देसी भाभी की चुदाई कहानी में मेरे भाई मेरी भाभी को सेक्स का पूरा मजा नहीं दे पाते थे. तो भाभी मुझसे सेक्स का मजा लेने लगी. कई बार हम दोनों बाल बाल बचे रंगे हाथ पकड़े जाने से!
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका अपना सिड दुबारा हाज़िर हूँ.
मेरी पिछली अन्तर्वासना सेक्सी स्टोरी कहानी पढ़ कर मुझे बहुत से प्रश्न आये जैसे क्या यह कहानी सच है?
कुछ लोग काजल भाभी का नंबर मांग रहे थे.
तो मैं उन्हें बताना चाहता हूँ कि मेरी कहानी बिल्कुल भी काल्पनिक नहीं है यह सत्य घटना है एवं मेरी भाभी रंडी नहीं हैं जो सभी से चुद लेंगी.
तो कृपया नंबर आदि ना मांगें।
चलिए मेरे पाठकों के लिए आगे की Xxx देसी भाभी की चुदाई कहानी सुनाता हूँ।
जैसा कि आप सभी को पता है कि काजल भाभी और मेरी चुदाई का सिलसिला अब शुरू हो चला था।
हम दोनों अब एक दूसरे से काफी घुल मिल गए थे।
जब मन करता तो मौका देख कर मैं अपना लण्ड भाभी की चूत या गांड में पेल कर ताबड़तोड़ चुदाई करता और वे मुझे कभी भी मना नहीं करती थी।
एक दिन एक बहुत बड़ा हादसा होने से बचा.
जैसा मैंने सभी को बताया है कि मुझे औरतों की गांड सूंघना और चाटना बहुत ही ज़्यादा पसंद है।
तो दोपहर का वक़्त था, इस समय पर घर में सिर्फ मैं और भाभी जगते हैं, बाकी मौसी सोती हैं और भैया भी छुट्टियों के समय आराम करते हैं।
भाभी किचन में काम कर रही थी, उन्होंने नीली साड़ी पहनी हुई थी और काला ब्लाउज पहना था।
ठंड का समय था तो मैं दोपहर में ही नहा कर निकला था.
भाभी ने मुझे किचन से देख कर आँख मारी और होंठ काटते हुए कामुक इशारे करने लगीं।
उनकी इस अदा को देखकर मेरा लण्ड तौलिये मे ही खड़ा होकर फूलने लगा.
मुझे एक शरारत सूझी, मैं किचन में गया और भाभी के होंठों को काटते हुए ज़ोरदार किस करने लगा.
मेरे दोनों हाथ भाभी के चूचों पर कसरत कर रहे थे.
उनके नर्म मगर सुडौल चूचों को दबाने और चूसने का मज़ा सच कहूँ तो जन्नत है.
मैं उनके ब्लाउज का बटन खोल कर उनके सांवरे चूचों के बीच काले चूचुक को ज़ोर से चूसने लगा.
अब शरारत का वक़्त था, मैंने उनके निप्पल पकड़ कर पुंगी बजा दी जिससे वे ‘ऊऊ ईई अम्म्मआ’ कहकर चिल्ला पड़ी और मुझे कसकर चिकोटी काटते हुए अपना ब्लाउज बन्द करती हुई मुझे डाँटने लगी- कुत्ते मारेगा क्या … इतना बेहरहम मत बन! कुत्ता साला!
मैं चुप खड़ा हंस रहा था.
इस पर भाभी ने कहा- आज से तुझे चूत देना बंद!
और यह सुन कर मेरी तो मानो आंखों से एकदम पानी आ गया.
मैंने उनसे माफी मांगी.
पर वे नहीं मानी.
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मैं मुँह लटका कर उदास होकर जाने लगा तो उन्होंने कहा- जाते जाते आखिरी बार ये खाता जा, फिर मत कहना खत्म हो गया!
जब मैं पीछे मुड़ा तो भाभी अपनी बड़ी गांड आगे किये खड़ी थी और मुझ पर मुँह दबाकर खूब हंस रही थी.
उनकी इस मस्तियों का मैं कायल हूँ.
मैंने बिना साड़ी खोले बस पेटीकोट और सारी ऊपर की और अंदर घुस कर साड़ी नीचे कर दी.
