Desi Chachi ki Chudai : हाय दोस्तो।। मैं रौनक।। देवघर, नागपुर से हूँ। आज मैं आपको एक वास्तविक सेक्स बताने जा रहा हूँ। आज से लगभग 2 वर्ष पहले जब मेरी उम्र लगभग 20 वर्ष की थी।।
तब एक दिन मेरे घर मेरे चाचा और चाची आए।। वो ठाणे में रहते थे। लेकिन कुछ कारणों से उन्होनें अपना शहर छोड़ दिया और वो हमारे घर आ गए। मेरी माँ के दूर के रिश्ते में वह देवर लगते थे।
मेरी माँ ने उन्हें यहाँ रहने के लिए कह दिया। मेरी चाची गोरी,चिट्टी।। बलखाती कमर और भरे हुए बदन की थीं। जब मैंने उन्हें पहली बार देखा तो देखता ही रह गया और उन्हें कैसे चोदूँ यह सोचने लगा।
मेरे चाचा को काम की तलाश थी।। तो मेरी माँ ने मुझसे कहा, तुम चाचा के लिए कोई नौकरी की तलाश करो।मैंने चाचा के लिए एक अच्छी नौकरी की तलाश कर ली।। और चाचा नौकरी पर जाने लगे।
इधर चाची घर में रहती थीं और मैं भी घर में अकेला रहता था। उसी बीच हम दोनों लोग बहुत घुल,मिल गए, मैं चाची से मजाक भी कर लेता था।एक दिन वह घर में कपड़े धो रही थीं।।
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अचानक मेरी नजर उनके मम्मों पर पड़ गई। गोरे,गोरे मम्मों को देखकर मैं उत्तेजित होने लगा। तभी चाची की नजर मुझ पर गई।। लेकिन मुझे पता नहीं चला और उन्होंने कुछ नहीं कहा।।
वो बराबर अपना काम करती रहीं लेकिन शायद उन्होंने मेरा इरादा भांप लिया था।इधर मेरी उनसे कुछ कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी। मैं मन ही मन में उन्हें चाहने लगा था और रात को ख्वाबों में उन्हीं को चोदने लगा।
तभी एक दिन चाचीने कहा, तुम मेरी भी नौकरी कहीं लगवा दो।तो मैंने कुछ दिनों में उनकी भी नौकरी एक स्कूल में टीचर की जगह लगवा दी।दूसरे दिन से चाचीभी स्कूल जाने लगीं लेकिन अब मैं घर में अकेला रहता था, मुझे चाचीकी कमी महसूस होती थी।
मैं कुछ कर नहीं पा रहा था और चुप,चुप रहने लगा, चाचीशायद यह समझ रही थीं। एक दिन बिजली नहीं आ रही थी और हम सब लोग ऊपर छत पर आ गए तभी चाचीभी आ गईं।
मैं उन्हें देखकर दूसरी छत पर चला गया जहाँ पर कोई नहीं था।चाची भी वहीं पर आ गईं। चाचीने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा, मैं तुमसे एक बात कहना चाहती हूँ।मैंने कहा, क्या?वो बोलीं, मैं तुमसे दोस्ती करना चाहती हूँ।
यह सुनकर मैं एकदम से चौंक गया और उनकी तरफ देखने लगा। मैंने उनसे पूछा, सिर्फ दोस्ती या और कुछ? वह शरमा गईं और बोलीं, सच तो यह है कि मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।।
तो मैंने पूछा, इस प्यार की सीमा क्या होगी?वह बोलीं, तुम्हें वो सारे अधिकार होंगे जो तुम्हारे चाचा के हैं।। लेकिन सिर्फ एक अधिकार नहीं होगा। मैंने पूछा, कौन सा?तो वो बोलीं, तुम सब जानते हो।
इस पर मैंने कहा, वही तो मेन अधिकार है।वह शरमा कर चली गईं।अब हम दोनों एक,दूसरे को किस कर लेते थे।। कभी छिप कर एक,दूसरे के अंगों को छू लेते थे।
