Desi Chudai ki Kahani : दोस्तो, मैं इलाहाबाद से हूँ| वैसे तो मैं दिखने में साधारण सा ही हूँ, लेकिन मेरा लंड मेरी ताक़त है| मेरी यही खासियत है कि मेरा लंड करीब 8 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है| ये मेरे लिए गर्व की बात है|
मेरी दुकान है और मैं दुकान में ही बिजी रहता हूं| इसलिए इस बार बहुत समय हो गया था, मुझे कोई चूत नहीं मिली थी| मैंने उम्मीद भी छोड़ दी थी| अब तक मुझे चुदाई किए हुए करीब 3 साल हो गए थे|
रात में मैं घर में कम … और मोहल्ले के बाहर ज्यादा रहता हूं| दिन में तो दुकान में ही रहना पड़ता है| कुल मिलाकर बोरिंग जिंदगी जीना पड़ रही थी| फिर एक दिन अचानक एक ऐसा वाकिया हुआ, जिसने मुझे मजा दे दिया|
हुआ यूं कि मेरे घर के पास एक देसी लड़की रहती थी … उसका नाम सारिका था| वो मुझे पसंद करती थी, पर बता नहीं पाती थी| उसके बारे में क्या बताऊं दोस्तो उसके बड़े बड़े बूब्स और बड़ी सी उठी गांड को मैं रोज़ आते जाते देखता था|
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एक दिन में उसके घर के सामने गुजर रहा था कि अचानक उसने मुझे रोक लिया और बोली- मुझे तुम्हारा नंबर चाहिए| मैंने कहा- तुम अपना नम्बर दे दो, मैं अभी मिस कॉल दे देता हूँ|
वो बोली- नहीं, तुम मुझे अपना नम्बर दे दो| मैं तुमको कॉल करूंगी| मेरे को तो उड़ कर लग गई … मेरी तो साली किस्मत ही खुल गई| मैंने उसे अपना नंबर दिया ओर खुश होकर घर चला गया|
उस रात को मुझे नींद ही नहीं आई| मैंने उसके कॉल का बहुत इंतजार किया| मगर उसने मुझे फोन नहीं किया| सुबह जब में दुकान में जा रहा था, तो उसने कॉल का इशारा किया और मैं दुकान चला गया|
कुछ समय बाद उसका कॉल आया, तो हमारी बातचीत शुरू हो गई| ऐसे ही कुछ ही दिनों में हम दोनों आपस में पूरी तरह से खुल गए थे|मैंने उससे पूछा,तूने कभी सेक्स किया है?उसने कहा,कभी नहीं किया|
मैं हैरान रह गया कि साली की इतनी सेक्सी फिगर, इतने बड़े बड़े चुचे और इतनी बड़ी गांड बिना चुदे कैसे हो गई|मैंने उसकी बात का यकीन नहीं किया और रात में उसको अपने रूम में आने को कहा|
उसने आने से मना कर दिया|वो बोली- अभी नहीं, वक़्त आने दो … जब मेरी अम्मी कहीं बाहर जाएंगी, मैं खुद आ जाऊंगी|उसकी बात सुनकर मैं कुछ मायूस हो गया| मगर मुझे उम्मीद जग गई थी
कि ये माल एक न एक दिन मेरे लंड के नीचे से जरूर निकलेगा|ऐसे ही हमारी बातचीत होती रही| फिर करीब एक महीने बाद उसकी अम्मी बाहर अपने मायके गईं और उसने मुझे बताया कि आज अम्मी बाहर गई हैं|
मैं रात को दस बजे तेरे कमरे में आ जाऊंगी|मैं उसे चोदने की खुशी से पागल हो गया कि जिसको मैं चोदने के सपने देखता था, वो मेरे पास खुद चुदवाने आ रही है|जैसे तैसे रात हुई, मेरी बेसब्री बढ़ती जा रही थी|
मैंने उस रात उसका बहुत रास्ता देखा, पर वो साली ग्यारह बजे तक आई ही नहीं| उसके आने की मेरी उम्मीद टूट चुकी थी|मैं कमरे का दरवाजा खुला छोड़ कर सो गया|
रात को करीब एक बजे वो मेरे कमरे में धीरे से आई और दरवाजा बंद करके मुझे जगाने लगी| मैंने जाग कर उसे देखा, तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि वो आ गई|मैंने पहले तो उससे कहा कि जरा मुझे मेरे गाल पर चिकोटी लेकर देखना|
उसने असमंजस से मेरी तरफ देखा और मेरे गाल पर एक चिकोटी ले ली|मैं दर्द से आह कर बैठा और मुझे यकीन हो गया कि मेरे कमरे में वो आ गई है|अब वो भी चिकोटी का राज समझ गई थी, वो हंस दी|
मैंने उसे बिठाया, पर समझ में नहीं आ रहा था कि कहां से शुरू करूं| मैंने उसे धीरे से आई लव यू कहा और उसके गाल पर एक पप्पी ले ली| उसने भी जवाब में मेरे गाल पर पप्पी ले ली|
