Antarvasna Sex Story : दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार| मेरा नाम विक्रम है, मेरी उम्र 25 साल है| मैं दिखने में एकदम सुन्दर हूँ| मैं मुंबई में एक अपार्टमेंट में किराये पर रहता हूँ| आज मैं आपको अपनी जिंदगी के कुछ हसीन पल आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ|
यह कहानी 4 महीने पहले की है, जब मेरे दोस्त ने मुझे अपनी जन्मदिन की पार्टी में मुझे आमंत्रित किया था| उस रात को मैंने पार्टी में खूब एन्जॉय किया| मुझे इतना मजा आ रहा था कि समय का कोई पता ही नहीं चला|
कब रात के 2:00 बज गए, मुझे याद ही न रहा| उसके बाद मैं अपने अपार्टमेंट पर आने के लिए बस का इंतजार कर रहा था| काफ़ी समय तक मुझे कोई बस नहीं मिली| मैं परेशान होकर सड़क के किनारे एक रेलिंग पर बैठ गया|
तभी एक कार मेरे पास आकर रुकी और उस कार का शीशा नीचे हुआ| उसके अन्दर एक खूबसूरत हसीना ने उंगली के इशारे से मुझे अपनी तरफ़ बुलाया|जैसे ही में उसके पास गया, तो उसने अन्दर बैठने का इशारा किया|
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मैं तो बस उसे ही देखे जा रहा था| क्या कयामत ढा रही थी| मेरी तो निगाहें उस से हट ही नहीं रही थीं| बड़ी ही खूबसूरत बला थी| उसका साईज़ यही कोई 34-28-36 का था| मुझे तो वो कोई जन्नत की हूर लग रही थी|
उसका हुस्न देख कर मैं उसे मना नहीं कर पाया और कार में बैठ गया| मेरे बैठते ही उसने अपना नाम बबिता बताया और मुझसे मेरा नाम पूछा| मैंने अपना नाम बताया और उसकी तरफ देखने लगा|
उसने बताया कि उसके माता-पिता शिमला घूमने गए हुए हैं| वह इन दिनों मेरे साथ मस्ती करना चाहती है|मैंने कुछ नहीं कहा| तो अचानक उसने मेरे लंड पर हाथ रख कर कहा- इसे दिखाओ,कितना बड़ा है?
मैं अकबका गया, मेरे लंड ने फुंफकारना शुरू कर दिया था| तभी उसने मेरे लंड को अंदाज से टटोल कर कहा- हम्म, बड़ा लगता है ,मजा देगा| इसके बाद उसने लंड से हाथ हटा लिया और मेरी तरफ सिगरेट की डिब्बी बढ़ा दी- एक जलाओ|
मैंने एक सिगरेट जलाई और एक कश खींच कर उसकी तरफ बढ़ा दी| उसने बड़ी अदा से सिगरेट का धुंआ खींचा और मेरी तरफ छोड़ दिया| फिर उसने मेरी तरफ सिगरेट बढ़ा दी| मैं चुपचाप सिगरेट पीने लगा|
उसने कार अपने घर की तरफ दौड़ा दी| कुछ ही पलों बाद हम दोनों उसके बंगले पर आ गए| बबिता ने हॉर्न बजाया, तो वहां पर तैनात एक गार्ड ने गेट को खोला| हम अन्दर आ गए|
उस समय लगभग रात के 3:00 बज चुके थे| बबिता ने मुझे अपने रूम में ले जाकर बेड पर बैठाया और उसके बाद वो नहाने चली गई| मैं रूम में बैठा बबिता के आने की प्रतीक्षा करने लगा| कुछ समय के बाद वो नहा कर आई|
ओए होए ,मस्त कयामत लग रही थी| उसके बाल खुले हुए थे| वो केवल एक झीनी सी फ्रॉकनुमा नाइटी पहन कर वो मेरी तरफ़ देख रही थी| मैंने उसे देखा, तो वो हौले से मुस्कान देते हुए मेरे करीब आई और मेरे होंठ पर एक किस कर दिया|
इसके बाद वो मेरी गोद में बैठ गयी, जिसकी वजह से मैं अपना काबू खोए जा रहा था|मैंने धीरे धीरे उसकी गर्दन को चूमना शुरू किया, जिसकी वजह से वो भी गर्म हो गयी और मेरी तरफ़ चेहरा करके मुझे पागलों की तरह से चूमने लगी|
अब हम दोनों के जिस्मों में कामुकता की आग लग चुकी थी| दोनों बेकाबू हो रहे थे| एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे| दस मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसकी नाइटी को उतार दिया और उसके मम्मों को चूसने लगा|
