XXX Story : कहानी के पहले भाग,में आपने पढ़ा कि मैंने अपने घर के पास रहने वाली एक सेक्सी जवान धोबन की चूत चुदाई उसी के कमरे में की और अगले दिन की चुदाई का प्रोग्राम तय कर के अपने घर आ गया|
मैं ड्यूटी से 11 बजे निकला।मैंने 34 नंबर की एक पेंटी ब्रा का सेट खरीदा।फिर एक शराब की बोतल, खाने के लिए होटल से तंदूरी चिकन, बटर चिकन, शाही पनीर, चपाती और किट्टू के लिए केडबरिज चॉकलेट|
दूध पीने की एक शानदार बोतल, खरीद कर लाया।हेतल मेरा इंतजार कर रही थी, बोली- कितनी देर लगा दी।वह प्रेस का काम खत्म कर चुकी थी।मैंने अपने हाथ का पैकेट उसे पकड़ा दिया।
उसने पूछा- इसमें क्या है?मैंने कहा,खुद ही खोल कर देख लो।उसने खाने का पैकेट खोला।फिर किट्टू की बोतल देखी।फिर आखिर में पैकेट खोला तो उसमें पैंटी ब्रा देख कर खुश हो गई, मेरे गले लग गई।
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उसकी आंखों में आंसू आ गए।मैंने उसे खाना खाने के लिए कहा।उसने खाना थाली में परोसा।इतने में मैंने उससे एक गिलास और पानी लाने को कहा।फिर अपनी शराब की बोतल निकाल ली।
वह आश्चर्य से देख कर बोली- आप भी?मैं बोला,मेरी जान, तुमसे मिलन की खुशी में आज थोड़ी लेने का मन कर रहा है।मैंने अपने गिलास में एक पेग बना लिया।
तब मैंने वैसे ही उससे पूछा, आप भी लोगी?वह बोली, मैंने जिंदगी में आज तक नहीं ली। पर आप मुझे जहर भी पिला भी दोगे तो मैं खुशी खुशी पी लूंगी। मुझे आपके साथ कुछ ही दिनों में पूरे जीवन का आनंद मिल गया।
यह कह कर एक गिलास उठा कर मेरे सामने कर दिया।मैंने उसका भी एक पेग बना दिया।दोनों ने चीयर्स किया।मैंने अपना गिलास उसके मुंह पर लगाया, उसने मेरे मुंह पर लगाया।
हम दोनों ने अपने जाम खत्म करे।फिर खाना खाया।अब हम दोनों नशे में टुन्न हो गए।मैंने उसे अपने द्वारा लाई गई पेंटी ब्रा पहनने को कहा।वह मेरे सामने ही नंगी हो गई।मेरा दिमाग खराब हो गया।
मैंने उसे पेंटी ब्रा नहीं पहनने दी।उसे अपनी बाहों में भर कर चूमने लगा, उसे बिस्तर पर लिटा दिया।मैंने अपने भी कपड़े उतार दिए।अब मैंने उसके माथे से चुंबन लेना शुरू किया|
उसके कान के पीछे, होंठों पर, गले पर, छाती से होते हुए मैं उसके निप्पल को अपने होंठों से चूसने लगा, उसके बोबे दबा दबा कर चूसने लगा।वह भी मस्ती में आ गई।चूमते चूमते मैं उसके पेट से नाभि तक आ गया।
फिर उसकी चूत को अपने दोनों हाथों से फैला कर चौड़ी कर अपनी जीभ उसकी चूत में डाल कर चूसने लगा।वह उत्तेजित होकर अपनी कमर उठा उठा कर साथ देने लगी और मुंह से|
आह आह ओह ओह सी सी’ की आवाज निकाल रही थी।उसकी चूत चूसते चूसते करीब 15 मिनट हो गए।उसका शरीर अकड़ने लगा और एकदम से उसकी चूत से पानी निकलने लगा।
नमकीन पानी को मैंने चाट चाट कर साफ़ कर दिया।इधर मेरा लंड खड़ा हो कर अपने पूरे आकार में आ गया।मैंने खड़े होकर अपना लंड उसके मुंह में दे दिया।
वह इसे लालीपॉप की तरह चूसने लगी।मैं लंड उसके मुंह में डाल कर अंदर बाहर करने लगा।कभी कभी मेरा 7 इंच मोटा और 3 इंच मोटा लंड उसके गले तक पहुंच जाता।
उसके मुंह से घुर्र घूर्र की आवाज आ रही थी।मैं उसके मुंह में झटके मारे जा रहा था।कुछ ही देर में मैं उसके मुंह में झड़ गया।उसने मेरे लंड को चाट कर साफ़ कर दिया।
अब हम दोनों बिस्तर पर लेट गए।थोड़ी देर बाद मेरा लंड खड़ा हो गया।मैंने बेड के किनारे पर उसकी दोनों टांगें चौड़ी करके दोनों टांगों को अपने कंधों पर उठा कर अपने लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखा और धीरे से दबा दिया।
मेरे लंड का सुपारा अभी थोड़ा सा ही गया था कि वह चीख उठी- अरि मैया … मर गई … इसे बाहर निकालो, वरना मैं मर जाऊंगी।मैं थोड़ा रुका।मैं उसके चूचों को मुंह में भर कर चूसने लगा।
वह थोड़ी शांत हुई।मैंने एक झटका दिया मेरा लंड आधा उसकी चूत में समा गया।वह जोर से चिल्लाने लगी- बाबू मार डाला … मर गई मैं! ऊ ऊ ओ ओ हाय दईया … कोई मुझे बचा लो! मेरी चूत फाड़ दी बाबू ने!
