नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सचिन है.
मैं 24 साल का हूँ और हरियाणा के रोहतक जिले का रहने वाला हूँ.
अब मैं एक नयी बुर की चुदाई हिंदी में लिख रहा हूँ. लुत्फ़ लें इस कहानी का!
खेती हमारा पारिवारिक काम है.
खेत में काम करते रहने की वजह से मेरा शरीर एक खिलाड़ी टाइप का है, मेरी हाइट 5′ 11″ है और लन्ड का साइज 7 इंच है.
बात अभी कुछ दिन पहले की है, मैं रोहतक के बाजार में ऐसे ही बाइक पर फालतू में चक्कर लगा रहा था.
तभी मेरी नज़र एक खूबसूरत सी लड़की पर पड़ी।
उसका नाम सोनिया जो मुझे बाद में पता चला था।
उसकी हाइट 5′ 4″ होगी और रंग उसका दूध से भी साफ!
32-28-32 का फिगर होगा उसका!
वो एक ऑटो रिक्शा में बैठ कर कहीं जा रही थी।
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मैंने उसके आटो के आगे पीछे चक्कर काटने चालू कर दिया।
करीब 6-7 चक्कर काटने के बाद उसने मुझे देख होगा।
फिर तो मेरी 4 बार उससे नजर मिली।
आगे चल कर वह एक पार्क के सामने उतर गयी।
वहाँ पर वो किसी आदमी के साथ बाइक पर बैठ कर चली गयी।
मैंने भी उनके पीछे पीछे चलना शुरू कर दिया।
सोनिया बार बार मेरी तरफ देख रही थी और धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी।
मैंने सोचा कि मेरा काम बन सकता है।
पर आगे चल कर वे पता नहीं किस गली में चले गए औऱ मैं उनसे बिछड़ गया।
मैंने लगभग 1 घण्टा उस कालोनी में चक्कर लगाए लेकिन मेरे हाथ कुछ नहीं लगा।
घर आकर रात में मैंने उसके नाम की 3 बार बार मुठ मारी और सो गया।
रात को सपने में भी मुझे सोनिया दिखाई दे रही थी।
अगले दिन उसी टाइम पर मैं उसी पार्क के आगे पहुँच गया जहाँ पर सोनिया आटो से उतरी थी.
वहां कोई नहीं था, न ही वहाँ पर वो अंकल थे जिनके पीछे सोनिया बैठ कर गयी थी।
मैंने करीब एक घण्टा वहाँ पर इंतज़ार किया होगा लेकिन मुझे वो नहीं मिली।
तीसरे दिन भी मैं वहाँ पर गया लेकिन कुछ नहीं पता चला।
चौथे दिन मैं फिर से बाजार में ऐसे ही फिर से फालतू में घूम रहा था तो मुझे फिर से सोनिया दिखाई दी।
हमारी फिर से नज़र से नज़र मिली और सोनिया मुस्कुराने लगी।
अब मैंने मौका नहीं छोड़ना था।
मैंने जल्दी से एक दुकान से पैन पेपर लिया और एक पर्ची पर अपना मोबाईल नम्बर लिख कर जेब में डाल लिया और उसके आटो के पीछे चक्कर लगाने लग गया।
मैंने सोनिया को पर्ची दिखा दी तो वो हंसने लगी।
शायद उसके मन में भी कुछ था।
आगे चल कर वो उस पार्क से 150 मीटर पीछे ही उत्तर गयी और पैदल ही पार्क की तरफ चलने लगी।
मैंने भी उसके पास बाइक ले जाकर उसके सामने पर्ची कर दी।
उसने झट से मेरे हाथ से परची ले ली।
फिर वो पार्क के आगे से उस बाइक वाले आदमी के साथ बैठकर चली गयी।
मैंने पूरी रात उसके फ़ोन का इंतज़ार किया लेकिन उसका कोई फ़ोन नहीं आया।
फिर मैं उसके नाम की 2 बार मुठ मार कर सो गया।
अगले दो दिन तक उसकी कोई कॉल नहीं आई.
अब मैंने भी उम्मीद छोड़ दी थी।
फिर एक दिन एक अनजान नंबर से कॉल आयी तो मैंने सोचा आ शायद उसी का हो सकता है.
