देसी इंडियन कहानी में मैं चाची के साथ दोस्तों जैसा व्यवहार करता था. वे मुझे पसंद करती थी. एक बार मैंने उन्हें नंगी नहाती देख लिया. तो क्या हुआ?
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम सुमित है।
मेरी उम्र 24 साल है।
मेरा लंड 7 इंच का है, मैं नागपुर से हूं।
यह दो साल पहले की Chachi Sex Story कहानी है जब गर्मी की छुट्टियाँ हुई थी।
मेरा घर, मेरे चाचा के घर से लगभग 4 किलोमीटर दूर है।
चाची मुझे बहुत पसंद करती थी।
हम दोनों में काफ़ी सारी बातें हुआ करती थी।
वे अपने हर गहरे राज़ मुझ से कहती थी, क्लोज फ्रेंड की तरह रहते थे चाची और भांजा।
हम दोनों काफ़ी सारी बातें एक दूसरे से शेयर करते थे, यहाँ तक कि नॉनवेज बातें भी!
कई बार चाची मुझे नहाते समय सामने बैठा लिया करती और दूध के दर्शन करा देती।
बातों ही बातों में चाची के बारे में बताना भूल गया दोस्तो!
मुझे माफ़ करना।
मेरी चाची की उम्र 30 साल है।
वे एक साल की बेटी की माँ है।
उनका गदराया बदन, कामुक आंखें, दूध-सी गोरी बड़ी-बड़ी चूची, बड़ी फूली हुई गांड लगभग 38-40 … आप समझ ही सकते हो!
मैं उनके दूध और गोरी गांड का दीवाना था।
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जब भी मौका मिलता, मैं उन्हें दबा कर सुख ले लेता था।
कई बार चाची मुझे सामने बैठा कर आंगन में नहाते समय अपनी चूची को मसल-मसल कर साबुन लगाती और इतराती हुई मुझे दिखाती थी।
मेरा भी जी मचल जाता … लेकिन कभी पास जाकर दबा कर मज़ा लेने की हिम्मत नहीं हुई।
एक बार की बात है, चाची की बेटी स्कूल गयी हुई थी।
मम्मी ने मुझे चाची के घर से कुछ सामान लाने भेजा था।
चाचा काम पर गये हुए थे, चाची घर पर अकेली थी.
मैं जैसे ही घर पहुँचा, गेट पर घंटी बजायी और आवाज़ लगायी.
पर चाची ने कुछ भी जवाब नहीं दिया।
उस समय दिन के 11 बज रहे थे।
मैंने सोचा कि चाची कुछ काम कर रही होगी।
तब मैंने गेट को धक्का दिया तो गेट खुल गया।
मैं जैसे ही अंदर पहुँचा, आंगन में जाकर चाची को आवाज़ लगायी।
मैंने देखा कि चाची मादरजात़ नंगी, झुक कर अपनी चूत में उंगली करते हुए साबुन लगा रही थी और उनके एक-एक किलो के नंगे चूचे पेंडुलम की तरह झूल रहे थे।
यह नजारा देखते ही बन रहा था।
मेरा लौड़ा लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया।
मेरी नजरें रंडी चाची के दूध से हट ही नहीं रही थी.
मैं लार टपका-टपका कर 1-1 किलो के चूचे आंखें फाड़-फाड़ कर देख रहा था।
तभी चाची ने मुझे देख कर हड़बड़ा कर चूत से हाथ बाहर निकाल लिया और कहने लगी- आ गया मेरा रंडवा भांजा, आख़िरकार आज तूने मुझे पूरी नंगी देख ही लिया! अब देखते ही रहेगा या कुछ करेगा भी?
