Muslim Sex Story :मेरा नाम हसीना है दोस्तो.मैं 40 साल की एक मदमस्त, खूबसूरत और हॉट औरत हूँ।मेरा जिस्म बड़ा, गठीला रसीला और मनमोहक है।मेरी आँखें बड़ी बड़ी हैं, मेरे मम्मे बड़े बड़े हैं
मेरे बाल लम्बे और काले हैं. मेरी बाहों की गोलाई तो बहुत ही सेक्सी हैं इसलिए मैं अक्सर स्लीवलेस कपड़े ही पहनती हूँ।और मेरी गांड बड़ी आकर्षक है और मेरी चाल पर तो जाने कितने लोग अपनी जान देते हैं।
मैं जब चलती हूँ तो आगे से मेरे बूब्स हिलते हैं और पीछे से मेरी गांड।लोग मुझे देखकर अपना लण्ड सहलाते हैं।कुछ लोग कमैंट्स पास करते हैं, वाह, क्या मस्त माल है यार! मन करता है|
कि इसके मुंह में लंड पेल दूँ! एक बार पकड़ ले मेरा तो मज़ा आ जाए. ज़रा पलट के देख मेरी जान! इसकी गांड तो बड़ी मस्त है यार! इसे चोदने में बड़ा मज़ा आएगा. मन करता है कि इसकी चूचियों में लण्ड पेल दूँ अभी!
यह सब सुनकर मैं एन्जॉय करती हूँ।मुझे भी इन सबके लण्ड पकड़ने का मन करता है।मेरा भी मन इनको अपना नंगा जिस्म दिखाने का हो जाता है। अब ज़रा सोचो कि मेरी 40 साल की उम्र में लोग ऐसे कमैंट्स पास करते हैं|
होटल में देसी माल की बुर चुदाई का मूहुर्त – Hindi Sex Story
तो जब मैं 20 / 30 की थी तो क्या क्या करते होंगे? मैं बहनचोद बड़ी अय्याश और घुटी हुई औरत हूँ।ऊपर से बड़ी शरीफ और सीधी सादी औरत लगती हूँ पर अंदर से मैं बड़ी बदचलन, बेहया और चुदक्कड़ औरत हूँ।
मुझे किसी का भी लण्ड अपनी चूत में पेलवाने में देर नहीं लगती।लण्ड पहले मेरे हाथ में आता है, फिर मेरे मुंह में जाता है और फिर सीधे मेरी चूत में घुस जाता है।मैं पढ़ाई के दिनों से ही धकापेल चुदवा रही हूँ।
चुदवाने में न मैं कभी रुकी और न कभी थकी।कभी कभी तो एक ही रात में कई कई लण्ड मेरी चूत में घुस जाते हैं और मैं सबके लण्ड का मज़ा लेती हूँ।मुझे गैर मर्दों से चुदवाने का जबरदस्त शौक है।
मैं मादरचोद ग़ैर मर्दों के लण्ड से बेपनाह मुहब्बत करती हूँ; उनके लण्ड की इबादत करती हूँ और उनके लण्ड के साथ खेलती हूँ।मैं अपनी शादी के पहले खूब अच्छी तरह चुदी हुई थी।
सुहागरात में मैंने इतने नखरे किये, इतनी सिसकारियां मारीं, इतनी जोर से चिल्लाई कि मेरे मियाँ को यकीन हो गया कि वह आज ही अपनी बीवी की कोरी चूत की सील तोड़ रहा है।
उस भोसड़ी वाले को पता ही नहीं चला कि मैं दर्जनों लण्ड खा कर आई हूँ।वैसे लण्ड उसका भी बड़ा मस्त था।फिर मेरी लाइफ चुदते चदाते हुए आगे बढ़ने लगी।इसी बीच मैं माँ बन गयी।
मेरा बेटा सुलेमान 25 साल का मस्त जवान हो गया, वह बिलकुल मर्द बन गया।वह हैंडसम था, स्मार्ट था और कॉलेज में पढ़ रहा था।कॉलेज की कुछ लड़के उसके दोस्त बन गए।उसके दोस्त मेरे घर आने जाने लगे।
उन लड़कों में एक लड़का अनवर नाम का भी था।अनवर अक्सर मेरे घर आता था, मुझसे भी खूब अच्छी तरह से बोलता था, बातचीत करता था।मैं भी उससे बड़े प्यार से बात करने लगी।
फिर पता नहीं क्या हुआ कि एक दिन मेरे मन में उसके लिए अजीब तरह के ख्याल आने लगे।मैंने सोचा कि यह भी मेरे बेटे के बराबर है, मर्द बन गया है तो इसका लण्ड तो अब चूत चोदने वाला हो गया होगा।
मेरा मन उसका लण्ड देखने के लिए मचलने लगा।मैं दिन रात उसके लण्ड के बारे में सोचने लगी, लण्ड के साइज का अनुमान लगाने लगी।फिर ख्याल आया कि इसका भी लण्ड मेरे बेटे के लण्ड की तरह ही होगा.
