जब मैं चाची के घर गया, तो देखा देसी चाची का नंगा बदन और आंगन चाची में नहा रही थी। जिसे देख, हुआ मेरा लंड खड़ा।
मैं आप का चहिता और पियारा चटकीला लोण्डा। एक बार फिर, लेकर आया हूँ । Hindi Sex Story – Desi Chachi Ka Nanga Badan| मेरा प्रणाम।… लंड और चूत के खिलाड़ियों को।
शुरू करते है बिना किसी बकचोदी कि ,आज कि हिंदी सेक्स स्टोरी कि कहानी।
मैं २२ साल का चटकीला लोण्डा हूं। मेरा हथियार 7 इंच लम्बा है। जो किसी भी प्रकार के चूत की गहराई को नापने सक्षम है। मैं तटकल कॉलेज में हूं और मैंने कॉलेज में चुत मारने का किया प्रयाश, किन्तु में मैं अशफल रहा।
मेरा कला अनोकोण्डा, गुप्फा की गहराइयों में घुसने के लिए बुरी तरह से तड़प रहा था। परन्तु में मुठ मार के काम चला रहा था।
फिर कॉलेज की छुटी पे गांव आ गया। सायद उस दिन गांव में किसी प्रकार के तेवहार था। सभी के घरों में का काम चल रहा था, साफ सफाई।
मेरे घर के पास ही मेरीछोटी चाची रहती है। मेरी चाची गोरी–चीटी और सेक्सी माल है, किन्तु मैंने आज तक उन्हें को चोदने को नहीं सोचा।
चाची के घर पे, मैं आता जाता रहता था। वह अपने कामों में वयस्त रहती थी। कभी–कभी मैं , उनके बूब्स का दर्शन कर लेता था। लेकिन, सिर्फ दर्शन कर के ही संतुस्ट होता था। कुछ करने की मेरी हिम्मत नहीं हुआ।
एक दिन मैं, २ बजे चाची के घर पे गया।
मेरे खोलते ही गेट, चाची का नज़ारा देख, मेरा हो गया लन्ड ढेर।
उस समय मेरी , देसी चाची नहा रही थी। ब्रा (ब्लाउज) उतारकर के। और वे पूरी तरह से नंगी थी, उनके बड़े–बड़े बूब्स लटके रहे थे। उनका बदन भीगा हुआ था। तो मेरे मन में ये गाना आया “भीगा ये बदन तेरा, पानी में आग लगाएं और बूब्स मैं दबाऊ“
चाची के नंगे ने लगा दी, मेरे लन्ड में आग।
अचानक उन्होंने मुझे देखा। और चाची मुझे देख हक्की बक्की हो गई।
मुझे देख के उनकी चेहरे की हवाइयां उड़ गयी थी। और अपने बूब्स को ढक लिया।
फिर बड़ी मुश्किल से अपने, आपको सम्हाला। और मुझ से बोली चाची, तू कब आया?
मैंने बोला – आप का गेट खुला था तो, मैं सीधा अंदर हीघुस गया। हां, मैं गेट बंद करना भूल गई थी।
अचानक मेरा दिमाग एक आईडिया आया कि, अगर देसी चाची का बूब्स नज़ारा देखना है। तो बेशर्म होकर यही बैठ जाता हु! चलो कम से कम देखने मिलेगा।
और मैं बोला– चाची, मैं यही बैठ हूं, नहा लो, । वैसे भी,मैं घर पर बोर ही हो रहा था। चाची कुछ न कह पाई और बैठ गया। अब उन्होंने, अपनी पीठ मेरी तरफ कर ली और मुंह गेट की तरफ कर के नहाने लगी।
मैं चाची की नंगी पीठ देखकर, अपना लंड हिलाने लगा।
मुझे चाची को नहाते हुए देखने में, बहुत मजा आ रहा था। उनके शरीर पर पानी की बूँदें टपक रही थीं। अब चाची नहा ली थी।
चाची की नंगी बदन देख, मेरे लंड ने दी फेक। तभी देशी चाची को कपड़े बदलने थे।
चाची ने अपनी पेटीकोट खोल दी ।
अब चाची ने ब्रा पहन रही थी। उसके बाद सारी पहनी। जिसे देख मैं कामुक हो रहा था।
चाची अपनी कपड़े साफ कर के, पेंटी और ब्रा को एक रशि पर टांग दी।
मेरा मन कर रहा था कि, ब्रा और पैंटी को लेलु।
तभी चची अंदर गईं और लाल रंग की पैंटी पहनकरआ गईं।
वे मुझे देख नहीं पाईं।
