दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार!
मेरा नाम अपर्णा है।
मेरी पिछली Antarvasna Sex Story:
छोटी बहन के लिए उसके बॉस से चुद गई
को आप लोगों ने काफी पसंद किया।
मुझे बहुत से ईमेल आए यह जानने के लिए कि आगे क्या हुआ।
तो मैं आज फ़िर से हाजिर हूँ, आप लोगों को यह बताने के लिए कि मेरा और उनका रिश्ता आगे कैसे बढ़ा।
मैं अपना परिचय अपनी पिछली कहानी में दे चुकी हूँ।
जिसने मेरी पिछली कहानी नहीं पढ़ी, मैं उस कहानी का लिंक दे रही हूँ।
इस गर्ल हिंदी सेक्स स्टोरी के बारे में जानने से पहले मेरी पिछली कहानी को जरूर पढ़ ले।
तो मैं अब आगे की कहानी शुरू करती हूँ।
मैं जब उस दिन वापस अपने घर आई अपनी छोटी बहन के बॉस से मिलकर!
तो तब मेरे मन में बहुत सारे सवाल कौंध रहे थे।
लेकिन अंदर ही अंदर कुछ अच्छा भी लग रहा था।
मेरे शरीर के रोंगटे बार-बार खड़े हो रहे थे।
मैंने पहली बार किसी मर्द को छुआ था।
शायद यह इसी वजह से हो रहा था।
मैं जानती थी कि वे मेरा फायदा उठा रहे हैं।
पर पता नहीं क्यों मेरे मन में कुछ ऐसा चल रहा था कि मैं फ़िर से उनके पास जाऊं, उनके कंधों को पकड़ कर उसे चूमूँ और बहुत अच्छे से महसूस करूँ कि एक मर्द कैसा होता है।
वह छूने में कैसा लगता है।
उसके बदन, उसके अंग-अंग को महसूस करूँ।
उनके साथ बिताया हुआ हर पल मुझे याद है।
आप कुछ भी समझ सकते हैं या तो मेरी उम्र ही ऐसी है या मैं उम्र के उस दौर से गुजर रही हूँ कि जहां यह सब महसूस करना एक साधारण बात है।
उनकी उम्र मुझसे बहुत ज्यादा थी।
पर वे एक समझदार व्यक्ति थे।
उनके पास पैसा था।
जिससे वे मेरी सारी ज़रूरतें पूरी कर सकता थे।
हम दोनों की अच्छी पट रही थी तो हम बहुत लंबे समय तक फोन पर बातें करते।
उनकी इच्छा होती तो हम सेक्स चैट भी करते।
कभी उनका मन होता तो मैं उनको वीडियो कॉल पर अपने आप को भी दिखाती।
मुझे थोड़ा-थोड़ा भरोसा होने लगा था उन पर!
मैं अब उनके लिए कुछ भी सकती थी।
पता नहीं क्यों पर मेरे अंदर भी उनके लिए प्यार जागृत हो चुका था।
बहुत दिनों तक ऐसे ही समय बीतता गया।
हम दोनों ने कितनी बार मिलने के लिए प्लान किया।
पर फ़िर कुछ ना कुछ ऐसा हो जाता था कि हम मिल नहीं पाते थे।
पर फ़िर एक दिन हमारा मिलने का प्लान हो ही गया।
उन्होंने फ़िर से एक होटल में एक कमरा बुक किया और मुझे एड्रेस दे दिया।
अबकी बार किसी की तरफ से कोई प्रॉब्लम नहीं हुई।
मैं उनके बताए हुए एड्रेस पर चली गई।
मैंने पिछली बार की तरह ऐसे ही जाकर कमरे की डोर बेल बजाई।
तो उन्होंने दरवाजा खोला और मुझसे कहा- आओ मैडम जी!