तो क्यों न मैं पहले अपने बेटे का लण्ड देखूं और फिर अनवर के लण्ड का अनुमान लगाऊं!बस मैं अपने बेटे का लण्ड देखने की कोशिश करने लगी।एक दिन वह बाथरूम में नहाने गया तो इत्तिफाक से तौलिया बाहर ही भूल गया।
वह बोला, अम्मी, ज़रा तौलिया देना।मैंने तौलिया लिया और बाथरूम का दरवाजा खोल दिया।उसे मैंने एकदम नंगा देख लिया, उसका लटकता हुआ लण्ड देख लिया, लण्ड का सुपारा देख लिया।
मेरे मन में आया कि जब अभी इतना बड़ा लण्ड है तो खड़ा होकर तो और बड़ा हो जाएगा।ऐसा ही अनवर का भी लण्ड होगा।वह नहा धोकर नाश्ता करके चला गया.तभी अचानक अनवर आ गया।
उस समय मैं एक तंग ब्रा पहने थी और नीचे एक पजामा।मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ बाहर निकलने के लिए बेताब हो रही थीं।अनवर बड़े गौर से मेरे मम्मे देखने लगा।आज मैं उसे बुरी नियत से देखने लगी, ललचाई नज़रों से देखने लगी।
मेरा मन हुआ कि मैं इसे अभी नंगा करके इसका लण्ड पकड़ लूँ?मैंने पूछा, बेटा अनवर, तेरा दोस्त सुलेमान कहाँ गया होगा?वह बोला, वह मेरी अम्मी के पास गया होगा आंटी। मेरी अम्मी उसे बहुत चाहती है।
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सुलेमान की बड़ी तारीफ़ करतीं हैं मेरी अम्मी जान!मैंने कहा, मैं भी तेरी बड़ी तारीफ करती हूँ बेटा अनवर! तुम अगर मुझे अपना कसरती जिस्म दिखा दो मैं तेरी और तारीफ करने लगूंगी।
उसके गाल थपथपाकर मैंने यह बात कही.वह बोला, अरे आंटी, इसमें क्या लो देख लो मेरा जिस्म ,मैं अभी अपने कपड़े उतार देता हूँ।उसने सच में अपने कपड़े उतार दिये और केवल एक चड्डी में मेरे आगे खड़ा हो गया।
मैंने उसके बदन पर हाथ फेरते हुए कहा, माशाल्ला, तेरा जिस्म तो बड़ा खूबसूरत है बेटा अनवर! तेरी चौड़ी छाती, बड़े बड़े चौड़े कंधे, मस्त भुजाएं और तेरी जाँघों की मसल्स सब कुछ बड़ा सेक्सी दिख रहा है।
कुछ तो अभी भी छिपा हुआ है बेटा हनीफ, वह भी दिखा दो न मुझे!वह मुस्कराता हुआ बोला, अरे आंटी, तब तो मैं नंगा हो जाऊंगा?मैंने कहा, तो क्या हुआ? मैंने तो तुझे नंगा कई बार देखा है। एक बार और सही
मैं बहनचोद तेरी अम्मी के बराबर हूँ। मुझसे क्या शर्माना?वह मेरी बातों में आ गया और अपनी चड्डी खोल कर फेंक दी।मैंने जैसे ही उसका लण्ड देखा तो मेरे बदन में आग लग गयी; टूट पड़ी मैं उसके लण्ड पर!
