हाई दोस्तों,
मैं मुंबई में रहता हू और यही पे काम करता हू | अकेला रहता हू इसीलिए एक काम वाली रखी हे मेने, उसकी उम्र करीब ४० होगी और उसकी बेटी की उम्र करीब १८ की होगी | पैसों की कमी के कारण उसकी बेटी को में ही पढा दिया करता था |
उसकी बेटी दिखने एक दम हिरोइन जेसी दिखती थी और फिगर भी कमाल का था उसका | एक दिन उसकी माँ काम पे नहीं आई और उसकी बेटी को में पढा रहा था | मेने उसे पढ़ने के लिए और मैं नहाने के लिए चला गया, मेने तवल पह्न्ली थी और में अलमारी से साबुन लेने आया तो पता नही केसे मेरी तवल खुल गयी और में एक दम से नंगा हो गया उसके सामने |
वो मेरे लंड को पहले घूर के देखी फिर मुह निचे करली | पर मेरे दिल में अब कुछ और ह होने लग गया, मेने तवल को उठाये बिना उसके पास गया और उसके सर को उठा के उसके आँखों में देखने लग गया |
मैं खड़ा हुआ तो मेरा लंड उसके मुह के सामने था, वो फिरसे तिरछी नजर से लंड को देखने लग गयी | मेने उसे कहा छूना हे तो छू लो, कुछ नही होगा | वो डॉ डॉ के मेरे लंड को पकड़ी और दबाने लग गयी और उसके दबाते ही में हवा में उड़ने लग गया |
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मेने उसे लेटा दिया और उसके होठो पे अपने होठ रख दिए और चूसने लग लगया उसके रसीले होठो को और वो मेरा साथ दिए बिना चुप से लेटी रही | मैं उसके पुरे जसीम पे हाथ फेरते हुए उसके होठो को चूस रहा था और फिर मेने मेने उसके टॉप को उपर कर दिया और उसके ब्रा के उपर से ही उसके मम्मे दबाने लग गया |
वो सिसकिय भरना शुरू कर दी और फिर मेने ब्रा खोल दिया | उसके निप्पल एक दम कडक और खड़े थे, मेने उसपे जीभ फेरना शुरू कर दिया और दूसरे चुचे को मसलना शुरू कर दिया | वो एक दम से पागल हो उठी और मेरे बालो को नोचें लग गयी |
मैं उसके चुचो को पाँच मिनट तक रगडा और उसके बाद उसकी जींस का हुक खोल दिया, वो अब हर चीज में मेरा साथ दे रही थी | मेने उसकी जींस के साथ उसकी पेंटी भी उतार दी और फिर उसकी चुत को चाटने लग गया, चाटते ही वो अपनी कमर को यहाँ वहा करने लग गयी |
मैं कस कस के चाटने लग गया और वो अपनी चुत चटवाते रह गयी | दो मिनट के अंदर ही अंदर वो झड गयी | मेने फिर उसके टांगो को उठा के छेद पे लंड रख तो धक्का दिया तो नही गया, में जाके तेल लाया और लंड चुत पे अच्छे से लगा दिया |
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लगाने के बाद मेने उसके चुत पे लंड रगड़ना शुरू किया और तब तक रगडा जब ता वो तडप न उठी, उसके तडपते ही मेने लंड डालना शुरू किया, लंड धीरे धीरे अंदर जा रहा था और उसे दर्द भी हो रहा था | वो चीखने लगी पर में रुका नही और बहुत ही धीरे से आगे बड़ता गया और अंत में बहुत मुश्किल के बाद पूरा घुस गया |
उसके आँखों में आंसू थे, पर मेने कुछ सोचा नही और फिर लंड निकाल लिया और फिरसे अंदर कर दिया | अब में कस कस के लंड अंदर बहार करने लग गया और वो मस्त होने लग गयी | करीब चार पाँच मिनट में उसे मेरे लदं का स्वाद मिलने लग गया और वो अब अपनी कमर उछाल उह्चाल के लंड लेने लगई |
उसने बिच में रुक के अपने पेरो को मेरे कमर पे बंद दिया और फिर मुझे कसने लग गयी |
मैं उसे लगातार पेलता गया और वो हर धक्के पे अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ईईई हम्म ओ रजोर से और और किये जा रही थी, और मैं बिना कुछ बोले ही उसके चुत में झड गया और वो भी उसके बाद झड गयी |
हम दोनों करीब करीब एक साथ झडे और फिर मैं बाजू में लेट गया | दस मिनट बाद हम दोनों बाथरूम गए और नहाये और वहा पे भी हल्का फुल्का किया | उसे चुत में बहुत दर्द हो रहा था जिसके कारण वो चल भी नही पा रही थी पर उसे मजा बहुत आया जो की उसने मुझे बताया |
अब वो हर हफ्ते कुछ न कुछ बहाने मार के अपने माँ को रोक लेटी थी आने से और उस दिन मस्त मजे करते हूँ दोनों |