Antarvasna Sex Story : मेरी दोस्ती फेसबुक पर एक अंकल से हुई| उन्होंने बताया कि पोर्न देखकर उनकी बीवी की वासना बढ़ गयी है| वो किसी और से अपनी चूत चुदाई करवाना चाहती है|
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम प्रदीप है| मैं दिल्ली के नोएडा में रहता हूँ| मेरी उम्र 32 साल है, मेरी कद काठी औसत है … हाइट 5 फिट 4 इंच है| मेरा लिंग लगभग ढाई इंच मोटा और आठ इंच लंबा है|
मैं दिखने में स्मार्ट हूँ और दिल का साफ़ हूँ| यूँ तो मुझे बहुत बातें करने का शौक है, इसलिए मैं नए नए दोस्त बनाता रहता हूँ| इसके लिए मैंने अपना फेसबुक का एक फेक अकाउंट भी बनाया है|
उसके जरिए मैं कई सारी महिलाओं और दोस्तों से बातचीत करता रहता हूँ| फेक अकाउंट की वजह ये है कि मैं अपनी असली पहचान किसी को देना नहीं चाहता और किसी की जानना भी नहीं चाहता|
तो हुआ यूँ दोस्तो कि एक दिन मुझे लगभग 48 साल के आदमी की फ्रेंड रिक्वेस्ट आ गई| उनका नाम मुकेश था| और वो दिल्ली से ही थे| कुछ दिन तक उनसे इधर उधर की बातें होने के बाद उन्होंने मुझसे कुछ ऐसा कहा कि मैं खुद परेशान हो गया|
मोटी आंटी के गोरी चूत पर काला तिल – Moti Aunty Ki Chudai
उनकी बीवी सुनीता, जिनकी उम्र 38 साल की थी, दो बच्चे थे, जो गुडगाँव में स्नातक की पढ़ाई करते थे| ये दोनों वहीं रहते थे| जैसा कि उन्होंने बताया कि उनकी लाइफ बहुत अच्छी गुजर रही है|
लेकिन पिछले कुछ सालों से उनकी सेक्सुअल लाइफ बोरिंग हो गई थी| उनकी बीवी उनसे ठीक से बात नहीं कर रही थी| इस वजह से उन दोनों के बीच में तनाव बढ़ गया था| इसकी एक वजह ये भी थी कि उन्होंने अपनी पत्नी को ब्लू फ़िल्म देखना सिखा दिया था|
ब्लू फिल्मों में देख कर उनकी पत्नी की चुदास बढ़ गई थी और उन्हें शारीरिक सुख चाहिए था, जो वो पूरा नहीं कर पा रहे थे| इसलिए उन्होंने किसी दूसरे मर्द से अपनी बीवी को सेक्स का सुख दिलाने का तरीका सोचा, पर इसमें उन्हें एक डर था |
कि कहीं समाज में उनकी जो इज्जत थी, वो न तार तार हो जाए| इसी वजह से उन्हें किसी अपरिचित व्यक्ति की तलाश थी| जिसकी खोज में उनको मैं मिला था| उन्होंने ये सब बताते हुए जब अपनी बीवी की चुदाई की इच्छा जताई |
तो मैं सोच में पड़ गया कि एक 42 साल की औरत बिस्तर में न जाने कैसी होगी| मैंने उनसे उनकी पत्नी सुनीता के फोटो मांगी| उन्होंने मुझे कुछ फोटो भेज दिए| जब मैंने उनकी बीवी सुनीता के फोटो देखे, तो मेरे लंड ने खड़े होकर सलामी दे दी|
सुनीता आंटी के मम्मों का नाप काफी मस्त था| ये लगभग 38 इंच के थे| उनकी 40 इंच की विशालकाय गांड बड़ी ही कामुकता बिखेर रही थी| आंटी एकदम सेक्सी माल दिख रही थीं|
मुकेश अंकल और मैंने मिलने का प्लान बनाया| औरंगाबाद के एक 3 स्टार होटल में मुकेश अंकल ने 2 रूम बुक कर दिए| समय के मुताबिक मैं होटल पहुंच गया| जब मैं उनके रूम में पंहुचा, तो सुनीता आंटी पंजाबी ड्रेस में थीं और मुकेश अंकल टी,शर्ट, जीन्स में थे|
दोनों ने मेरा मुस्कुराते हुए स्वागत किया| कमरे के अन्दर जाते ही मैं एकदम ताजगी से भर गया| उसके बाद मेरे स्वभाव के मुताबिक मैंने उन दोनों से ढेर सारी बातें की और माहौल को खुशनुमा बना दिया| वे दोनों मेरी बातों से काफी प्रभावित हो गए|
तभी मुकेश अंकल ने सूटकेस से व्हिस्की और वोदका की बोतलें निकालीं और इंटरकॉम पर कुछ स्नैक्स ऑर्डर कर दिया| हम तीनों के बीच दारू की महफ़िल जम गई|
