मेरा नाम जावेद है | मै एक मौलवी हू मेरा निकाह नहीं हुआ था| मै जिस मस्जिद का मोलबी था उस मै सब लोग औरत नवाज पढ़ने आती थी | एक दिन में सलमा को देखा तो मै उसे देखता ही रह गाया था | वो बहुत ज्यादा खूब सूरत नज़र आ रही थी|
मै मन ही मन सोच रहा था कि या अल्लाह हे मेरी बेगम होती तो मोज होती मेरी इस तरह वो भी रोज सुबह सुबह मस्जिद में नमाज़ पढ़ने आती थी | एक दिन जब मैं सलमा के घर के पास से निकल रहा था|
मैं देखा कि उस के घर के पास बहुत लोग खरे थे ,मैं जाकर देखा कि सलमा को उसका शौहर पिट रहा है मैं सोचा कि क्या बात हुई है इकनी खूबसूरत बेगम को पीट रहा है लड़ाई को 10मिनट से ज्यादा समय हों गाया था कि अचानक से सलमा के शौहर ने उस को तलाक दे दिया था
सलमा रोने लगी और फिर अपने आबा के घर चली गई थी 2/3दिन के बाद सलमा के शौहर मेरे पास आया और मुझे कहा कि मौलाना साहब मुझ से गलती हों गई हैं मुझ को सलमा से दुबार निकाह करना चाहता हू | तो फिर मै ने उस कहा की तेरी बेगम को दूसरे के साथ निकाह कर उस के साथ सेक्स करना पड़ेगा तो उस ने कह की ठिक हैं|
सलमा को उसके अब्बू ने समझाया के तुम हलाल कर लो तो सलमा मान गई जब सलमा का हलाल होन की बात कही तो उसके शौहर एक आदमी को ढूढ़ रहे थे को उसने मुझे कहा कि मौलाना साहब आप क्यों ना मैरी बीबी को हलाल कर लो तो मै उसे कहा ठीक है | लेकिन एक शर्त हैं यदि तुमरी बेगम महीन से डट जाती है तो मै उस तलक नही दूंगा|
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वो मेरी बात मान गाया दूसरे दिन सुबह मस्जिद में मेरा निकाह सलमा के साथ हुआ तो मै बहुत ज्यादा खुश था | रात हुई सब लोग सो गए मे सलमा के पास पहुंचा और फिर उसे बात करने लगा कुछ देर बाद मैंने उसे कहा कि अब क्यों ना हम लोग एक दूसरे से चिपक कर सेक्स कर ले तो फिर सलमा मान गई मे भी उसके साथ किस कर ने लागा ओर उसके गुलाबी होंठ चूसने लगा|
वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी फिर मैंने उसके स्तन दबाने लगा और फिर उसके कपड़े उतारने लगा और वो एक दम नंगी हो गई थी और फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और फिर मैंने उसके स्तन चूसने लगा थोड़ी देर बाद वो एक दम मस्त हो चुकी थी और मैं उसे देख कर काह की तुम मेरा लंड को चूस लो तो सलमा ने पहले तो मना कर दिया|
फिर कुछ देर बाद उसने कहा ठीक हे और फिर मैंने अपना लंड को उसके मुंह में डाल दिया और फिर बो बहुत ज्यादा खुश हो कर चूस रही थी | और फिर मैंने अपना लंड को उसके मुंह से छीन कर उसकी चूत में डालने लगा तो मैंने देखा कि उसकी चूत एक दम टाइट है और फिर मैंने अपने लंड को उसके चूत में धीरे से डाला तो लैंड बहुत ज्यादा टाइट जा रहा था|
फिर कुछ देर बद मैन उसकी चूत को चोद ने लगा था | तो मैंने देखा की उस की चूत में से खून निकल रहा है | और मै उस समय उसे चोद ने लगा था और वो रोने लगी थी आ आ यहां अल्ला मार डाला इस बेरहम शौहर ने मै जटका मरता सलमा रो के कहती आय अल्ला बचा ले इस 10/15मिनट के बाद मैंने उसकी चूत को जोर जोर से चोद रहा था|
