Muslim Chudai : हैल्लो दोस्तों, में अनवर आज आप सभी को अपने सबसे अच्छे सेक्स अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें मैंने अपने पड़ोसी डॉक्टर की मस्त सेक्सी पत्नी को चोदा| में लखनऊ में रहता हूँ और में दिखने में एकदम अच्छा हूँ|
अब में सीधे अपनी उस घटना को सुनाता हूँ जिसको पढ़कर आप लोगो को जरुर मजा आएगा| दोस्तों मेरे घर के पास में ही एक घर में छोटा सा क्लिनिक है वो क्लिनिक नीचे है और उसके ऊपर के हिस्से में उसके डॉक्टर साहब रहते है|
उनका नाम अब्दुल है और उनकी उम्र करीब 34 के आसपास होगी उनकी पहले भी एक शादी हो चुकी थी, लेकिन उन दोनों पति पत्नी के बीच में बहुत बार ना जाने किस बात को लेकर झगड़ा हुआ और अब उनका तलाक भी हो चुका है |
अभी एक साल पहले उन्होंने दूसरी शादी की है, वो भी अपनी पसंद से| उनकी पत्नी सच में दिखने में बहुत ही सुंदर है| उनका घर मेरे घर के पास में ही है इसलिए में अक्सर उनको देख ही लेता हूँ|
दोस्तों शादी के बाद करीब 4-6 महीने तक तो उनकी नई पत्नी घर से बाहर आती ही नहीं थी, लेकिन बाद में धीरे धीरे वो बाहर आने लगी, उनके घर में पति पत्नी और एक नौकरानी है और वो नौकरानी तो सुबह शाम को आकर उसका काम खत्म करके अपनी घर पर चली जाती है
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उसके चले जाने के बाद डॉक्टर अब्दुल और उनकी पत्नी पूरे घर में अकेले ही रहते है और अभी उनकी नई नई शादी हुई है इसलिए उनके घर में अभी कोई बच्चे भी नहीं है| दोस्तों अब्दुल कहने को तो एक डॉक्टर है |
लेकिन वो बहुत ही पतले दुबले आदमी है और उनकी पत्नी उनके शरीर से बिल्कुल उलटी है, उनका जिस्म बहुत ही भरा हुआ है और उनके बूब्स की ऊँचाइयाँ उनकी सुन्दरता को और भी बड़ा देती है
क्योंकि वो मेरे घर के पास वाले घर में रहते थी इसलिए मेरी उनसे हर कभी बातचीत तो होती ही रहती थी और में उन्हे फातिमा भाभी कहता था| शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ ही समय के बाद उन दोनों में हर एक छोटी छोटी बातों को लेकर लड़ाई, झगड़े होने लगे थे
जिसमें मुझे बाद में फातिमा भाभी से पता चला यह बात उन्होंने मुझे कही| में एक बार और बता दूँ कि उनकी छत मेरी छत के बराबर है, मतलब हम दोनों की छत के बीच में बस एक दीवार का ही फासला है
लेकिन उनकी छत पर भी एक रूम भी बना हुआ है और यह अभी तीन महीने पहले की बात है| उस समय गर्मियो के दिन थे और कुछ ज्यादा ही गर्मियां थी, इसलिए हम लोग कभी कभी ऊपर छत पर सोने चले जाते थे | |
उस दिन भी ठीक वैसा ही हुआ| में जब उस रात को अपनी छत पर सोने गया तो मैंने देखा कि पास की छत पर डॉक्टर साहब की पत्नी जिनका नाम फातिमा था वो भी उनकी छत पर खड़ी हुई थी और वो किसी सोच विचार में लगी हुई थी|
उस समय उन्होंने मेक्सी पहन रखी थी और वो बहुत ही हल्की और जालीदार मेक्सी थी, जिससे उनके शरीर के गोरे अंगो को बाहर से भी देखा जा सकता था, लेकिन उस समय छत पर बहुत कम रोशनी होने की वजह से में उनके शरीर को ठीक तरह से देख नहीं पा रहा था |
लेकिन कुछ भी हो वो मुझे थोड़ी दूर से ही सही, लेकिन बहुत अच्छी लग रही थी इसलिए में हमेशा उनसे बातें करने के नये नये मौके देखा करता था| उस रात को भी मैंने ठीक वैसा ही किया और मैंने सही मौका देखकर उनसे बातें करना शुरू किया
मैंने उनसे पूछा कि फातिमा भाभी क्या आप लोगों ने खाना खा लिया? तो उन्होंने कहा कि हाँ हमारा खाना पीने का काम तो खत्म हो गया है बस अब में सोने की तैयारी कर रही हूँ| तभी मैंने उनसे पूछा कि क्या आप लोग हर रात को ऊपर छत पर ही सोते है?