मैं खुश हो गया| मैंने उसके होंठों पर धीरे से अपने होंठ रख दिए और लंबा किस करने लगा|आह … दोस्तो, में बता नहीं सकता, वो कैसा मस्त सा अहसास था|फिर मैंने अपना एक हाथ उसके चुचे पर रख दिया|
कसम से ऐसा लग रहा था कि किसी रुई के गोले पर हाथ रख दिया हो| फिर मैंने धीरे से अपना दूसरा हाथ भी उसकी सलवार में डाल दिया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा|
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उसकी चुत बहुत चिकनी लग रही थी|मैंने उससे पूछा कि ये चिकनी कैसे है?उसने बताया कि तुम्हारे लिए ही आज जंगल साफ किया है| आज तुम मेरी प्यास बुझा दो|मैं उसकी ये बात से और भी ज्यादा गर्म हो गया |
जोर जोर से उसके मम्मों को दबाने लगा| साथ ही मैं दूसरे हाथ से चूत के दाने को उंगली से सहलाने लगा|क्या बताऊं यार … मैं तो जन्नत में था| कुछ पल बाद मैंने उसे अपने बेड पर लेटा दिया और उसे फिर से किस करने लगा|
कभी मैं उसे गालों पर चूमता, कभी होंठों पर, कभी गर्दन में, कभी सीने में चुम्मी लेता| मैं उसके मम्मों को भी कपड़ों के ऊपर से दबाने लगा|वो भी बहुत ज्यादा गर्म होने लगी |
कहने लगी- मेरे जानू, जल्दी से मुझे लड़की से औरत बना दो … मैं बहुत प्यासी हूँ और मैं बहुत समय से तुम्हारे लंड को लेने का सोच रही थी, पर मैं डरती थी कि कहीं तुम मुझ पर चिल्ला न दो|
मैंने उसकी कमीज निकाल दी|वाह … एक कसी सी ब्रा में उसके चुचे बहुत बड़े और रसीले फंसे से लग रहे थे| मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को बहुत दबाया|फिर मैंने उसे खड़ा किया और ब्रा का हुक अपने हाथों से खोल दिया|
उफ्फ्फ … मैं तो देखकर ही हैरान रह गया था कि इतने बड़े खरबूज एक कुंवारी लौंडिया के कैसे हो सकते हैं| उसके चूचे इतने बड़े थे कि मेरे तो हाथ में ही नहीं आ रहे थे|मैं अपने दोनों हाथों से उसके दूध दबाने लगा |
उसके एक दूध को पीने लगा| उसे भी दूध चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था|वो कह रही थी कि जानू आज तो मसल दो इन्हें … इनका सारिका रस निचोड़ दो आज मैं तुम्हारी हूँ|
मैं भी एक हाथ से दूध दबा रहा था और मुँह से उसका दूसरा दूध चूस रहा था|मुझे बहुत मजा आ रहा था|फिर मैंने धीरे से उसकी सलवार निकाली उसने लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी|
इस नई कसी हुई पेंटी में वो किसी परी की तरह लग रही थी| मैं तो उस पर टूट पड़ा| लगातार चुम्मियां लेने लगा| मैं कभी गर्दन पर चूमता, कभी नाभि पर, कभी मम्मों पर किस करने लगता| वो भी पागल होने लगी थी|
उसको भी बहुत मजा आ रहा था|वो पूरे जोश में सिसकारियां ले रही थी- आहह मेरे राजा … आज बजा दो मेरे चूत का बाजा!मैंने उसकी नाभि पर किस करते करते धीरे से अपने दांतों से उसकी पैंटी को खींच कर निकाल दिया|
उफ्फ्फ क्या बताऊं … मैं तो उसकी विशाल गांड देख कर हैरान हो गया| किसी चुदाई चुदाई भाभी की गांड जैसी गांड थी उसकी|और उसकी चूत की खुशबू से ही पागल हो गया था|
मैंने चुत पर नाक लगा आकर उसकी चूत की महक को अपनी सांसों में भरा और अपनी आंखें मदहोशी से बंद कर लीं|फिर धीरे से मैंने चूत पर किस किया और अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर डाल दी|
वो एकदम से सिहर गई और उसने मेरे सर को अपने हाथों से थाम लिया| मैंने चूत को बहुत चाटा| वो भी मेरा मुँह अपने चूत में घुसा रही थी और सिसकारियां ले रही थी| उसकी आंखें बंद हो गई थीं और वो चूत चटाई का मजा ले रही थी|
इसी बीच मैंने धीरे से अपनी एक उंगली उसके चूत में घुसा दी, उसे बहुत दर्द हुआ| वो चीख उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…मैं समझ गया कि ये सही कह रही थी कि ये कुंवारी है|
