Bhabhi Ki Chudai : ये मेरी पहली स्टोरी है। मेरा नाम सोनी सिंह है। मेरी शादी हो चुकी है। मथुरा में अपने फेमिली के साथ रहती हूँ। मेरा हसबैंड नेवी में नौकरी करता है। वो हर 6 महीने में कुछ दिनों के लिए घर आता है।
मेरा अपने देवर विकास से नाजायज सम्बन्ध है। अभी मुझे जो लड़का हुआ है वो भी विकास का है। पर मेरे पति को लगता है की उसका लड़का है ये।जब शुरु शुरू में मेरे हसबैंड घर पर नही रहते थे, मैं चुदने को बड़ी तड़पती रहती थी।
तभी मेरा चक्कर मेरे देवर से चल गया था। अब तो हम दोनों खुलकर चुदाई के मजे लूटते थे। विकास की शक्ल हुबहू मेरे हसबैंड जैसी थी। जब मुझे बेटा हुआ तो उसकी शक्ल मेरे पति जैसी थी।
इसलिए उसे जरा भी शक नही हुआ था। विकास मेरी गांड भी कसके चोद डालता था। अब तो वो मेरा सुहाग बन चूका था। विकास एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब कर रहा था। जब उसे सेलरी मिलती थी |
देवर ने भाभी की चूत का भोसड़ा बना दिया – Hot Bhabhi Sex
मेरे लिए कोई न गिफ्ट जरुर लाता था। जब मेरे पति फोन पर पूछते थे की तुम कैसी हो तो मैं बहाना बनाकर कहती थी की मुझे तुम्हारी बड़ी याद आ रही है।मेरा फिगर 34 32 36 का था। बदन फिट था मेरा।
न बहुत जादा मोटा और न बहुत जादा पतला। जब मैं नहा धोकर साड़ी ब्लौस पहनकर सजती सवरती थी तो हाथ भर भर कर चूड़ियाँ पहनती थी। अच्छे से मेकअप करती थी। बालो को अच्छे से बाँध कर गजरा लगाती थी।
जब मांग में सिंदूर भरकर तैयार हो जाती थी वो मैं बिलकुल पटाखा माल लगती थी।भाभी!! तुम मस्त माल दिखती हो। तुम्हारे लिए तो कोई कुछ भी कर डाले” मेरा देवर बोलता था
मेरा बेटा अभी 6 महीने का था। घर में कोई होता भी नही था। विकास मुझे सुबह सुबह की पकड़ लेता था और मेरे होठो को किस करने लग जाता था। फिर मैं विकास के लिए नास्ता बनाती थी।
एक दिन वो नहा धोकर कपड़े पहनकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गया। मैं किचन में उसके लिए आलू पराठे सेंक रही थी।भाभी!! जल्दी लाओ नास्ता। मुझे देर हो रही है” विकास कहने लगा
लाती हूँ बाबा!! पराठो को करारा कर रही हूँ” मैं किचन से ही बोलीफिर उसे पराठा दिया। विकास तोड़ तोड़कर खाने लगा। उसके लिए मैंने 4 पराठे सेंक दिए। इतने में मेरा बेटा जग गया और दूध के लिए रोने लगा।
मैं कमरे में गयी और उसे गोद में ले आई और विकास के सामने ही कुर्सी पर बैठ गयी। अपने ब्लौस को खोलकर 34” की बड़ी सी चूची को निकालकर बेटे को पिलाने लगी। वो जल्दी जल्दी चूसने लगा।
मेरी मस्त मस्त छाती से दूध की कुछ बुँदे बाहर बहने लगी। विकास पराठे खाते खाते मेरे दूध ताड़ने लगा। कुछ देर में उसका मौसम बन गया।भाभी!! भतीजे को दूध पिला दो, फिर मुझे चूत दो” विकास बोला
मैं तो चौंक गयी।तू तो ऑफिस जा रहा था ना??” मैं पूछने लगीआज छुट्टी मार रहा हूँ। तुम्हारी चूचियां देखकर दिमाग घूम गया है। मुझे आपकी चूत अभी चाहिए” विकास बोला
फिर उसने पराठे खाना भी बंद कर दिया। और अपनी पेंट खोलकर लंड बाहर निकाल दिया और जल्दी जल्दी मुठ देने लगा। देखते ही देखते विकास का लंड 8 इंची लम्बा हो गया और काफी फूल गया।
कुछ तो शर्म करो। अपने भतीजे के सामने ऐसा मत कहो” मैं कहने लगीये मेरा भतीजा नही लड़का है” विकास कहने लगाउसके बाद मेरा बेटा दूध पीकर सो गया। उसे मैं गोद में उठाकर कमरे में सुला आई।
देवर का मोटा लंड देख पगलाई भौजी – Bhabhi Ki Chudai
