Antarvasna sex story :नमस्कार दोस्तों ,मेरा नाम सपना है मैं 34 साल की खूबसूरत विधवा हूँ |,मेरा बेटा जो की अभी 22 साल का है, हम दोनों एक दूसरे का सहारा है।
हमने लव मैरिज किया था, मुझे मेरे सास और ससुर अपनाने से इनकार कर दिए, पर मुझे इसका कोई गम नहीं था क्यों की मेरे पति मुझे बहूत दिलों जान से चाहते थे।
वो मुझे एक पल भी अपने से अलग नहीं होने दिए, और हम दोनों जयपुर शिफ्ट हो गए। मेरे पति प्रॉपर्टी का काम करने लगे। और फिर हम दोनों की ज़िन्दगी बहूत अच्छी चलने लगी, एक सुन्दर सा बेटा हूँ |
आ नाम रखा संदीप , पर ये सब भगवान् को अच्छा नहीं लगा और एक सड़क दुर्घटना में मेरे पति की मौत हो गई जब मेरा बेटा १५ साल का था।
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फिर क्या था दोस्तों मेरा सब कुछ लूट चूका था। बस मैं और मेरा बेटा एक दूसरे का सहारा बन कर रही गई। जयपुर से सारे प्रॉपर्टी बेचकर, गुजरात में आ गई।
बेटा को एक गेस्ट हाउस दिलवा दिया उसी का वो देख रेख करने लगा और फिर सब कुछ नार्मल चलने लगा।पर मुझे पति की कमी होने लगी। मेरा दुःख दर्द बाटने बाला कोई नहीं रहा|
मैं किससे अपनी बात को शेयर करती, गर्मियों की बात है। मेरा बेटा मुझे गोवा घुमाने ले गया। वह पर हम दोनों वास्को में होटल था। शाम को कहना खाकर मेरा बेटा एक रम की बोतल ले के आ गया।
मैं पहले भी पीती थी। हम दोनों शाम को पिने बैठ गए। सिलसिला चल पड़ा, अपनी पुराणी बातों को दुहराते हूँ | ए, पेग पे पेग, और फिर हँसना रोना, प्यार करना एक दूसरे को ढाढस दिलाना यही काम चलने लगा।
धीरे धीरे नशा काफी बढ़ गया था।हम दोनों एक दूसरे का हाथ थामे थे, रात काफी हो गया था, हम दोनों लड़खड़ाते हूँ | ए खड़े हूँ | ए मैं गिरने लगी उसने मुझे थाम लिया पर मैं अपना पूरा वजह दे चुकी थी।
मेरी दोनों चूचियां उसके छाती पे आ गया और मैं नाईट गाउन में थी।पता नहीं क्या हूँ | आ की वो मेरी चूचियों को सहलाने लगा और और मैं भी अपने आप को रोक नहीं पाई, और मैंने अपने बेटे के होठ चूसने लगी।
देखते ही देखते हम दोनों वाइल्ड हो गए। और फिर एक दूसरे के जिस्म को अपने जिस्म में रगड़ने लगे। संदीप का लंड बहूत मोटा और लंबा हो गया था। मेरी चूचियां तन गयी थी। हम दोनों आई लव यू कहते हूँ |
ए गरम गरम जोर जोर से साँसे ले रहे थे। मेरा हाथ उसके बालों को और छाती पे सहला रहा था और होठ चूस रहे थे। और संदीप मेरे गांड के छेद में ऊँगली कभी करता कभी मेरी चूत को सहलाता, मेरी चूत गीली हो चुकी थी।
फिर मैंने उसके लंड को पकड़ के जोर जोर से हिलाने लगी। मेरा बेटा आह आह आह आई लव यू माँ कह रहा था। और कह रहा था अब मुझे किसी चीज की जरूरत नहीं, मुझे माँ के साथ साथ मेरी बीवी मेरी गर्ल फ्रेंड मिल गई है।
दोस्तों फिर क्या बताऊँ उसने मेरे बाल खोल दिए, और मेरी चूचियों को पिने लगा।मेरी निप्पल लाल लाल और टाइट हो गया था। मेरे तन बदन में काफी आग लग चुकी थी।