मैंने झट से अपना मुंह उसके मुंह पर रख दिया।अब मैंने धीरे धीरे से झटके मारने शुरु किया।पहले तो वह दर्द से कराह रही थी, फिर उसे भी मज़ा आने लगा।
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कुछ देर बाद वह झड़ गई।उसकी चूत से निकले पानी से जब मेरा लंड अंदर से बाहर आकर अंदर जाता तो हर ठाप पर फच फ्च की आवाज के साथ पूरे कमरे में उसकी ‘आह आह ओह ओह सी सी के साथ |
ओ बाबू ओर जोर से राजा ओर जोर से चोदो’ की आवाजें गूँजने लगी|वह कमर उठा उठा कर साथ देने लगी।मैं उसके चूचों को मुंह में भर कर चूस रहा था, उसके चूचों की निप्पल को अपने होंठों से दबा रहा था।
मेरे लंड का टोपा उसकी बच्चेदानी तक पहुंच गया था।इसका अहसास उसके मुंह से निकल रही सिसकारी भरने से लग रहा था।मेरा लंड उसकी चूत में घपा घप बेलन की तरह जा रहा था।
वह भी कमर उठा उठा कर बोल रही थी- मेरे राजा, मेरी वर्षों की प्यास बुझा दो।अब तक वह तीन बार झड़ चुकी थी, ढीली पड़ गई थी।बोली,बस मेरे राजा, अब बस करो! मैं थक गई हूं।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेजी से धकाधक करते हुए उसकी चूत में झड़ गया।उसके बोबे को मुंह में लेकर पसर गया।उस दिन मैंने उसे शाम 7 बजे तक तीन बार चोदा।
वह बहुत खुश थी।हां उसने एक बात कही- बाबू, आप रात को शमशेर के घर पर रहते भी मुझे चोद सकते हो।मैंने कहा, कैसे?बोली, शमशेर शराब पीने का आदी है|
तुम उसके साथ रात को मेरे घर दारू पीने बैठ जाना। तुम कम पीना, उसे ज्यादा पिलाना। वह पीकर बेहोश हो जाता है। जब तुम उसे शराब पिलाओगे तो वह बहुत खुश होगा।
जब रात को पीकर लुढ़क जाए तो फिर रात भर मेरी चूत मार सकते हो।मैंने कहा- ठीक है।उसके बाद मैं अपने घर आ गया|अगले दिन मैं आफिस के लिए निकला तो गली में मुड़ कर हेतल से मिलने चला गया।
मैंने उसे बताया कि आज रात मैं तुम्हारे साथ प्यार करना चाहता हूं।वह बोली,ठीक है। शाम को आते समय शमशेर के लिए दारू की बोतल लेकर आना।मैं आफिस निकल गया।
शाम को मैंने एक फुल शराब बोतल, दो बीयर की बोतल खाने के लिए कुछ नमकीन, बटर चिकन, तंदूरी रोटी पैक करा ली।और मैं घर के लिए निकल पड़ा।मैं जब हेतल के घर पहुंचा तो शाम के 7 बज रहे थे।
वह कपड़े प्रेस कर रही थी।मुझे देख कर वह मुस्कराई।उसकी कातिल मुस्कान पर मैं पागल हो गया; सोचा अभी ही लेकर इसको चोद दूं।पर मैंने कंट्रोल किया, उससे पूछा- कहां है शमशेर भाई?
वह बोली,कपड़े देने गए हैं।मैंने पूछा, कब तक आयेंगे?बोली, 9 बजे तक।मैंने कहा,सामान लाया हूं रात के प्रोग्राम का!
