इस न्यूड Family Sex Story में पढ़ें कि मेरी ममेरी बहन हमारे घर आयी तो उसकी जवानी ने मेरा लंड खड़ा कर दिया. बीच रात मैंने उसके जिस्म को छुआ तो वह तैयार बैठी यही.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सम्राट है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ. अभी भी जयपुर में ही रहकर आगे की पढ़ाई कर रहा हूँ.
मेरी उम्र अभी 21 साल है व रंग गोरा है.
नियमित जिम जाने के कारण मेरा शरीर एकदम सुडौल है जो किसी भी लड़की, आंटी या भाभी को सहज ही आकर्षित कर लेता है.
दोस्तो, आकर्षक रूप रंग और बदन के अलावा मेरे लंड का नाप भी अच्छा खासा है. यह 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा है.
यह इस न्यूड सिस्टर वर्जिन पोर्न कहानी आज से दो साल पहले की है.
उस वक्त मेरे मामा की लड़की हमारे घर मिलने आई थी.
उसका नाम सपना है.
वह दिखने में थोड़ी सांवली है लेकिन शरीर से एकदम सेक्सी है.
उसकी उम्र 18 साल है, मतलब उसने अभी अभी जवानी में कदम रखा है.
आप लोग समझ सकते हैं कि नई नई जवान लड़की कितनी सेक्सी लगती है.
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सबसे पहले मैं आपको उसका साइज बता दूं.
उसका फिगर 30-28-32 का है.
उसके संतरे जैसे गोल व कसे हुए दूध किसी को भी अपना दीवाना बनाने में सक्षम हैं.
सपना दिसंबर के महीने में मेरे घर आयी थी.
उस वक्त बहुत ज्यादा सर्दी पड़ रही थी.
दिन में जब वह आयी तो मैं उसे देखता ही रह गया था.
हम दोनों भाई बहन थे, तो जल्द ही हमारी आपस में बहुत बनने लगी थी.
हम दोनों ने सारे दिन खूब सारी बातें की और मस्ती करते रहे.
रात को जब सोने की बारी आयी तो मैं अपनी बहन और मामा की लड़की बेड पर एक साथ सोने वाले थे.
सबसे पहले मैं, फिर मामा की लड़की और सबसे बाद में मेरी बहन सोई थी.
मेरी बहन और मामा की लड़की एक ही रजाई में सोई थीं.
मैं अलग रजाई में था.
तब तक मैं तो मेरे मामा की लड़की का दीवाना ही हो गया था और मेरे लंड में तनाव आ रहा था.
मैंने किसी तरह अपने आप पर काबू किया और सबके सोने का इंतजार करने लगा.
मुझे बस मेरे मामा की लड़की को लेकर खुद पर हवस चढ़ रही थी.
आप तो जानते ही हो कि जब दिल और दिमाग पर हवस चढ़ी हो तो लंड रिश्ते नहीं देखता.
जब कुछ देर तक मुझे माहौल सही नहीं लगा तो मैंने अपनी आंखें मूँद लीं और मेरा झपका लग गया.
आधी रात को मेरी आंख खुली तो सब सो चुके थे.
मैं अपना हाथ हिम्मत करके उसकी रसाई में ले जाने लगा.
मेरी फट भी रही थी कि कहीं कोई बवाल न हो जाए और दूसरी तरफ अपनी ममेरी बहन की जवानी चखने का दिल भी कर रहा था.
मैंने हिम्मत करके उसकी रजाई में हाथ डाल दिया और धीरे धीरे अपना हाथ उसकी कमर पर ले गया.
उसने लोअर और टी-शर्ट पहना था.
मैंने हौले से उसकी कमर पर हाथ रखा और उसकी कमर को आराम आराम से सहलाने लगा.
मुझे डर भी लग रहा था.
वह गहरी नींद में सोई हुई थी तो उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई.
मैंने थोड़ी और हिम्मत करके उसकी गांड पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा.
उसकी ओर से अभी भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी.
अब मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और लंड भी पूरे तनाव में आ चुका था. अब बस किसी तरह मुझे आगे बढ़ना था.
मैं अपने हाथ को धीरे धीरे ऊपर लेकर गया और उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स सहलाने लगा.
अब मेरी हिम्मत और बढ़ती जा रही थी.
मैं उसके मम्मों पर हाथ रख कर दबाने लगा और धीमे से मसलने लगा.
मुझे उसकी तरफ से अभी भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो मैं अब यह चेक करने के लिए कि वह सो रही है या जग रही है … उसको धीरे धीरे अपनी रजाई में खींचने लगा.