फिर हम दोनों ही बेडरूम में चले गये। मैं बेड पर बैठ गयी और विकास मेरे पास आ गया। मेरे ब्लाउस की बटन अभी भी खुली हुई थी। आपको बताना भूल गयी की मेरा बेडरूम काफी बड़ा है और काफी खूबसूरत है।
मैंने उसे अच्छे से मेंटेन कर रखा है और सब तरह की सुविधाए है उसमे। काफी बड़ी बड़ी कांच की खिड़कियाँ मेरे बेडरूम में है जिससे दिन की सफ़ेद रौशनी उसमे खूब आती है।
विकास मेरे पास ही बैठ गया और मुझसे चिपकने लगा। मैं लाल साड़ी ब्लाउस में थी। मेरे बेटे ने दूध पिया था इस वजह से दूध की कुछ बुँदे मेरे ब्लाउस को गीला कर दी थी। विकास ने मुझे पकड़ लिया और किस करने लगा।
भाभी उतार दो अपना ब्लाउस!!” वो मेरे कान में बोलामेरा अभी चुदने का मन नही था। ये सब गंदे काम तो शाम को और रात में किये जाते है पर देवर का तो अभी ही मूड बन गया।
विकास ने बैठे बैठे ही मेरे ब्लौस पर हाथ लगाना शुरू कर दिया। मुझे मजबूरन उतारना ही पड़ा। फिर ब्रा भी उतार दी।ओह्ह कितनी मस्त दिख रही हो!! अब बाल भी खोल दो” वो बोलामैंने अपने बालो में से पिन निकाल दिया।
अब मेरे बाल खुल गये। बहुत खूबसूरत और काले लम्बे बाल थे मेरे। मेरा जिस्म बड़ा सेक्सी और गोरा गोरा था। काले बालो में मेरी उजली चूचियां कुछ जादा ही सेक्सी दिख रही थी।
विकास मुझे सीने से लगाकर किस करने लगा और खूब प्यार करने लगा। फिर मेरे लिप्स पर लिप्स रखकर चुम्बन करने लगा। वो मुझे उसी तरह चूस रहा था जैसे इमरान हाश्मी फिल्मो में किस करता है।
मेरी चूचियों को उसने पकड़ लिया और दबाने लगा। मुझे लिप्स पर किस कर रहा था और साथ में बूब्स को हाथ से प्रेस कर रहा था।लेट जाओ भाभी!!” विकास बोला मैं बेड पर चित हो गयी।
वो मेरे सफ़ेद मक्खन जैसी चूचियों से खेलने लगा। हाथ से कस कसके के बूब्स प्रेस करने लगा। आटे की तरह गूथ रहा था। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी।
हाथ से मेरे बूब्स को प्रेस करने लगा। फिर मुंह में लेकर चूसने लगा। मैं जोर जोर से सिसकी निकालने लगी। मेरे दूध 34” के गुब्बारे जैसे फूले हुए थे। देवर दबा दबाकर मजा ले रहा था। मुझे भी आनन्द आ रहा था।
उसने चूस चूसकर मुझे गर्म कर दिया। मेरे स्तनों के शिखर पर लाल लाल बड़े बड़े गोले थे जो बड़े कामुक लग रहे थे। विकास उनको दबा दबाकर पी रहा था। वो मेरी निपल्स पर बड़े ही सेक्सी अंदाज में जीभ घुमा रहा था।
“आह सी सी सी…..कितने प्यारे हो तुम वैभव!! मुझे और जादा प्यार करो” मैं कहने लगीविकास मेरी बात सुनकर और अच्छे से मेरी दोनों चूची चूसने लगा। मैं काम की अग्नि में जलने लगी।
फिर उसने उसी वक्त मेरी साड़ी खोल दी। मेरे पेटीकोट को खोला और उतार दिया। मेरी पेंटी को पकड़ कर उसने 1 सेकंड में नीचे खींच दिया। फिर मेरे पैरो से भी उसे निकाल दिया। मैं नंगी हो गयी।
सुबह सुबह चुदाई करना अच्छी बात नही होती है” मैं कही,अरे भाभी!! ये कोई नियम तो है नही। इसलिए जब इंसान का मूड बन जाए चुदाई कर लेनी चाहिए” विकास बोलामैंने पैर खोल दिए। मैं उसके सामने नंगी बेड पर लेटी हुई थी।
क्या सेक्सी माल दिख रही थी। मैं विवाहित औरत थी इसलिए हाथो में खूब सारी चूड़ियाँ और सोने के कड़े पहनी थी। दोनों पैर में मेरी पायल छन छन की आवाज कर रही थी। मेरे गले में बड़ा सा सोने के लोकेट वाला मंगल सूत्र था।
मैं शुद्ध इंडियन औरत लग रही थी। मेरा देवर फिर से मेरे सेक्सी चुदासे जिस्म पर लट्टू हो गया और मुझसे प्यार करने लगा। वो अपनी शर्ट पेंट उतार दिया। अब नंगा था। उसका लंड 8” लम्बा था, अब खड़ा हो गया था।