मैं झट से अपने सारे कपड़े निकाल कर नंगा होकर चाची के पास गया और उनके चूचे दोनों हाथों से दबाते हुए उन पर पानी डालने लगा।
पूरे शरीर पर पानी डाल कर उन्हें तौलिये से पौंछ कर नंगी चाची को गोद में उठा कर बिस्तर पर ले जा कर पटक दिया।
पागल कुत्ते की तरह मैंने उनके दूध को नोच-नोच कर चूसा।
चाची सिसकारियाँ निकालती हुई मुझे गाली देने लगी- भड़वे, मादरचोद इतने दिन से मर गया था? इतने इशारे दिये तुझे समझ नहीं आया, आज आख़िर आ ही गया।
मैं उनके होंठ से होंठ मिला कर उसे चूमता, जीभ चबाता।
कभी होंठ चूसता, कभी जीभ चबाता.
ऐसा करते हुए लगभग आधा घण्टा तक होंठ और दूध चूसा, उसके बाद चाची का सब्र टूट गया।
मुझे गालियाँ देते हुए वह कहने लगी- मादरचोद, भड़वे, बहनचोद सुमित… मेरी चूत में खुजली मची है। गांडू, मादरचोद तू चूची चूस रहा है। भड़वे, जल्दी से अपना लंड डाल दे मेरी चूत की भट्टी में और चोद मेरी गांड से टट्टी निकलने तक!
मैं उठा और अपना लंड हिलाते हुए चाची के मुंह के पास ले गया और उनके मुंह पर लौड़ा मारते हुए होंठ पर घिसने लगा।
चाची को घिन आने लगी तो बोली- आज तक तेरे भड़वे चाचा का लंड नहीं चूसका मैंने … तेरा चूसूंगी गांडू, बहनचोद सुमित?
मैं बोला- लंड तो तू चूसेगी रांड, तेरे से ही चुसवाऊंगा छिनाल साली!
फिर वे मुंह बनाते हुए मुड़ गयी।
मैंने अपना लंड चाची के चूत पर रखा और चाची की टांग उठा के चूत को दनादन चोदने लगा।
चाची की सिसकारियाँ बढ़ती जा रही थी और बोल रही थी- अअ … सुमित फाड़ डाल!
वे एक बार झड़ गयी।
मैं लगातार उसे चोदे जा रहा था.
वे बोल रही थी- आअ अह्ह फ़क मी … फ़क मी तेज़ और तेज़!
उनको पूरा 7 इंच का लंड अंदर बाहर करके चोद रहा था।
पूरी पावर लगा के मैं चाची की चूत का भोसड़ा बना रहा था, साथ ही उनको गाली दे रहा था- रंडी साली, छिनाल तेरी गांड भी मरूंगा आज!
लगातार 20 मिनट तक चाची की चूत का भोसड़ा बना कर मैं डिस्चार्ज होने वाला था।
उस समय तक चाची भी झड़ चुकी थी।
चाची ने बोला- मेरे चेहरे पर गिरा अपना माल!
मैंने उनके बाल पकड़ के उनके चेहरे को लंड की तरफ़ बढ़ाया।
बाल खींचते ही चाची का मुंह खुल गया.
मैंने तुरंत अपना 7 इंच का लौड़ा उनके मुंह में डाल के पूरा पानी निकाल दिया।
चाची ने उलटी कर दी और मुझे धक्का देते हुए गाली बकने लगी- रंडी की औलाद, मादरचोद मेरे मुंह में डालने किसने बोला तेरे को!
इस तरह मैं डिस्चार्ज हो गया।
फिर हम दोनों थोड़ी देर आराम करने लगे, मैं चाची को नंगी देखता रहा।
मेरे लौड़े में जान गई, मैंने उठकर चाची के चूचे में लंड डाल कर चोदने लगा।
फिर चाची के मुंह में डालने की कोशिश करने लगा.
चाची ने मुंह में लेने से मना कर दिया।
मैं उनकी गांड में उंगली फेरी.
चाची की गांड उठा कर उछली और बोली- नहीं आज नहीं, भले मेरी चूत चोद लो पर गांड मत मारना!
