Group Sex : हाय, मेरा नाम नवीन साहू है। रोज की तरह आज भी मैं पूजा को चोदने के लिए बेकरार था। पूजा मेरी गर्लफ्रेंड है। हम 12वीं क्लास में साथ साथ पढ़ते हैं।वो बला की खूबसूरत है, उसकी चूचियाँ 36 इन्च की हैं।
मैं अभी अपने सपनों में उसकी मादक छवि का रसपान कर ही रहा था कि तभी रोज की तरह पूजा का फोन आया, मैं उसका ही इंतजार कर रहा था।मैंने फोन उठाया तो पूजा की बुआ की लड़की प्रीति बोल रही थी।
मैं प्रीति से मिल चुका था, वो बहुत ही सेक्सी किस्म की बिंदास लड़की थी।उसने मुझसे कहा, क्या यार नवीन… रोज पूजा को ही चोदोगे या हमारा भी कभी नंबर आएगा?इतना सुनते ही मेरा लण्ड तनतना गया।
मैंने कहा, जब कहो जानेमन.. तब चोद दूँ..!वो बोली, तो आ जाओ आज.. हो जाए.. ‘खाट,कबड्डी’..!मैंने ‘हाँ’ बोल कर फोन काट दिया।मैंने सोचा कि साली मजाक कर रही होगी।
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जब मैं पूजा के घर पहुँचा, तो रोज की तरह पहले फोन किया, उसने खिड़की खोली।चूँकि सर्दी का महीना था, इसलिए सब जल्दी ही सो गए थे।मैं जल्दी से अन्दर चला गया।
अन्दर प्रीति और अंजलि (प्रीति की बहन) अन्दर लेटकर ब्लू,फिल्म देख रही थी और अपनी चूत सहला रही थी। मुझे देखते ही वे मुस्कुराने लगीं।मैंने अंजलि से मुखातिब हुआ, अरे तुम भी आई हुई हो..!तो वो हँसने लगी।
तभी प्रीति बोली, तुम्हें हमारी चूत फाड़ने के बाद ही यहाँ से जाने का मौका मिलेगा।प्रीति एक नंबर की रंडी थी.. लेकिन है बहुत सेक्सी… उसका नाम लेकर न जाने कितने लौंडे मुठ मारते होंगे..!मैं बोला, तो ठीक है, एक साथ चुदोगी या एक एक करके..!
प्रीति और पूजा तो अपनी टॉप उतारने लगीं, लेकिन अंजलि शरमा रही थी, शायद ये उसकी पहली चुदाई थी।यह सोचकर कर मैं और खुश हो गया फिर मैं सीधे अंजलि के पास गया।
पूजा और प्रीति सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं और मुझसे चिपक कर चूमा,चाटी करने लगीं और मेरे कपड़े खींचने लगीं।वैसे भी ब्लू,फिल्म देखकर उनकी भी चूत गीली हो गई थीं।
मैं अंजलि के पास पहुँच कर उसके पतले रस भरे होंठों को अपने होंठों से चूमने लगा और एक,एक करके उसके कपड़े उतारने लगा।दो मिनट में उसको पूरा नंगा कर दिया और बेड के सिरहाने बैठा कर |
उसके दोनों टाँगें खोल कर उसकी चूत से अपने होंठों को लगा दिया।उसकी कुंआरी बुर का नमकीन स्वाद और हल्की खुशबू मुझे मदहोश करने लगी।पूजा और प्रीति भी अब सारे कपड़े उतार कर चूत को रगड़ने लगी थीं।
किसी की चूत पर एक भी झांट के बाल नहीं थे। तीनों ने ही बाल साफ किए हुए थे।मुझे बुर चूसते देख कर वे दोनों भी अंजलि के अगल,बगल बुर चटवाने बैठ गईं। मैं बारी,बारी से तीनों ही की चूत चाटने लगा|
उनकी सिसकारियाँ निकल रही थीं और वो एक,दूसरे की चूत सहला रही थीं।अब मुझसे रहा न गया, मैंने भी अपनी जीप खोलकर अपना 8 इन्च लम्बा लण्ड निकाल कर प्रीति के मुँह में पेल दिया और मुँह में चोदते हुए अपने कपड़े उतारने लगा।
वो ‘सुडुप,सुडुप’ करके मेरा लण्ड अपने मुँह में ले रही थी।उसके बाद अंजलि की बारी आई वो मेरे सुपाड़े को मुँह में लेकर जीभ से चाटने लगी। इससे मुझे बहुत मजा आ रहा था।
अब पूजा की बारी थी, उसके मुँह में देते हुए मैंने प्रीति के बाल पकड़े और एक तरफ पूजा के और दोनों के होंठों को लण्ड के दोनों तरफ लगा कर अंजलि के मुँह को सामने की तरफ रखकर पेलने लगा|
जिससे लण्ड का सुपारा सीधे अंजलि के मुँह में जा रहा था।पूरे कमरे में सिर्फ “आह.. उह.. फच्च.. खच्च” की आवाजें ही आ रही थीं.. मस्ती के मारे मैं अंजलि के मुँह में ही झड़ गया।
