Hot Bhabhi Sex: हैल्लो दोस्तों ,वैसे तो मैं शुरू से ही काफी कामुक स्वभाव का रहा हूं लेकिन एक स्त्री के साथ पूरी तरह से चुदाई का मौका मुझे बहुत बाद में मिला, कैसे … वो आगे बताता हूँ|
उस समय मेरी आयु कुछ 20 साल की रही होगी, पढ़ाई के बाद नौकरी कर रहा था| शादी हुई नहीं थी और कोई प्रेमिका भी नहीं थी इसलिए जान पहचान के एक दो लड़कों को पटाकर हल्का हो जाता था|
इसी बीच मेरी नजर मेरे घर के पीछे रहने वाली एक भाभी पर पड़ी जो अक्सर मेरी मां से बातचीत करती थीं|भाभी देखने में ज्यादा गोरी तो नहीं थीं| उनका गेहुआं रंग था, लेकिन तीखे नाक नक्श थे| शरीर भी भरा पूरा था|
खैर … नजर लड़ी तो धीरे से बातचीत शुरू हुई|फिर लगा कि उन्हें भी चुदाई की जरूरत है|भाभी जब भी मुझे देखती थीं, तो उनकी चाल और चितवन बदल जाती थी|
शबनम भाभी की जबरदस्त चुदाई – Muslim Sex Story
कई मर्तबा तो उन्होंने मेरे सामने अपना पल्लू गिरा कर मुझे अपने आम दिखाने की कोशिश भी की थी|मैं भी भाभी को देख कर अपने लंड को सहला देता था जिससे वो भी हंस कर मुझसे आंख मिला लेती थीं|
एक बार भाभी मेरी मां के पास किसी काम से आई थीं| उसी समय मैं भी उधर ही किसी काम से आया था|मैंने मां से जानबूझ कर पूछा, मम्मी मैं बाजार जा रहा हूँ … आप आम लाने के लिए कह रही थीं| क्या लाना है?
मां ने कहा, हां बेटा ले आना … मगर देख कर लाना, आम मीठे और रसीले लाना|मैंने मां से कहा, हां ठीक है मम्मी मैं देख कर ही आम लाऊंगा|उस समय मैंने भाभी की चूचियों को देख कर कहा था|
तो भाभी ने भी अपने होंठ दबा कर मुस्की मार दी थी|फिर भाभी ने मुझसे कहा, भैया, बड़े आम ढीले रहते हैं … आप बड़े के चक्कर में पिलपिले आम न ले आना|मैंने कहा, ठीक है भाभी, मैं दबा कर चैक कर लूंगा|
उसी समय मम्मी किसी काम से अन्दर चली गईं|मैंने भाभी से पूछा, आपको आमों के बारे बड़ी जानकारी है भाभी!
भाभी ने अपने मम्मों पर हाथ फेरते हुए कहा, हां आपको भी हो जाएगी|
आप तो मेरे घर कभी आते ही नहीं हैं| कभी घर आइए, मैं आपको आम का रस पिलाऊंगी|इतने में मम्मी वापस आ गईं|
मैंने भाभी से कहना ही चाहा था कि भाभी ने मेरी मम्मी से कहा, अच्छा आंटी अब मैं जाती हूँ|
गैस वाला आता ही होगा| मेरी गैस की टंकी खत्म होने को है|भाभी ये कह कर गांड मटकाती हुई अपने घर चली गईं|बमुश्किल दस मिनट बाद गैस टंकी के बहाने उन्होंने अपने बेटे से मुझे अपने घर बुलवा लिया|
बस फिर क्या था, मैं फौरन भाभी के घर पहुंच गया| उधर वो अकेली थीं| उनके बच्चे ही घर में थे|मैंने जाकर उनसे पूछा, कहां है गैस टंकी?भाभी ने बताया कि वो दूसरे कमरे में है|
भाभी मुझे लेकर उस कमरे में गईं, वहां कोई नहीं था |तो मैंने मौके का फायदा उठाकर उन्हें पकड़ लिया|थोड़ा कसमसाने के बाद भाभी बोलीं, कब से इशारे कर रही हूं, समझ में नहीं आता है क्या?