मैंने उनकी एक ना सुनी और नारियल का तेल लेकर आ गया और उनकी गांड पर फैला के डालने लगा।
मैं लंड में तेल लगा कर मसलने लगा चाची के न-न कहते रही।
मैंने लंड उनकी गांड में डालना चाहा तो चाची उठ गयी।
मैं उठा और चाची को खींच के 2 झापड़ मारे और डॉगी स्टाइल में लेटाया।
चाची की गांड ऊपर करके मुंह में कपड़ा बाँध कर उनकी गांड में लंड डालने लगा.
3 इंच लंड अंदर जाते ही चाची फड़फड़ाने लगी।
उनकी आँखों से आंसू आने लगे.
फिर मैंने पूरा का पूरा 7 इंच का लंड उनकी गांड में डाला और रुक गया।
चाची की सांस ही निकल गयी, उन्होंने चिल्लाने की बहुत कोशिश की लेकिन मुंह में कपड़ा ठुंसे और बंधे होने के कारण आँख से आंसू ही निकल पाये।
मैंने धीरे से लंड बाहर निकालकर, तुरंत धीरे से 7 इन्च अन्दर डाला और दनादन चोदने लगा।
काफी देर तक चाची की गांड मारते-मारते, गाली देते-देते उनके दूध को भींचता रहा और उनकी गांड में झड़ गया।
मैंने जैसे ही उनके मुंह से कपड़ा हटाया तो चाची रोने लगी, कहने लगी- आज के बाद मुझे छूने की कोशिश भी मत करना!
वह अपने कपड़े लेकर बाथरूम चली गयी और नहा कर बाहर आयी।
तब तक मैं नंगा बिस्तर पर पड़ा रहा.
और जब चाची आई तो मैं उन्हें मनाने की कोशिश करने लगा, उन्हें किस करने लगा।
वह उठ कर काम करने चली गयी.
फिर मैं भी कपड़े पहन के अपने घर चला आया।
उस दिन के चार दिन बाद चाचा ने बुलाया और कहा- मैं बाहर जा रहा हूं, चाची का ध्यान रखना! कल लौटूंगा।
जैसे ही चाचा गए, मैं चाची को मनाने की कोशिश करने लगा।
मैंने उन्हें चॉकलेट और गुलाब दिया।
तब वह सामान्य हो गई और काम करने लगी।
मैं टीवी देखने लगा।
चाची की बेटी स्कूल गई हुई थी।
मैं बोर होने लगा तो चाची के पास जाकर उन्हें छूने लगा।
मैंने उसे पकड़ना चाहा तो चाची ने ताना मारते हुए कहा- इसलिए तू यहाँ आया है मेरे पास? तुझे इसके सिवा कुछ दिखता भी है?
मुझे गुस्सा आ गया।
मन तो किया वहीं 2 झापड़ मार के चोद दूं लेकिन मैंने ख़ुद पर काबू किया और उनकी बेटी के आने का इंतजार किया और फिर वहाँ से चला आया।
मैंने 6 महीने तक चाची से बात नहीं की।
जब भी चाचा मुझे काम बोलते, मैं चाची से काम पूछता और करके आ जाता।
उसके अलावा, मैंने चाची से किसी भी अन्य विषय पर बात करना बंद कर दिया।
जैसे ही चाची मेरे घर आतीं, मैं उन्हें देखते ही अपने कमरे में जाकर कमरा बंद कर लेता।
धीरे-धीरे चाची को अहसास होने लगा कि मैंने उनसे बात करना छोड़ दिया है।
पांच महीने ऐसे ही निकल गए।
फिर चाची थोड़ी छटपटाने लगी कि मैं उनसे बात क्यों नहीं कर रहा हूं।
वे बार-बार मेरे घर आने लगीं और किसी न किसी बहाने मुझसे बात करने की कोशिश करती.