सच में बड़े ही मस्त मम्मे थे … एकदम टाइट और रसीले … ऊम्म … मउम … क्या मस्त मजा आ रहा था| मैंने आज तक ऐसे दूध कभी नहीं देखे थे| उस समय मैं जन्नत की सैर कर रहा था| उसके बाद मैंने धीरे धीरे उसके पूरे शरीर को चूमना शुरू कर दिया|
अब बबिता बेकाबू हो रही थी और वो मेरे लंड को सहलाने लगी| मेरा लंड पहले से ही पूरे मूड में आ चुका था| उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए| अब मैं सिर्फ अन्डरवियर में रह गया था| वो पागलों की तरह मुझे किस किए जा रही थी |
मुझसे लिपट लिपट कर अपनी वासना जाहिर कर रही थी| वो इस समय एकदम नंगी थी | मैंने उसकी चुत में उंगली करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वो ऐसे तड़फ़ने लगी थी मानो मुझसे कहना चाह रही थी कि अब जल्दी से मुझे चोद दो|
मुझे उसके मक्खन शरीर से खेलने में मजा आ रहा था| इसलिए मैं चुदाई से पहले उसका पूरा मजा लेना चाहता था| लेकिन दूसरी वो काफ़ी समय से प्यासी लग रही थी इसलिए उसका हाथ मेरे लंड से हट ही नहीं रहा था |
मेरी चड्डी के ऊपर से वो मेरे लंड को सहलाए जा रही थी | फिर मैंने अपना अन्डरवियर नीचे कर दिया| अब मेरा लंड उसकी आंखों के सामने लहरा उठा था| वो मेरे 7|5 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड को देख कर एकदम से घबरा गयी|
वो बोली- अरे बापरे … इतना बड़ा … क्या तुम पोर्न एक्टर हो … मैंने आज तक इतना बड़ा ओर मोटा लंड सामने से नहीं देखा| मैंने लंड हिलाते हुए उसको लंड चूसने का इशारा किया|
वो कुछ भी रिएक्ट नहीं कर रही थी| फिर मैंने खड़े होकर उसे घुटनों पर बैठा दिया और अपना 7|5 इंच का लंड उसके मुँह में डाल दिया| वो बड़े मजे से लंड चूसने लगी| मुझे ऐसा लगा कि वो लंड चूसने में माहिर है|
काफी देर तक लंड चूसने के बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए| मेरे मुँह में उसकी चुत की फांकें रस छोड़ रही थीं और उसके मुँह में मेरा लंड अपनी कबड्डी खेल रहा था| हम दोनों लंड चुत चुसाई का पूरा मजे लेने लगे|
कोई पांच मिनट तक हम दोनों ने 69 का मजा लिया| इसके बाद उसने अपनी इच्छा जताई कि तुम आज की रात को मेरी ज़िन्दगी की सबसे हसीन रात बना दो| मुझे ऐसे चोदो, जिसे मैं पूरी लाइफ़ में कभी ना भूल पाऊं|
मैंने उसकी बात पर अमल किया| एक बार फिर से अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और बबिता ने फ़िर से लंड चूसना शुरू कर दिया| थोड़ी देर लंड चूसने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह में अन्दर की ओर धकेल दिया
जिसकी वजह से आधा लंड उसके मुँह में चला गया| जिस वजह से उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी| उसकी आंख से आंसू निकल आए| थोड़ी देर लंड चुसाने के बाद मैंने उसको घोड़ी बना दिया|
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मुझे उसकी आंखों में चुदाई की प्यास दिखाई दे रही थी| मैंने अपना लंड उसकी चुत के मुख पर रखा और धीरे से धक्का दे दिया| परंतु मेरा लंड अन्दर नहीं घुस पाया| ऐसा लगा कि काफ़ी समय से उसकी चुदाई नहीं हुई थी|
मैंने फ़िर से एक जोर का धक्का दे दिया| अबकी बार आधा लंड उसकी चुत में घुस गया और वो जोर से चिल्ला उठी- उईईई … आआह्ह मर गयी| दर्द के मारे उसकी जान निकल रही थी |
इसलिए उसके मुँह से गालियां निकलने लगीं- आंह … मादरचोद बाहर निकाल ले साले … मार दिया कमीने भोसड़ी वाले! उसकी आंखों में फ़िर से आंसू आ गए थे| मैंने थोड़ी देर रुकना ठीक समझा और उसकी चूचियों को सहलाने लगा|