तब उन्होंने कहा कि हाँ, लेकिन कभी कभी जब कभी नीचे गर्मी ज्यादा होती है तो हम दोनों छत पर ही सो जाते है| अब मैंने उनसे पूछा कि अब्दुल भाई कहाँ है क्या वो नीचे है या कहीं बाहर गये है?
तब उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ देर पहले मेरे साथ खाना खाकर वो तो अपनी बहन के यहाँ पर गये हुए है, उन्हें कोई जरूरी काम था और वो कल सुबह तक वापस आ जाएँगे, तब मैंने उनकी पूरी बात को सुनकर उनसे पूछ लिया तो क्या आप आज घर में अकेले है?
वो तुरंत बोली कि हाँ और तब मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको अकेले में इतने बड़े घर में रहने में डर नहीं लगता? तो फातिमा भाभी ने मुझसे कहा कि हाँ नीचे मुझे बहुत डर लग रहा था इसलिए तो में छत पर चली आई और अब मुझे नींद भी नहीं आ रही है|
मैंने उनसे कहा कि हाँ मुझे भी तो नींद नहीं आ रही है और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम एक काम करो तुम भी मेरी छत पर आ जाओ और हम दोनों थोड़ी देर बैठकर बातें हंसी मजाक करते है
उसके बाद जब तुम्हे नींद आने लगे तो तुम सोने चले जाना और अब में मन ही मन बहुत खुश होकर उनके कहने पर उनकी छत पर उस दीवार को खुदकर चला गया और उन्होंने मेरे जाते ही उस रूम के अंदर से एक छोटा सा पलंग बाहर निकाला |
मुझसे कहा कि हाँ चलो अब बैठ जाओ हम बैठकर बातें करते है और में उनके कहने पर उस बेड पर बैठ गया तो वो भी मेरे पास में आकर बैठ गई और हम लोग पहले तो ऐसे ही इधर उधर की बातें और हंसी मजाक करते रहे |
मुझे उनसे आज पहली बार इतनी पास बैठकर बातें करना बहुत अच्छा लगा और में मन ही मन बहुत खुश था क्योंकि यह मेरा उनसे बिल्कुल पास चिपककर बैठने का मौका पहला था| फिर अचानक से उन्होंने मुझसे पूछा कि अब आप मुझे सच सच यह बात बताइए कि आपकी कितनी गर्लफ्रेंड्स है?
तो मैंने उनसे कहा कि अगर में सच बताऊँ तो मेरी गर्लफ्रेंड एक भी नहीं है| तभी उन्होंने मुझसे कहा कि इसका मतलब आपने कभी भी अपनी लाइफ में कोई मज़ा मस्ती नहीं किया? तब मैंने उनसे कहा कि नहीं ऐसी कोई भी बात नहीं है |
मैंने मज़े और मस्तियाँ तो बहुत बार किया है| फिर वो मुझसे पूछने लगी कि किस तरह का मज़ा किया है ज़रा हमें भी तो बताए हम भी तो सुने आपकी कहानी कि आपने अब तक कैसे कैसे मज़े लिए है जरा खुलकर हमें बताए?
अब उनके इस सवाल को सुनकर में थोड़ा सा शरमा गया और में मन ही मन सोचने लगा कि अब में क्या जवाब दूँ और इनको क्या बताऊँ और मैंने अपना सर नीचे झुका लिया| तभी वो मुझसे बड़े ही प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहने लगी |
कि अरे लगता है तुम तो मुझसे शरमा रहे हो और तुम तो मुझे हमेशा अपनी भाभी कहते हो तो फिर मुझसे कैसा शरमाना? और अब उनका हाथ धीरे धीरे मेरे सर से मेरे गालों पर आ गया था |
वो बड़े प्यार से मेरे गालों पर अपना हाथ फेर रही थी| फिर मैंने महसूस किया कि उनके हाथ बहुत ही मुलायम थे और जब उन्होंने मेरे गालो को अपने नरम हाथों से छुआ तो मेरे पूरे शरीर के अंदर एक अजीब सी सनसनी होने लगी थी |
जिसकी वजह से में और थोड़ा सा पीछे हटकर बैठ गया और वो समझ गई कि में अब भी शरमा रहा हूँ| तभी उन्होंने अचानक से एक बार फिर मुझसे पूछा कि क्या आपने कभी किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है?
