हेलो दोस्तो, मैं नितिन एकबार फिर हाज़िर हूँ अपनी नई ओरिजिनल कहानी के साथ। जिसमें मैंने अपनी इंग्लिश की टीचर को चोदा दबा के।
हुआ कुछ यूँ की मैं ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद दिल्ली एक क्रैश कोर्स करने गया था। कॉम्पटीशन की तैयारी के लिए जिसमें हमें इंग्लिश पढाती थी दीपिका मैडम।
दोस्तो आपको दीपिका मैडम के बारे में बता दूँ। 5 फुट 3 इंच हाइट, 34-28-34 का सेक्सी फिगर, गोरा रंग। और जब वो चलती थी गांड मटकाते हुए क्लास के आधे लड़के पानी छोड़ देते थे। और ऐसा शायद ही कोई लड़का हो जो उनके नाम की मुठ ना मारता हो।
दोस्तो एक दिन मैंने मैडम से कहा कि, “मैडम, मेरा सिंटेक्स का टॉपिक छूट गया है उस समय मैं आ नही पाया था कोचिंग। क्या आप मुझे पढ़ा देंगी?” मैडम ने कहा, “हाँ जरूर, सन्डे को डाउट क्लास में पढ़ा देंगी।”
और उन्होंने मुझे अपना नम्बर दे दिया ताकि मैं आने से पहले उन्हें कॉल कर सकूँ की वो आयी हैं या नहीं। जैसा उन्होंने बताया था मैंने सन्डे को उन्हें फ़ोन किया कि मैडम मैं आ जाऊँ क्या। तो मैडम ने कहा कि वह आज कोचिंग नहीं आई है, क्योंकि उन्हें घर में कुछ काम है।
अगर मैं चाहूँ तो उनके घर जा सकता हूँ पढ़ने के लिए। मैंने कहा ठीक है और मैं उनके बताए हुए पते पर पहुंच गया। मैंने मैडम के फ्लैट पर पहुंच कर डोरवैल बजाई। मैडम ने दरवाजा खोला और मैं वहीं खड़ा का खड़ा रह गया।
मेरे सामने मैडम एक छोटे से टॉप और एक लॉन्ग स्कर्ट पहने हुए खड़ी थी। मैं थोड़ी देर उन्हें देखता ही रहा। तो मैडम ने मुझसे कहा, “अब देखते ही रहोगे या अंदर भी आओग?” मैंने कहा ओह सॉरी मैडम और मैं अंदर घुस गया और मैडम ने फ्लैट का दरवाजा भी बंद कर लिया।
यहां मैडम अकेली रहती थी। मेरे पूछने पर मैडम ने बताया की वह देहरादून की रहने वाली है। यहां रहकर वह अपनी यूपीएससी की तैयारी कर रही है और साथ ही कोचिंग में पढ़ाकर वह कमाती भी हैं। उन्होंने शादी इसलिए नहीं की क्योंकि उन्हें किसी का इंटरफियर जीवन में पसन्द नहीं।
मैडम का फ्लैट दोस्तों दो कमरों का था। मैडम ने मुझे एक कमरे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि तुम वहां बैठो मैं अभी आती हूं। और मुझसे पूछा की, “मैं चाय बनाने जा रही हूं। क्या तुम भी चाय पियोगे?” मैंने कहा, “नहीं मैडम मैं चाय नहीं पीता।”
इतना सुनके वो किचन की तरफ चली गयी। मैं उनको पीछे से घूर के देख रहा था। उनकी गांड क्या लग रही थी। उस हल्की सी स्कर्ट में पैंटी की स्ट्रिप भी उसमे से दिखाई दे रही थी। जब वह किचन में पहुंच गई तो मैं भी उनके पीछे किचन में पहुंच गया।
उनकी निगाह मुझ पर पडते ही उन्होंने पूछा, “तुम यहां क्यों आए हो? वहीं बैठो मैं आती हूं अभी।” मैंने कहा, “एक गिलास पानी मिलेगा क्या?” मैडम ने हां मैं उत्तर देते हुए एक गिलास पानी भर के मुझे दिया।
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मैंने गिलास हल्के हाथ से पकड़ा और ऐसे छोड़ दिया जैसे गलती से छूट गया हो। पानी भी मैंने ऐसे गिराया की मेरी पैंट पूरी तरह से भीग गई। और मैडम की भी स्कर्ट हल्की सी भीग गई। मैडम ने कहा, “अरे ये क्या हुआ, तुम्हारे भी सारे कपडे गीले हो गये।”