मैं ऐसे बैठा था कि लग ही नहीं रहा था कि साड़ी के नीचे कोई है।
अब मैंने भाभी के नर्म गोल गर्म गांड के दोनों चूतड़ों को खोला और अपनी नाक उनकी गांड के गर्म छेद पर लगाकर ज़ोर से सूँघा.
उसमें से आ रही महक से मेरे मुंह में पानी आ गया और मैं भाभी को खड़े रहते में ही उनकी मखमली चूत और गांड के छेद को चाटने लगा और चूसने लगा.
मेरे इस अचानक वार और नए तरीके के प्यार से भाभी ने भरी सर्द में भी पसीना पसीना हो गयी जो उनकी कमर से बहता उनकी गांड के छेद तक आता … और मैं उसे भी चाट जाता।
अब मैंने पूरी संतुष्टि से गांड चाट कर एक अंगूठा उनकी गांड में डाला और अपनी जीभ उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगा.
भाभी जल बिन मछली की तरह किचन के प्लेटफॉर्म पर टिक कर आहें भर भर कर गांड हिला रही थी.
कि तभी एक भयानक चीज़ हुई.
भैया किचन में घुसे और भाभी एकदम से चिहुँक कर गांड भीच कर सीधी खड़ी हो गयी.
भैया ने कहा- क्या हुआ तुझे, चिल्ला क्यों रही थी? पूरी नींद खराब कर दी. क्या हुआ? ठीक तो है?
भाभी बोली- “क … क … कुछ भी तो नहीं … वो बस में चावल बना रही थी तो एक चूहा निकल कर गया पैरों से और मैं डर गयी बस!
यहां ये सब बातें हो रही थी और साड़ी के अंदर मेरी गांड फट कर चौराहा हो गयी थी.
कि ये क्या हुआ?
बस आज कैसे भी बच जाऊं … नहीं तो भैया गांड तोड़ देंगे।
इतने में एक और भी भयानक घटना शुरू हुई.
भाभी के अस्त व्यस्त रूप और पसीने से चमकते चूचों की घाटी और कमर को देखकर भैया को उन्हें चोदने की तीव्र इच्छा हुई.
वे भाभी को पकड़ने लगे और उनके स्तन दबाने लगे.
भाभी ने उनसे छुड़ाया तो वो ज़ोर देने लगे और इन सब के बीच मेरी यह सोच कर फट रही थी कि अगर भैया ने साड़ी खोल दी तो मेरे लौड़े लग जायेंगे।
पर भाभी ने उन्हें कहा- रुकिए जी, यहाँ कोई देख लेगा. घर में अक्की भी है। एक काम करिये. आप रूम में जाकर तैयार रहिये, मैं 5 मिनट में चावल उतारकर आती हूँ।
भैया को यह बात सही लगी तो उन्होंने भाभी को छोड़ दिया और चले गये।
भाभी और मेरी एक साथ जान में जान आई.
तभी भाभी ने बोला- अक्की, जो शुरू किया है जल्दी खत्म कर! मैं उससे पहले तुझसे चुदना चाहती हूँ!
मैंने कहा- नहीं भाभी, मैं आपको आराम से चोद लूँगा रात में … मुझसे ये जल्दी का काम नहीं होगा।
उन्होंने कहा- ठीक है मेरी जान … मगर अपनी जीभ के जादू से मुझे एक बार झाड़ दे।
मैंने उनसे कहा- जो हुकुम मेरी मालकिन!
और मैं लगा दोबारा उस गांड और चूत चाटने!
मैंने भाभी की चूत के अंदर जीभ की रफ्तार बढ़ा दी और भाभी की गांड में अंगूठा डाल ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा.
यह सब मैंने एक पोर्न वीडियो से सीखा था.
ये करते मुझे तीन ही मिनट हुऐ थे कि भाभी की जांघें कापने लगी और कुछ झटकों के साथ भाभी मेरे मुँह पर झड़ गयी।
मैंने पूरा रस पिया और चटकारे लेकर बाहर आया।
भाभी ने मुझे किस किया और जाने को कहा।
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मैं इधर उधर देख कर अपने कमरे की और चल दिया.
तभी अचानक मुझे कमरे के बहार भैया मिले उसने मुझसे पूछा- अक्की, कहां से आ रहे हो?