हॉट सेक्सी सुनीता आंटी ने वोदका के 3 बड़े पैक लगा लिए| अब हम दोनों 4,4 पैग तक पहुंच गए थे| उसी बीच मुझे सिगरेट की तलब हुई, तो मैंने उन्हें कहा कि मैं अपने रूम में जाकर आता हूँ|
जब मैंने ऐसा कहा, तो सुनीता आंटी को शायद कोई गलतफहमी हो गई| उन्होंने कहा, लगता है, मैं तुम्हें पंसद नहीं आई हूँ इसलिए तुम बहाने बना रहे हो|मैंने उनकी बात काटते हुए कहा, आप तो एकदम मस्त आइटम हो जी, मुझे तो जरा सिगरेट की तलब लगी, इसलिए मैं बाहर जा रहा था|
इस पर मुकेश अंकल ने हंसते हुए कहा, इट्स ओके यार … तुम यहीं सिगरेट पी सकते हो, हमें कोई एतराज नहीं है| मैंने सिगरेट सुलगा ली और कहने लगा, देखो सुनीता जी, आप मुझे बहुत अच्छी लगीं … लेकिन मैं आपके मर्जी के बगैर कुछ नहीं करूंगा|
सुनीता आंटी ने मेरी इस बात को सुनकर मुकेश अंकल की तरफ देखा| मुकेश अंकल, तुम दोनों बात करो … मैं बाजू वाले रूम में आराम करने जा रहा हूँ|ऐसा कहकर अंकल उठकर चले गए|
सुनीता आंटी, देखो,मैं चाहती हूँ कि हमारा नाम कहीं किसी को मालूम न हो| समाज में मेरे पति की बहुत इज्जत है| तुम्हें इस बात का ख्याल रखना होगा| मैं, देखिए सुनीता जी, मुझे इस बात की जानकारी है
मैंने मुकेश सर से वायदा भी किया है, आप निश्चिन्त रहिए| दूसरी बात ये कि मैंने सर से आज तक आपका असली नाम नहीं पूछा| मुझे इससे कोई मतलब नहीं है| मुझे सिर्फ आपसे मतलब है, जो दुनिया में सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक हैं|
मेरे मुँह से अपनी तारीफ सुनकर सुनीता आंटी खुश हो गईं| उन्होंने मेरे पास आते हुए कहा, अच्छा … अब से तुम मुझे सिर्फ सुनीता बुलाओगे| वो मेरे बाजू में बैठ गईं और मुझे बड़ी लालसा से देखने लगीं| हम एक दूसरे की आंखों में खो से गए|
तभी आंटी ने मेरे पूरे होंठ अपने मुँह में खींच लिए| शायद उन्हें वाइल्ड सेक्स पसन्द था| मैंने जोरदार किस करते हुए उनके चुचों पर हाथ धर दिए और मजे से सहलाने लगा| आंटी के चूचे काफी बड़े थे|
उनकी गर्म सांसें मेरे चेहरे पर मुझे बड़ी मदहोश कर देने वाली लगने लगी थीं| कोई 5 मिनट किस करने के बाद मैंने उन्हें खुद से अलग कर दिया|आंटी समझ गईं कि अब क्या करना है|
वो उठकर खड़ी हुई … तो मैंने उनका टॉप उतार दिया| अब मेरे सामने उनके विशाल उरोज काली ब्रा के अन्दर से बाहर आने के लिए बेताब दिखे रहे थे| आंटी के मस्त दूध देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया|
मैंने उनकी ब्रा के स्ट्रिप खोल दिए| इसी के साथ ही आंटी के चुचे आज़ाद हो गए| आंटी के चुचे बड़े तो थे, पर बहुत ही शेप में थे| इस उम्र में इतने गठीले चुचे मैंने पहली बार देखे थे|
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मैं उनके एक चुचे को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा| वो मेरे बालों में उंगलियां फिराते हुए मेरा सर अपनी छाती पर दबाए जा रही थीं| हॉट सेक्सी आंटी के चॉकलेटी रंग के निप्पल चूसने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था| मैंने बारी बारी से दोनों निप्पलों को खूब चूसा|
इसी बीच मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खींच दिया| उसकी सलवार जमीन पर जा गिरी| अन्दर आंटी ने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी| आंटी का गोरा बदन बड़ा ही मस्त था| मुझसे रुका ही न गया|
