आज मैं भी आपके सामने एक मेरे ज़िंदगी का पहलु है जो मैं आपलोग के सामने पेश कर रही हु, मुझे पता है की कौन से रिश्ते की अहमियत क्या होती है, मैं बखूबी जानती हु, पर रिश्ते निभाने के लिए कभी कभी ज़िंदगी में कुछ ऐसा हो जाता है
जिसपर इंसान का कोई बस नहीं होता है, मेरे ज़िंदगी में भी इसी तरह से कुछ हो गया जिसको मैं आज fungirl.in लिख रही हु, हो सकता है मैं अपने शब्दों को अच्छी तरह से पेश ना कर पाऊं पर मैं कोशिश करुँगी की|
मैं हु बहु आपके सामने अपनी बात को रख पाऊं, पर आपको मेरे से एक वादा करना पड़ेगा की आप मुझे गलत नहीं समझेंगे और क्या मैं आगे ऐसा करूँ की नहीं इसका भी राय देंगे निचे कमेंट में ताकि मैं अपने ज़िंदगी को ठीक तरह से जी पाऊं ऐसा ना हो की ग्लानि महसूस हो|
हिमांचल की माल को सेब के बगीचे में चोदा -Desi Sex Kahani
मैं 32 साल की विधवा औरत हु, मैं समझ गई आपके मन में भाव चलने लगा की एक औरत जो की सफ़ेद साडी में, और ज़िंदगी के रास से मरहूम, अकेली वेवा सी, जिसकी ज़िंदगी में कोई रस नहीं, ऐसा नहीं है,
मैं मस्त तरीके से रहने बाली, हमेशा खुश रहने बाली ज़िंदगी को अच्छी तरह से जीने बाली, अपने शरीर पे बहुत ही ज्यादा ध्यान देती हु, आज भी मुझे लोग कहते है की सिमरन की मम्मी कोई नहीं कहेगा की आपकी एक बेटी जो की १९ साल की है
उसकी आप मम्मी है ऐसा लगता है की सिमरन से आप मुस्किल से ५ साल के बड़ी होंगी| लगती नहीं है की आप एक लड़की की माँ है| मैं भी यही समझती हु की मैं भरपूर जवानी से तर बतर हु, पर इसे भोगने बाला कोई नहीं, ४ साल पहले ही मेरे पति का एक्सीडेंट हो गया|
काफी पैसा लाइफ इन्शुरन्स से मिला जिससे की मेरी ज़िंदगी बड़ी ही ठाठ बाट से कटेगी| ६ महीने हुए है मैंने अपनी लाड़ली बेटी सिमरन के हाथ भी पीले कर दिया क्यों की एक अच्छा लड़का मिला गया था जो घर जमाई बन के रहने को तैयार था, मेरे लिए अच्छा था|
की मेरी बेटी मेरे पास ही रहेगी, चंडीगढ़में एक आलीशान मकान है, और दो जगह और मकान है जिसका किराया आता है, ज़िंदगी में किसी चीज की कमी नहीं है| पर एक गलती हो गई जिसको मैं अच्छा समझ कर अपने बेटी से शादी की थी वो एक नंबर का अय्याश निकला|
शादी के रात ही उसको सिमरन से झगड़ा हो गया, इस बात पे की जब मैंने तुम्हे चोदा तो तेरे बूर से खून क्यों नहीं निकला, इसका मतलब ये है की, तुम पहले से चुदी हुई है, सिमरन को मैंने कहते सुनी की नहीं जी आज तक मैं किसी से नहीं चुदवाई,
आप मेरे यकीं करो मैं वर्जिन हु, पता नहीं क्यों नहीं निकला मेरे बूर से खून, पर मैं आपको यकीं दिलाती हु, की मैं पहली बार आपने ही चोदा ही, पर मेरा दामाद नहीं मान रहा रहा|
इस तरह से मेरे यहाँ रोज रोज कलह होने लगा, इस वजह से मेरे दामाद रोज रोज शराब पी कर आता और घर में अशांति फैलाता, अब मुझे लगा की एक तो मैं मैं अकेली औरत बिना पति का और अगर ये दामाद भी मेरी बेटी को छोड़ दिया तो सब खराब हो जायेगा|
इस वजह से मैं सोची क्यों ना इससे मैं अपनी भी जाल में फसाउ ताकि अगर इस इंसान को रोज दो औरत को चोदने को मिलेगा तो खुश रहेगा, और कुछ दिन तक ठीक ठाक रहा तो बाद में सब कुछ ठीक हो जाता है, अब मैं धीरे धीरे कर के अपने दामाद के आस पास थोड़े सेक्सी अदा में मड़राने लगी|
मेरे चुत को लगा अब्बू के लंड का नशा -Muslim Sex Story
कभी उसके साथ अगर बाजार जाती तो बाइक पर पीछे बैठती और अपनी चूचियाँ उसके पीठ में सटा के रखती, मैंने उसके कमर को पकड़ के रखती, जब सिमरन कही बाहर होती तो कई बार अपने दामाद के सामने अपना आँचल निचे गिरा देती या
तो जहा वो बैठा होता वह पे झुकने की कोशिश करती ताकि वो मेरी चूचियों का दीदार कर सके, धीरे धीरे मेरा प्लान कामयाब रहा, वो मेरे में इंटरेस्ट लेने लगा, वो हमेशा छूने की कोशिश करने लगा|
वो सिमरन से भी अच्छी तरह से बात करने लगा, वो आते जाते अपनी केहुनी से मेरे चूच को भी टच करता, दिवाली में वो विश करने के लिए मुझे गले से लगा लिया था और मेरे चूच की गरमी को बखूबी लिया था|
एक दिन सिमरन बाजार गई थी, और दामाद बैंक गया था, मुझे पता था की अभी आधे घंटे में दामाज आए जायेगा मैं जान बुझ कर दरवाजा खुला रखी, और मैं ब्रा और ब्लाउज खोली हुई थी|