विकास का लंड काफी मजबूत तलवार जैसा दिख रहा था।वो मेरे उपर आ गया और मेरे पेट से खेलने लगा। मैं बहुत गोरी चिट्टी माल थी इसलिए मेरा पेट भी कम सेक्सी नही था। विकास जीभ निकालकर पेट चाटने लगा।
मैं ,…अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”करने लगी। फिर मेरी चूत पर वो पहुच गया। मेरी बुर तो पहले से ही काफी कामुक थी। लाल लाल मलाई जैसी चूत थी मेरी।
फिर विकास मुंह लगा लगाकर रस लेने लगा। अच्छे से चाटने लगा। मैं चीखने पर मजबूर हो गयी।सी सी सी सी….और चूसो वैभव!! मेरी आग को आज तुम शांत कर दो” मैं कहने लगी
वो भी बड़े जोश में आ गया और चूत को अच्छे से चाटने लगा। वो अंदर से रस निकाल रहा था। मैं तृप्त होने लगी। मुझ पर कामवासना का भूत चढ़ रहा था। बड़ी बेचैनी हो रही थी।
इसलिए मैं अपने दोनों पंजो से अपने दोनों बूब्स जोर जोर से दबाने लगी। अपनी निपल्स को ऊँगली में लेकर मरोड़ने तोड़ने ल। उधर विकास ने बड़े अच्छे ढंग से मेरी बुर चाट चाट कर फुला दी।
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मेरे चूत के दाने को उसने जीभ की नोंक से इतनी बार ठोकर मारी की मेरी तो ऐसी तैसी हो गयी थी। मेरी चूत काफी गहरी थी। विकास अंदर तक जीभ घुसा रहा था। दरार में उपर से नीचे तक घुसा रहा था।
खोद खोदकर चूस रहा था। मेरी चूत के दोनों होठो को उसने चूस चूसकर चिकना बना डाला।देवर!! क्या आज तू मेरा काम नही लगाएगा???” मैं व्याकुल होकर कहने लगी
लगाऊंगा भाभी जान!! इतना बेसब्र क्यों होती हो। सब कुछ धीरे धीरे करूंगा” वो बोला,कब चोदेगा तू मुझे वैभव!! आऊ…..आऊ….जो करना है जल्दी कर” मैं बेचैन होकर कहने लगी |
मेरी बात सुनकर वो मेरी तडप समझ गया। अपने लंड को खड़ा करने लगा। जल्दी जल्दी मुठ देने लगा। मैं लंड से चुदने को व्याकुल हो रही थी। फिर विकास मेरी चूत पर आ गया। मेरे पैर खोल दिए उसने।
उसका 8 इंची लौड़ा काफी शानदार था। विकास ने उसे पकड़ लिया और मेरी चूत की गद्दी पर थपकी देने लगा। मैं और जादा मचलने लगी। “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी।
कुछ देर वो मेरी चूत की गद्दी पर लंड से पीटता रहा। फिर सुपारे को चूत की लाइन में रगड़ने लगा। ऐसा करने से मेरी हवस और जादा बढ़ गयी थी। विकास मुझे चोद नही रहा था। सिर्फ लंड के मुंह से मेरी चूत पर घिसाई कर रहा था।
ऐसा करने से मेरी कामवासना और बढ़ गयी।गांडू!! अब चूत में डालेगा की गांडूगिरी दिखाएगा” मैं गुस्साकर बोलीतब विकास ने लंड को पकड़कर मेरी चूत में धक्का मार दिया और अंदर बाहर करने लगा।
अब मुझे कुछ अच्छा लगा। मेरा देवर अब धक्का पर धक्का लगाने लगा। मैं चुदने लगी। कुछ मिनट में विकास ने अच्छी स्पीड बना ली और जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा। मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ.|
हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” बोलकर उससे चुदवा रही थी।ohh!! yes yes yes वैभव!! fuck me hard ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी…” मैं मचल मचल कर कहने लगी |
वो चूत में गचा गच धक्के देने लगा। फिर मेरी बायीं चूची को हाथ से पकड़ लिया और दबा दबाकर मुझे चोद रहा था। मुझे अत्यधिक सुख की प्राप्ति हो रही थी। मेरा रोम रोम उसने सहवास करके खिला दिया था।