मैंने कहा- खेलने गया था भैया!
फिर उन्होंने कहा- जाओ नहा धोकर कुछ खा लो, तुम में से अजीब महक आ रही है।
मैं उनकी बात मान कर बाथरूम गया और नहा लिया।
नहाने के बाद मैं भाभी के कमरे की तरफ गया और कान लगा कर सुनने लगा.
उन दोनों में बहस चल रही थी.
भाभी बोल रही थी- तुम बस शराब पियो और 1 मिनट हिल कर सो जाओ. मेरा क्या?
और भैया ने भाभी को बांझ कह कर उल्टा सीधा सुनाया.
मुझे उन पर बहुत गुस्सा आया।
मैं अपने रूम में जाकर कुछ सोच विचार करने लगा और सो गया.
इतने में शाम हो गई और हम खाना खाने के लिये टेबल पर आए.
भाभी ने खाने से मना कर दिया.
मैं भी जल्दी उठ कर चला गया.
रात को जब भाभी बर्तन धो रही थी तो मैंने उन्हें सान्त्वना दी और कहा- तुम चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा.
तो वे रो पड़ी, मेरे सीने से लग कर कहने लगी- कैसे होगा कुछ सही … जब तुम्हारे भैया कुछ भी नहीं कर पाएंगे. इनकी दारू ने इन्हें दिमाग और लन्ड दोनों से कमज़ोर कर दिया है। हफ्ते पहले हम डॉक्टर के पास गए थे, उसने तुम्हारे भैया से शराब छोड़ने को कहा था और महीने के कुछ ऐसे दिन बताये थे जब मैं माँ बन सकती हूं। पर इन्हें तो बिना कुछ किये बच्चे चाहिए.
फिर उन्होंने मेरे हाथ अपने सर पर रखा और कहा- अक्की, प्लीज मुझे माँ बना दे. एक बच्चा मेरी सारी खुशियाँ और तेरे भैया का वो समझदार वाला रूप सब वापस ला देगा. प्लीज़ मेरी मदद कर!
मैंने कुछ देर सोचा और फिर हामी भर दी।
काजल भाभी एकदम से खिलखिला उठी और मुझे सीने से कस कर लगा लिया और मेरे कान में कहा- अक्की अगर यह काम हो गया तो मैं तुझसे वादा करती हूं कि ज़िंदगी भर के लिए मैं सिर्फ तेरी हो जाऊंगी. यह मेरा वादा है।
मैंने उन्हें माथे पर किस किया और उनसे वो दिन पूछे जब उनके माँ बनने के श्रेष्ठ दिन हैं।
रात को मैं भैया के साथ मूवीज देखने के बहाने उन्हीं के रूम में सोता।
जब भैया दारू के नशे में मूवी देखते देखते सो जाते तो मैं और भाभी घर के बगल वाले चारा घर में जाकर चुदाई करते।
मैं Xxx देसी भाभी की चुदाई खूब करता और वे मज़े से अपनी चूत मरवाती और कभी कभी गांड भी।
एक रात भाभी के घर वाले उनसे मिलने आये जिन्हें गेस्ट हाउस में ठहराया गया था और गेस्टरूम की खिड़की सीधी चाराघर के ऊपर खुलती थी.
तो उस रात हम चुदाई में मगन यह भूल गए कि भाभी के पापा बड़ी चौकन्नी नींद सोते थे।
उन्होंने खिड़की से देखा और चिल्लाये- कौन है वहाँ?
हम दोनों के होश उड़ गए और हम दोनों चाराघर के पीछे से घर के पीछे वाले रास्ते से भैया के रूम में घुस गए।
भैया नशे में धुत सो रहे थे।
भाभी एक बार अपने पापा को देखने गयी तो पाया कि उन्होंने चाराघर पर ताला लगा कर चाबी रख ली और भाभी को बताया कि आज उन्होंने एक चोरी होने से बचाई.
तब भाभी मन ही मन शांत हुई और चुपचाप रूम में वापस आ गयी।
उन्होंने आकर मुझे पूरी बात बताई.
हम दोनों हँसे और फिर एक दूसरे को किस करने लगे.
मैं इतना गर्म था कि मैंने भाभी का ब्लाउज फाड़ दिया.