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उसने मेरा वीर्य तुरन्त ही मेरे लण्ड पर थूक दिया, इससे मेरा लण्ड दम चिपचिपा हो गया। मैंने बिस्तर पर लेट कर प्रीति को इशारा किया।वो मेरे लण्ड पर बैठ गई और हाथ पकड़कर मेरे लण्ड को चूत में घुसेड़ कर ऊपर,नीचे करने लगी |
पूजा मेरे मुँह पर चूत रखकर बैठ गई।मैं उसकी चूत चाटने लगा।एक हाथ से मैं अंजलि की चूत में अँगुली करने लगा, वो टांग फैला कर बैठ गई थी।प्रीति के मुँह से सिर्फ सिसकारियाँ निकल रही थीं।
मैं पूजा की चूत चाटने में मस्त था फिर फिर पूजा बुर मरवाने लण्ड पर बैठ गई और प्रीति मेरे मुँह पर बैठ गई।मैं अंजलि के चूत में अँगुली करता रहा। अब अंजलि की बारी थी। लेकिन उसका कौमार्य अभी तक सुरक्षित था |
अतः मैंने आसन बदला। अब अंजलि का कौमार्य भँग करने के लिए उसे फिर से गर्म करना जरूरी था।मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया, प्रीति और पूजा उसके आजू,बाजू होकर उसकी चूचियाँ सहलाने लगीं।
मैं उसके ऊपर लेट कर अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी, वो मेरी जीभ को बेतहाशा चूसने लगी।फिर मैं उसकी चूचियों को मुँह में लेकर उसको और गर्म करने लगा। उसके नरम गुलाबी चूचक चूसने में मजा आ रहा था।
उसके स्तन फिर कड़क हो गए थे।मैं उसकी नाभि को चूमता हुआ उसकी चूत पर आ गया और चूत के मटर जैसे दाने को चाटने लगा। उसके मुँह से सिसकारियाँ और तेज हो गईं। उसकी चूत से पानी निकल रहा था।
पूजा और प्रीति उसके होंठों तथा शरीर को चूमने,चाटने में लगी थीं, गरम लोहे पर हथौड़ा मारने का यही सही मौका था।मैंने अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत से रगड़ा, तो वो तड़प उठी। अब मैंने हल्का सा दबाव डाला तो वह चिल्ला उठी।
अब उसके एक हाथ को पूजा ने और एक हाथ को प्रीति ने पकड़ा। मैं उसके ऊपर आकर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, ताकि कोई आवाज ना निकल सके।फिर मैंने एक हाथ से लण्ड पकड़ कर उसकी चूत पर रगड़ते हुए|
एक जोरदार ठाप लगाई। मेरा सुपारा एक झटके में अन्दर चला गया, उसने चीखने की कोशिश की, पर होंठ दबे होने के कारण आवाज न निकल सकी।तभी मैंने एक धक्का और दिया तो पूरा लण्ड उसके कौमार्य को चीरता हुआ पूरा अन्दर समा गया।
इस बार अंजलि की आँखों में आँसू आ गए, चूत से रस निकलने लगा।मैं सहने के लिए कुछ समय वैसे ही रुका रहा, फिर धीरे धक्के लगाने शुरू किए।10,15 धक्कों के बाद मैं रुक गया और पूजा को गीला कपड़ा लाने को बोला।
फिर अपने लण्ड पर लगे रस को अच्छी तरह साफ करके मैंने अंजलि की चूत भी पोंछ दी। अब मैं प्रीति से अपना लण्ड चुसवाने लगा और पूजा अंजलि की चूत चाटने लगी।एक बार फिर अंजलि गरम हो गई।
अब मैंने लण्ड एक बार फिर उसकी चूत में डाल दी। इस बार वो गाँड उचका कर मेरा साथ देने लगी।लगभग 20 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद उसका बदन अकड़ने लगा, मैं समझ गया वो झड़ने वाली है और वो कुछ ही पलों में झड़ गई।
कुछ देर बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया।एकदम मस्त चुदाई के बाद हम वैसे ही शिथिल पड़े रहे।फिर हमें नींद आने लगी, पर नींद कहाँ से आती, दो,दो चुदक्कड़ लौंडियाँ पूजा और प्रीति ने मिलकर मेरी गांड का पसीना निकाल दिया।
बरसात में लिया सामूहिक चुदाई का मज़ा – indian group sex
छिनालों ने मेरा बलात्कार करने के लिए रम की बोतल निकाली और मुझे नीट दारु पिलाई और खुद भी डकार गईं।दारु पीने के बाद प्रीति ने मुझे एक सिगरेट जला कर दी और खुद भी एक सिगरेट पीने लगी |
मुझसे बोली, लगा ले सुट्टा और मेरी चूत पर चढ़ जा हरामी..!मैंने भी मदहोशी के आलम में उन दोनों मस्त चूतों को खूब चोदा और झड़ कर वहीं निढाल होकर गिर गया। कब सो गया मुझे मालूम ही नहीं चला।
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