मैं भी मुस्कुराती हुई कमरे के अंदर चली गई।
बहुत देर तक हम दोनों पलंग के कोने पर बैठकर बातें करते रहे।
अचानक उन्होंने मुझे पलंग पर पीछे की तरफ धक्का दे दिया।
फ़िर मेरे ऊपर आ कर मेरे होंठों को चूमने लगे।
वे मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगे।
इस बार पहले जैसा कुछ नहीं था।
हम दोनों ही थोड़ा खुल चुके थे और अंदर से सेक्स की भूख से भरे हुए भी थे।
तो मुझे भी उनका साथ देने में मजा आ रहा था।
मैं चाहती थी कि कोई मेरे जिस्म को चूस ले और मैं उसमें खो जाऊं।
वे मुझ चूमते हुए मेरे बदन को और मेरी गर्दन को सहलाने लगे।
फ़िर वे मेरे कपड़ों को मेरे बदन से अलग करने की कोशिश करने लगे।
उन्होंने एक-एक करके मेरे सारे कपड़ों को मेरे बदन से अलग कर दिया।
अब मैं सिर्फ उनके सामने ब्रा और पैंटी में थी।
वे ब्रा के ऊपर से ही मेरे चूचे को चूसे जा रहे थे।
मेरी सांस फूल रही थी।
आनंद में मेरे मुंह से बस ‘आह-आह’ निकल रही थी।
मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं बयां नहीं कर सकती।
मैं पागल सी हुई जा रही थी।
मेरे शरीर का एक-एक रोंगटा खड़ा हो गया था।
फ़िर उन्होंने मेरे बदन से ब्रा और पैंटी को भी अलग कर दिया।
वे मेरे चूची को बहुत बुरी तरह से दबाने और चूसने लगे।
वे मुझे ऐसे ही चूसते हुए नीचे चूत की तरफ चले गए।
फ़िर वे मेरी चूत को अपने मुंह में भरकर चूसने और चाटने लगे।
कमरे में से मेरे चिल्लाने की आवाज आने लगी।
मुझे 2 मिनट भी नहीं लगे और मैं डिस्चार्ज हो गई।
उन्होंने इस कदर मेरी चूत को चूसा कि मेरा सारा पानी निकल गया।
मैं थक कर पलंग पर उनका साथ छोड़ते हुए लेट गई।
कुछ देर बाद मैं उनके ऊपर आ गई।
फ़िर उनके बदन से उनके कपड़े को अलग करने लगी।
एक-एक करके कपड़े को अलग करके मैंने उन्हें बिल्कुल नंगा कर दिया।
मैं भी उनकी छाती के बालों को महसूस करना चाहती थी।
मैं भी उनके पूरी शरीर को चूमने लगी।
मेरा मन भी उनका लंड चूसने का कर रहा था।
तो मैं उनके पेट को चूमती हुई उनके लंड को अपने मुंह में लेकर उनके लंड को चूसने लगी।
उनके भी मुंह से बस ‘आह-आह’ निकल रही थी।
वे भी पूरा आनंद उठा रहे थे।
मैं कभी उनके लंड को चूसती तो कभी उनके अंडों को चाटती।
मैंने जो पॉर्न वीडियो में कभी देखा था, मैं आज वह सब करना चाहती थी।
मैं अपने अंदर की हवस को खूब निकालना चाहती थी।
थोड़ी देर में ही उनका मजा अंतिम चरण पर आ गया।
फ़िर कुछ ही पल बाद उनके लंड से वीर्य निकल कर मेरे मुंह में छलकने लगा।
मैंने उसको चाट कर महसूस किया कि वह कैसा लगता है।
मुझे इतना मजा आ रहा था कि पता ही नहीं चला कब मैं उनके सारे वीर्य को अपने अंदर गटक गई।
कुछ देर तक हम दोनों पलंग पर ऐसे ही लेटे रहे।
फिर हम अपने जीवन और घर-परिवार के बारे में बातें करने लगे।
कुछ देर बाद अचानक उन्होंने मुझे फ़िर से अपनी बाँहों में भर लिया।
फ़िर उन्होंने मेरे ऊपर आ कर अपने लंड को मेरी चूत पर सेट किया।
फ़िर उन्होंने मेरी चूत पर हल्का सा थूक लगाया और अपना लंड सीधा अंदर घुसा दिया।
मेरी चीख निकल गई।
कुछ देर तक लंड अंदर डालकर वे रुक गए।
फ़िर कुछ देर बाद वे धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगे।
मुझे भी मजा आने लगा।
मैं भी उनके कंधों को पकड़ कर उन्हें अपने अंदर समाने की कोशिश करने लगी।
उनकी कोली भरने लगी।
अपने जीवन में पहली बार मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
वे मुझे बहुत देर तक ऐसे ही चोदते रहे, मेरे जिस्म का पूरा मजा लूटते रहे।
फ़िर उन्होंने मुझे घोड़ी बनने को कहा।
तब मैं डॉगी स्टाइल में आ गई।