मैं भी उनके मम्मों पर हाथ से सहला लेता था।। लेकिन उन्हें चोदने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था और कुछ चोदने का समय भी नहीं मिल रहा था। उनकी जांघ पर भी मैं हाथ से सहला देता था।
कई बार मैंने उनको नहाते हुए भी पूरा नंगा देख लिया था और उन्हें भी पता था कि ये मुझे देख रहा है।। लेकिन फिर भी उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।। बस मुस्करा कर शरमा जाती थीं।
जैसे एक पत्नी अपने पति से शरमा कर नशीली निगाहों से मना करती है।। वैसे ही वह मुझसे करती थीं।एक दिन मेरे घर में सभी लोग कुछ दिन के लिए बाहर गए हुए थे।। लेकिन मैं नहीं गया था।
मम्मी ने भी ज्यादा फोर्स नहीं किया।। क्योंकि वह जानती थीं कि घर में चाचीहैं।। खाने,पीने की कोई परेशानी नहीं होगी, वह मुझे अकेले छोड़ने के लिए तैयार हो गईं, चाचा और चाचीसे उन्होंने कह दिया, राज का ख्याल रखना।
दो दिन गुजर गए।। कोई मौका नहीं मिला।एक दिन चाचा ने बताया, उनकी चार दिन रात को ड्यूटी लगेगी।।तो मैं मन ही मन में खुश हुआ कि अब तो मैं चाचीको चोद कर ही रहूँगा।
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उस दिन चाचा रात को 9।0 बजे चले गए और उन्होंने चाचीसे कहा, तुम रात को जिम्मेदारी से सारे ताले आदि लगाकर सोना।चाची ने रात को सारे ताले आदि लगा दिए।मैं अपने कमरे में जाकर सोने का नाटक करने लगा।
घर के सारे काम खत्म करके चाची11 बजे मेरे कमरे में आईं और बोलीं, सो गए हो क्या?मैंने कहा, नहीं।।वो मेरे पास आकर बैठ गईं।। मैंने चाचीसे कहा, क्या आपको नींद नहीं आ रही है?
तो उन्होंने कहा, अभी नहीं आ रही है। वे मेरे सिर पर प्यार से हाथ फेरने लगीं। उन्होंने प्यार से मुझे देखा।। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उन्हें पकड़ कर बिस्तर पर लिटा लिया और अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए।
करीब आधा घण्टे तक हम एक,दूसरे को प्यार करते रहे, इसी बीच चाचीभी बहुत उत्तेजित हो गई थीं। मैंने चाचीसे कहा, मैं तुम्हारी जांघों को चूमना चाहता हूँ।।वो राजी हो गईं।।
मैंने उनकी साड़ी उनकी जाँघों से ऊपर कर उनकी जाँघें बहुत गोरी और चिकनी थीं।जांघों को चूमते,चूमते मैं और ऊपर की ओर आने लगा।। तो बोलीं, रौनक क्या कर रहे हो?मैंने कहा, कुछ नहीं।। अपनी इच्छा को पूरा कर रहा हूँ।
और मैंने एकदम से अपने होंठ उनकी चूत पर रख दिए और अपनी जीभ से उनकी चूत को सहलाने लगा।। उन्हें एकदम ऐसा झटका लगा जैसे किसी ने ठहरे हुए पानी में कंकड़ मार दिया हो।
चाची कराहने लगीं, ओह।। राज ये तुम क्या कर रहे हो।।!?मैं दूसरे हाथ से उनके मम्मों सहलाने लगा। चाची को इतना मजा शायद कभी भी नहीं आया होगा। उन्होंने दोनों टाँगें चौड़ी कर दीं |
मैं उनकी चूत को अपनी जीभ से सहलाने लगा।उनकी चूत गोरी और लाल थी।। यह बहुत ही नरम थी और उसमें से गरम,गरम भाप निकल रही थी। वे अपने दोनों हाथों से मेरे सर के बालों को ऊँगलियों से सहला रही थीं और कह रही थीं |