सलमा आ आ आ आ आ मर गए या अल्लाह मार डाला चिला रही थी| मैं भी जमकर चोद रहा था | और फिर मै झड़ गया उस रात मैंने उसको 3बार चोद सुबह जब मैं उठा तो मैंने देखा कि सलमा मेरे पास नगी सो रही है और फिर मैंने उसके दोनों स्तनों को दबाने लगा और वो जग गई में उसके स्तन चूसने लगा|
वो भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने उसे एक बार और चोद दिया मैं सलमा से पूछा कि तुम अब तक सील पैक केश हो सलमा ने कहा कि मेरा शौहर एक ग्रे है और हमारे खानदान में निकाह केवल खानदान के लड़को के साथ निकाह किया जाता है यह मेरी चाचा का लड़का है। मैं सलमा से पूछा की क्या तुम को रात में मजा आया या नहीं|
सलमा ने कहा बहुत ज्यादा मज़ा आया मैं सलमा से पूछा कि तुम जीवन भर मेरे साथ निकाह कर कर रहे रहस्की हो सलमा ने कहा कि हमारे खानदान वाले मान जाते तो मै रुक जाती है मै बहुत ज्यादा खुश था सुबह उसे चला भी नहीं जा रहा था तभी मुझे फोन आया की मोलान साहब कहां पर हो मैंने कहा घर पर हूं तो उन्होंने कहा एक निकाह पढ़ाना है|
मैंने कहा ठीक है 1 घंटे में आता हू मै निकाह वाले स्थान पर पंहुचा । तो मै देखा कि वहाँ पर सारी तैयारी हो चुकी है एक और लड़की एक और लड़का बैठा हुआ है मैंने जाकर दोनों का निकाह पढ़ाना शुरू किया मैंने लड़की से पूछा क्या तुम्हें यह निकाह कबूल है |
तो लड़की ने कहा कबूल है और फिर लड़की से पूछा क्या तुम्हें यह निकाह कबूल है लड़के ने कहा मुझे यह नेकाह कबूल नहीं है क्योंकि मैं एक दूसरी लड़की से प्रेम करता हूं इसलिए मैं यह निकाह नहीं कर सकता|
वहां पर बैठे सभी लोगों मे सन्नाटा छा गया और लड़की रोने लगी और लड़की के घरवाले रोने लगे अब हमारी बेटी से कौन निकाह करे गा | लड़की भागते हुए कमरे में बंद हो गई और फिर सब लोग उसके पीछा कर रहे थे उस लडकी ने फासी लगानी चाही तभी मै कमरे का गेट को तोड़ दिया और उसकी टांगो को ऊपर कर के बचा लिया |
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फिर उसे समझाया की ऐसा नहीं कर सकते हमें अल्ला ने जीवन दिया है तो आत्म हत्या नही करनी चाहिए तभी उस लडकी ने कहा कि अब मेरे साथ निकाह कोन करे गा तो मैंने कहा अल्ला ने कोई ना कोई को तुम्हारे लिए बनाया हो गा तभी एक आदमी ने कहा मौलाना साहब आपकी भी तो निकाह नहीं हो रहा क्यों ना तुम इस के साथ निकाह कर लो|
मैंने कहा है ऐसा नहीं हो सकता तभी लड़की ने कहा ऐसा क्यों नहीं हो सकता मैंने कहा कि मेरी एक महीने की अलाला बेगम है लड़की ने कहा तो होने दीजिए मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मैं तुम्हारे साथ निकाह करने के लिए तैयार हूं सब लोगों ने कहा मौलाना साहब इस की जान बचाई मैंने कहा ठीक है लेकिन दूसरा मौलाना बुलाना पड़ेगा नहीं तो तभी लोगों ने कहा ठीक है|
दूसरे मौलाना ने हम दोनों का निकाह पढ़ाया मै उस लेकर अपने घर आ गया और फिर सलमा ने हम दोनों को देख कर काह की आप तो कह रहे थे कि मेरा निकाह नहीं हुआ है और फिर यह नई बेगम काह से ले आय | सलमा को सारी घटना बताई की इसके होने वाले सोहर ने इसके साथ निकाह कर ने मना कर दिया था|