और वो रूम में गयीं और एक लोअर लाके मुझे दिया कि, “लो जब तक ये सूखेगा तब तक इसे पहन लो।” उनकी स्कर्ट कम ही भीगी थी तो उन्होंने उसे निचोड़ के वहीं सही कर लिया। मैंने रूम में जाके अपनी पैंट उतारी साथ मैं अंडरवियर भी उतार दिया और उनका लोअर पहन लिया।
उनका लोअर पहनते ही मेरा लण्ड उसमें एकदम तनके खड़ा हो गया। और मैंने भी उसे एकदम सीधा तानके ऐसे खड़ा किया कि लोअर का तंबू सा बन गया। तभी मैडम दूसरे ग्लास में पानी लेकर रूम में आ गई और मुझे देखकर बोली, “यह क्या बदतमीजी है, इसे सही करो।”
मैं बोला, “मैडम, यह आपका लोअर पहनने से खड़ा हो गया है। मैंने बहुत कोशिश की पर बैठ ही नहीं रहा।” मैडम एकदम गुस्से में मेरी तरफ आईं और मेरा लोअर खींचते हुए बोली, “कैसे नहीं बैठ रहा? बैठाओ इसे।”
जैसे ही मैडम ने लोअर खींचा मेरा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लण्ड हिलता हुआ बाहर आ गया। और ऐसे सख्ती से तन गया जैसे मैडम को सलामी दे रहा हो। जैसे ही मैडम ने मेरे लण्ड को देखा उनके मुँह से निकल गया, “Oh my god!”
मैडम दोनों हाथों में मेरे लण्ड को पकडते हुए नीचे घुटनों के बल बैठ गईं और बोली, “इतना बड़ा! मैंने आज तक कई लड़कों के लण्ड लिए, पर इतना बड़ा आज तक देखा भी नहीं।” और उन्होंने तुरंत मेरे लण्ड पर किस करना शुरू कर दिया।
दोस्तों मैंने भी उसी दिन अपनी झाँट के बाल साफ किये थे। मैडम ने लण्ड की जड़ तक मेरे लण्ड को चाटा। और पूरा मुँह में लेके जबरदस्त तरीके से चूसा। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। मेरी सिसकियाँ अपने आप बाहर आ रही थीं।
मैंने मैडम के बालों को खींच के पकड़ रखा था और उनका सर पकड़ के पूरा लण्ड उनके मुँह में अंदर तक घुसा दिया। लगभग आधा घंटा उन्होंने लगातार चूसा मेरे लण्ड को। मैंने कहा, “मैडम खा जाओगी क्या?”
वो बोली, “नहीं मेरी जान, आज मुझे चूस लेने दो जी भर के। ऐसा लण्ड बार बार नही मिलता। मेरे मुँह में ही झाड़ना इसे, मुझे इसका पानी पीना है।” और फिर लगातार और 10 मिनट चूसने के बाद मैंने उनके मुँह में ही अपना माल झाड़ दिया।
मैडम ने एक भी बूँद जमीन पर नहीं गिरने दी। मेरे लण्ड को चाट चाट के बिल्कुल साफ कर दिया और चूसती ही रहीं। तब तक मैं भी अपने सारे कपड़े निकाल चुका था। मैंने यहीं से मैडम का टॉप भी निकाल दिया। उनको खड़ा किया कस के खुद से लिपटा लिया।
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उनकी ब्रा भी पीछे से खोल के निकाल दी। क्या चूचे थे मैडम के, छोटे छोटे निप्पल ब्राउन कलर के। मैंने कस के हाथों में दोनों चूचों को दबाया और चूसने लगा। मैडम अलग दुनिया में थी चिल्ला रही थी आह आह उह कम ऑन मेरी जान खा जाओ इन्हें चूसो दबा के।
मैंने बहुत देर तक मैडम के बूब्स चूसे और फिर उन्हें उल्टा कर लिया। अब उनकी गोरी सेक्सी पीठ मेरी तरफ थी। उफ्फ्फ ये कमर! और कमर के नीचे उठे हुए चूतड़। मैंने जरा भी देर न करते हुए पीछे से ही मैडम की स्कर्ट को नीचे खिसका दिया।
क्या जाँघें थी मैडम की एकदम गोरी भरी हुई। मैडम ने ब्लू कलर की पैंटी पहन रखी थी। मैंने उसे भी नीचे खिसका दिया और मैडम को पूरी नंगी कर दिया। मैडम के गोरे भरे हुए चूतड़ देखके मैंने एक एक हाथ दोनों चूतड़ों पे मारा। मैडम चिल्ला उठी।