क्यूंकि उस रजाई में मेरी बहन भी थी तो यह तय था कि यदि वह मजा लेने का मन रखती होगी तो मेरी रजाई में आ जाएगी, अन्यथा की स्थिति में मैं अपनी हरकत को विराम दे दूंगा.
मैंने जैसे ही उसको हल्का सा खींचा, वह बड़े आराम से मेरी तरफ खिसक आयी.
अब मैं समझ चुका था कि सपना जाग रही है और मजा ले रही है.
यह जानते ही मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा.
मैंने उसको अपनी रजाई में पूरी तरह से खींच लिया और उसके दूध मसल दिए.
उसकी गांड मेरी तरफ थी और मेरा लंड उसकी गांड की दरार में टच हो रहा था.
मैंने थोड़ी ज्यादा हिम्मत करके उसके लोअर में हाथ डाल दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा.
उसकी चूत की गर्मी मुझे पैंटी के बाहर से ही महसूस हो रही थी जो मुझे पागल कर रही थी.
मैंने और हिम्मत करके अब उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया और उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा.
उसकी सांसें भी गर्म हो रही थीं, इसका मतलब था कि अब रास्ता साफ है.
अब मैंने अपनी दो उंगलियों से कुंवारी कन्या की चूत के होंठों को खोला और हल्के हल्के से एक उंगली से उसकी चूत को सहलाने लगा और साथ ही मैं अपने अंगूठे से उसके दाने को सहला रहा था.
उसकी चूत एकदम भट्टी की तरह तप रही थी; उसकी सांसें निरंतर तेज़ होती जा रही थीं.
उंगली बाहर निकाल कर मैंने सूंघा तो उसमें से एक मादक खुशबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रही थी.
मैंने उसी उंगली पर थूक लगाया और वापस उसकी चूत पर ले जाकर पुत्तियों को सहलाने में लग गया.
सच बताऊं दोस्तो, उस समय मुझे एक ऐसे आनन्द की वह अनुभूति हो रही थी, जो अकल्पनीय था.
मेरे मामा की लड़की सपना भी मजे ले रही थी.
उसकी चूत बहुत ज्यादा गीली हो रही थी.
मैंने उसकी बुर में उंगली पेल दी.
उसकी एकदम से सिसकारी निकल गयी.
मैं समझ गया ये अभी वर्जिन है.
तो इस समय इससे ज्यादा कुछ नहीं हो सकता.
इसलिए मैंने उस समय बस उसकी बुर में फिंगरिंग की और उसका पानी निकाल दिया.
फिर उसका एक हाथ मेरे लंड पर रखवा दिया.
उसने भी मेरा लंड तुरंत पकड़ लिया.
शुरू में तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर ऊपर नीचे किया, उसके बाद वह खुद ही मेरे लंड की मुठ मारने लगी.
मैंने भी उसके बूब्स सहलाने शुरू कर दिए.
मैं उसकी गांड पर अपने राजा का दबाव बनाने लगा.
उसके हाथ में मेरा मोटा लंड अच्छे से नहीं आ रहा था.
थोड़ी देर में मेरा भी माल निकलने वाला था तो मैंने अपना माल उसके लोअर के ऊपर ही डाल दिया.
उस रात बस इतना ही हो पाया.
अगले दिन हम दोनों की नज़र जब भी मिलती तो हम दोनों मुस्कुरा देते.
अब आग दोनों तरफ लग चुकी थी, बस हमें एक सही मौके की तलाश थी.
उस दिन हमें कोई मौका नहीं मिला.
कुछ दिन यूं ही निकल गए पर बुर चुदाई न हो सकी.
अब इतना जरूर हो गया था कि वह मेरे लंड की मुठ मार देती थी और मैं उसकी बुर में उंगली कर लेता था.
मैंने उसकी चूचियों को भी खूब चूसा और मसला.
मतलब यह कि हम दोनों ने ही ऊपर ऊपर से सारे सुख ले लिए थे.
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इसके बाद वह अपने घर चली गयी.
मैं भी उसके घर जाता रहता हूँ लेकिन अभी कुछ ज्यादा हमारे बीच में हो नहीं पाया था.
उससे फोन से और वीडियो कॉल से बात होती रहती थी और हम दोनों एक दूसरे के नग्न अंगों को देख कर अपने आपको ठंडा कर लिया करते थे.
वह भी चुदने के लिए मचल रही थी और जल्दी ही मिलने के लिए कह रही थी.
फिर होली आई तो मैं अपने घर पर कह कर होली के बहाने से सपना के घर आ गया.
होली में मामा जी के घर ठंडाई बनी थी और उसमें भांग कुछ ज्यादा ही मिला दी गई थी.
यह मैंने देख लिया था तो सपना से कह दिया था कि भांग वाली ठंडाई है, तुम नहीं पीना.