तो दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत ज्यादा चकित हुआ, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि में कभी उनके मुहं से ऐसे भी शब्द सुन सकता हूँ और वो मुझसे क्या कभी ऐसे भी सवाल पूछ सकती है |
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मुझसे एकदम खुलकर बातें भी कर सकती है| मेरे दिमाग में इस तरह के बहुत सारे सवाल घर कर रहे थे, लेकिन मैंने मन ही मन सोचा कि जब उसको मुझसे यह बात पूछने में किसी भी तरफ की कोई झिझक कोई शरम नहीं है
तो में क्यों करूं? और फिर मैंने बहुत खुश होकर कहा कि हाँ देखा तो है, लेकिन कभी जी भरकर नहीं देख पाया और वैसे तो में ब्लूफिल्म में कितनी बार देख लेता हूँ, लेकिन जो मज़ा अपनी आखों के सामने देखने में है वो फिल्म में नहीं है|
फिर मेरी बातें सुनकर वो हंसते हुए बोले कि क्यों आप बातें तो बहुत अच्छी कर लेते हो? मैंने कहा कि अगर आप जैसी कोई सुंदर औरत सामने बैठी हो तो बातें खुद ही अच्छी हो जाती है और वो बातें आप जैसी परी को अच्छी लगने लगे |
तो हम जैसो की किस्मत तो चमक ही जाए और अब मैंने महसूस किया कि बातें करते करते फातिमा भाभी का हाथ अब मेरे गालों से नीचे सरकता हुआ मेरी छाती तक आ गया था और वो मेरी छाती पर हाथ फेरते हुए बड़े ही प्यार से मुझसे कहने लगी और पूछने लगी |
क्या तुमने कभी किसी के साथ चुदाई की है? फातिमा भाभी के मुहं से एकदम से चुदाई जैसे शब्द सुनकर में तो एकदम चकित हो गया क्योंकि मुझे विश्वास नहीं था कि वो इतनी जल्दी मुझसे यह सभी बातें भी पूछ सकती है?
इसलिए में बहुत घबरा गया और मैंने अपना सर नीचे झुका लिया| फिर उसके बाद वो मेरी जाँघो पर अपना एक हाथ फेरते हुए मुझसे कहने लगी कि में बहुत दिनों से अकेली हूँ क्या आप मेरा साथ देंगे?
दोस्तों तब मैंने पहली बार अपनी भाभी की आँखो में आखें डालकर उनकी तरफ देखा तो सच में उनके चेहरे में उस समय एक बहुत ही अजीब ही कशिश थी इसलिए अब में बिना कुछ कहे भाभी के चेहरे को अपने हाथों से अपनी तरफ खींचते हुए
उनके नरम गुलाबी होंठो पर किस करने लगा| तब उन्होंने अपनी दोनों आँखे बंद करके अपने आप को बिल्कुल फ्री छोड़ दिया जिसकी वजह से उनका पूरा शरीर मेरी बाहों में झुला झूलने लगा और तब में बहुत जल्दी समझ गया |
कि आज की रात मुझे जन्नत की सेर करने का वो मौका मिलेगा जिसका मुझे बहुत लंबे समय से इंतजार था| मतलब भाभी की चुदाई पक्की थी| फिर में बड़े आराम से फातिमा भाभी के होंठो को चूसने लगा |
अपने हाथ उनके बालो में फेरने लगा| में बहुत मज़े से उनके होंठो को चूस रहा था और फिर भाभी ने कुछ देर बाद धीरे से अपनी आखें खोल दी और मेरे मुहं में उन्होंने अब अपनी जीभ को डालकर बहुत मज़े से मेरे होंठो को चूसना शुरू कर दिया और वो अपने हाथ से मेरी जांघो को भी सहलाने लगी थी|