मैं संदीप का लंड अपने मुह में लेके चूसने लगी। ऐसा लग रहा था की दुनिया का कोई भी आइस क्रीम इससे बढ़िया नहीं हो सकता। वो अपनी दांत को पीस रहा था था और आह आह आह आह कह रहा था।
मैंने अपने कंठ तक लंड को ले रही थी। उसके बाद मैंने फिर से ऊपर चढ़ी, और दोनों टांगो को फैला दी और लंड को अपने चूत के पास ले ली और अपने चूत को अपने बेटे के लंड से रगड़ने लगी।
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मेरा बेटा कह रहा था माँ तुम अब मत तड़पाओ, और मैंने कहा नहीं बेटा थोड़ा और रूक जाओ। मैं बहूत प्यासी हूँ | फोरप्ले करने के लिए। बरसो बाद ये मौक़ा मिला है। आज तो मेरी रात पूरी रंगीन होगी।
उसके बाद मैं फिर 69 पोजीशन में हो गई। वो मेरी चूत चाट रहा था और मैंने उसका लंड। दोस्तों हम दोनों ने एक दूसरे के गुप्तांग को करीब दस मिनट तक चाटा अब मुझे काफी जोश आ गया था।
मैंने तुरंत सीधी हूँ | यी और होठ को चूमते हूँ | ए अपना जीभ उसमे मुह में डाल दी|वो उनके बाद मैं उसका लंड पकड़ी और अपने चूत पे सेट की और अंदर दबा ली। मेरी आह निकल गई।
क्यों की मेरी चूत काफी टाइट हो गई थी। क्यों की बरसों से लंड का दर्शन नहीं हूँ | आ था। मेरा बेटे का लंड काफी बड़ा था मेरे चूत के अंदर तक पहूँ | च गया और फिर खेल स्टार्ट हूँ | आ चुदाई का।
क्या बताऊँ दोस्तों मेरे होटल के कमरे में सिर्फ फच फच की आवाज और हाय हाय हाय की आवाज आ रही थी। हम दोनों एक दूसरे को खूब मजे दे रहे थे। और एक दूसरे के जिस्म को चाट रहे थे।
फिर मैं निचे आ गई और मेरा बेटा ऊपर चढ़ गया मेरी टांग को अलग अलग किया|और फिर मेरी चूत से निकले हूँ | ए पानी को पहले अछि तरह से चाट गया
फिर अपना लंड मेरे चूत के मुह पे सेट किया और जोर जोर से चोदने लगा। फिर मेरी टांग को वो अपने कंधे पर रख दिया और मेरी चौड़ी गांड के बिच में जोर जोर से लंड मारने लगा।
दोस्तों उसने मुझे खूब अछि तरीके से चोद रहा था। और मुझे बहूत मस्ती आ रही थी, करीब एक घंटे तक चोदने के बाद मेरा बेटा झड़ गया, मैंने तो पहले ही दो तीन बार झड़ चुकी थी।
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फिर हम दोनों एक दूसरे को सहलाते हूँ | ए प्यार कर रहे थे।फिर दोनों साथ में नहाये, वो मेरे बदन में साबुन लगाया और मैं उसके बदन को। फिर तो उस दिन के बाद हम दोनों को अब किसी चीज की कमी नहीं थी।
हम दोनों साथ सोते, और सेक्स करते, अब आदत बन गई थी। रात में तो चुदाई होनी ही। है, दोस्तों, हम दोनों ने कभी भी किसी प्रोटेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया था
इसलिए मेरे पेट में अब संदीप का बच्चा पल रहा है। मैं इस बच्चे को जन्म दूंगी। मैंने सोच लिया है। भले मैंने फिर से दूसरे शहर चली जाउंगी और लोग पूछेंगे तो कह दूंगी की पति की मौत हो गई है दो महीना पहले।
फिर अपने बच्चे को जन्म दूंगी।अगर कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें। हमारी वेबसाइट fungirl.in आपके लिए ऐसी ही मजेदार चुदाई की कहानियां लाती रहेगी।
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