मैंने कहा, डर लगता है|भाभी बोलीं, जब मैं तैयार हूं तो तुम क्यों डर रहे हो|बस इतना सुनना था कि मैंने ताबड़तोड़ उनको चूमना शुरू कर दिया|भाभी भी पूरी तरह से साथ देने लगीं|
मैं उनके गोल गोल खरबूजे जैसे बोबों को पकड़कर मसलने लगा|भाभी की आह आह की आवाज निकलने लगी|फिर जैसे ही उसके तरबूज जैसे नितम्बों पर हाथ फेरा तो मेरा केला खड़ा हो गया|
भाभी ने लंड देखा, तो शर्माने लगीं|मैंने कहा, जब इससे ही खेलना है, तो शर्मा क्यों रही हो?वो मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगीं|लेकिन इससे पहले कि हम दोनों और कुछ कर पाते, उनके बच्चों की आवाज आ गई|
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हम दोनों जल्दी से अलग हो गए|मैंने भाभी की गैस टंकी लगाई तो उन्होंने कहा, अब चाय पी कर जाओ|मैं बैठकर टेलीविजन पर पिक्चर देखने लगा|कुछ देर बाद उन्होंने बच्चों को चाय दी और एक कप लेकर मेरे पास आ गईं|
हमने साथ में चाय पीते पीते यह निश्चित किया कि अब तो कैसे भी करके चुदाई करनी है|भाभी ने बताया, रात में मेरा पति दूसरे घर पर सोएगा| तुम रात में 11 बजे बाद आ जाना, मैं दरवाजा खुला रखूँगी|
मैंने हामी भर दी|गर्मी का समय था तब अधिकतर लोग घरों के बाहर ही सोते थे|रात में तकरीबन 11| 15 पर मैं उठा और शौचालय जाने के बहाने से मेरे घर से निकला|
चूंकि भाभी के घर में जाने के लिए मुझे मेरे घर के पीछे जाना था, तो मैं पहले तो घर से कुछ दूर स्थित नाले पर गया|पहली बार किसी औरत से रात में मिलने जा रहा था इसलिए डर भी लग रहा था कि कहीं पकड़ा ना जाऊं|
लेकिन चूत चुदाई की उम्मीद में हिम्मत करके आगे बढ़ा|फिर वहां से लौटकर पीछे गली में घुस गया जहां घुप्प अंधेरा और कुत्ते भी भौंक रहे थे|जैसे तैसे मैं भाभी के दरवाजे पर पहुंच गया|
फिर जैसे भाभी के दरवाजे को हाथ लगाया तो वह खुला मिला|मैं फ़ौरन अन्दर चला गया|भाभी अपने दोनों बच्चों के साथ वहीं लेटी हुई थीं|मुझे देखते ही उन्होंने मुझे अन्दर करके घर का दरवाजा लगा दिया |
मेरा हाथ पकड़कर अन्दर के कमरे में ले गईं|अब कमरे में हम दोनों अकेले थे|हम पलंग पर बैठे, एक दूसरे का हाथ पकड़ा और प्यार करना शुरू कर दिया|
भाभी ने मुझे कस कर गले लगाया| इतना जोर से मुझे अपने सीने से लगाया था कि भाभी के बूब्स मुझे मेरी छाती पर चुभते हुए महसूस होने लगे|वाकयी वह बहुत गर्म हो रही थीं|
उस रात भाभी ने सलवार सूट पहने था, मैं उनको चूमते हुए उनकी भरपूर जवानी पर हाथ फेरने लगा|वह भी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगीं और मेरे सीधे मेरे पेन्ट पर हाथ रख दिया|
भाभी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगीं|मैंने उनका कुर्ता निकालना शुरू किया तो उन्होंने भी मेरा साथ देने के लिए दोनों हाथ ऊपर कर दिए|वाह क्या नज़ारा था … झक्क सफेद ब्रा में भाभी के दोनों कबूतर मेरे सामने तने थे|
मैंने ब्रा के ऊपर से ही उनको धीमे धीमे सहलाया, बहुत ही मजेदार अनुभव था|फिर जैसे ही उनकी ब्रा खोलकर उनके शरीर से अलग की, दोनों कबूतर फड़फड़ा कर मेरे सामने लहराने लगे|
मैंने समय ना गंवाते हुए फ़ौरन से भाभी को पलंग पर लिटा दिया और एक हाथ से एक कबूतर को और दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगा|भाभी को भी बहुत मजा आ रहा था|
वो बड़बड़ाते हुए बोलीं, आज इनको अच्छे से मसल दो … बहुत परेशान करते हैं|मैंने कहा, हां भाभी, आज मुझे भी आपके रसीले आमों का रस पीना है|कुछ देर भाभी के मम्मों से खेलने के बाद मैंने उनके पेट पर चूमना शुरू किया|