दोस्तों फातिमा भाभी की वो मेक्सी बहुत ही हल्की थी और उसमें से मुझे उनका पूरा गरम भरा हुआ जिस्म अब साफ साफ दिख रहा था, जिसको देखकर में उसको छूने के लिए ज्यादा पागल हो रहा था और में हम दोनों का वो जोश देखकर अपने हाथ को उनके बालों से हटाकर उनके बूब्स पर रखकर उनको सहलाने लगा
जिसकी वजह से वो हल्के से आअह्ह्हहह उफफ्फ्फ्फ़ अनवर हाँ थोड़ा और ज़ोर से दबाओ कहने लगी| मैंने बिना कुछ कहे उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए उनकी मेक्सी के ऊपर का हिस्सा दो बटन खोल दिए और अब उनके बूब्स मेरी आखों के सामने थे|
में उनके बड़े बड़े गोरे बूब्स और उसकी गुलाबी कलर की निप्पल को देखकर तो में अपने काबू में नहीं रहा और में जल्दी से उनके बूब्स को अपने होंठो से चूसने लगा| पहले तो में उनके निप्पल के साथ खेलता रहा |
फिर जब मैंने उनके बूब्स को अपने पूरे मुहं में लेकर ज़ोर से ज़ोर दबाकर उनका रस निचोड़कर चूसना शुरू किया तो वो आअहहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चूसो इनका पूरा रस चूस लो मेरे अनवर मेरी जान और ज़ोर से अनवर आउूउफफफ हाँ ठीक ऐसे ही चूसते रहो|
दोस्तों उनके बूब्स इतने नरम मुलायम थे कि में शब्दों में आप लोगों को क्या बताऊँ? में उनको बहुत देर तक चूसता दबाता रहा| मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर पेंटी के ऊपर से रख दिया |
अब में उनकी चूत को हल्का हल्का सहलाने लगा| फिर थोड़ी ही देर में मुझे महसूस हुआ कि उनकी चूत अब पूरी गीली हो चुकी है इसलिए मैंने बिना समय खराब किए उनकी पूरी मेक्सी को जल्दी से खोल दिया|
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मैंने जैसे ही मेक्सी को खोल दिया मुझे काली कलर की ब्रा के पीछे छुपे हुए गोरे बूब्स दिखने लगे| तभी फातिमा भाभी मुझसे कहने लगी कि यहाँ नहीं उस रूम के अंदर चलो, यहाँ पर किसी ने हमें यह सब करते हुए देख लिए तो मेरे लिए तो बहुत बड़ी मुसीबत हो जाएगी|
अब मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है और फिर में उनको अपनी गोद में उठाकर अंदर के रूम में ले गया और मैंने देखा कि अंदर एक और पलंग लगा हुआ था और उसके पास में एक टेबल रखी हुई थी, जिस पर कुछ गंदी किताबे रखी हुई थी|
मैंने एक किताब को उठाकर खोलकर देखा तो उसमे पूरी नंगी चुदाई की बहुत सारी तस्वीर थी| फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या यह किताबे यहाँ पर आपने रखी है? तो वो मुझसे कहने लगी कि नहीं, अब्दुल का लंड इतनी जल्दी खड़ा नहीं होता है |
तो वो इन किताबो में नंगे फोटो देखकर जोश में आकर अपना लंड खड़ा करते है, यह सभी किताबे उनकी है, लेकिन उन सबके क्या फायदे वो बस दो मिनट में ही झड़कर हल्के हो जाते है
उन्होंने आज तक कभी भी मेरी चूत को चुदाई की वो संतुष्टि नहीं दी है, इसलिए मेरी चूत हमेशा अंदर ही अंदर उस कामवासना की आग में जलती रहती है, अब तुम ही बताओ में क्या करूं?