मैंने लण्ड फ़ौरन अपनी मुठ्ठी में लिया और उसकी कई चुम्मियाँ ले लीं, पेल्हड़ भी चूमें।मेरे पकड़ते ही लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया।मुझे लण्ड पसंद आ गया।
मेरे मुंह से निकला, वाओ … क्या मस्त लौड़ा है तेरा यार! माँ चोदने वाला हो गया है तेरा भोसड़ी का लण्ड! कभी किसी की माँ चोदी है तूने बेटा हनीफ?वह बोला, माँ तो नहीं चोदी लेकिन अपनी फूफी का भोसड़ा जरूर चोदा है।
मैंने कहा, हां तो हो गया न माँ चोदना? अब किसी दिन अपनी माँ भी चोद लेना।वह हंसने लगा।मैंने फिर बड़े प्यार से कहा, तेरा लण्ड तो सुलेमान के लण्ड के बड़ा लग रहा है बेटा हनीफ?
वह बोला, अरे आंटी, मेरी तो अम्मी जान कह रही थीं कि सुलेमान का लण्ड मेरे लण्ड से बड़ा है?मैंने पूछा, तो क्या तेरी अम्मी ने मेरे बेटे सुलेमान का लण्ड पकड़ा है?वह बोला, हां पकड़ा है
तभी तो यह बात कह रही थीं मेरी अम्मी जान!मैंने कहा, तो फिर मैं भी तेरा लण्ड पकड़ कर अच्छी तरह देखूंगी बेटा अनवर इसी बीच मैंने अपनी ब्रा खोल दी तो मेरी चूचियाँ अनवर के आगे एकदम नंगी हो गईं।
मैं लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी।मुझे लण्ड चूसने का पूरा मज़ा आने लगा।मैंने कहा, आज से तू मेरा नया यार है। मैं तेरे लण्ड की दीवानी हो गई हूँ।वह भी मूड में आ गया और मेरे मम्मे मसलने लगा, बोला, आंटी, तेरे मम्मे बहुत बड़े बड़े हैं।
मैं इनके बीच में लण्ड पेल दूँ अपना?मैंने कहा, हां बिल्कुल पेल ड़े लण्ड। खूब मस्ती से चोद मेरे मम्मे!मैं नंगी सोफा पर बैठ गयी और उसने खड़े होकर लण्ड मेरी दोनों चूचियों के बीच में घुसेड़ दिया।
मैंने भी अपने दोनों हाथों से बूब्स दबाकर लण्ड के लिए सुरंग बना दी।फिर क्या … वह बार बार इसी सुरंग में लंड पेलने लगा और मैं हर बार उसका सुपारा चाटने लगी।मुझे अपने बूब्स चुदवाने का पूरा मज़ा मिलने लगा।
मैं बहुत खुश थी क्योंकि मैं जो चाहती थी, वही हो रहा था।कुछ देर में ही वह झड़ गया.और तब मैंने पहली बार उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो उसे बहुत अच्छा लगा।मैंने कहा, यार, तेरा लण्ड बड़ा स्वादिष्ट है
अनवरअब अगली बार आना तो पेलना मेरी चूत में लण्ड और चोदना अपने दोस्त की माँ का भोसड़ा!वह चला गया और मैं चुदाई का प्लान बनाने लगी।फिर मैंने अनवर की अम्मी सकीरा से बात की और दोपहर में उसके घर पहुँच गयी।
सकीरा मेरी पुरानी सहेली है।उसने मुझे बड़े प्यार और अदब से बैठाया।फिर हम दोनों बातें करने लगीं।बातों बातों वह बोली, यार हसीना , तेरे बेटे सुलेमान का लण्ड तो बहुत बड़ा है
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मैंने पूछा, तूने क्या पकड़ कर देखा है उसका लण्ड?उसने कहा, हां पकड़ कर देखा है, तभी तो बता रही हूँ।वह बताने लगी:हुआ यह कि उस दिन पानी बरस रहा था।जब वह मेरे घर आया तो बिल्कुल भीगा हुआ था।
मैंने कहा, बेटा अपना पजामा खोल डालो और लुंगी पहन लो.जैसे ही उसने पजामा खोला और अपने दोनों हाथों से लुंगी पकड़ी वैसे ही मैंने उसका नंगा लटकता हुआ लण्ड देख लिया।
लण्ड के टोपा पर नज़र पड़ी तो मेरे बदन में आग लग गयी।मैंने फ़ौरन एक हाथ से उसकी लुंगी छीन ली और दूसरे हाथ से उसका लण्ड पकड़ लिया।मेरे मुंह से निकला, हायल्ला इतना बड़ा लण्ड?