सर्दी का दिन था और पंखा न चलने के कारण आवाज़ कुछ ज़्यादा तेज़ आयी.
इससे भैया की हल्की नींद सी खुली और उन्होंने अंगड़ाई ली.
इतने में मैं तुरन्त बेड के कोने में और भाभी भैया के बगल में अपना ब्लाउज पीछे से पकड़े लेट गयी.
भैया बस थोड़ा मुँह चप चप किया और सो गये.
भाभी भैया की तरफ करवट करके लेटी थी.
मैं उनके पीछे लेटा था.
कुछ देर बाद सब कुछ ठीक होने पर मैंने भाभी का ब्लाउज हटाया और उन्हें नीचे से पूरी नंगी कर दिया और उनके कान में धीरे से डायलाग मारा- मोना मेरा अपने मुँह में लोना!
भाभी हँसी और बोली- एक सरप्राइज देती हूँ.
और वे धीरे धीरे कम्बल के नीचे सरकती हुई मेरे लन्ड के पास आगयी और मेरा लन्ड मुख में लेकर पहली बार चूसा तो मेरी दोनों आंखें टंग गयी।
मुझे सर्दी की रात में गर्मी का अहसास हो रहा था.
भाभी मेरा लन्ड एक तो पहली बार चूस रही थी, दूसरा वे काफी एक्सपर्ट की तरह चूस रही थी.
उन्होंने मेरे गोटों को भी चूसा और उनसे खेलने लगी.
मुझसे यह वार बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उनके मुंह में लन्ड रख कर अपना वीर्य निकाल दिया।
भाभी उसे भी पी गयी.
और मैं इतना जोश में था कि मेरा लन्ड इसके बाद भी आधा ही बैठा।
मैंने कुछ देर रुक कर भाभी को भैया की तरफ करवट कर लेटाया और अपना लन्ड एक झटके में उनकी चूत में पूरा डाल दिया और जबरदस्त धक्कों के साथ फूल स्पीड में चोदने लगा.
भाभी का नंगा सांवरा बदन पसीने और चांद की रोशनी में खिल रहा था.
उनकी चूत भट्टी की तरह दहक रही थी.
मैं इतना तेज चोद रहा था कि एक पल के लिए बेड भी हिलने लगा.
फिर मैं थोड़ा शांत हुआ और भाभी के कान में बोला- अब मेरे सरप्राइज की बारी!
और मैंने भाभी की चूत के पानी से भीगा लन्ड भाभी के गांड के छेद पर रखा और ज़ोर दे कर अपना टोपा अंदर घुसा दिया।
उन की चीख न निकले इसलिए मैंने उनका मुंह हाथ से दबा दिया और दूसरे तगड़े झटके के साथ पूरा लन्ड उनकी गांड में डाल दिया और बेरहमी से धाक्के मारने लगा.
भाभी औंधी हो गई और मैं उन पर चढ़कर लन्ड को गांड में डाले डिप्स मारने लगा।
हम दोनों इतने मदहोश थे कि बगल में सो रहे भैया का कोई ध्यान नहीं रहा.
15 मिनट की ताबड़तोड़ गांड और चूत चुदाई के बाद मैंने अपना पूरा माल भाभी की कोख में भर दिया और निढाल होकर उनके बगल में लेट गया।
भैया अभी भी खर्राटों से शोर का कहर बरसा रहे थे.
और उनकी बीवी और मेरी Xxx देसी भाभी मेरी बांहों में नंगी, चेहरे पर मुस्कान के साथ मेरा माथा चूम रही थी।
इसके कुछ दिन बाद भाभी की तबियत काफी खराब हुई, चक्कर आने लगे और उलटी हो गयी.
तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
जहाँ वे प्रेगनंट निकली.
यह बात उन्होंने सबसे पहले मुझे बताई और मुझे गले से लगाया और कहा- आज से मैं पूरी तुम्हारी हूँ।
9 महीनों बाद भाभी को एक साथ दो दो खुशियों ने दर्शन दिए एक प्यारा लड़का और बहोत ही सुंदर सी लड़की!
भाभी ने सारी खुशियों में मुझे अपने साथ रखा और बाद में मेरी दो इच्छायें भी पूरी की.
उनमें से एक थी मेरी बड़ी भाभी की चूत और दूसरी मैं अगली बार बताऊंगा।