मगर मैं मुंह फेर लेता था क्योंकि मैं उनसे नाराज था।
वे मुझे मैसेज करती, कॉल करती लेकिन मैं नहीं उठाता था।
उन्होंने मुझे अपने बिना कपड़ों के फोटो भी भेजने शुरू कर दिए लेकिन मैंने उनका कोई जवाब नहीं दिया।
मैं बस उन्हें देखता और अनदेखा कर देता।
सच्चे प्यार की चुदाई की कहानी – Chudai Ki Kahani
6 महीने ऐसे ही बीत गए।
एक दिन चाचा, उनकी बेटी, माँ और पापा मेरी नानी से मिलने चले गए।
नानी की तबीयत ज़्यादा ही खराब थी और वे गंभीर थीं।
मेरे मन में दो दिनों के लिए गाँव जाने का बिल्कुल भी इच्छा न थी इसलिए मैं बहाना बनाकर रुक गया।
जब चाची को पता चला कि मैं नहीं जा रहा हूं तो वे भी तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर रुक गई।
अब चाचा के घर में सिर्फ़ चाची और मेरे घर में सिर्फ़ मैं ही रह गया था।
मैं उन सबको स्टेशन छोड़ने के बाद अपने दोस्तों के साथ घूमने चला गया था।
दोपहर को चाची ने मुझे फोन किया लेकिन मैंने कॉल रिसीव नहीं किया।
उन्होंने मुझे एक मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था- मैं घर पर हूं, गांव नहीं गई। कॉल उठाओ, मुझे बात करनी है।
मैंने उसका भी कोई जवाब नहीं दिया।
करीब आधे घंटे बाद उन्होंने मुझे फिर से कॉल किया।
मैंने कॉल रिसीव किया तो वह रोने लगी।
मैंने पूछा- क्या हुआ? क्या काम है? कुछ गड़बड़ तो नहीं हुई है?
उन्होंने कहा- तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते हो?
बोलकर वह रोने लगी और माफ़ी माँगने लगी।
मैंने फ़ोन काट दिया।
फिर 5 मिनट बाद उन्होंने मैसेज किया- अगर तुम आधे घंटे के अंदर में मेरे घर नहीं पहुँचे तो मेरा मरा हुआ मुंह देखोगे।
मैं घबराया और दोस्त को तुरंत चाची के घर छोड़ने को कहा।
20 मिनट में मैं घर पहुँचा और गेट खोलकर भागते हुए अंदर आया।
देखा तो चाची अपने कमरे में अपने बाल खुले करके रो रही थी और बैठी थीं।
मैंने देखा और राहत की सांस ली।
मैं गेट बंद करके चाची के पास गया और बोला- क्या हुआ बोलो?
चाची तुरंत घुटनों पर बैठकर मेरे जाँघ को पकड़कर रोती हुई बिलखते हुए मुझसे माफ़ी मांगने लगी और कहने लगी- कितनी बड़ी सजा दे रहे हो तुम मुझे छोटी सी गलती के लिए? माफ़ कर दो मुझे, मैं नहीं रह सकती तुम्हारे बिना। प्लीज़, मुझे माफ़ कर दो।
वे रोते हुए कहने लगी- प्लीज़, तुम मुझे इतनी बड़ी सजा मत दो। भले तुम मुझे बंद कमरे में, नंगी कर के मारो पीटो, बेल्ट-जूते जो भी मिले, उससे मारो। जो मर्जी आए वह सजा दो, बस तुम मुझसे बात करो, मुझे प्यार करो, नाराज मत हो मेरे से, मैं तुम्हारे नाराजगी को लेकर नहीं जी सकती।
रोते हुए अपना पल्लू बूब्स से हटा दी और कहने लगी- चाहो तो मुझसे बदला लेने के लिए धंधा करवा लो, अपने दोस्तों से चुदवा लो, कुत्तो से चुदवा लो। मैं तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं।