ये जान कर मैं धीरे से उठा और पास में रखी नारियल तेल की शीशी लाकर मैंने उसकी चूत पर ढेर सारिका तेल गिरा दिया| कुछ ज्यादा सा तेल मैंने अपने लंड पर भी टपका लिया|
अपने लंड को तेल से सराबोर करके मैंने हाथ से लंड की मालिश की, तो जैसे वो किसी शेर की तरह गुर्राने लगा|मैंने उसके दोनों पैर चौड़े किए और धीरे से अपना लंड उसके चूत में सैट कर दिया|
उसकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड का सुपारा तक अन्दर नहीं जा रहा था| मैंने किसी तरह से उसकी चुत की फांकों में सुपारे को सैट करके धीरे से धक्का लगाया, तो उसने मुझे धकेल दिया|
वो कहने लगी- उईल्ला बड़ा दर्द हो रहा है मुझे नहीं करना बहुत दर्द हो रहा है|मैंने कहा, भरोसा रखो जान एक बार का दर्द है उसके बाद तो मजा ही मजा आना है|वो मान गई|
फ़िर मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और झटके से एक धक्का दे मारा| मेरा आधा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया|उसकी आंख से आंसू निकल आए और जोर से जैसे ही चिल्लाने को हुई|
मुझे मालूम था कि ये चिल्लाएगी, इसलिए मैंने झट से अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया और उसे किस करने लगा| वो झटपटाने लगी और मुझको खुद से दूर करने लगी|
करीब 5 मिनट बाद वो शांत हुई और मेरी कमर को अपने चुत पर दबाने की कोशिश करने लगी| मैं उसे किस करने लगा| एक मिनट तक मैंने उसे चूमा और फिर से मौका देख कर दूसरा धक्का दे मारा|
इस बार मैंने उसकी चूत में पूरा लंड घुसा दिया| वो फिर से चिल्लाने को हुई तो मैंने फिर से अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया और किस करने लगा|जब वो थोड़ी ओर शांत हुई, तो मैंने धक्के लगाना शुरू किए|
अब उसे भी मजा आने लगा और वो गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी|वो कहने लगी- जानू तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है … इतनी सी चूत में कैसे चला गया?मैं मुस्कुराया दिया और धक्के मारने लगा|
वो भी जोश में गांड उठाकर चुदते हुए कहने लगी- आज से मैं तेरी हमेशा के लिए हो गई … जब भी मेरा मन हुआ करेगा, मैं तुमसे चुदने आ जाया करूंगी| आह … चोदो मुझे जोर से … मेरी चुत कब से लंड लेने के लिए मचल रही थी
आज इसकी प्यास बुझा दो … और मुझे कली से फूल बना दो|करीब 10 मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं उसकी चुत में ही झड़ गया और उसके ऊपर लेट गया| मैंने घड़ी में देखा तो रात के दो बज रहे थे|
वो उठी और कपड़े पहन कर जाने के लिए रेडी हो गई| मैंने उसे जाते जाते अपने पास बुलाया और किस करना शुरू किया| वो घर जाने के लिए बोल रही थी क्योंकि उसे आए हुए बहुत टाइम हो गया|
ससुर का लंड और बहु की चूत का मिलन – sasur bahu ki chudai
उसका भाई उसके पास ही सोता है, तो उसे डर था कि कहीं भाई जग कर उसे खोजने न लगे|मैंने जाते जाते उसके मम्मे दबाए, कपड़ों के ऊपर से ही चूसे| वो फिर से गर्म होने लगी, पर उसकी मजबूरी थी|
वो ज्यादा देर तक नहीं रुक सकती थी| मैंने भी उसे जाने दिया| उसके जाने के बाद मैं गहरी नींद में सो गया|दोस्तो, उसके बाद तो वो मेरे लंड की दीवानी बन गई थी|
वो मुझसे कहने लगी थी- मेरी चुत तेरे लंड की ग़ुलाम है|उसके बाद मैंने उसको उसी महीने में 4 बार चोदा| वो मेरे लंड की दीवानी बन गई थी|
फिर दो महीने बाद उसकी अम्मी हमेशा के लिए शहर छोड़कर दूसरे शहर में चली गई थी| उसका नम्बर भी बंद आने लगा था| उसके बाद कभी ना उसका फोन लगा … और ना ही उसने कभी कॉल किया|
मैं आज भी उसको बहुत मिस करता हूँ| मेरा लंड फिर से अकेला हो गया है|आपको मेरी सच्ची देसी सेक्स स्टोरी पसन्द आई हो, तो मुझे मेल जरूर करें|