और वो उसी का फोन था।
हाय हेलो हुआ … थोड़ी से बातचीत हुई।
अब लगभग हर रोज मैसेज पर ओर कॉल पर हमारी बाते हों लग गयी थी।
बातों ही बातों में गाली वगैरा देना और नॉन वेज चुटकुले शेयर करना अब सामान्य सी बात हो गयी थी।
अब रात को हर रोज की तरह बात करते करते मैं उसको गर्म कर देता था और अपना पानी भी निकल लेता ओर उसका भी निकलवा देता था।
सोनिया भी मेरे से उतना ही मिलना चाहती थी जितना मैं उससे!
अब पार्क में मिलना और आपस में चूमाचाटी करना हमारा रोज का काम हो गया था।
लेकिन हमें सेक्स का मोक्का नहीं मिल पा रहा था।
एक बार मेरे घर वाले 3-4 दिन के लिए कहीं बाहर जाने वाले थे तो मैंने दुकान का (सॉरी, मैंने बताया नहीं कि खेती से अलग मेरी सी सी टी वी कैमरों की दुकान और है) बहाना मार कर नहीं गया।
मैंने उसको अपने घर पर आने के लिए मना लिया.
उसने भी अपनी किसी सहेली की शादी के लिए घर पर बोल दिया और शाम के टाइम ही मेरी बताई जगह पर आ गयी।
उस दिन उसने स्काई ब्लू जीन्स और सफेद टॉप पहना था।
हम दोनों मेरे घर पर आ गए, वो अपने साथ शादी में पहनने वाला लाचा भी लेकर आई थी।
घर आ कर हम दोनों ने कॉफी बनाई और साथ बैठ कर पीने लगे।
कॉफी पीते पीते मैं उसको छेड़ने लगा तो वो बोली- रुक भी जाओ, सारी रात अपनी ही है।
लेकिन मैं नहीं माना और उसको पकड़ कर किस करने लगा।
पहले तो वो थोड़ी ना नुकर करने लगी, फिर वो भी मेरा साथ देने लगी।
मैंने एक एक करके उसके उसकी जीन्स ऒर टॉप उतार दिया।
अब वो सिर्फ ब्रा ओर पैंटी में थी।
उसने मेरे भी कपड़े उतार दिए।
अब मैं भी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को मसलने लग गया।
और जब मैंने उसकी पैंटी के अंदर हाथ दिया तो वो पानी छोड़ चुकी थी।
मैं अब उसकी चूत में उंगली करने लग गया और उसकी पैंटी भी उतार दी।
उसने भी अब मेरा अंडरवीयर भी उतर दिया और मेरा लन्ड पकड़ लिया था।
हम दोनों अब जन्मजात नंगे थे।
अब मैंने उसको उठाया और अपने बेडरूम में ले गया।
वहाँ पर उसकी चूत को चाटने लग गया।
कुछ ही देर में हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये।
पहले तो उसने लन्ड चूसने से मना कर दिया लेकिन थोड़ा जोर देने पर वो लन्ड को चूसने लग गयी।
बड़ा गजब से लन्ड चूस रही थी।
मुझे लन्ड चुसवान में बहुत मज़ा आ रहा था।
उसके मुंह के अंदर ही मेरा पानी निकल गया।
तभी उसने सारा का सारा माल अपने मुंह से उल्टी कर दिया और मुझसे लड़ने लग गयी।
लेकिन फिर बाद में मैंने उसकी चूत चाट कर और उसका पानी पीकर मना लिया।
अब वो फिर से मेरा लन्ड चूसने लग गयी।
थोड़ी देर में मेरा लन्ड दोबारा पूरा तन चुका था।
अब सोनिया बार बार अपनी कमर उठा कर लन्ड को चूत में आने का न्योता दे रही थी।
मैंने भी उसकी दोनों टांगों को उठाया और उसकी चूत की फांकों के अंदर लन्ड को एडजस्ट किया और एक जोर का झटका दे मारा.
मेरा आधा लन्ड उसकी चूत के अंदर!
सोनिया ने बड़ी जोर से चीख मारी.
मैंने जल्दी से उसके होंठों को अपने होंठों से दबाया और दो मिनट तक ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा।
टीवी का रिमोट पास ही पडा था तो मैंने टीवी चला कर उसकी आवाज़ तेज़ कर दी।
सोनिया को थोड़ा आराम मिलने के बाद बोली- आराम से करो! अभी तक मैंने सिर्फ गाजर मूली से काम चलाया है लन्ड नहीं लिया है किसी का!
मैं उसकी चूचियों को छेड़ने लग गया।
सोनिया को थोड़ा आराम मिलने के बाद बिना बताए मैंने एक और जोर का झटका मार दिया.
