दोस्तों आज फिर मैं अपनी नई स्टोरी या कह लो कि अपनी एक और सच्ची घटना आप सब से शेयर करने जा रहा हूँ।
ये बात अभी पिछले ठंडी की है जब मेरे चचेरे भाई की फरवरी में शादी थी। तो ढेर सारे कॉमन गेस्ट उनके यहाँ और मेरे यहाँ भी आये थे। गेस्ट इतने थे कि अकेले उनके घर पे जगह कम ही पड़ जा रही थी सभी के लिए।
उनके घर मे कई खूबसूरत खूबसूरत लड़कियां भी आई थी। जो कभी मेरे घर तो कभी उनके घर आना जाना लगा रखी थी। उनके सबको तो मैं पर्सनली जानता भी नही था। बीच बीच मे किसी बात पे हंसी मजाक भी घर मे होता रहता था खूब मन लग रहा था।
मैं यही सोचता कि ये सारी लड़कियां मेरे ही घर रुके बाकी बुजुर्गों को उनके घर रात में रुकाउ। पर मेरे बस में कुछ था नही बस इत्तिफाक ही हो सकता था। अब बात आई तिलक वाले दिन की।
तो रिश्तेदार जो अभी तक बचे थे वो सब भी आ गए।
तो इतनी भीड़ हो गई कि कौन लड़की कहाँ है कोई किसी को खबर तक नही ले रहा था। ऐसे ही तिलक वाली रात में सब प्रोग्राम अच्छे से बीत गया खाना पीना अब हो गया। मैं भी थक गया था तो मेरे भी छत पे टेंट लगा था।
चुप चाप से जाके टेंट में एक गद्दा नीचे पड़ा था थोड़ा लेट गया। मोबाइल में कुछ देखने लगा।
तभी मैंने देखा ऊपर दो लड़कियां आई और एक लड़की फ़ोन पे किसी से बात करने लगी। मैं थोड़ा अंधेरे में था तो किसी की नजर मुझपे नही पड़ रही थी।
दूसरी वाली लड़की जहां से छत का पानी निकलता है बारिस का वहां पे वो अपना सलवार उतार के सुसु करने बैठ गई। अचानक से मैं देख के उठ गया कि कहीं मैं ही न गलत साबित हो जाऊं बाद में।पर जहां वो दोनों थी वहां उजाला था और हम अंधेरे में थे तो वो नही देख पा रही थीं।
मैंने उसकी गोरी गोरी गांड देखी तो मेरा रोम रोम खिल गया। वो उठी अपने कपड़े ठीक कर ही रही थी। कि फ़ोन वाली लड़की भी तक तक आके लोवर चड्ढी खिसका के बैठ गई सुसु करने। उसने लोवर पहनी थी और स्वेटर।
रेशमा भाभी को तेल लगाकर पूरी रात चोदा :- Bhabhi Ki Chudai
तो उसकी गांड कुछ ज्यादा ही दिखी सुसु करने पे लाइट में साइड से। मैं चुप चाप से देख रहा था सब बिना हिले हुए। मेरा बहुत कुछ होने लगा था बस खुद पे कन्ट्रोल किया जैसे तैसे। उन दोनों की उम्र लगभग 20, 22 तक रही होगी।
इसलिए दोस्तो समझो कि उनके फिगर भी एकदम हॉट एकदम सेक्सी लग रहे थे।दोनों गोरी थी।
पर मैं उस टाइम अगर कुछ बोलता तो पक्का वो लड़किया कभी न पट पाती हमसे। कुछ देर बात करके वो चली गई नीचे।
10 मिनट रुक के मैं भी नीचे आ गया लगभग आधे घण्टे तक बाहर सब सामान समेटवा के सब सोने की तैयारी करने लगे। जिसको जहाँ जगह मिलती अपनी सीट रिजर्व कर ले रहा था। मैं नीचे आ के देखा तो वो दोनों लडकिया मेरे ही कमरे में थी।
मम्मी भी थी मेरी वही और एक दो लेडीज और भी थी। वो दोनों मेरी बुक्स को उलटना पलटना चालू कर दिया। मैं सब देख रहा था। वो मम्मी से बोली, “कि मौशी ये बुक्स किसकी है?” तो मम्मी ने मेरी तरफ इशारा करते हुए मेरा नाम उन्हें बताया।