बाकी घर के सभी को छक कर ठंडाई पिला दी गई थी.
होली की मस्ती में सारे लोग एक बजते बजते औंधे होने शुरू हो गए.
मैंने सपना को इशारा किया और हम दोनों छत पर बने कमरे में आ गए.
कमरे में आते ही सपना मेरे सीने से चिपक गई और हम दोनों बेहद गर्मजोशी से चुंबन करने लगे.
हमारे बीच की आग इतनी तेज भड़की हुई थी कि कब हमारे सारे कपड़े उतर कर अलग हो गए, कुछ अहसास ही न हुआ.
मैं न्यूड सिस्टर के मम्मों पर टूट पड़ा था और वह भी मुझे अपने दूध चुसवाने लगी थी.
उसको लिटा कर मैं उसके ऊपर चढ़ गया था और उसकी आंखों में आखें डालकर वासना से उसे देख रहा था.
मेरा लंड पोर्न सिस्टर की बुर से टक्कर मार रहा था जिससे वह अपनी टांगों को बार बार फैला रही और लंड को बुर में लेने की कोशिश कर रही थी.
उसके दोनों बाजू पर मैंने अपने हाथ टिकाए और उसकी एक चूची के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचा तो वह ‘आह आह’ करती हुई मुझसे अपने दूध को खिंचवाती हुई चुसवाने लगी.
मैंने बारी बारी से उसके दोनों दूध खूब चूसे.
वह बेहद कामुक हो गई थी और मेरी कमर पर अपनी दोनों टांगों को बांध कर मुझसे लटक कर झूलने की कोशिश कर रही थी.
अंततः वह बोली- जान, अब अन्दर कर दो … मुझसे सहन नहीं हो रहा है.
मैंने नीचे को सरक कर उसकी बुर पर अपने मुँह को लगा दिया.
वह एकदम से सिहर उठी और बुर चुसवाने का सुख लेने लगी.
बड़ी खट्टी और नमकीन सी बुर थी.
अब तक सिर्फ बुर के स्वाद के बारे में मैंने पढ़ा था, चखा आज ही था.
अब वह मेरे सर को अपनी बुर में रगड़वाने लगी थी और शायद उसकी बुर स्खलित होने वाली हो गई थी.
मैंने अचानक से अपना मुँह हटा लिया.
तो उसने अकुलाहट से मेरे सर को पकड़ा और वापस बुर पर लगाने की कोशिश करने लगी.
मैं समझ गया था कि अब यह ऐसी स्थिति में मेरे लंड को आसानी से झेल लेगी.
उसी वक्त मैंने अपने मुँह से थूक निकाला और अपने लंड को थूक से गीला करके उसकी बुर में पेलने के लिए रेडी हो गया.
वह भी लंड अन्दर लेने के लिए रेडी हो गई थी क्योंकि उसे अपनी बुर में लगी आग को किसी भी हाल में बुझवाना था.
मैंने अभी भी उस बात को याद रखा था कि यह सील पैक बुर है, फटेगी तो आवाज करेगी.
तब मैंने पोज बनाया और लंड को बुर के होंठों में रगड़ने लगा.
वह अपनी गांड उठा कर लंड लेने को मचल रही थी.
उसी दरमियान मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रखा और धक्का दे मारा.
मेरे मामा की बेटी की बुर की मां चुद गई थी. लंड चिकनी बुर को फाड़ता हुआ अन्दर तक धँसता चला गया था.
उसकी सांस रुक गई और आंखें उबल पड़ीं.
आवाज निकलने को हुई थी मगर मेरे मुँह के कारण नहीं निकल सकी थी.
मैंने एक और शॉट मारा और उसकी बुर की जड़ तक लंड ठांस दिया.
अब मैंने अपना मुँह हटाया और उसके मुँह पर हाथ रख दिया.
मेरा मुँह उसकी एक चूची पर जम गया और उसे दर्द से निजात दिलाने की कोशिश करने लगा.
कुछ ही देर बाद बुर लंड से सैट हो गई और धकापेल चुदाई का मंजर चलने लगा.
करीब पंद्रह मिनट तक चुदाई के बाद मैंने लंड बुर से बाहर निकाल कर बाहर रस झाड़ दिया.
बुर में से खून निकला था जिस वजह से लंड पर भी लालिमा थी.
वह मरी हुई कुतिया की तरह निढाल पड़ी थी.
मैंने विजयी मुद्रा में उसे देखा और हल्की सी मुस्कान दी तो वह भी हंस दी.
दोस्तो, उसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा है.
अब तो वह गांड भी मरवाने को राजी है.
जैसे ही उसकी गांड चुदाई होगी, मैं आपको सेक्स कहानी जरूर लिखूँगा.