इतना मोटा लण्ड? इतना शानदार लण्ड? तेरा लण्ड तो एक 40 / 45 साल के आदमी के लण्ड जैसा है बेटा सुलेमान ! बड़ा मस्त भोसड़ा चोदने वाला है तेरा लण्ड.बस मैंने लण्ड का सुपारा बड़े प्यार से चाटा और फिर पूरा लण्ड मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगी।
मैं लण्ड तब तक चूसती रही जब तक कि वह मेरे मुंह में झड़ नहीं गया।वह आगे बोली, तेरे बेटे का झड़ता हुआ लण्ड बड़ा टेस्टी है यार हसीना !मैंने कहा, यार क्या इत्तिफाक है!
कल मैंने भी तेरे बेटे अनवर का लण्ड चूसा और वह भी मुझे बड़ा टेस्टी लगा। वह भी मेरे मुंह में झड़ गया था। एक बात है कि न तेरा बेटा मुझे चोद पाया और न मेरा बेटा तुझे चोद पाया।
वह बोली, यार हसीना , ऐसा कुछ करो कि मेरा बेटा मेरे सामने तुझे चोदे और तेरा बेटा तेरे सामने मुझे चोदे। हम दोनों एक ही बेड पर एक दूसरे के बेटे से चुदवाकर कर मज़ा लें।
मैंने कहा, हां यार, यही मैं भी सोंच रही हूँ। तो फिर आज रात को 9 बजे तुम अपने बेटे के साथ मेरे घर आ जाना। मैं इतना जानती हूँ कि तेरा बेटा मुझसे चोदना चाहता है।वह बोली, और तेरा बेटा मुझे चोदना चाहता है।
तो फिर दोनों की चाहत पूरी कर दी जाए क्योंकि हम दोनों एक दूसरे के बेटे के लण्ड को बेहद पसंद करती हैं। वैसे भी हम दोनों बड़ी बेशरम चुदक्कड़ औरतें हैं।वह बड़े प्यार से मजाक करती हुई
बोली, तब तो मेरा बेटा चोदेगा तेरे बेटे की माँ का भोसड़ा, हसीना !मैंने भी मस्ती से जबाब दिया, मेरा भी बेटा चोदेगा तेरे बेटे की माँ की चूत सकीरा! तब आएगा असली मज़ा!फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
रात को सही समय पर सकीरा अपने बेटे अनवर के साथ आ गयी।मैंने अनवर को देखा तो मेरे बदन में सुरसुरी होने लगी।उसने भी मेरे बेटे सुलेमान को हसरत भरी निगाहों से देखा तो उसकी भी चूत गर्म हो गई।
हम चारों लोग एक दूसरे से अच्छी तरह परिचित थे।इसलिए किसी को कोई न शर्म थी और न किसी तरह का डर.हम सब खुल कर बातें करने लगे।बेटों के आगे गन्दी गन्दी बातें करने लगे तो उनको भी मज़ा आने लगा |
सकीरा और मैंने गाउन पहना था नीचे हम दोनों भोसड़ी वाली नंगी थीं।लड़कों ने कुर्ता और पजामा पहन रखा था।मुझे तो अनवर का लण्ड अपनी चूत में पेलवाने की बड़ी जल्दी थी
इसलिए मैं रुकी नहीं और उसका कुर्ता उतार कर फेंक दिया।फिर उसके पाजामे का नाड़ा खोल कर हाथ अंदर घुसेड़ दिया।मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया तो मैं मुस्कराने लगी|
उधर सकीरा भी मेरे बेटे का लण्ड अंदर ही अंदर सहला रही थी।मैंने थोड़ी बेशर्मी दिखाई और अपना गाउन खोल डाला.मैं सबके आगे नंगी हो गयी।सकीरा भी चूत चोदी नंगी हो गयी।
