चोद चोद कर मां बना दे साले … आज से तेरी रंडी हूँ मैं … मार मेरी चूत आह्ह मेरे राजा और तेज पेल … कितना मजा आ रहा है भाई का लंड लेने में आआह्हह अह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह|
मैं भी जोश में आकर जोर जोर से पेले जा रहा था- हां, साली कुतिया तू मेरी रंडी है आज से … तेरी चूत और गांड दोनों फाड़ूँगा बहन की लौड़ी रंडी … अब तक कहां थी साली छिनाल … आआह्ह उह्ह्ह मेरी जान|
पूजा दीदी दो बार झड़ चुकी थीं|मेरा भी होने वाला था|‘मेरा रस आने वाला है मेरी जान कहां लेगी?’पूजा दीदी बोलीं,मेरी चूत को भर दो आज अपने माल से आह| ये सुनकर मैं बिंदास हो गया |
कुछ ही झटकों के बाद मैं निढाल होकर अपनी बहन के मम्मों पर गिर गया| ट्रेन फक के बाद कब हम दोनों नींद के आगोश में चले गए, हमें पता भी नहीं चला|फिर सुबह 4 बजे मेरी आंख खुली| मैंने देखा कि दीदी अभी भी सो रही थीं|
मैंने नेट पर देखा तो हम लोग ठाणे पहुंचने वाले थे|मैंने दीदी को उठाया|वे उठीं तो उनसे चला भी नहीं जा रहा था|उन्होंने अपनी ब्रा पैंटी टॉप और जींस पहन ली|मैं उन्हें सहारा देकर वॉशरूम ले गया और उन्हें साफ किया|सुबह हो गई थी|
हमारा स्टेशन भी आ गया था| तब हम दोनों उतरे और हमने एक टैक्सी की और अपने फ्लैट की तरफ चल दिए|फ्लैट की लिफ्ट तक दीदी को मैं सहारा देकर ले गया|फ्लैट में जाते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया|
मैंने पीछे से दीदी के बूब्स पकड़ लिए|‘राहुल कम से कम ठीक से बैठने तो दे|मैंने दीदी से कहा, दीदी आप अपना टॉप उतार दो|दीदी मना करने लगीं और सोफे पर जाकर बैठ गईं|
मैंने दीदी से पूछा,दीदी चुदाई में मजा आया ना!यह कहते हुए मैंने अपनी बहन के मम्मों पर किस कर दिया|दीदी बोलीं,बहुत ज्यादा मजा आया| काश मैं तेरा लंड लेकर हमेशा घूमूँ| हमेशा तेरा लंड मेरी चूत में पड़ा रहे|
तो देर किस बात की, खोलो अपनी चूत … डाल लंड देता हूँ!‘अभी नहीं, पहले फ्रेश हो लेती हूँ … फिर कहीं घूमने चलेंगे| रात को मस्ती करेंगे|’‘चलो आज साथ नहाते हैं|’ मैंने कहा|दीदी बोलीं,ठीक है, पर तुम मुझे वॉशरूम में चोदोगे नहीं पहले वादा करो|
मैंने कहा- ओके प्रोमिस|फिर मैंने दीदी का टॉप उतारा, पैंट उतारी … ब्रा और पैंटी भी उतार दी|दीदी ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए|मैं दीदी को गोद में उठा कर वॉशरूम में ले गया|
अपनी सगी बहन की चूची और चूत पर साबुन लगा कर अच्छे से नहलाया और उन्होंने मेरे लंड पर साबुन लगा कर मुझे नहलाया| फिर हम लोग नहा कर बाहर आ गए|मैंने दीदी से कपड़े पहने से मना कर दिया और हम दोनों एक दूसरे का जिस्म पौंछ कर ऐसे ही बाहर आ गए|
अब हमें भूख भी लगने लगी थी|मैंने खाना ऑर्डर कर दिया| खाना खाने के बाद दीदी ने कहा,चलो मूवी देखने चलते हैं|मैंने ओके कह दिया| दीदी ने पूछा- क्या पहन कर चलूँ?‘जो जल्दी खुल जाए |
वो पहन लो|’दीदी ब्रा पहनने लगीं|मैंने मनाकर दिया|दीदी ने एक गाउन पहन लिया, बिना ब्रा और पैंटी के|उसमें आगे पूरे बटन थे| कोई सा बटन खोल कर कुछ भी कर सकते थे| दीदी के निप्पल साफ दिख रहे थे|
फिर दीदी ने एक दुपट्टा डाल लिया और हम लोग चल पड़े| मैंने लास्ट कॉर्नर की दो सीटें बुक करा ली थीं|मूवी भी बड़ी ही सेक्सी थी| उसमें ज्यादा भीड़ भी नहीं थी|पूरे हॉल में 20 लोग रहे होंगे|
मैंने अंधेरा होते ही अपनी दीदी के बूब्स दबाने चालू कर दिए|दीदी की चूत पर हाथ रख दिया|दीदी ने मना कर दिया|वे बोलीं,मेरा गाउन खराब हो जाएगा| मैं भी नहीं चाहता था कि दीदी को कोई दिक्कत हो|
ठरकी बाबा के आश्रम में चुदाई का नंगा नाच – Desi Sex Kahani
इंटरवेल में मैं टिश्यू पेपर ले आया|वे बोलीं,इसका क्या करेगा?मैं बोला,अभी पता चल जाएगा|दीदी जाकर पहले बैठ गईं|मैंने नीचे से बटन खोलना शुरू कर दिया|दीदी बोलीं,क्या कर रहे हो?मैंने पेट तक बटन खोल दिए और कहा,जरा उछलो|
वे उचकीं, तो मैंने उनका गाउन पीछे से उठाया दिया और चूत में उंगली करने लगा|दीदी ने सेक्सी स्माइल दे दी|उन्होंने भी मेरा लंड निकाल लिया|मैंने दीदी से कहा, चूसो|वे बोली,यहीं?मैंने कहा, हां|वे लंड चूसने लगीं|
मैं उनकी चूत में उंगली करने लगा|मैं दीदी के मुँह में और दीदी सीट पर झड़ गईं दीदी मेरा सारा माल पी गईं|फिर मैंने टिश्यू पेपर से दीदी का मुँह और जांघें पौंछ दीं|बाद में हम दोनों घर के लिए निकल गए|
दूसरे दिन दीदी ने इंटरव्यू दिया और सिलेक्ट हो गईं|हम लोगों को जब मौका मिलता है, घर में चुदाई का मजा आने लगता है|एक दिन दीदी ने पापा से कहा- राहुल को भी मेरे साथ वहीं भेज दो|
राहुल वहीं पढ़ता भी रहेगा और मेरे साथ रहने के लिए भी कोई मिल जाएगा| पापा मान गए और मेरा दाखिला वहीं एक कॉलेज में करवा दिया|अब हम दोनों भाई बहन बिंदास चुदाई का मजा लेते हैं|
दीदी अपने लिए कोई बाहरी लंड भी फ्लैट में ले आती हैं या कभी मैं किसी लड़की को ले आता हूँ|हम दोनों भाई बहन ग्रुप सेक्स का मजा भी ले लेते हैं|
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