वह बोली- जब वह आएगा, तब आ जाना। वैसे भी पीकर आएगा। ,
मैं उसको बोल दूंगी कि बाबू का जन्मदिन है वह हमें पार्टी दे रहा है।मैं सामान लेकर कमरे पर आ गया।9 बजे रात को मैं हेतल के घर पहुंचा।शमशेर भाई टुन्न थे, झूम रहे थे।
नशे में ही बोला- बाबू जन्म दिन की बधाई हो!मैंने कहा- ऐसे नहीं शमशेर भाई, आओ साथ एंजॉय करते हैं।तभी मैंने थैले से शराब और बीयर की बोतल निकाली|तो वह बहुत खुश हुआ।
मैंने दो गिलास हेतल से लाने को कहा।अपने गिलास में कम और उसके गिलास में ज्यादा शराब डालकर उसमें बीयर मिला दी।वह तो भाई पक्का बेवड़ा निकला, एक सांस में ही पी गया।
अभी मैंने गिलास मुंह से भी नहीं लगाया था।मैंने फिर से उसका गिलास बीयर और शराब से भर दिया।वह उसे भी सटक गया।मैंने उसे खाने के लिए कहा पर वह तो जमीन पर ही पसर गया।
तब मैंने और हेतल ने उसे पकड़ कर एक तरफ लिटा दिया।अब मैंने हेतल से कहा- अपने लिए गिलास ले आओ और खाना भी लगा दो| रात के साढ़े दस बजे हैं।फिर हेतल ने और मैंने अपने लिए छोटे छोटे पेग बनाया।
अब दोनों को थोड़ा सुरूर आ गया।मैंने हेतल से ब्लाउज खोलने को कहा।उसने ब्लाउज खोल दिया।फिर मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया।अब मैं अपने गिलास से बीयर उसके बोबों पर बूंद बूंद टपका कर चाटने लगा|
उसकी निप्पल को चूसने लगा।वह भी मस्ती में आने लगी।जब हमारी शराब खत्म हो गई तो मैंने हेतल को खाना लगाने को कहा।उसने खाना परोसा।हमने प्यार से एक दुसरे के मुंह में निवाला दिया।
अब खाना खाकर मैंने हेतल को पूरी नंगी कर दिया।मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए।देसी हॉट भाबी सेक्स के लिए एकदम तैयार थी|अब हेतल को मैंने अपनी बाहों में भर कर बेड पर लिटा दिया।
मैं उसके चूचों को मुंह में लेकर चूसने लगा, उसके निप्पल को अपने होंठों से चूसने लगा।अब मैंने उसकी कमर के नीचे तकिया लगाया इससे उसकी चूत ऊपर उठ गई।
मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ लगा कर उसको अपने दोनों हाथों से पकड़ कर चौड़ा किया।फिर अपनी जीभ से चाटने लगा।अपनी जीभ मैंने उसकी चूत में अंदर डाल दी।वह सिसकारी भरने लगी।
मेरी जीभ उसकी चूत के दाने पर जैसे ही रगड़ती, वह उत्तेजना से अपनी कमर उठा उठा कर ऊपर नीचे होने लगी।
उसका शरीर अकड़ने लगा।फिर उसकी चूत से पानी निकलने लगा।
वह ठंडी पड़ गईं।इधर मेरा लंड उफान मार रहा था।मैंने उसकी चूत के मुंह पर अपना लंड टिकाया और धीरे से एक झटका दिया।मेरा लंड आधा उसकी चूत में समा गया।
वह चीख उठी।मैंने उसके मुंह पर अपना मुंह रख दिया।मै थोड़ा रुका।थोड़ी देर तक उसके होंठों को चूसता रहा, फिर एक जोर से झटका दिया।
मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया।वह चीखी- उई मां, मर गई! बाबू इसे बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है।
हेतल छटपटाने लगी।मैं उसके चूचों को मुंह में लेकर चूसने लगा।उसका दर्द कम हुआ।फिर मैं धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा।उसको भी मज़ा आने लगा; वह भी साथ देने लगी।
ससुर के लंड के लिए बहक गई कमसिन बहु – sasur bahu ki chudai
‘दे धक्के पे धक्का’ उसकी चूत में मेरा लंड भच भच्च कर अन्दर बाहर हो रहा था।मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।फिर अंत में जोर से झटका दिया, देसी हॉट भाबी की चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर निढाल होकर गिर पड़ा।
उसका पति वहीं पास ही धुत्त पड़ा था|उस रात मैंने उसे डोगी स्टाईल में, दीवार के सहारे खड़ी कर एक पैर ऊपर करके, खड़े खड़े अपनी गोद में बैठा कर तबीयत से चुदाई की।
अब हम थक कर चूर हो गए।सुबह 4 बजे मैं अपने कमरे पर चला गया।दोस्तो, मैं 2 महीने तक रोज उसे चोदता रहा।अंत में मेरी ट्रेनिग खत्म हो गई।मैं उससे विदा लेकर अपने शहर आ गया।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी देसी हॉट भाबी सेक्स कहानी?आगे अगली कहानी लेकर हाजिर होऊंगा।अगर कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें। हमारी वेबसाइट fungirl.in आपके लिए ऐसी ही मजेदार चुदाई की कहानियां लाती रहेगी।