वो कुछ शांत हुई तो मैं धीरे धीरे से लंड को अन्दर बाहर करने लगा| इससे बबिता को भी मजा आने लगा था| परंतु अभी मेरा आधा लंड बाहर ही था| बबिता की थोड़ी देर की खुशी अब फ़िर से दर्द में बदलने वाली थी|
अब मैंने बबिता को लेटा दिया, जिससे उसकी गांड ऊपर की तरफ़ आ गई थी| मेरा जी तो उसकी मक्खन सी गांड मारने का कर रहा था, पर अभी मुझे चुत के बहुत मजे लेने बाकी थे|
मैंने उसकी टांगें फैला दीं और अपना लंड फ़िर से उसकी चुत पर रखकर धक्का लगा दिया| मेरा आधा लंड अन्दर चला गया, इस बार उसे दर्द थोड़ा कम हुआ| कुछ समय तक लंड अन्दर बाहर करने के बाद मैंने एक जोर से धक्का लगा दिया |
जिससे मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर समा गया था| बबिता एक बार फिर से दर्द के मारे कराह उठी थी| दर्द की वजह से उसका चेहरा लाल हो गया था| परंतु मैंने अपने धक्के चालू रखे|
मैंने धीरे धीरे लंड के धक्के देते हुए चुत का रास्ता ढीला किया और पूरा लंड अन्दर बच्चेदानी तक पेलना और निकालना शुरू कर दिया| शुरुआत में मेरे धक्के धीमे थे … फिर मैंने अपनी चोदन गति बढ़ा दी|
तेज धक्कों से बबिता रोने लगी और बीच बीच में मुझे गालियां देती रही- आआहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… मादरचोद कुत्ते साले अह्ह आईईई … भैन के लंड धीरे चोद साले … थोड़ा धीरे कर … मैं तेरी कोई रांड नहीं हूँ … धीरे कर साले!
उसकी गालियां सुनकर मुझे और जोश चढ़ रहा था| मैं और तेज़ हो गया|वो जोर ज़ोर से चिल्लाती रही- थोड़ा धीरे चोद ले साले, धीरे कर ले कमीने … थोड़ा धीरे चोद प्लीज़ … आहह्ह … ऊऊ||ईई आईई||
कुछ देर बाद उसकी चीखें आना बंद हो गईं और वो अब लंड के मजे लेने लगी थी|इसके बाद हमने पोजीशन बदल दी| अब बबिता मेरे ऊपर आ चुकी थी| उसने अपनी चुत के नीचे मेरा लंड रखा और उस पर बैठ कर ऊपर नीचे होने लगी|
उसे मजा आने लगा था| उसने जोश में आकर अपनी स्पीड बढ़ा दी| वो इतने जोश में आ चुकी थी कि उसने अपना होश खो दिया था| उसने मेरे सारे शरीर पर नाखून गड़ा कर मुझे जगह जगह खरोंच दिया था |
मुझे भी दर्द में मजा आ रहा था | वो चुदाई का भरपूर मजा लेते हुए अलग अलग किस्म की आवाजें निकाल रही थी- अह्ह ऊऊऊ ऊउईई आईईई आह … मेरी जन्मों की प्यास मिटा दी तुमने … आंह … कितना अन्दर तक जा रहा है
मेरी चुत की धज्जियां उड़ा दे … आंह! थोड़ी देर बाद उसने अपनी स्पीड ओर तेज कर दी| उसके मुँह से जंगली आवाजें आना शुरू हो गई थीं और उसकी आँखें इस समय बंद थीं| इस वक्त उसकी चूचियां मुझे बड़ा ही मजा दे रही थीं|
मैं उसकी चूचियों को मसल कर और चूस कर उसको दुगना मजा दे रहा था | इस सबसे अब वो झड़ने वाली हो गई थी| वो अंतिम चरण में बहुत तेजी से ऊपर नीचे होने लगी थी |
फिर वो लगभग चिंघाड़ते हुए झड़ गयी … और मेरी छाती पर निढाल हो कर गिर गई| मैं उसकी धौंकनी सी चलती साँसों को महसूस कर रहा था| चूंकि मेरा अभी नहीं हुआ था|
दो मिनट के बाद मैंने बबिता को अपने नीचे लेटा दिया और उसे फिर चोदना चालू कर दिया| थोड़े ही धक्कों के बाद वो फ़िर गर्म हो गयी और मेरा साथ देने लगी| वो चुदाई का पूरा मजा ले रही थी|
बीस मिनट की चुत चुदाई के बाद वो फ़िर से झड़ गई … परंतु मैं अब भी नहीं रुका| मैंने अपनी चुदाई चालू रखी| बीच बीच में मैं उसको किस करता हुआ उसके मम्मों को दबाता रहा, जिससे वो फिर से गर्म हो गई| मेरा साथ देने लगी|