मज़ा तो तब बहुत ज्यादा आया जब हम चारों एकदम नंग धड़ंग हो गए।मेरे बेटे ने मुझे पहली बार नंगी देखा तो वह उत्तेजित गया।अनवर ने भी पहली बार अपनी अम्मी को नंगी देखा तो बोला, अम्मी जान, तुम बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही हो।
तब तक मैंने उसके बेटे अनवर का लण्ड बाहर निकाल लिया और उसने मेरे बेटे सुलेमान का लण्ड।फिर क्या , मैं उसके सामने एकदम नंगी उसके बेटे का लण्ड चूसने लगी और वह भी मेरे सामने एकदम नंगी मेरे बेटे का लण्ड चूसने लगी।
मेरा बेटा सकीरा की चूचियाँ दबाने लगा और उसका बेटा मेरी चूचियाँ दबाने लगा।मेरी चूत पर उसके बेटे का हाथ आ गया और उसकी चूत पर मेरे बेटे का हाथ चला गया।
मैं सकीरा को अपने बेटे का लण्ड चूसते हुए बड़े गौर से देख रही थी।मैंने मन में कहा कि लण्ड तो वाकई बड़ा गज़ब का है मेरे बेटे का।मुझे अपने बेटे के लण्ड पर गुमान होने लगा।सच बताऊँ दोस्तो, मैं अपने ही बेटे के लण्ड पर मर मिटी।
इधर अनवर का लण्ड भी मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था।मैं बहुत जोश में आ गयी।तब तक अनवर बोला, आंटी, मैं लण्ड तेरी चूत में पेल दूँ?मैंने कहा, हां बेटा पेल दो पूरा लण्ड , मुझसे और रुका नहीं जा रहा।
उसने जब गच्च से लण्ड घुसेड़ा मेरी चूत में … तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आया.फिर मैं बिंदास एक रंडी की तरह अपने बेटे के सामने सकीरा के बेटे से चुदवाने लगी।मेरा बेटा सुलेमान मेरी चूत चुदती हुई चूत बड़े गौर से देखने लगा।
फिर उसे भी ताव आ गया तो उसने अपना लण्ड अनवर की माँ सकीरा चूत में भक्क से घुसा दिया।मेरा बेटा मेरे सामने अनवर की माँ चोदने लगा।वह जिस तरह से चोद रहा था उससे मुझे लगा कि मेरा बेटा कई चूत पहले ही चोद चुका है।
उसे चूत चोदने का तज़ुर्बा है।मेरे बेटे का लण्ड फूलता जा रहा था।इधर मेरे मुंह से निकला, बेटा अनवर, तुम भी अच्छी तरह चोद रहे हो मेरी चूत! मुझे खूब चोदो। मुझे मेरे बेटे के सामने खूब घपाघप चोदो, फाड़ डालो
मेरा भोसड़ा, मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। आज मुझे कोई मस्त चोदने वाला बहुत दिनों के बाद मिला है। पूरा लौड़ा घुसेड़ दो अंदर। तुम मुझे हर रोज़ चोदा करो।उधर सकीरा भी जोश में बोल रही थी
बेटा सुलेमान , तेरा लण्ड मुझे बड़ा मज़ा दे रहा है। तुम अपनी माँ के सामने मुझे बिंदास चोदो। चीर डालो मेरा भोसड़ा। धज्जियाँ उड़ा दो मेरी चूत की। तेरे लण्ड में बड़ी ताकत है।
तेरा मरदाना लण्ड मेरी चूत में छक्के छुड़ा देगा। हाय रब्बा … बड़ा मज़ा आ रहा है हूँ ओ हो हां ऊँ ऊँ ओ … हाय रे तूने मुझे पहले क्यों नहीं चोदा? भोसड़ी के सुलेमान तेरा लण्ड बड़ा प्यारा है यार! अच्छा बता तूने कितनी चूत में अपना लण्ड पेला है?