वे काम करने में वयस्त थी और मेरा नजर उनके बूब्स और पिछवाड़े पर था।
हम दोनों चुप थे।
अब लंड पर से काबू काबू छुट रहा था।
अब मेरा लंड बाहर आ चूका था। तभी चाची मेरे सामने आ गई। और मैं लंड पकड़ के घर चला गया
दूसरे दिन, में फिर उनके घर पर गया। चाची उठा रही थी। अपनी बेड, जिसे मैं भी उठाने लगा अपना लंड। उनके पीछे जाके खरा हो गया। और चाची बोली तु पीछे क्यों खरा है। हेल्प कर, चची झुक कर, पीछे बढ़ी और उनका गांड मेरे लंड में आ कर सट गया।
उनके गांड ने मेरे लैंड में करेन्ट भर दी। और मैं दूसरे रूम में जा कर। अपना लंड हिलाने लगा। हिलाते हु मुझे उनकी लाल रंग की पेंटी दिखा। जिसे मैं उठा लिया और उसके ऊपर अपना माल गिरा दिया। अचानक मेरी चाची पीछे से देख ली। में माफी मांगने लगा।
पर चाची बोली, कोई बात नहीं इस उम्र में ये लाजमी है।
मुझे रहा नहीं गया।
चाची बलि, देख मैं तेरी फिलिंग समझती हूं। पर , अच्छा ये होगा की तू बाहर जाकर मुँह मार।
बस ये तोह नहीं हो पा रहा। जितना तू दिखा रहा है न, वो बारहर जा के दिखा।
बाहर हिम्मत नहीं हो रही है चाची। बदनामी से डर ता हु। मैं इतना बड़ा हो गया हूं पर अभी तक कुछ नहीं किया है। मैंने बोलै चची मुझ से एक हिमत हो पा रहा है। चाची बोली क्या?
मैंने डरते हुए बोला, चाची मुझे आप की समान चाहिए। और ये बोलकर मेरे डर से गांड फट गया।
चाची बोली तू जो बोल रहा है वो कभी नहीं हो सकता।
मैंने बला– हो सकत है। बस मुझे एक मौका तो दो। ना आप की चीखे निकाल दी। तो कहना।
चाचीबोली, पागल हो गया है तू? मैं चाची हूं तेरी। सही सलाह दे रही हूं और तु मुझे ही चोदने की बात कर रहा है। मैं तेरे गांड के साथ लंड को भी तोर दूंगी समझा की नहीं? और वहां से चला गया। मुझे रात में चाची को चोदने की सपने आने लगे। और मैं एक बार फिर गया।
उनके घर , मैंने ओला – मेहरबानी कर दो ना यार! मैं कोई मेहरबानी नहीं करने वाली समझा की नहीं। और चाची बोली, “चला जा भोसड़ी के” ये सुन के मेरा गांड फट गया और मेरा लंड हाथ में आ गया। वे इतना बोल के नहाने चले गयी।
फिर मैंने सोचा, आज फिर चाची का मस्त चुचे देखने को मिलेगा। नहाने के लिए ,चाची ने साड़ी खोल दी ।
अब चाची ह आगे करके ब्लाउज और ब्रा खोल फेंकी। और होने जिस्म को मसलने लगी।
फिर मैं अपनी चालाकी दिखाते हुए, चाची का ब्लाउज, पैंटी और पेटीकोट उठा लाया जैसे ही चाची नहाकर निकली तो, उनके कपड़े गयाब था।
वो समझ गई– चटकीला लोंडा ने मेरी लेली कपड़े।
चाची बोली मुझे मालूम है तेरे पास ही हैं मुझे देदे। तभी मैंने, चाची को फंसाने की सोची और मैंने चाची से बोलै कपड़े दे तो दूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है। आपको कपड़े मैं पहनाऊंगा।
वे बोली मुझे मंजूर नहीं है, बस तू मुझे दे-दे। ऐसे नहीं दूंगा कपड़े । चची बोली दे ना यार। मुझे और भी काम हैं।
मैं तो देना चाहता हूं बस आप ही नहीं मान रही।
चाची नंगे ही बैठी रही बाथ रूम में। चाची मुझसे कपड़े मांग रही थी बार बार, परन्तु , मैंने कपड़े नहीं दिया। क्यों की उनकी कैसे भी कर के लेनी थी।