अपना ब्लाउज फाड़ते हुए चाची कहने लगी- मेरा सब कुछ तुम्हारा है। तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो। तुम जिसके सामने भी नंगी होकर चुदने बोलोगे, चुद जाऊंगी, अपना लंड चुसवाना हो, मैं चूसूंगी। केवल तेरे चाचा और दीदी के सामने नहीं कर सकती।
वे बोलती रही- तुम अपने दोस्तों के सामने अपना लंड चूसने बोलोगे, मैं चूसूंगी। गांड मारना चाहोगे, मैं मरवाऊंगी। बीच बाज़ार में नंगी हो कर चूसने बोलोगे, मैं तैयार हूं। बस मुझे तुम अपनी रांड बना लो। मैं तुम्हारी रखैल बनना चाहती हूं। चाहो तुम कितनी गर्लफ्रेंड बना लो, मुझे कोई परवाह नहीं। मुझे बस तुम्हारी रांड बनना है। अपनी रखैल बना कर रख लो मुझे प्लीज़! मेरे साथ जो मर्जी आए वह करो, नंगी करके मारो, लंड मुंह में डाल के चोदो, मेरी गांड फाड़ो, कुछ भी करो। मैं आपके लिए सब सहने को तैयार हूं। बस आप मुझसे नाराज़ मत रहो।
उनकी बातें सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
फटे हुइ ब्लाउज में से काली ब्रा दिख रही थी.
रोते हुए उनकी शक्ल किसी रांड की ही तरह हो गयी थी।
यह देख के मेरा लंड लोहे का रॉड बन गया।
मैं उनके खुले हुए बाल ज़ोर से पकड़ के बोला- ठीक है रांड!
बोलकर उनके मुंह में थूका और बोला- मेरा पैंट उतार रंडी साली छिनाल!
उन्होंने जैसे ही मेरी पैंट उतारी और चड्डी नीचे करी, मैंने उनके खुले हुए बालों को ज़ोर से खींच कर उनके मुंह में थूक कर अपना लंड उनके मुंह में डाला और दनादन रंडी की चूत समझ कर उनका मुंह चोदने लगा।
उनके मुंह से- गु गु गु गुगूँ की आवाज़ आने लगी।
मैंने बिना सांस लिये उनके मुंह पर 2 झापड़ मार कर लंड बाहर निकाला और जोर-जोर से 3 झापड़ और मारे।
रांड के मुंह में थूक कर मैं फिर से लंड डाल कर मुंह को चोदने लगा।
उनके बाल पकड़ कर उनके सिर पर जोर-जोर से मार-मार कर उसके मुंह में अंडकोश तक घुसाया और चोदने लगा।
लगातार काफी देर तक मैं उनको बेदर्दी से रंडी की चूत समझ कर उनके मुंह को चोदा।
उनका चेहरा पूरा थूक से सना हुआ था और गीला हो चुका था।
झापड़ की वज़ह से उंगलियो के चेहरे पर निशान बन गये थे।
पूरा मुंह लाल हो गया था।
अब मैं झड़ने के करीब था तो और जोर-जोर से गुस्सा निकालने के लिए कभी सिर पर मारता, कभी गाली देता- रांड मादरचोद चूस मेरा लौड़ा … तूने 6 महीनों तक तरसाया है। मादरचोद, बहनचोद रंडी!
मैं देसी इंडियन Xxx गालियाँ दे देकर उसका मुंह चोदने लगा, मेरा 7 इंच का लौड़ा पूरे उसके गले को चोद रहा था।
मेरा माल निकलने वाला था, मैंने उसके मुंह में थूक फेंकते हुए और बेदर्दी से वीर्य को उनके गले में उतार दिया।
मुंह से लंड बाहर निकल कर अपने लौड़े से उसके थूक और आंसू से सने हुए चेहरे को मारने लगा।
उससे भी मेरा जी नहीं भरा तो उनके मुंह में थूक कर, झापड़ मार कर, मैं बिस्तर पर लेट गया और वे ज़मीन पर किसी रंडी की तरह अधनंगी पड़ी थी।
फिलहाल इतना ही!
इसके बाद क्या हुआ … वह अगली कहानी में!