वो मुझे देख के चुप चाप बैठ गई अचानक से। वो दोनों काफी चुस्त और सेक्सी माल नजर आती थी दूर से ही। और जब पास गए अपने रूम में तो देखा कि उसमे से एक लड़की की लिप्स नेचुरल ब्लैक से थे। वो मुझे भी देखी मैं भी उसे देखा वो मुझे पसन्द आ गई मेरे लिए।
पर ना नाम जानते थे न कुछ और। तो सोचने लगे क्या करें अब हम उसको पाने के लिए। तभी जिस भाई की शादी थी वो उन दोनों को खोजते खोजते आया। और हमसे पूंछा, “भइया पारुल और महिमा है क्या? उनको मम्मी बुला रही है।“
तब पता चला कि मेरी वाली का नाम महिमा था। मैं नाम जान के खुस हुआ। पर वो चली गई तो मुझे अच्छा नही लगा। मैं सोच रहा था कि कुछ ऐसा हो जाये कि वो आज मेरे घर आये सोने।
मैं मायूस होकर छत पे टहलने चला गया। मोबीइल में रील्स देखने लगा यूं ही।
फिर थोड़ी देर बाद थोड़ी हलचल सी हुई तो देखा कि सीढियों से एक दो बुजुर्ग दादी लोग और एक छोटा लड़का ऊपर आये। और ऊपर ही टेंट के अंदर गद्दा निकाल के लगाने लगे। मैं सब देख रहा था तो आके बाद में हेल्प करने लगा। क्योंकि मेरे ही घर आई थी सब तो फर्ज भी था मेरा।
उनमे से एक दादी को मैं जानता था। वो बोली हमसे, “नीरज बेटा पढ़ाई ठीक चल रही है?” तो हमने हां बोलके बात खत्म की। और नीचे से उनके लिए रजाई लेने जाने लगाहै तो देखा कि महिमा नीचे से रजाई लेके ऊपर आ रही थी। मैं भी उसकी हेल्प करने लगाहै
बोला, “महिमा रुको मैं निकाल देता हूँ। तो आप हमारे साथ मे एक साथ पकड़ के चलना।“ वो बोली ठीक है। एक साथ 6 रजाई जानबूझ के निकाल दिए और साथ मे पकड़ के ऊपर जाने लगे।बीच मे बोली, “काफी भारी नही है।“
मै बोला, “तभी तो आपकी हेल्प कर रहे वरना अकेले ले जाती।“ तो वो हंस पड़ी तो मुझे अच्छा लगा कि चलो कुछ तो बात हुई। फिलहाल हम रजाई लेके गए दादी लोग को दिए। और उनमे से एक महिमा की सगी दादी थी। तो वो उनका पैर दबाने लग गई तो मैं भी पास में बैठ गया।
मैं, उसकी दादी और महिमा बाते करने लगे। बाते करते करते दादी उसकी सो ही गई और फिर हम ही दोनों बातों में लगे रहे। थोड़ी देर बाद उसे भी वही सोना था। तो वो उठी और नीचे गई और वापस 5 मिनट में आई।
मैं समझ गया कि अभी मेरे सामने तो यहाँ सुसु नही करने वाली थी इसिलिए नीचे होके आई।
मैं वही बैठा रहा वो आई और लास्ट में जहां जगह थी लेटने लगी। तो हमसे बोली, “आप कहाँ लेटेंगे नीचे तो पूरा कमरा भरा है। आपका भी कही जगह नही है तभी तो हम सब भी ऊपर आये।“
मुझे ऐसा लगा जैसे वो चाहती है मैं छत पे ही लेट जाऊ उसके बगल गद्दा लगा के। तो मैं बोला, “देखता हूं कहीं जगह मिले तो।“ और फिर वो रजाई ओढ़ ली। मैं नीचे गया लेकिन कही जगह न मिली तो वापस एक गद्दा और रजाई लेके ऊपर आ गया।
सब गहरी नींद में सो गए थे हम दोनों को छोड़ के।मैं टेंट के बाहर गद्दा लगाने लगा तो वो उठ के मेरे पास आई। बोली, “ठंड में बाहर क्यों लगा रहे? टेंट में लगाओ वरना बीमार हो जाओगे।“
वैसे मैं भी बस यही चाहता था मन ही मन और वही सब हो रहा था।
वो मेरा गद्दा उठा के अपने बगल लगा दी। मैं उसको थैंक्स बोला और बोला कि मैं कपड़े बदलके आता हूं। महिमा वो बोली, “ठीक है और ऊपर छत की लाइट भी ऑफ कर देना प्लीज़।“ मै कपड़े बदल के लाइट ऑफ करके ऊपर आ गया और मोबाइल की टोर्च जलाके अपनी जगह पे लेट गया।