रौनक मैं पागल हो जाऊँगी।। बहुत मजा आ रहा है।।मैं भी उनके चूत के दाने को अपनी जीभ से सहला रहा था।। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।कुछ देर बाद वह बोलीं, खुद ही सब कुछ करोगे।। कि मुझे भी कुछ करने दोगे।।
यह कहकर वे मुझे खींचने लगीं।। मैं अभी अपना पैंट उतार ही रहा था।। कि तभी एकदम से उन्होंने मेरा कच्छा उतार दिया और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं और बोलीं, तुम्हारा लण्ड तो काफी बड़ा है।।
अब मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। उन्होंने मुझे बिस्तर पर बिल्कुल नंगा लिटा दिया और वो मेरी पास बैठकर मेरे लण्ड को चूस रही थीं।। साथ ही मेरे लण्ड की गोटियों से खेल रही थीं।
मैं उनकी चूत में उंगली डालकर आगे,पीछे कर रहा था, इस प्रकार उन्हें भी मजा आ रहा था। उनकी गोरी,गोरी जांघें जिन पर एक भी बाल नहीं था।। उन्हें देखकर ही मैं इतना उत्तेजित हो चुका था कि मुझसे रहा नहीं जा रहा था।
उधर चाची भी अब ये चाहती थीं कि मेरा लण्ड उनकी चूत में घुस जाए और मैं उन्हें चोदूँ।कुछ देर बाद वह बोलीं, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा रौनक।। जल्दी करो।। मैं चुदने को बेकरार हूँ।
मैंने भी चाचीको लिटाया और उनकी चूत में अपना लण्ड डालने लगा।। पहले तो वह अन्दर ही नहीं जा रहा था।। फिर मैंने एक जोर से धक्का मारा।। और वह जैसे ही अन्दर घुसा।। चाचीकी एकदम चीख निकल गई।
वो कराह कर बोलीं, धीरे,धीरे करो न।।मैं धीरे,धीरे करने लगा और चाचीके गोरे,गोरे मम्मों को अपने मुँह में लेकर जीभ से सहलाने लगा। चाचीमेरी बाँहों में सिमटी जा रही थीं और मेरे शरीर पर प्यार से हाथ सहला रही थीं।
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वे कह रही थीं, ओह रौनक बहुत मजा आ रहा है।। ऐसे ही करो।।धकापेल चुदाई चल रही थी और पता नहीं कब धक्के लगाने की स्पीड बढ़ गई।अब मेरे मुँह से भी आवाज निकल रही थी |
ओह मामी।। पूरा अन्दर लो न।।और उधर चाची सिसकार कर बोल रही थीं, आह।। पूरा डाल दो।। मेरी चूत को फाड़ दो।। आह जल्दी करो।।कुछ देर बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने कहा, चाचीमैं झड़ने वाला हूँ।।तो उन्होंने कहा, लण्ड निकाल कर मेरे मुँह में डाल दो।।
मैंने लण्ड निकाल कर उनके मुँह में डाल दिया। वो लण्ड को चूसने लगीं और मेरा पानी भी मुँह में ले लिया।उस रात मैंने चाचीको तीन बार चोदा और हम दोनों पूरी रात नंगे ही लेटे रहे।
कभी वो मेरे लण्ड से खेलतीं।। तो कभी मैं उनकी चूत और मम्मों से मजा लेता।उसके बाद मैं रोजाना चाचीको चोदता रहा।। करीब दो वर्ष तक चाचीमेरे ही पास रहीं, ऐसा लगता था कि हम दोनों पति,पत्नी हैं।
लेकिन दोस्तो, आज चाचीमेरे पास नहीं रहती हैं।। वह अब दिल्ली रहती हैं।।लेकिन उन पलों को मैं आज तक नहीं भूला।। जो खूबसूरत पल उन्होंने मेरे साथ बिताए, उन पलों को याद करके मैं आज भी उन्हें याद कर लेता हूँ। आपको मेरी चुदाई कहानी कैसी लगी। मुझे कमैंट्स जरूर करें।