पर मैंने मैडम की नही सुनी। मैंने मैडम को वही कुतिया बना लिया और पीछे से उनकी चूत चाटने लगा। क्या चूत थी मैडम की मैंने अंदर तक जीभ डालके मैडम की चूत चाटी। फिर मैंने मैडम को गोद में उठाया और बिस्तर पे लिटा लिया।
और अब उनकी मक्खन जैसी चूत मेरे सामने थी। मैंने जबरदस्त तरीके से उनकी चूत को चाटा। कभी जीभ कभी दो उँगली उनकी चूत में। कभी उनके चूचे चूसे। मैडम अब तक 2 बार झड़ चुकी थी। उनकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
मैंने अपने लण्ड को उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया। मैडम ने जोर की सांस ली और सिसकियाँ भरने लगी। “अब अंदर डाल भी दो जान कितना तड़पाओगे?” मैडम ने मुझसे कहा। मैंने तुरंत अपना लण्ड उनकी गीली चूत में आधा घुसा दिया।
मैडम दर्द से चिल्ला पड़ी बोलीं, “निकालो इसे ये मेरी फाड़ देगा।” पर मैंने बाहर नहीं निकाला धीरे धीरे वहीं अंदर बाहर करना शुरू किया। थोड़ी देर में ही मैडम सहज हो गयी और मैंने पूरा लण्ड उनकी चूत में घुसा दिया।
मैडम का मुँह दर्द से खुल गया पर उन्होंने कुछ नही कहा। मैं भी अपना लण्ड अंदर बाहर करने लगाऔर फिर तेजी से झटके लगाने लगा मैडम ने बिस्तर की चादर को कस के पकड़ रखा था। और ‘आह ऊह’ करते हुए लण्ड के साथ आगे पीछे हो रही थी।
मैंने फिर मैडम को उठाया और घोड़ी बना लिया। और फिर पीछे से उनकी चूत में अपना लण्ड पेला। मैडम और तेज चिल्लाने लगी । बोली, “आज मिला मेरी चूत को ढंग से चोदने वाला लण्ड। कम ऑन बेबी आह चोदो मुझे।”
मैंने भी पीछे से 2 कस के हाथ लगाए उनके चूतड़ों पे और उन्हें लाल कर दिया। मैडम भी एक साथ उछट के अलग हो गयी। और फिर मैं बिस्तर पे लेट गया और बोला आजाओ जान अब मेरे लण्ड पे बैठ के उछलो।
मैडम ने पहले मेरे लण्ड को मुंह में लेके चूसा और फिर उसे चूत में लेके उसपे बैठ गयी और तेज तेज उछलने लगीं। इस पोजीशन में आते ही मैडम की चूत का सारा पानी मेरे लण्ड पे सरकता हुआ नीचे आ गया। ऐसा लगा मानो मैडम ने चूत के पानी से मेरे लण्ड को नहलाया हो।
फिर थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद मैंने मैडम को बेड पे लिटाया और उनके ऊपर आके उन्हें चोदने लगा। मैडम ने कहा, “मेरे अंदर ही झाड़ना। मुझे तुम्हारा माल अपने अंदर ही चाहिए।” दोस्तो बहुत तेजी से झटके लगा के मैडम को मैं चोदने लगा और बोला, “हाँ मेरी जान ये लो,ये लो और लो।”
20 मिनट और चोदने के बाद मैंने एक कसके झटका माराऔर पूरा लण्ड अंदर तक घुसा दिया और अंदर ही उसे झाड़ दिया। पर लण्ड को बाहर नहीं निकाला उसे अंदर ही रहने दिया। और मैडम के ऊपर लटके उन्हें किस किस करने लगा जगह जगह।
मैडम की आंखों में एक अलग खुशी थी। बोलीं, “मेरी ऐसे लण्ड से ऐसी चुदाई आज तक नही हुई। मैं बहुत खुशनसीब हूँ जो आज तुम मुझे मिल गए।” मैंने कहा, “मैडम आपकी चाय नहीं बन पायी।” और हम दोनों हसने लगे।
फिर हम दोनों अलग हुए और मैडम एक बड़ी सी टॉवल लपेट के चाय बनाके लायी। हम दोनों ने चाय पी और फिर एक बार चुदाई की और देर तक जबरदस्त तरीके से।
और फिर उस दिन से हम हर तीसरे दिन चुदाई करने लगे। मैं रात को मैडम के घर रुकने लगा और हम रात भर चुदाई करते। आगे की चुदाई की कहानियाँ मैं आगे बताऊंगा दोस्तों।
मुझे कमेंट करके जरूर बताना मेरी कहानी कैसी लगी।