रात काफी हो गई थी। अब वो मेरे बगल थी और मेरी समझ मे नही आ रहा था आज मैं सो भी पाऊंगा या नही। उसने बोला रजाई पतली है रात में ठंड लगने लगेगी तो मैं बोला मेरी ले लेना। वो बोली आप क्या ओढोगे।मेरे मुह से निकल गया दोनों एक साथ ओढ़ लेंगे। तो वो शरमा गई।
मेरी हिम्मत जैसे बढ़ने लगी थी मैं अपनी रजाई भी मैं उसके ऊपर डाल दिया सच मे। वो बोली थैंक्स और रजाई उठा के मेरी तरफ बढ़ा दी। मैं भी सरक के अब उसके साथ मे हो लिया।अब मैं समझ गया कि आग बदन में बराबर की लगी है। वरना इतनी जल्दी इतना कुछ नही होता।
मैं उंसके कान में बोला कि, “महिमा उस टाइम हमने तुम दोनों को ऊपर सुसु करते देखा था।” तो वो चुटकी काट ली बोली, “बेसरम कहाँ से देख लिए।“ तब मैंने पूरी बात बताई उसको वो सरमा गई कसम से। बोली, “कितने गन्दे हो आप बोल नही सकते थे तो हम लोग रुक जाते न।“
मैं बोला, “मुझे कोई प्रॉब्लम नही थी मैं क्यों बोलता।“ तो वो फिर से चिकोटी काटी। इस बार मैं हिम्मत करके उसके गाल पे चूम लिया। वो जैसे शॉक्ड रह गई बोली ये क्या किये। मैं बोला,
“सॉरी गलती से हुआ।“
ट्यूशन के बहाने दीपिका मैडम को मैंने घोड़ी बनाकर चोदा :- Hindi Sex Story
2 मिनट चुप थी फिर बोली कि फिर से गलती करो। तो मैं फिर से चूम लिया। वो खुस हो गई सच मे। तब वो बोली कि कल मैं चली जाऊंगी। मैं बोला शादी तक रुक लो।बोली कि पेपर है दादी रुकेंगी हमको जाना पड़ेगा।
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और चूम लिया अब वो एकदम मेरे वस में थी जैसे। मैं उंसके ओंठो पे उंगली रखा तो वो काटने लगी दांत से। मैं धीरे से गाल पे मार के हाथ अब उसके नीचे करने लगा उंसके स्तन पे जैसे ही हाथ लगा वो तेज तेज सांसे लेने लगी।
और बोली, “मत करो प्लीज़।” पर मैं दोनों स्तनों को ठीक से दबाया और उसके निप्पल को चुटकी काटा। वो ब्रा नही पहनी थी ये समझ गए हम। तो वो मचलने लगी मैं धीरे से अब हाथ उसके पेट पे ल गया वो मेरा हाथ पकड़ ली। पर मैं नही रुका हमसे नही रुका गया क्या करते।
मैं पेट को सहलाते सहलाते एक झटके में अचानक से हाथ को उसकी चूत पे रख दिया।बता नही सकते दोस्तों कपड़े के ऊपर से ही कितना सॉफ्ट लगा। वो जोर जोर से सांसे लेने लगी। मुझे लगा कोई जाग न जाये तो उसके मुह को दबा दिया। वो समझ गई तो अब शांत हो गई।
करीब 5 मिनट तक ऐसे ही ऊपर से सहलाते सहलाते मैं अब अचानक से उंसके सलवार में हाथ डालने लगा। वो मुझे रोक नही पाई।अब मेरे हाथ उसकी फूली हुई चूत को जो कि एकदम गर्म हो गई थी ,फील करने लगे।
बहुत हल्के से बाल थे उंसके इसलिए पूरी चूत और भी मस्त लग रही थी काफी गीली हो गई थी।
अब वो एकदम पागल हो चुकी थी। मैं समझ गया मैं बगल में लेटे लेटे ही उसका हाथ अपने लोअर में डाल लिया। वो भी अब लगभग 10 मिनट तक मेरे लंड को नोचती रही मसलती रही।