काफी देर की चुदाई के बाद मैंने बबिता की पोजीशन बदल ली| अब मैंने बबिता के पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसकी चुत पर अपना लंड रख कर जोर से धक्का दे दिया|
मेरा 7|5 इंच का पूरा लंड बबिता की चुत में घुस गया था, जिसके कारण वो दर्द के मारे जोर से चिल्लाने लगी| ‘आआह्ह ऊऊई मेरी चुत फाड़ दी … हरामी … छोड़ मुझे||’
वो मुझसे छूटने का प्रयास करने लगी| उसके पैर मेरे कंधों पर होने की वजह से लंड चुत की गहराई तक पहुंच गया था| बबिता की आंखों में फ़िर से आंसू आ गए थे| मैंने बबिता की चुदाई चालू रखी|
कुछ समय बाद बबिता भी मेरा साथ देने लग गयी और चुदाई का भरपूर मजा लेने लगी| धकापेल चुदाई के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैं स्खलन पर आ गया हूँ|
मैंने बबिता से कहा, मुझे कुछ हो रहा है|बबिता,अब तुम झड़ने वाले हो|मैं, हां, यही लगता है|बबिता, कोई दिक्कत नहीं है … बाहर झड़ जाना|मैं, एक दिक्कत है| बबिता, क्या?मैं, मुझसे लास्ट में कन्ट्रोल नहीं हो पाता|
बबिता, कोई बात नहीं मैं मैनेज कर लूंगी| अब मुझे परमीशन मिल गई थी| मैंने बड़े आराम से बबिता की चुदाई जारी रखी| धीरे धीरे मेरी रफ़्तार बढ़ती गई| बबिता के चेहरे पर दर्द झलकने लगा था |
मैं बिना किसी कि फ़िक्र किए चुदाई करता रहा| मेरा जोश बढ़ता जा रहा था| बबिता को अब चुदाई सहन नहीं हो पा रही परंतु वो कन्ट्रोल कर रही थी| बबिता ने सोचा था कि कुछ ही समय का दर्द है |
वो सहन कर लेगी| परंतु बबिता को कहां पता था कि ये तो ट्रेलर था| मैंने चुदाई जारी रखी| परंतु जब बबिता को बहुत ज्यादा दर्द होने लगा, तो वो एक बार फिर से चिल्लाने लगी- साले कुत्ते, जान निकालेगा क्या?
मुझमें भी जोश आ चुका था| मैं भी गालियां देने लगा- साली रांड, आज तेरी ऐसी प्यास बुझाऊंगा कुतिया कि मुझे जिन्दगी भर याद रखेगी| जोश में मैंने स्पीड और तेज कर दी| बबिता का दर्द के वजह से बुरा हाल हो रहा था| अब वो मुझसे मिन्नतें करने लगी- प्लीज़ छोड़ दो|
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मैंने उसकी एक भी ना सुनी| उसको लगातार चोदता रहा| वो रोती रही, मुझसे छोड़ने का आग्रह करती रही| परंतु मैंने चुदाई जारी रखी| बबिता का बुरा हाल हो चुका था … परंतु उसका कोई बस नहीं चल रहा था |
तभी मैं अंतिम चरण पर पहुंच गया और उसकी चुत में ही झड़ गया| इस दौरान बबिता कई बार झड़ चुकी थी| मेरे झड़ते ही बबिता ने चैन की सांस ली और मेरे से लिपट कर सो गई| थोड़ी देर बाद मैं बाथरूम में नहा कर आया| जब तक लगभग सुबह के 6:00 बज चुके थे|
मैंने बबिता से उसको तकलीफ़ देने के लिए सॉरी बोला| बबिता ने कहा- ये तकलीफ़ नहीं है पागल … ये तो मजा है, जो आज मिला है| मैं इस तकलीफ़ की तो बहुत दिन से तलाश कर रही थी| आज तुमने मेरी तलाश पूरी कर दी| ऐसी तकलीफ़ तो तुम मुझे बार बार देते रहना|
दोस्तो, आज तक सुना था कि सजा में मजा है और आज देख भी लिया| फ़िर मैंने बबिता की गांड भी मारी, गांड मारने की कहानी मैं अगली बार लिखूँगा| हम दोनों ने 3 दिन तक चुदाई में क्या क्या मस्ती की, वो भी आपको लिखूंगा|
बबिता ने मुझे इसके बदले क्या कुछ गिफ़्ट दिए … वो सब अगली सेक्स कहानी में लिखूंगा| दोस्तो, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, अगर कोई गलती हो गयी हो, तो माफ़ कर देना| मेरी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, आप मुझे जरूर लिखें|