मैंने सोचा –आखिर कार चची चुदने को तैयार हो गयी है. तभी , चाची बोली तू मुझे बिल्कुल भी टच नहीं करेगा। मैंने बोला ठीक है। वे बोली – चल अंदर। चाची भीगी पेटीकोट पहन कर और बूब्स को ढक कर, आई। और वे चुपचाप खड़ी हो गई। अचानक मैंने, चाची के पेटीकोट का नाड़ा खोला। चाची का पेटीकोट नीचे गिर गया। उनकी की पैंटी देख – मेरे मुंह में पानी और लन्ड पूरी तरह से सख्त हो गया। जैसे ही मैंने, चाची की पैंटी खोलना चाहा कि चाची ने पकड़ ली , मेरा हाथ।
और बिलो ज्यादा चालाकी ना दिखा, पेटीकोट पहना।
मैंने बोला – अरे काम करने दो न। वे बोली – जैसा मैंने कहा वैसे ही कर !वर न तेरी गांड और लंड तोड़ दूंगी।
दोस्तों अब मैं ज्यादा जिद नहीं कर सकता था।
वे जितना दिखा रही थी इतना ही बहुत था। मैंने चाची को पेटीकोट पहना कर और पेटीकोट का नाड़ा बांधा।
अब मैं चाची को चोदना चाहता, लेकिन चाची ने मना कर दी।
वे ने मेरी तरफ, अपनी गांड कर दी और पीछे से ब्रा को पहनाने को बोली।
मैंने उनके के बड़े बूब्स ब्रा पहनाते हुए। चाची के बूब्स को दबा दिए।
वे फिर से करने लगी नखरे।
फिर मैं चाची को ब्लाउज पहनाया। और
मेरा लन्ड चाची की गांड में घुसने को बेताब था। लेकिन
उनको मेरा लन्ड चुभ रहा था लेकिन, वे अनजान बन रही थी। और धीरे धीरे ब्लाउज पहना रहा था।
तभी मैं सोचा, ये ही सही मौका है, चाची को पीछे से ठोक दे लंड!
बस फिर क्या, बस मुझे हिम्मत दिखाना था। और मैं उनके बारे बूब्स को दबाने लगा।
मैंने बोलै आह! आप के तो क्या मस्त बूब्स है।
वे बोली – चटकीले ये क्या कर रहा है।
मैंने बोला – अब, नहीं रुक सकता।
चाची बोली – तुझे पहले ही बिली थी।
मैंने उनकी एक ना सुना और अब मैं उनके जोर–जोर से बूब्स दबाने लगा। और चाची मुझे बार बार पीछे हटा रही थी।
परन्तु, माहौल गर्म हो चुका था।
मुझे बूब्स दबाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
जिंदगी मैं पहली बार मैं बूब्स दबा रहा था। चटकीलेआह-आह ऐसा मत यार कर!
मैंने बोला – बस एक बार करने दो, कुछ नहीं बिगड़ेगा आपका। और मैं उनके एक हाथ को पीछे खींच कर , उनके हाथ में लंड पकड़ा दिया।
वे हाथ हटाने की कोशिश की, लेकिन एक बार फिर से चाची के हाथ में लंड दिया।
इधर मैं ज़ोर ज़ोर से चाची के बूब्स मसले जा रहा था।
धीरे धीरे चाची आहे भर ने लगी। (ऊंह आह … ओह ओह आह आह-आआआआह )
अब बूब्स को दबाने लगा।
वे बोल रही थी -ओह-आईईईई-ओह-आह चटकीले मत दबा। मैंने बला, आप का बूब्स बहुत मस्त हैं, आज मुझे मत रोको।
उनका बूब्स दबाने में मुझे मज़ा आ रहा था।
और मेरा लन्ड चाची की गांड में घुसने को फर–फरा रहा था।
और उनकी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।
उनका का पेटीकोट खुलने ही वाला था कि उन्होंने पेटीकोट पकड़ लिया।
मैं चाची के हाथ में से पेटीकोट छुड़ाने की कोशिश करने लगा लेकिन चाची ने पेटीकोट को पकड़ ली । और मैं उन्हें उठाकर पलंग पर पटक दिया. और बोलै आज तो आप की चीखे निकल दूंगा।
देसी चाची की चुदाई की कहानी का अगला भाग: Desi Chachi Ka Nanga Badan लिया मजा चूत का– भाग 2 मेरे अगले कहानी में पढ़े।
और जानिए, आखिर चटकीले लोंडा ने कैसे अपनी चाची की चुत का पानी निकला। नानेंगे मेरे अगले भाग में।