अब उसके चिललाने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। अब मैंने उसकी ताबड़ तोड़ चुदाई चालू कर दी।
इस बीच सोनिया झड़ गयी।
मैं भी थोड़ा थक गया था।
अब मैंने सोनिया को पेट के बल लेटाकर पीछे से उसकी चूत मारनी चालू कर दी।
कुछ मिनट बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने सोनिया से पूछा.
तो सोनिया बोली- अंदर ही निकालना … मैं पहली बार पूरा फील लेना चाहती हूँ।
मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
हम दोनों उठे तो देखा कि चादर पर खून के धब्बे पड़ गये थे।
सोनिया से चला भी नहीं जा रहा था।
मैं उसको पकड़ कर वाशरूम तक ले गया और वहीं पर फव्वारे के नीचे हम दोनों नहाने लग गए।
वहीं बाथरूम में ही मैंने उसको एक बार फिर से चोदा।
अब हम दोनों थक कर सो गए।
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सुबह जब मैं उठा तो सोनिया मेरे से पहले उठ कर खाना बना रही थी।
सोनिया ने मुझे बताया कि रात को उसके गाँव में किसी को मौत हो गयी है. सभी घर वाले रात को ही गाँव जा चुके है वे कल तक आएंगे. मुझे मेरी सहेली के ही घर रुकने को बोला है।
अब हमारे पास एक पूरा दिन और एक पूरी रात ओर थी।
फिर हमने एक बार ओर सेक्स किया और पूरा दिन आराम करते रहे।
शाम को मैं थोड़ी देर बाजार से कुछ खाने का सामान लेने चला गया।
बाजार से आने के बाद देखा कि सोनिया लाचा पहने घूम रही थी।
क्या गजब की लग रही थी … जी कर रहा था कि अभी पकड़ कर चोद दूँ!
लेकिन मैंने थोड़ा इंतज़ार करना ही ठीक समझा.
रात को खाना खाने के बाद हम दोनों फिर एक दूसरे को किस करने लगे.
एक बार चूत चुदाई हो जाने के बाद अब मेरा दिल उसकी गांड मारने का कर रहा था.
तो मैंने उसे अपनी इच्छा बतायी.
पहले तो सोनिया गांड मरवाने से मना करने लगी क्योंकि उसने अपनी सहेलियों और भाभी से सुन रखा था कि गांड में लंड लेने से बहुत दर्द होता है.
लेकिन थोड़ा सा ज़ोर देने कर बाद वो मान गयी.
अब मैं उसकी गांड में तेल डाल कर गांड में उंगली करने लग गया.
पहले तो उसको उंगली में भी थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन बाद में उसकी गांड थोड़ी ढीली पड़ गयी।
अब मैंने उसकी गांड के छेद में अपना लौड़े का सुपारा एडजस्ट करके थोड़ा जोर लगाया लेकिन लन्ड फिसल गया।
तब सोनिया ने अपने दोनों चूतड़ों को पकड़ कर गांड के छेद को चौड़ा किया.
मैंने भी लन्ड छेद पर लगाकर जोर लगाया तो लंड धीमे धीमे उसकी गांड में घुसाने लगा और वो दर्द से कराहने लगी.
मेरा आधा लन्ड की गांड में घुस गया।
उसकी गांड से खून आने लग गया था और उसकी आँखों से पानी!
थोड़ी देर मैं ऐसे ही रुक रहा … फिर उसने धीरे धीरे कमर हिलाना चालू किया तो मैंने एक झटका ओर मार दिया.
अब मेरा पूरा लन्ड उसकी गांड में जा चुका था.
थोड़ी देर हल्के हल्के झटके मारने के बाद उसे भी मज़ा आने लग गया था।
तब मैंने भी थोड़ा जोर जोर से झटके मारने चालू कर दिए और थोड़ी देर बाद उसकी गांड में ही झड़ गया।
उस दिन और रात मैंने उसकी 2 बार चूत और 2 बार गांड मारी।
अब तो चुदाई का खेल हमारे लिए हर हफ्ते का खेल हो गया था।
हमारी दोस्ती करीब 5 महीने तक रही. फिर हमारे बीच में कुछ गलतफहमी होने के कारण अब हम दोनों दूर हो चुके हैं।
उसको एक नया बॉयफ्रेंड मिल गया, लेकिन मैं अभी भी अकेला हूँ।