ताकि आज वो मेरा चूच का दीदार कर ले, हुआ भी ऐसा ही, वो अचानक कमरे में दाखिल हो गया, जहा मैं झूठ मूठ का ब्रा ढूढ़ रही थी, वो मेरे कमर के ऊपर के हिस्से को नंगे ही देख लिया |
मैं भी जयादा परेशान होने का नाटक नहीं की और एक तौलिया धीरे से रख ली अपने चूच पे और बाहर निकल गई, पर वो मुझे घूर रहा था ऐसा लगा रहा था की शेर के सामने कोई मेमना आ गया हो| फिर तो वो दिन भर मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही मेरी चूचियों को निहार रहा था,
गरमा गरम है ये सास की जोरदार चुदाई बूर में लौड़ा और गांड में ऊँगली डालकररात हुई मैं दूसरे कमरे में सोई थी, सिमरन के कमरे से आह आअह आअह आअह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ़ की आवाज आ रही थी|
मैं समझ गई की मेरी बेटी की चुदाई हो रही है, मैं थोड़ा सुनने की कोशिश की तो सिमरन कह रही थी प्लीज कल से वियाग्रा मत खाना मुझे इतनी चुदाई पसंद नहीं और ऊपर से आपका लौड़ा इतना मोटा और लंबा है|
की मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी, मेरी चूत की छेद बहुत छोटी है, वो कह रहा था पांच मिनट और आअह आआह आआह आआअह और दोनों झड़ गए, मैंने दरवाजे के छोटे से होल से देखि तो दोनों निढाल हो गए था|
थोड़े देर में सिमरन सो गई थी, सच बताऊँ मेरे चूत तो गीली हो चुकी थी, मैं अपने ब्लाउज के बटन को खोल के अपनी चूचियों को दबा रही थी, फिर मैंने ब्रा भी खोल दी और अपने हाथो से मसलते हुए अपने कमरे में चली गई, करीब रात के बारह बज गए थे|
मैंने देखा सिमरन के कमरे का दरवाजा खुला और मेरे दामाद टॉयलेट गया, मैं वैसे ही पड़ी थी लाइट जल रही थी मेरे कमरे की, मेरे दामाद मेरे कमरे के दरवाजे के पास आकर मुझे देखने लगा मैं आँख बंद कर ली|
मैं साडी का आँचल ही अपने छाती पे रख रखी थी, मेरी चूचियाँ साफ़ साफ़ दिख रही थी, क्यों की साडी मेरा पारदर्शी था, फिर क्या बताऊँ, वो अंदर आ गया और मेरे बेड पे बैठ गया|
फिर धीरे से मेरी चूची को छुआ मैं चुपचाप आँख बंद कर के थी, फिर से हौले हौले दबाने लगा, मैंने सीधी हो गई ताकि उससे कोई दिक्कत नहीं है, फिर वो मेरी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा, मैं वैसे ही आँख बंद कर के पड़ी रही, मेरे दामाद के मुह से एक आवाज आई,
“जो भी होगा देखा जायेगा आज मैं चोद ही देता हु” इतना कह के वो मेरी साडी को ऊपर कर दिया, मोटी मोटी जांघ को सहलाने लगा और कहने लगा हाय क्या चीज है, इनके सामने तो जवान लड़की भी फ़ैल है|
मुझे सिमरन से नहीं बल्कि इन्ही से शादी करनी थी, इतना कहते हुए वो मेरे पेंटी को निचे करने लगा, और बाहर कर दिया, फिर उसने मेरी चूत में ऊँगली घुसाई और बोला हाय कितनी गर्मी है सासु माँ आपमें, ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह क्या बूर है आपकी, आअह मेरा तो लार टपकने लगा, |
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वो मेरी चूत को चाटने लगा, मेरी तन बदन में आग लग गई थी, चूत से बार बार पानी छोड़ रही थी, मुझे लग रहा था जल्दी से मुझे चोद दे, पर वो पहले बूर चाटने का मजा ले रहा था,
फिर उसने अपना लंड निकाल ले मेरे चूत पे रख के धीरे धीरे कर के घुसा दिया, मैं चुपचाप पड़ी रही, पैर अलग अलग कर दी वो बीच में आके मुझे जोर जोर से चोदने लगा, करीब मुझे वो १ घंटे तक चोदा, और फिर सारा माल मेरे चूत में डाल के मेरे होठ को किश कर के फिर वो अपने कमरे में चला गया,
सुबह उठी मुझे तो शर्म भी आ रही थी की अपने दामाद से चुदवाई, पर दिन भर जब मैंने सिमरन को और दामाद को हँसते हुए, बात चित करते हुए और देखि तो लगा कोई बात नहीं, अगर मेरा दामाद मुझे चोदके खुश रहता है तो कोई बात नहीं, मुझे भी तो लंड चाहिए और इससे अच्छा क्या हो सकता है घर का माल अगर घर में ही रह जाये तो|
फिर क्या था दोस्तों वो रोज रात को चुपके से आता और मुझे चोद के चला जाता करीब सात दिन तक ऐसा करता रहा, फिर एक दिन दिन में मेरे मुह से निकल गया की रात को जल्दी झड़ गया था क्या हुआ|
वो हसने लगा, और मैं भी हसने लगी, उस दिन के बाद से तो कोई बंधन ही नहीं है, ३ महीने से खूब मजे ले रही हु अपने ज़िंदगी का, आप को मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताये प्लीज|