मैं घुटनों के ऊपर उनके सामने बैठ गया| मैंने एक बार उनकी तरफ देखा, तो वो मुस्कुरा दीं| मैंने एक बार फिर से उनकी तरफ देखा, तो हॉट सेक्सी आंटी ने मुस्कुरा कर दोनों पैर खुले कर दिए| ये मेरे लिए आमंत्रण था|
मैंने पैंटी के ऊपर से चूत को सूंघ लिया| वाह्ह क्या खुशबू थी| मैं कामांध हो गया| आंटी की चड्डी से ऊपर से ही मैंने उनकी चूत को चूम लिया| मेरे होंठों का स्पर्श अपनी चुत पर पाते ही वो सिहर उठीं|
मैंने पैंटी की बगल से उनकी चूत के आजू बाजू जीभ फेरी| इससे उन्हें और भी मजा आने लगा| कुछ देर ऐसे करने के बाद मैंने उनके चूतड़ सहलाते हुए पैंटी नीचे खींच ली| अब मेरे सामने सुनीता आंटी की सांवली चूत थी |
जिस पर हल्के हल्के से बाल थे| मैंने उनका एक पैर उठाकर सोफे पर रख दिया| अब उनकी गीली चूत मेरे सामने खुल चुकी थी| मैंने अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया| अपनी जीभ से उनकी चूत की अन्दर तक कुरेदते हुए उनकी चूत की दोनों फांकों को मुँह में भर कर चूसने लगा|
वो चुदास की आग से सुलगती जा रही थीं| उनकी उंगलियां मेरे बालों में घूम रही थीं| उनके मुँह से ‘अह्ह्ह्ह … ह्ह्ह … स्सस्स … इह्ह्ह्ह … उम्म्म्म्म … अह्ह्ह्ह…’ की मादक सिसकारियां निकल रही थीं|
तभी आंटी का रस, चूत से बहने लगा था| उन्होंने कमर को हिलाकर मेरे मुँह पर चूत रगड़ना चालू कर दिया| वो एक हाथ से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबा रही थीं|अह्ह्ह हआ आअ आआआ … उईईईइ||’ कराहते हुए आंटी मेरे मुँह में झड़ गईं|
मैंने आंटी की चुत के रस को चाट लिया|कुछ देर बाद आंटी ने मेरी तरफ देखा| मैं समझ गया| तभी आंटी ने मुझे खड़ा करते हुए मेरे सारे कपड़े निकाल दिए| मैं नंगा हो गया था मेरा मूसल लंड उसकी आंखों में चुदाई की खुमारी बढ़ा रहा था|
तभी उन्होंने मुझे फर्श पर लिटा दिया| मेरे टावर के जैसा खड़ा लंड देख कर पहले आंटी ने उसे अपने हाथ में लेकर सहलाया| फिर वो फर्श पर बैठ कर मेरे लंड की तरफ आ गईं| अगले ही पर आंटी ने मेरे गुलाबी रंग के सुपारे पर हल्के से अपनी जीभ फेर दी|
जीभ का अहसास लंड पर मिलते ही मेरे बदन में मानो बिजली का करन्ट दौड़ गया था| एक दो पल बाद आंटी ने अपने होंठों के बीच लंड भर लिया| अब आंटी मेरे खड़े लंड को चूस रही थीं|
इस दौरान मेरे हाथ आंटी के चूतड़ों को सहला रहे थे| तभी मुझे उनकी चूत चूसने का फिर से दिल हुआ| मैंने उन्हें अपने ऊपर 69 में खींच लिया| अब उनकी चूत मेरे मुँह पर थी और उनका मुँह मेरे लंड पर था| हम दोनों 69 की अवस्था में एक दूसरे को चूस रहे थे|
कुछ ही देर में आंटी की चूत से फिर पानी निकलना शुरू हो गया| चुत की उत्तेजना में आंटी मेरा लंड हल्के हल्के से काट भी रही थीं| उनकी चूत का मेरे मुँह पर दबाव भी बढ़ रहा था|
मेरा लंड आंटी के मुँह में था, फिर भी ‘उम्म्म्म हम्म्म्म||’ करते हुए उनकी मादक सिसकारियां निकल रही थीं| तभी अचानक से आंटी ने मेरा लंड छोड़ दिया और दोनों पैर फैलाते हुए वो मेरे मुँह पर बैठ गईं|
अचानक हुए इस एक्शन से कुछ देर तक तो मेरी सांस अटक सी गयी| मेरे मुँह पर बैठते ही आंटी ने चूत रगड़ते हुए फिर से पानी छोड़ दिया| मैं उनके पूरे रस को पी गया| झड़ने के बाद आंटी एकदम से शिथिल हो गई थीं, वो उठकर सोफे पर बैठ गईं|
उनकी हालत देख कर मैं समझ गया कि अब असली काम का समय आ गया है| मैं उठकर उनके पास गया| उनका एक पैर सोफे के नीचे था और एक ऊपर| मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और आंटी की चुत पर सहलाते हुए धक्का दे दिया|