सलमा मान गई और कहा ठीक है मैंने नई बेगम से नाम पूछा जी मेरा नाम रुकसाना है मैंने पूछा क्या तुम अपने बारे में और कुछ बता सकती हो रुकसाना बोलीमै बीकॉम की पढ़ाई करी हुई है और राजस्थान के रहने वाले हैं मेरे अब्बा बहुत गरीब हैं मैंने पूछा क्या तुमने कभी सेक्स किया है उसने कहा नहीं हम तीनों ने मिलकर खाना खाया और दिन भर मौज मस्ती की|
रात हुई मैंने सलमा से कहा की आज हम तीनों मिलकर एक साथ सुहागरात मनाएगे तभी दोनों ने एक साथ हसीं आ गई मैं रुकसाना के साथ किस करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और सलमा ने रुकसाना को नंगी कर दिया और उसकी चूत को चूस रही थी और मैं किस करने लगा था अब हम तीनों नगे हो गई|
वो दोनो को मैं ने कहा कि अब मेरे लंड को चूस लो और फिर रुकसाना मेरे लंड को चूस ने लगी और सलमा रुकसाना की चूत को चूस रही थी मे अपने लंड को रुकसाना की चूत में धीरे धीरे से डाला सुरु कर दिया रुकसाना रोन लगी जावेद मुझे छोड़ दो मार डाला चिला रही थी और मैं उसकी चूत को जोर जोर से चोद रहा था|
और वो आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ मार डाला चिला रही सलमा ने अपनी चूत को उसके मुंह में डाल दिया रुकसाना को बहुत दर्द हो रहा था और मैं उसकी चूचियों को मुंह में भर कर चूसने लगा और चोद ने लगा था| रुकसाना को 30मिनट तक चोद रहा था और फिर से नई नवेली बेगम की चूत में झड़ गया था|
उसके बाद मैंने सलमा को पकड़ा और उसे चोद ने लगा सलमा जो कल रात में चुदी थी इस लिए उसे कम दर्द हो रहा था और आराम से चुद रही थी और मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और चोद रहा था कुछ देर बाद मैं झड़ गया था| उस रात हम तीनों ने 5बार सेक्स किया। सुबह जब मैं उठा तो मैंने देखा कि रुकसाना बेगम पर चला भी नहीं जा रहा था|
फिर मैंने अपने हाथ से उठाकर गुसलखाना में ले गया और मैं उसे के साथ सौच किया बो मुझ को देख रही थी और मैं उसकी चूचियों को दबाते हुए कहा क्या देख रही हो तो उसे ने कहा कि में कभी भी नहीं सोचा था कि मेरा निकाह एक मौलाना से होगा और मै उस से कहा कि मेरी जान है यह सब अल्ला ने जीवन में लिखा था और फिर हम दोनो बाथरूम से बाहर आ गए|
मै अपनी दैनिक क्रिया कर कर मस्जिद में नमाज़ पढ़ने चाला गया जब मैं अपनी नबाज पढ़ ही रहा था | कि मैं अपने घर को लौट रहा था कि अचानक से बड़े मौलाना साहब ने मुझ को आवाज लगाई थी और फिरउनके पास पहुंचा तो उनोने बताया कि दिल्ली में जपीर मौलाना साहब का फोन आया था और फिर तुम को दिल्ली अभी बुलाया है तो दोस्त मे आप सब लोग को अगली कहानी में बताऊंगा कि दिल्ली मै क्या हुआ.
आप लोगो को मेरा कहानी कैसी लगी जरूर बताना और अपने सभी पढको को भी शेरय करना आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया आगे की कहनी अगली भाग में बताउगा |
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