इसलिए में तुम्हारे साथ आज यह सब करना चाहती हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम मेरी उम्मीद पर खरे जरुर उतरोगे| अब मैंने बिना कुछ बोले उनको बेड पर लेटाकर में उनके पास में जाकर उनके बूब्स को फिर से चूसने लगा और सहलाने लगा |
वो मेरे सर को अपने बूब्स पर ज़ोर से दबा रही थी और कुछ बड़बड़ा रही थी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चूस, आज पूरा चूस ले मेरा आअह्ह्ह्हहह हाँ ऐसे ही चूसते रहो| अब फातिमा भाभी पूरी तरह से जोश में आकर बहुत मस्त हो चुकी थी
इसलिए मैंने बिना समय खराब किए उनकी चूत को अपने हाथों से सहलाना शुरू किया और फिर धीरे से मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत के अंदर डाल दिया और तब मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पूरी तरह से गीली, बहुत गरम थी,
इसलिए मेरी पूरी उंगली फिसलकर चूत के अंदर चली गई और फिर मैंने अपनी दो तीन उंगली को एक साथ चूत के अंदर डाल दिया, लेकिन चूत गीली होने की वजह से वो भी बड़े आराम से अंदर चली गई |
अब में अपनी उंगली को उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगा| तभी उन्होंने कुछ देर बाद अचानक से मेरे हाथ को पकड़कर रोक दिया तो में तुरंत समझ गया कि अब भाभी कुछ ज्यादा गरम हो गई है|
मैंने झट से अपना मुहं भाभी की मुलायम और नाजुक चूत पर रखकर पहले तो चूत के चारों तरफ किस किया और फिर हल्के से अपनी जीभ को मुहं से बाहर निकालकर भाभी की चूत के छेद पर लाकर चूत को चूसने लगा |
चूत के दाने को टटोलने लगा| मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था और जिसकी वजह से भाभी ने पूरी तरह से गरम होकर मेरे मुहं को अपनी चूत पर ज़ोर से दबाते हुए मुहं पर अपनी चूत के हल्के से धक्के मारते हुए बोले जा रही थी |
आअह्ह्हहह वाह मुझे आज पहली बार यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि सेक्स का यह भी तरीका हो सकता है उफ्फ्फ्फ़ क्योंकि मेरे पति चुदाई करने में नाकाम है |
तो वो यह सब क्या करेंगे, उन्होंने तो मुझे चुदाई का वो सुख ही नहीं दिया, जिसके लिए में अब पागल हो चुकी हूँ, आह्ह्ह्ह अनवर हाँ तुम बस ऐसे ही मेरी चूत को चूसते रहो उूफफफफ्फ़ आहह्ह्ह्हह हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से ऊईईईईई ऊऊहह हाँ और चूस मेरी चूत का पूरा रस चूस लो |
में अब और ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत को चूसने लगा और फातिमा भाभी मेरे मुहं को अपनी चूत पर धक्का लगा लगाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रहे थी, लेकिन तभी मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि अचानक से भाभी के धक्को की स्पीड ज्यादा तेज हो गई |
और ऊऊऊहह आआह्ह्हहह और फिर उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे मुहं को अपनी चूत पर ज़ोर से दबा दिया और फिर मेरे देखते ही देखते भाभी हल्की हो गई और उनकी चूत से बाहर निकलने वाले रस को मैंने बड़े मज़े से पूरा चूस लिया |
अब मैंने वहां से बाहर आकर अपना मुहं धोकर में दोबारा उनके पास आ गया, वो तब तक वैसे ही चुपचाप लेटी हुई थी| फिर में उनके पास में जाकर लेट गया और फिर वो मेरी तरफ घूम गई और उन्होंने मेरे बनियान को मेरे शरीर से अलग कर दिया |
मेरे पजामे को भी उतार दिया जिसकी वजह से अब मेरा लंड पूरी तरह से बाहर होकर अब बिल्कुल आज़ाद हो गया था| भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथों में लेते हुए मुझसे बोला कि लंड हो तो ऐसा और मुझे तो इसको देखते ही मज़ा आ गया |
फिर वो हल्के हल्के मेरे लंड को हिलाने लगी और फिर मेरे ऊपर आकर मेरी छाती पर किस करने लगी तो में और भी ज्यादा गरम होकर उनसे लिपट गया| पहले वो मेरे सीने पर किस करती रही और फिर वो किस करते करते मेरे पेट और फिर मेरी जांघो पर किस करने लगी |
फिर मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाते हुए उन्होंने अपने मुहं के पास ले जाकर मेरे लंड पर एक किस कर लिया| उनके नरम होंठो का स्पर्श पाकर तो मानो मेरा लंड और भी ज्यादा टाईट हो गया|
फिर बड़े प्यार से फातिमा अपनी जीभ को बाहर निकालकर मेरे लंड पर फेरने लगी और जब वो अपनी जीभ को मेरे लंड पर फेर रही थी तब तो में अपने काबू से बाहर होने लगा था|