साथ ही अपना एक हाथ उनकी चूत पर लेकर गया|जैसे ही मैंने चूत में हाथ लगाया, ऐसा लगा जैसे किसी गर्म तवे से उतरी गर्मा गर्म रोटी पर हाथ रख दिया हो|
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मैंने भाभी की मखमली चूत को हाथ में भरकर जोर से मसल दिया, वो तिलमिला गईं|फिर मैंने उनको सलवार निकालने का इशारा किया तो उन्होंने शर्मा कर दोनों हाथों से अपना मुँह छुपा लिया|
मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोला और नीचे निकालने लगा|पहले तो थोड़ी शर्माईं, फिर धीरे से उन्होंने अपने नितम्ब उठाकर सलवार निकलवा दी|
हाय क्या बताऊं क्या नज़ारा था … केले के तने जैसी चिकनी जांघों के बीच छोटी सी दरार नजर आई|मैंने थोड़ा जोर लगाकर भाभी की टांगों को अलग किया, तो सामने आया जन्नत का दरवाजा|
गुलाब की पंखुड़ियों जैसे नर्म और नाजुक दो लब, जिनके बीच में भाभी का गुलाबी सुराख था|मैंने झट से अपनी जुबान उस गुलाबी छेद में डाल दी|
भाभी बुरी तरह फड़फड़ा गईं और बोलीं, आह यह क्या कर रहे हो!लेकिन मैं नहीं माना, मैं अपनी जुबान अन्दर बाहर करता रहा|कुछ ही देर में उनके हाथ पांव अकड़ने लगे|
शायद कई दिनों की प्यासी थीं और उनका पति उनके साथ यह सब नहीं करता था, इसलिए भाभी झड़ने लगीं|मेरी नाक और मुँह पर उनकी गर्मी भरी मलाई निकलने लगी|
फिर मैं उठा और भाभी के मुँह की पैर करके लेट गया|उनको कुछ समझ नहीं आया|मैंने कहा कि अब आप मेरा लंड चूसो|पहले तो उन्होंने मना किया, फिर मेरे जोर देने पर भाभी ने मेरा लंड चूसना शुरू किया|
क्या बताऊं भाई … कितना मजा आया|पहले भी मेरा लंड लड़कों ने चूसा था, लेकिन इतना मजा नहीं आया था|खैर … थोड़ी देर चूसने में बाद उन्होंने कहा, अब तो लंड मेरी चूत में डाल दो|
मुझसे भी अब सहन नहीं हो रहा था इसलिए बिना देरी किए मैंने उनकी दोनों टांगों को दूर दूर किया और अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा|भाभी नीचे से कमर उठाकर लंड को अन्दर लेने की कोशिश करने लगीं|
उनकी तड़प कर देखकर मैंने भी उन्हें सताना उचित नहीं समझा और जोर से झटका दे मारा|भाभी की चिकनी चूत में मेरा आधा लंड सरकता हुआ अन्दर घुसता चला गया|
वो तड़प उठीं और मुझे लगा जैसे गर्म भट्टी में मैंने लंड डाल दिया हो|थोड़ा से रुककर फिर धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर चला गया|बस फिर क्या था … मेरे जीवन की पहली पलंगतोड़ चुदाई शुरू हो गई|
आठ दस मिनट बाद वो फिर से अकड़ने लगीं और स्खलित हो गईं|उसके बाद मेरा लंड और आसानी से भाभी की चूत में अन्दर बाहर होने लगा|कमरे में पलंग की चु चु और हमारी चुदाई की फच्च फच्च की आवाज आ रही थी|
तकरीबन दस मिनट और धक्के मारने के बाद मुझे लगने लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूं|मैंने उनसे पूछा, कहां निकालूं?
तो उन्होंने कहा, अन्दर ही डाल दो, बहुत दिनों से सूखी है … आज इसकी प्यास बुझ जाएगी|
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बस कुछ झटके मारकर मैंने भाभी की चूत के अन्दर ही मेरा सारा माल खाली कर दिया और निढाल होकर उनके ऊपर ही गिर गया|कुछ देर बाद हमारी सांसें संयत हुईं तो हम दोनों उसी पलंग पर पास पास में लेट गए|
हॉट भाभी सेक्स के बाद हम दोनों के चेहरों पर शांति और खुशी थी| भाभी की भरपूर चुदाई की … और मुझको पहली चुदाई की|उसके बाद जब समय देखा तो रात के ढाई बजे थे|
मुझे लगा कहीं घर वाले उठकर मुझे ढूंढ न रहे हों इसलिए मैंने जल्दी से कपड़े पहने और उन्होंने घर का दरवाजा खोल दिया|हमने एक दूसरे को किस करके फिर मिलने का वादा किया|मैं अपने घर के लिए निकल गया|