उन्होंने मेरी कमर पर मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।
फ़िर मेरी कमर को पड़कर अपनी कमर की तरफ धक्का देकर बहुत तेज-तेज चोदने लगे।
मेरी चूचियां पलंग की तरफ झूल रही थी।
मेरा जिस्म कांप रहा था लेकिन मुझे अच्छा भी बहुत लग रहा था।
कभी वे मेरे बालों को खींचते।
तो कभी वे मेरी कमर पर नाखून गड़ाते।
फिर वे कभी-कभी मेरी कमर पर मारते।
ऐसे करके वे मुझे चोदे जा रहे थे।
हॉट गर्ल सेक्स एन्जॉय … मुझे फ़िर से मजा आने लगा।
मैं अब फ़िर से झड़ने वाली थी।
वे ऐसे ही मुझे चोदते जा रहे थे।
मैं डिस्चार्ज होने लगी तो मैं पलंग पर नीचे की तरफ झुक गई और पलंग पर सीधी लेट गई।
लेकिन उन्होंने धक्के मारना बंद नहीं किया।
होटल का वो कमरा मेरी सिसकारियों से गुँजने लगा।
आप यकीन नहीं कर सकते कि मुझे कितना आनंद आया।
मेरा शरीर और मेरी जांघें कांपने लगी।
मैं ऐसे ही झड़ गई।
लेकिन अभी उनका होना बाकी था।
तो उन्होंने फ़िर से मेरे कूल्हों को पकड़ कर अपनी छाती की तरफ खींच लिया।
तब मुझे फ़िर से डॉगी जैसी स्टाइल में कर दिया।
वे फ़िर से बहुत तेज-तेज धक्के मारने लगे।
अब उनका एक-एक धक्का मेरी बर्दाश्त से बाहर हो रहा था।
लेकिन मुझे बिलखते-चीखते देख उनको भी जल्दी ही मजा आने लगा।
कुछ देर में उन्होंने अपना लौड़ा बाहर निकाल कर सारा वीर्य मेरी पीठ पर झाड़ दिया।
मैं सीधे पेट के बल लेट गई।
फ़िर वे मेरे बराबर में आ कर कमर के बगल में लेट गए।
उनका वीर्य मेरी कमर पर ऐसे ही पड़ा रहा।
कुछ देर बाद मैंने कपड़े से उसको साफ किया।
वे फ़िर से मुझसे चिपकने लगे।
तब वे मुझे चूमने लगे।
अबकी बार वे सीधे ऐसे ही कमर के बगल पलंग पर लेटे रहे।
फ़िर उन्होंने मुझे अपने ऊपर आने को कहा।
वे मुझे अपने ऊपर लाकर कभी मेरी चूचियों को चूसते तो कभी मेरे गालों पर चुम्मा देते।
उनका लंड फ़िर से तनने लगा था।
मेरे बाल उनके ऊपर खुले हुए थे।
हम एक-दूसरे को बहुत प्यार कर रहे थे।
फ़िर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और फ़िर से अपना लौड़ा में मेरी चूत में डाल दिया।
मैं उनके ऊपर राइडिंग करने लगी।
मुझे बहुत समय नहीं लगा झड़ने में!
तब मुझे नहीं पता था कि राइडिंग करने पर लड़की इतनी जल्दी डिस्चार्ज होती है।
मुझे फ़िर से बहुत तेज मजा आने लगा।
मैं खुद उनके ऊपर बैठकर धक्के मारने लगी।
मैं बहुत जल्दी झड़ गई और अपना बदन उनके ऊपर ढीला छोड़ दिया।
लेकिन अब वे जल्दी झड़ने वाले नहीं थे।
उन्होंने मेरी राइडिंग का पूरा मजा लिया।
बहुत देर तक वे मेरे जिस्म और मेरी चूचियों को अपने हाथों से दबाते रहे और मेरे जिस्म का मजा लूटते रहे।
लेकिन तब भी वे डिस्चार्ज नहीं हुए।
तो मैं उनके ऊपर से हट गई।
फ़िर उनके लंड को जाकर चूसने लगी।
मेरे मुंह की गर्मी से वे बहुत जल्दी डिस्चार्ज हो गए।
फ़िर से उन्होंने अपना सारा वीर्य मेरे मुंह में भर दिया।
अब हमें अपने-अपने घर जाना था।
मैं भी घर पर झूठ बोलकर आई थी- मैं मार्केट जा रही हूँ।
तीन-चार घंटे से ज्यादा समय मैं उनको नहीं दे सकती थी।
मैं उनसे कही- अब मैं घर जा रही हूँ।
फ़िर मैं अपने कपड़े पहनने लगी।
उन्होंने मुझसे कहा- मैं हमेशा तुमको अपने पास रखना चाहता हूँ पर क्या करूं ऐसा नहीं कर सकता। ठीक है, तुम जाओ।
आगे वे बोले- पर फोन पर मुझसे सेक्सी-सेक्सी बात कर लिया करो।
तो मैंने उनसे कहा- वे तो मैं आपसे करती ही हूँ।
फ़िर हम दोनों विदा हो गए।
यह मेरी जीवन में पहली बार था कि मैं किसी मर्द से इतना इंजॉय कर पाई थी।
आपको मेरी गर्ल सेक्स एन्जॉय स्टोरी कैसी लगी?
मुझे ईमेल करके बताएं!