आंटी की चुत लिसलिसी थी और हद से ज्यादा चिकनापन था| चिकनाई इतनी अधिक थी कि मेरा लंड अधिक लम्बा होने की बावजूद सट से अन्दर तक उतर गया| उनके मुँह से उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज निकली|
मैंने धीरे धीरे स्पीड बढ़ा दी| अब वो लंड के मजे ले रही थीं| उन्होंने मुझे अपने ऊपर खींच लिया| हम दोनों की हार्ड किसिंग शुरू हुई| इसी बीच मुझे महसूस हुआ कि मुकेश अंकल रूम में दाखिल हुए हैं|
चुदाई के चक्कर में हम दरवाजा लॉक करना भूल गए थे| मुकेश अंकल अन्दर आकर हमारी चुदाई देख रहे थे| मैं कुछ पल रुक गया| सुनीता आंटी ने मुकेश अंकल की तरफ देखा तो उन्होंने मुस्कुराकर ‘चलने दो||’ का इशारा किया|
हम फिर से एक दूसरे में खो गए| दस मिनट की मस्त चुदाई के बाद मैं रुक गया| अब मैंने सुनीता आंटी को डॉगी स्टाइल में लिया| हमारे बाजू में सोफे पर बैठ कर मुकेश अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल लिया था और वे लंड सहला रहे थे|
सुनीता आंटी की नजर अंकल के लंड पर जाते ही वो और भी मचल उठीं| उन्होंने मुकेश अंकल को अपने करीब खींच लिया| वो अपने पति का लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं|
इधर मैंने पीछे से आंटी की चूत में लंड पेल दिया| उनकी कमर पकड़ कर मैंने जोर से शॉट लगाने चालू किए| मेरे झटकों से सुनीता कभी कभी लंड मुँह से बाहर निकल कर सिसकार रही थीं|
मेरे झटकों की पटापट आवाज और सुनीता आंटी की ‘अह्ह्ह उम्म्म्म उफ्फ अह्ह्ह अह्ह्ह आआअ ईईईइ … करो … जोर से और जोर से … आआह्ह्ह … सीईईईई अहह हह ह्ह्ह्ह ह्ह्ह मर गईईई||’
उनकी इन आवाजों से कमरा गूंज रहा था| मेरा काम होने को था, तो मैंने और स्पीड बढ़ा दी| ‘उम्म्म्म उमग्ग्ग उम्म्म||’ सुनीता आंटी के मुँह में मुकेश अंकल का लंड पूरा घुसा हुआ था, तब भी उनकी आवाजें निकल रही थीं|
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फिर मैंने झुकते हुई सुनीता आंटी के दोनों दूध अपने मुट्ठी में लेकर मसलते हुए दबाना चालू कर दिए| मेरे स्पीड एकदम से बढ़ गयी और पांच छह धक्कों के साथ अपने माल छोड़ दिया|
उधर सुनीता आंटी भी छूट चुकी थीं| उनका सारा रस घुटनों तक बह रहा था| उसी वक्त उत्तेजना में मुकेश अंकल ने सुनीता आंटी के मुँह में पिचकारी छोड़ दी, जिसे वो चाटकर पूरा पी गईं| हम तीनों झड़ चुके थे|
इसके बाद मैं और सुनीता आंटी, दोनों ने साथ में स्नान किया| नहाते समय भी मैंने सुनीता आंटी को एक बार फिर से चोद दिया| नहा कर जब हम कमरे में पहुंचे, तो मुकेश अंकल ने सभी के लिए पैग बना कर रखे थे|
हमारा ड्रिंक होने तक खाना आ गया था| खाना खाने के बाद कुछ देर बातों का सिलसिला चला| मैंने सुनीता आंटी से पूछा, कैसा लगा मेरा साथ? उन्होंने जबाव दिया, जन्नत का सुख था| उसके बाद फिर से हमने थ्री,सम किया और नंगे ही सो गए|
सुबह उठकर मैंने उनसे विदा ली और अपने गन्तव्य को निकल पड़ा| पिछले 2 महीने में हम 3 बार मिल चुके हैं| मजेदार चुदाई का खेल होता है| दारू सिगरेट के साथ थ्री,सम चुदाई होती है|
तो दोस्तों, आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइए| मैं fungirl.in का पुराना पाठक हूँ| मैं चाहता हूँ कि आप सेक्सी आंटी की चुदाई की मेरी स्टोरी को प्रोत्साहन दें, जिससे मैं और भी कुछ लिख कर आपका मजा बढ़ा सकूँ|