तब उन्होंने मेरी हालत को देखकर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर उसे चूसने लगी| पहले तो उन्होंने मेरे आधे लंड को अपने मुहं में लिया और फिर मैंने एक झटका मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनके मुहं में चला गया और वो गूं गूं करने लगी|
फिर उसके बाद मैंने थोड़ा सा लंड को बाहर निकाला तो भाभी अपनी जीभ से मेरे लंड को चूसने लगी| अब मेरा कंट्रोल पूरा खोने लगा था और मुझे लगा कि अब में बस झड़ जाऊँगा, तभी भाभी ने लंड को अपने मुहं से बाहर निकालकर मुझे देखते हुए |
वो मुझसे पूछने लगी क्यों अनवर अच्छा लग रहा है या नहीं? तो मैंने कहा कि हाँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और फिर मैंने तुरंत उनको अपने ऊपर खींच लिया और उनके होंठो पर ज़ोर से किस करने लगा |
फिर उनको अपने नीचे करके में उनके दोनों पैरों के बीच में आकर उनके दोनों पैरों को उठाकर अपने कंधे पर रख लिए जिसकी वजह से अब उनकी चूत का छेद गुलाब की पंखुड़ियों की तरह पूरा खुलकर बिल्कुल मेरे लंड के सामने था|
फिर मैंने भाभी की चूत में पहले अपनी दो उँगलियों को डालकर उसे अंदर बाहर करने लगा| उसके बाद मैंने अपनी उंगली को चूत से बाहर निकालकर उनकी चूत के छेद पर अपना लंड रखकर ज़ोर का धक्का मारा |
जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो ज़ोर से चिल्ला उठी आह्ह्ह्ह में मररर्र्र्र्ररर गई ऊउऊहह आह्ह्हहह मर गई| मैंने फिर से एक और ज़ोर का एक झटका और मार दिया |
में अपने लंड को उनकी चूत के अंदर डालकर करीब दो मिनट ऐसे ही रुक गया और वो आहहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ वाह क्या मज़ा है? फिर वो धीरे धीरे सिसकने लगी और उसके बाद मैंने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकालकर फिर से झटका मार दिया|
भाभी कह उठी हाँ अनवर फाड़ दो आज तुम मेरी चूत को, में पिछले दो महीने से प्यासी हूँ| आज तुम मेरी चूत की प्यास को बुझा दो और ज़ोर से धक्के देकर चोदो तुम मेरी चूत को| दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर मेरे अंदर और भी ज्यादा जोश आ गया |
जिसकी वजह से में और भी ज़ोर से उनकी चूत को लगातार धक्के देकर चोदने लगा और फातिमा भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और थोड़ी देर बाद उन्होंने उनकी कमर को ऊपर उठाने के स्पीड को भी बहुत तेज होकर अचानक से वो शांत हो गई तो में समझ गया |
चुदासी भाभी को केक लगे लंड से चुदाई – Bhabhi Sex Stories
कि फातिमा भाभी अब झड़ चुकी है, लेकिन में अब भी नहीं झड़ा था और इसलिए में ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा| फिर थोड़ी देर बाद में भी झड़ने के करीब आ गया तो मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ |
आप मुझे बताए कि में अपने वीर्य का क्या करूं? तब उन्होंने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं है तुम अपना वीर्य मेरी चूत में ही गिरा दो और मैंने ठीक वैसा ही किया|में देखते ही देखते उनकी चूत में झड़ गया और मैंने अपना एक एक बूंद वीर्य उनकी चूत की गहराई के अंदर जाने दिया|
मेरे झड़ने के बाद दो चार मिनट तक तो में उनके ऊपर ही लेटा रहा| फिर उसके बाद में उठकर उनके पास में आकर लेट गया तो फातिमा ने जल्दी से उठकर अपनी जीभ से मेरे लंड को चाट चाटकर साफ किया |
उसके बाद वो बाथरूम में चली गई| में वहीं पर थोड़ी देर तक तो लेटा रहा और जब फातिमा वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि में अब अपनी छत पर जा रहा हूँ और जब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो उस समय रात के 3|30 बज रहे थे और में उनसे कहकर अपनी छत पर जाने लगा|
तभी फातिमा ने मुझसे पूछा कि आप रोज रात को छत पर ही सोते है? मैंने कहा कि कभी कभी में ऊपर आ जाता हूँ, तो वो मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगी कि आप कल फिर से रात को ऊपर छत पर आ जाना|
तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन क्या आप मेरी एक बात मानोगे? अब फातिमा मुझसे पूछने लगी कि वो क्या? मैंने कहा कि जब आपकी चूत इतनी मस्त है तो आपकी गांड कैसी होगी? इसलिए में एक बार आपकी गांड भी मारना चाहता हूँ|
तब वो हंसकर मुझसे कहने लगी बस इतनी सी बात, अब मैंने उनसे पूछा कि क्या अब्दुल भाई ने कभी आपकी गांड मारी है? तो वो बोली कि अरे वो मुझे ठीक से चोद नहीं पाते है तो वो मेरी गांड क्या मारेंगे और यह बात कहते हुए उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे होंठो पर किस कर लिया|