ऊपर नीचे करती रही। हमे बहुत ही ज्यादा अच्छा फील हो रहा था। क्योंकि मैं उसके चूत को सहला रहा था और वो मेरे लंड को। मेरी लंड में भी काफी पानी निकल रहा था उंसके हाथ मे लग रहा था।अब मैं उसके कान में धीरे से बोला, “महिमा सेक्स करना है मुझे प्लीज़।” तो वो बोली, “प्लीज़ अंदर मत गिरा देना नीरज।” मैं समझ गया वो क्या कहना चाह रही थी। मै बोला, “उठो पूरे कपड़े उतार दो।सब सो गए है। मैं भी उतार रहा हूं कोई नही जान पायेगा।“
वो बोली ठीक है। अब हम दोनों पूरे कपड़े उतार के एकमद नंगे होक एक दूसरे से एकदम चिपक गए। और हम इतना जोश में थे कि 2 मिनट भी सेक्स कर लेते तो शायद झड़ जाते। मैं कंट्रोल किया खुद को ऐसे ही 10 मिनट।
और उसके निप्पलों को मुह में लेके चूसना सुरु किया और मेरा लंड उंसके पेट मे रगड़ने लगा।
वो भी लंड को बार बार छू के मजा ले रही थी। मै अब अपने हाथ उंसके दोनों सेक्सी गांड में ले गया। काफी टाइट थे। मैं दबाने लगा उसको इसमे भी मजा आने लगा।
वो मेरा हाथ गांड दबवाने के लिए ही बार बार ले जा रही थी। आखिर 10 मिनट तक खूब कसके उसकी गांड दबाया। और बीच बीच मे उसकी गांड की छेद में भी उंगली लगाता तो वो पकड़ लेती थी। अब उसने मेरे लंड को पकड़ के अपने चूत पे रगड़ने लगी।
तो मैं समझ गया कि इसे अब चूत में ही सेक्स करना है। वरना ये झड़ जायेगी बिना सेक्स किये।
मैं भी देर नही किया बगल में लेटे लेटे साइड से ही उसकी टाइट चूत में लंड घुसाने लगा। टाइट थी। पर पानी निकलने से इतना चिकना हो गया था कि थोड़ी से प्रयास से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में सरक गया।
वो अब तेज तेज सांस लेने लगी। और मैं उसकी निप्पल को चूसने में लगा था और अब धीरे धीरे उसको चोदना सुरु किया।वो भी पूरा सपोर्ट कर रही थी आगे पीछे करके। वो पता नही मन मे क्या भुन भुना रही थी। उसको बहुत ज्यादा ही मजा आ रहा था। पागल हो गई हो जैसे।
वैसे हालत मेरी भी खराब थी। मेरा लंड एकदम टाइट था और पच पच की आवाज भी आ रही थी चोदने की। गद्दे पे उसकी चूत का पानी गिर रहा था। अब वो बोली कि प्लीज़ ऊपर से करो आके तो मैं समझ गया।
रजाई अपने ऊपर लेके मैं उसके ऊपर लेट गया। अब मैं समझ गया कि मैं भी झड़ जाऊंगा तो वो भी झड़ने ही वाली थी।मैं जोर जोर से उसको चोदना सुरु किया। और हाथ से चूची भी दबाता जा रहा था और ओंठो पे किश भी कर रहा था।
वो नशे में थी उंसको होश नही था कि कुछ और कह पाए। मैं 5 मिनट तक ऐसे ही चोदा। वो हमसे पहले ही झड़ गई क्योंकि वो एकदम चिपका के पकड़ ली थी हमें। तो हम समझ गए कि ये गई काम से।
अब मुझे भी सच बताऊँ तो उसकी चूत में ही झड़ना था। इसलिए बिना उसको बोले जोर जोर से चोदने लगा। करीब 5 मिनट बाद मैं भी उसकी चूत में पूरा पानी गिरा दिया। कसम से ठंड में दोनों पसीने पसीने हो गए थे।
बाद में मैं बोला कि महिमा मैं अंदर ही छोड़ दिया तो वो गुस्साई। फिर बाद में गाल पे किस कर ली। बोली कोई बात नही मैं कल के काल पिल्स ले लुंगी डरो मत। मैं भी फिर पूरी रात चिपक के 3 बार सेक्स किये उस दिन। बहुत मजे किये अलग अलग तरीके से
बाद में जाते जाते उसने अपना नंबर दिया ताकि हम फिर से कहीं रूम लेके मिल सके एक दूसरे की प्यास बुझाने के लिए। दोस्तों ये स्टोरी कैसी लगी।