Hindi Sex Story ;दोस्तो, मैं सुनील आपका दोस्त फिर से आपके सामने अपनी एक नई और सच्ची आंटी सेक्स देसी कहानी लेकर हाज़िर हूँ|आप लोगों ने मुझे मेरी पिछली कहानी पर बहुत प्यार दिया |
जिसका मैं दिल से धन्यवाद करता हूँ|मेरी पिछली सेक्स कहानीछिनाल माँ के भोसड़े में लौड़ा के लिए मुझे बहुत से मेल आए थे, जिसमें से मुझे एक मेल बिहार से एक आंटी का आया था |
उनसे मेरी थोड़ी बातचीत हुई| मुझे वो आंटी काफ़ी अच्छी लगीं तो हमारी बातें बढ़ती गईं|हमारा मिलने तक का सफ़र तय हुआ और फोन नम्बर भी अदला बदली हो गए|आंटी से मिलने को लेकर सारी बातें करने के बाद मैं बिहार पहुंच गया|
वे मुझे स्टेशन पर लेने आ गईं और अपनी गाड़ी में बैठाकर वो मुझे अपने घर ले गईं|आंटी एक अपार्टमेंट में रहती थीं|मैं इधर आपको आंटी के बारे में बताना चाहूँगा|उनका नाम सिमा ,वो एक ज़बरदस्त शरीर की मालकिन थीं|
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उनका फ़िगर 36-32-44 का था| मतलब की गांड और छाती इतनी ज़बरदस्त की, किसी का भी लंड मचलने लग जाए|जैसा कि मैंने बताया कि वो मुझे अपने अपार्टमेंट पर लेकर आ गयी थीं|
फिर उन्होंने नीचे गाड़ी पार्क की और हम लोग लिफ़्ट से तीसरी मंज़िल पर आ पहुंचे|उन्होंने अपने फ़्लैट का दरवाज़ा खोला और हम दोनों अन्दर घुस आए|अन्दर घुसने के बाद मैंने उनको हग किया और उनके माथे पर एक किस कर दिया|
उन्होंने मुझे एक कातिल सी स्माइल पास की और बैठने को बोला|सच बोलूं दोस्तो, उस समय तक तो उनकी चूचियों का स्पर्श पाकर ही मेरा लंड खड़ा हो चुका था, मैं उसी समय उनकी सवारी करने के मूड में था|
फिर मैं उनके कहने पर बैठ गया|वो किचन में गयी ओर दो मग कॉफ़ी बनाकर ले आईं|आंटी मेरे पास बैठ गईं|उन्होंने एक मग कॉफ़ी मुझे ऑफ़र की और दूसरा खुद पीने लगीं|कॉफ़ी पीते हुए हमारी ढेर सारी बातें हुईं|
उनके पति एक बिजनेसमैन थे, वो अक्सर बाहर रहा करते थे|उनको कोई संतान नहीं थी|उन्होंने मुझसे कहा, पहले जाकर फ़्रेश हो लो, सफ़र में काफ़ी थक गए होगे| तब तक मैं भी चेंज करके आती हूँ|
मैं जाकर फ़्रेश हो आया|अब तक वो भी चेंज करके सोफ़े पर बैठी थीं|दोस्तो, उन्होंने एक वन पीस डाला हुआ था, जिसमें वो बिल्कुल कामुक बला सी लग रही थीं| उनके चूचे उस ड्रेस को फाड़कर बाहर आने को हो रहे थे|
मुझे देख कर आंटी खड़ी होकर अपनी गांड मटकाती हुई मेरे करीब आईं और मेरा हाथ पकड़कर मुझे सोफ़े पर लेकर चली आईं|वहां जाकर उन्होंने मुझे कसकर हग कर लिया और होंठों पर होंठ रखकर किस करने लगीं|
उनके होंठ बहुत ही रसीले और मीठे थे|हम दोनों ने लगभग 10 मिनट तक किस का मजा लिया|तब तक मैं उनका वो वन पीस, जिसमें पीछे की तरफ़ ऊपर से नीचे तक चैन लगी हुई थी, उसको खोल चुका था|
मेरे सामने उनके कबूतर बिल्कुल आज़ाद हो चुके थे| उन्होंने ब्लैक कलर की पैंटी डाली हुई थी|मैं उनके चूचों को पीने लगा, तब तक उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए|हम दोनों में इतनी आग लग गयी थी कि बस अभी सीधी चुदाई हो जाए!