फिर वो बायीं चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा और साथ में मेरी ठुकाई भी कर रहा था। मैं जन्नत का मजा लूट रही थी।बहुत अच्छा वैभव!! ….. ऊँ…ऊँ…ऊँ…. पेलो और अंदर तक लंड पेलो मुझे हूँ.. हूँ… हूँ..” मैं जोश में कहने लगी
मेरी कमर नागिन की तरह डांस कर रही थी। विकास तो मेरा मस्त चोदन कार्यक्रम कर रहा था। कुछ देर बाद मेरा देवर झड़ने वाला था।भाभी!! ……अअअअअ….अब झड़ जाउंगा” विकास कहने लगा
फिर उसकी स्पीड बहुत तेज हो गयी। उसका लंड किसी मशीन की तरह मेरी चूत को चोदने लगा। फिर उसका बदन ऐठने लगा। विकास के चेहरे पर संतुस्टी के भाव मैं साफ़ देख सकती थी।
फिर उसने माल मेरी बुर में ही छोड़ दिया। अपनी बुर में मैंने उसका ताजा गर्म गर्म पानी महसूस किया। साथ में मैं भी झड़ गयी। उसके पूरे चेहरे पर पसीना निकल आया। मुझे चोदने में उसे काफी मेहनत करनी पड़ी।
पर उसे मजा खूब आया। मुझे भी आया।ओह्ह वैभव!! you fucked me so hard” मैं कहने लगीवो मेरे ओंठो पर आकर फिर से चुम्मा लेने लगा। हम दोनों को आज वाली चुदाई में काफी संतुस्टी मिली थी।
वो बहुत खुश नजर आ रहा था।आज तो तुमने मुझे सुबह सुबह की चोद डाला। देखो सुबह ये सब मत किया करो। तुम्हारे चक्कर में मैं पूजा नही कर पाई” मैं कहने लगी अरे भाभी!! जो मजा सुबह आता है वो रात में नही आता|
विकास बोला,मैं जाने लगी। सोची की नहा लूँ। पर फिर से उसने मुझे पकड़ लिया।अब क्या है???” मैं बोलीआपने मेरा लंड तो चूसा ही नही। चूसो प्लीस” वो कहने लगा
हम दोनों अब बेड से उतर गये। विकास फर्श पर खड़ा हो गया। मैं नीचे घुटने मोड़कर बैठ गयी। फिर उसका लंड पकड़कर अच्छे से मुठ देने लगी। कुछ देर में देवर का लंड खड़ा हो गया।
फूलकर काफी मोटा हो गया। मैं हाथ से पकड़ ली और मुठ देने लगी। उसे मजा आ रहा था। मैंने अच्छे से मुठ देकर उसे मजा दिया। फिर लंड को जीभ निकालकर चाटने लगी। फिर पूरा क्रीम रोल की तरह मुंह में ले ली |
जड़ तक लेकर चूसने लगा।ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……चूसो और चूसो भाभी!! अच्छा लग रहा है” विकास कहने लगामैं भी किसी आवारा औरत की तरह चूसने लगी। हाथ से लंड को गोल गोल घुमा रही थी।
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मुठ दे रही थी। लंड को अपने गले तक लेकर तन मन धन से चूस रही थी। खूब मजा दे रही थी। फिर उसकी गोलियों को मुंह में लेकर रसगुल्ले की तरह चूस डाली मैं।भाभी!! आपकी गांड तो ली ही नही मैंने। प्लीस दो ना|
वो बोला,मैं फर्श पर ही झुक गयी और कुतिया बन गयी। मेरी गांड का छेद बड़ा खूबसूरत था। चोकलेट की तरह भूरा भूरा सेक्सी छेद था। मेरी कसी गांड को देखकर विकास आसक्त हो गया और जीभ लगा लगाकर चाटने लगा।
खूब चूसा, चाटा उसने। फिर लंड डालने लगा। मुझे बहुत दर्द हो रहा था क्यूंकि गांड का छेद चूत की तरह खुला हुआ तो होता नही है। इसलिए काफी दर्द हुआ। विकास ने धक्का दे देकर लंड छेद में घुसा डाला।
फिर जल्दी जल्दी चोदने लगा। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करती रही। मुझे लग भी रहा था और मजा भी आ रहा था। बड़ा अजीब अहसास था गांड चुदाई का।
मेरी तो जान ही निकली जा रही थी। फिर भी फर्श पर किसी सीधी औरत की तरह कुतिया बनी हुई थी। मेरा देवर विकास झुककर मेरी गांड चोदन का कार्यक्रम कर रहा था। उसने काफी देर मेरी ठुकाई की।
फिर लंड निकाल दिया। जल्दी जल्दी हाथ से मुठ देने लगा। मेरे बड़े बड़े चूतड पर उसने माल झार दिया। फिर जाकर मैं नहा ली।