वह बोला, कॉलेज की एक लड़की की चूत में पेला और अपनी फूफी का भोसड़ा भी चोदा है मैंने! एक दिन फूफी ने मुझसे अपनी बेटी की चूत भी चुदवाई थी।सुलेमान के मुंह से यह सुनकर मेरी चूत की आग और ज्यादा भड़क गयी।
मैंने कहा, हायल्ला, मेरी ननद चूत चोदी मेरे बेटे से चुदवाती है और अपनी बिटिया की चूत में भी लण्ड पेलवाती है। सब लोग मेरे बेटे के लण्ड का मज़ा लूटती हैं तो फिर मैं भी अपने बेटे के लण्ड का मज़ा क्यों न लूँ?
अपने बेटे का लण्ड अपनी चूत में क्यों न पेलूं? मैं तो पेलूँगी। मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती!ऐसा सोचते ही मेरी चूत खलास हो गई।उधर मेरे बेटे ने भी सकीरा की चूत का पानी निकाल लिया।
बिहारी ने मेरी अम्मी और आप की चुत फाड़ी – Muslim Sex Story
उसकी भी चूत ढीली हो गयी।फिर मैं उसके बेटे अनवर का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी और वह मेरे बेटे सुलेमान का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी।उसके बाद फिर हम दोनों बाथ रूम गईं.
वहां सकीरा बोली, हसीना , तेरे बेटे का लण्ड बड़ा सॉलिड है यार … उसने मेरी चूत फाड़ दी।मैंने कहा, तेरे के बेटे के लण्ड ने मेरी भी चूत फाड़ दी।वह बोली, अब तो मैं अपने बेटे का लण्ड पेलूँगी अपनी चूत में!
मैंने कहा, यार तूने मेरे मन की बात कह दी। मैं भी अपने बेटे का लण्ड अपनी चूत में पेलूँगी। यार इतना बढ़िया लण्ड मैं कैसे छोड़ सकती हूँ। मैं तो अपने बेटे से चुदवाऊंगी।
इस तरह हम दोनों ने एक ही बेड पर अपने अपने बेटे से चुदवाने का मन बना लिया।मैं जब बाथरूम से आई तो देखा कि मेरे बेटे सुलेमान का लण्ड खड़ा है तो मैंने उसे लपक कर पकड़ लिया।
सकीरा ने भी अपने बेटे का लण्ड पकड़ लिया और बोली, बेटा हनीफ, अब तुम मेरी चूत में अपना लण्ड पेल कर चोदो मुझे! अब मैं अपने बेटे के लण्ड का मज़ा लूंगी।उधर मैंने तो गप्प से पेलवा लिया अपने बेटे सुलेमान का लण्ड अपनी चूत में!
मैं भकाभक चुदवाने लगी।तो दोस्तो, मैं चूत चोदी चुदक्कड़ तो पहले से ही थी, अब मैं महा चुदक्कड़ हो गई हूँ।अगर कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें। हमारी वेबसाइट fungirl.in आपके लिए ऐसी ही मजेदार चुदाई की कहानियां लाती रहेगी।