पर मैंने खुद को रोकते हुए उनको सोफ़े पर लेटाया और उनके पूरे जिस्म पर किस करने लगा|पहले सिमा आंटी को उल्टा लेटाकर चूमा … फिर सीधा करके मैंने उनके सिर से लेकर पैर तक किस किए|
अब तक हम दोनों की हवस चरम शिखर पर पहुंच चुकी थी|उन्होंने मुझसे रुकने को कहा और खड़ा होने को कहा|मैं खड़ा हो गया|वो मेरे पास आईं और घुटनों पर बैठ कर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं|
दोस्तो, आप यक़ीन नहीं करोगे, पर ऐसे तो कोई बच्चा चूची नहीं चूसता, जैसे वो मेरा लंड चूस रही थीं|मतलब मैं खुद को अलग ही दुनिया में फ़ील कर रहा था|लगभग 10 मिनट तक उन्होंने मेरा लंड अच्छे से चूसा|
तब मैंने उनको खड़ा किया और सोफ़े पर लेटाकर उनकी चूत चाटने लगा|वो भी मस्ती से ऐसे तड़पने लगीं, जैसे मछली बिना पानी के तड़पती है|आंटी के चूचों के निप्पल कसकर टाइट हो चुके थे|
वो मेरा सिर पकड़ कर मुझे बार बार हटाने की कोशिश कर रही थीं और बड़ी ही मादक सी आवाज़ में बार बार बोल रही थीं|‘प्लीज़ जान अब चोद दो मुझे … प्लीज़ जान चोद दो … अब नहीं रुका जा रहा अपना लंड डाल दो इस चूत में|’
मैंने उनको और ना तड़पाते हुए उनकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रखीं और बड़े प्यार से अपना लंड उनकी चूत में आधा पेल डाला|वो लंड लेते ही दर्द भरी आवाज़ में चिल्लाने लगीं|
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सिमा आंटी की उम्र तो 38 साल की थी, पर उनकी चूत इतनी टाइट थी, जैसे उन्होंने सिर्फ़ एक या दो बार ही सेक्स किया हो बस|मैं कुछ देर रुक गया और जब उनका दर्द कम हुआ
तो आराम आराम से मैंने अपना पूरा लंड आंटी की चूत में डाल दिया|कुछ देर बाद उनको मज़े आने लगे और अब वो गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थीं, आऽऽ आईईए माँ मर गयी … और चोदो जान … और ज़ोर से चोदो जान … आंह और तेज … और तेज आह आऽऽह्ह …’
आंटी मादक आवाजें निकाल रही थीं और पूरा रूम पट पट पट की आवाज़ से गूंज रहा था|दस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा और वो झड़ गईं|उनके चेहरे पर एक सुकून वाली स्माइल आ गयी
वो मुझे किस करके बोलीं, आई लव यू सुनील … आपने मेरी आत्मा तृप्त कर दी!मैं अभी भी उनको चोदने में लगा हुआ था| कम कम 20 मिनट तक मैं आंटी को ताबड़तोड़ चोदता रहा|वो मेरा साथ देती रहीं|
अब तक वो तीन बार झड़ चुकी थीं|फिर जब मेरा झड़ने का हुआ तो मैंने उनसे पूछा, कहां निकालूं?वो झट से पलट गईं और उन्होंने मेरा लंड मुँह में लेकर उसका सारा माल पी लिया … मेरे लंड को चाट कर साफ़ कर दिया|
इसके बाद आंटी खड़ी हुईं और बोलीं, जान आप बैठो … मैं कुछ खाने का बनाकर लाती हूँ|वो गांड मटकाती हुई किचन में गईं और पनीर की भुर्जी और परांठे बनाने में लग गईं|
मैं भी उठकर किचन में आ गया और उनकी हेल्प करने लगा|बीच बीच में हम दोनों किस करते जा रहे थे| कभी मैं उनके मम्मों को चूस लेता, उनकी गांड पर हाथ फेर देता|
ऐसे मस्ती करते करते हम दोनों ने खाना बना लिया|आंटी ने खाना टेबल पर लगाया और साथ में एक दारू की बॉटल भी ले आईं|मैं दारू देख कर मुस्कुरा दिया|आंटी बोलीं, क्यों मुस्कुरा रहे हो?मैंने कहा, बस यूं ही|
आंटी ने कहा, मुझे भी बताओ कि क्यों यूं ही!मैंने कहा, सच में इस वक्त मुझे इसकी बड़ी जरूरत महसूस हो रही थी लेकिन मैं संकोच के कारण आपसे कुछ कह ही नहीं पाया|
आंटी आंख दबाती हुई बोलीं, एक बार चुत चोदने के बाद भी संकोच हो रहा है … बड़े संस्कारी हो!मैं हंस पड़ा|फिर हम दोनों ने दो दो पटियाला पैग मारे|दारू के बाद वो मेरी गोद में आकर बैठ गईं|
हम दोनों ने एक दूसरे को अपने हाथों से खाना खिलाया|पता नहीं क्यों, उनके साथ मुझे बहुत ज़्यादा अपनेपन का अहसास हुआ|आंटी बोलीं, सुनील मैंने इतना सुख अपने पति के साथ भी कभी नहीं पाया|
मैंने उनके होंठों पर उंगली रख दी|वो मेरी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगीं|मैंने कहा, मैं सिर्फ टाइमपास आइटम हूँ| वो आपके पति हैं, जीवनभर साथ देने वाले हैं|
उन्होंने मेरी तरफ प्यार से देखा और चूमती हुई बोलीं, हां ये सच है|
फिर मैंने एक सिगरेट पी, तो आंटी ने भी एक सुलगा ली|अब तक दुबारा से हमारा मूड बन गया था| वो मुझे लेकर बेडरूम में आ गईं|वहां हम दोनों ने फिर से चुदाई की|
तीसरी बार चुदाई से पहले मैंने आंटी की गांड मारने की इच्छा ज़ाहिर की|पता नहीं क्यों वो ना चाहते हुए भी मुझे मना नहीं कर पाईं और उठकर एक कोल्ड क्रीम ले आईं|आंटी बोलीं, जान प्लीज़ यहां आराम से करना|
मैंने बड़े प्यार से आंटी की गांड में क्रीम लगा कर उनकी गांड ढीली की|फिर अपने लंड पर भी क्रीम लगा ली|मैं फिर आंटी की गांड में उंगली करने लगा|कुछ देर बाद मैंने दो उंगलियां की … और फिर आंटी की गांड में लंड पेला|
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उन्हें दर्द तो हुआ मगर वो किसी तरह मेरे लंड को अपनी गांड में झेल गईं|बाद में आंटी को गांड मराने में मजा आने लगा था और उन्होंने चिल्ला चिल्ला कर गांड मरवाने का मजा लिया था|
गांड चुदाई के बाद मैंने अपने लंड का रस आंटी की गांड में ही छोड़ दिया|उन्हें दर्द हो रहा था तो वो चल नहीं पा रही थीं|मैंने उनसे पूछा, एक एक पैग और चलेगा|आंटी ने हां कह दिया|
मैंने उनका बड़ा पैग बनाया और उन्हें अपने हाथों से पिला दिया|दारू के नशे के कारण आंटी को दर्द में राहत मिल गई|ऐसे ही रात को हम दोनों ने दो बार और चुदाई की|
मतलब पूरी रात में हमने पाँच बार चुदाई की और एक साथ ही नंगे सो गए|फिर सुबह उठकर उन्होंने कॉफ़ी बनाई और हम दोनों ने बात करते हुए कॉफ़ी पी|आंटी कहने लगीं, सुनील मुझे तुम्हारे साथ बहुत अच्छा लगा|
तुम सच में मेरे दिल के काफी करीब हो गए हो| मैं तुम्हें दुबारा बुलाऊं तो आओगे न!मैंने कहा, जरूर आप जब चाहें मुझे बुला सकती हैं|आज एक घंटे बाद मुझे निकलना था|
मैंने कहा, अब मैं नहा लेता हूँ, मेरी ट्रेन का टाइम हो रहा है|आंटी बोलीं, ट्रेन निकल जाएगी तो क्या हुआ कई बसें भी हैं|मैं समझ गया कि आंटी जाने से पहले फिर से लंड लेने के मूड में हैं|
वही हुआ, उन्होंने बोला कि जाने से पहले एक राउंड और हो जाए|मैं मान गया|हम दोनों ने एक बार और सेक्स किया|फिर मैं नहा धोकर तैयार होकर वहां से चलने लगा|
वो मुझे कुछ देने के लिए कहने लगीं, पर मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था| मैंने उन्हें मना करते हुए उनके माथे पर एक प्यारी सी किस दी और हग किया|उन्होंने मुझे फिर से ‘लव यू एंड थैंक्यू जान …’ बोला|
वो गाड़ी की चाबी ले आईं और हम लोग वहां से निकलने लगे|आते समय उन्होंने गाड़ी मुझे चलाने को कहा|मैंने गाड़ी चलाई|आंटी पूरे रास्ते मेरे हाथ पर हाथ रखकर सिर्फ़ मुझे प्यार भरी निगाहों से देखती रहीं|
कुछ नहीं बोलीं|हम दोनों बस स्टाप पहुंच गए थे|गाड़ी से उतरने के बाद उन्होंने मुझे एक हग किया और धीरे से मेरे कान में फिर लव यू बोल कर मुस्कुरा दीं|मैं बस में चढ़ गया और उन्होंने हाथ हिलाकर बाय किया|
दोस्तो, ये सेक्स कहानी यहीं खत्म हो गई थी|आंटी के पास दुबारा जाने पर आगे लिखूंगा | आपको मेरी ये सच्ची आंटी सेक्स कहानी कैसी लगी, आप मुझे मेल करना न भूलें|