ललिता हमारी कॉलोनी में ही रहती थी और मैं ललिता को बहुत पसंद करता था लेकिन कभी भी मैं ललिता से अपने दिल की बात कह ना सका शायद यही वजह थी कि ललिता को कभी इस बारे में कुछ पता ही नहीं चला और ललिता की सगाई हो गई। ललिता की सगाई हो चुकी थी और वह मेरी जिंदगी से भी दूर हो चुकी थी ललिता मेरी जिंदगी से बहुत ज्यादा दूर जा चुकी थी क्योंकि अब वह विदेश में रहती थी इसलिए मैं उससे कई वर्षों तक मिला नहीं था।
मैं भी अपनी जिंदगी में अब आगे बढ़ चुका था और मेरी जिंदगी में अब सब कुछ अच्छे से चलने लगा था। पापा के बिजनेस में हुए नुकसान की वजह से हम लोगों की घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी जिस वजह से मुझे नौकरी करनी पड़ी। कुछ समय तक तो मैं पापा के बिजनेस को संभाल रहा था लेकिन जब पापा का काफी बड़ा नुकसान हुआ तो उसके बाद मैंने नौकरी करनी शुरू कर दी।
मैं नौकरी कर के खुश था और पापा ज्यादातर घर पर ही रहते थे। एक बार मैं अपने ऑफिस के टूर से बेंगलुरु जा रहा था जब मैं बेंगलुरु जा रहा था तो उस दौरान फ्लाइट में मेरी मुलाकात फातिमा के साथ हुई फातिमा से मिलकर मुझे अच्छा लगा।
फातिमा भी मुंबई की रहने वाली थी फातिमा अपने किसी काम से बेंगलुरु जा रही थी उस दौरान मैंने फातिमा का नंबर ले लिया था। मुझे फातिमा का नंबर मिल चुका था और जब मैं बेंगलुरु से वापस लौटा तो मैंने सोचा कि क्यों ना फातिमा को फोन किया जाए।
मैंने फातिमा को फोन किया तो फातिमा ने भी मुझसे फोन पर बात की और उसे मुझसे बात करके काफी अच्छा लगा। जिस प्रकार से उसने मुझसे बात तो मुझे काफी अच्छा लगा उसके बाद से फातिमा और मैं एक दूसरे से बातें करने लगे थे।
हम दोनों एक दूसरे से मिलना चाहते थे और मैं जब फातिमा को मिला तो फातिमा को बहुत अच्छा लगा और वह काफी खुश थी। मैं जब भी फातिमा को मिलता तो उसे हमेशा ही अच्छा लगता और वह मुझे कहती कि मुझे तुम्हारा साथ अब अच्छा लगने लगा है।
मैं भी यह बात अच्छे से समझ चुका था कि फातिमा के दिल में मेरे लिए कुछ तो चल रहा है और वह मुझसे प्यार करने लगी है मैं इस मौके को छोड़ना नहीं चाहता था और मैंने फातिमा को अपने दिल की बात कह दी।
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जब मैंने फातिमा को अपने दिल की बात कही तो उसे काफी अच्छा लगा और वह बहुत खुश थी कि अब वह मेरे साथ रिलेशन में रहने लगी है। हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी अच्छा समय बिताते और मैं जब भी फातिमा के साथ होता तो मुझे अच्छा लगता फातिमा भी चाहती थी कि मैं उसकी फैमिली से मिलूं।
उसने अपने बर्थडे के दिन मुझे अपनी फैमिली से मिलवाया तो मुझे उन लोगों से मिलकर काफी अच्छा लगा फातिमा ने मेरे बारे में अपने परिवार को सब कुछ बता दिया था। फातिमा चाहती थी कि हम दोनों अब इस बात को अपने घर वालों को बता दे और हम लोगों ने अपने घर वालों को इस बारे में बता दिया था।
इस बात से ना तो फातिमा के परिवार को कोई एतराज था और ना ही मेरे परिवार को, हम दोनों का रिश्ता सबने स्वीकार कर लिया था। फातिमा का भी मेरे घर पर अक्सर आना जाना लगा रहता था और मैं भी फातिमा के घर पर उससे मिलने के लिए चला जाया करता तो मुझे काफी अच्छा लगता था। एक दिन मैं फातिमा के साथ कॉफी शॉप में बैठा हुआ था उस दिन हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे हम दोनों अपने रिलेशन को लेकर बात कर रहे थे।
हम दोनों चाहते थे कि अब हम दोनों शादी के बंधन में बन जाए फातिमा इस बात के लिए तैयार थी और वह मुझे कहने लगी कि मैं इस बात के लिए तैयार हूं। मैंने फातिमा को कहा कि अगर तुम मुझसे शादी कर लोगी तो मुझे काफी अच्छा लगेगा। अब हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था फातिमा को यह बात काफी अच्छी लगी और उसने अपनी फैमिली से इस बारे में बात की तो उसके परिवार को कोई ऐतराज नही था।
उन लोगों ने जब मुझसे फातिमा की शादी करवाने की बात कही तो मैं काफी खुश था हमारे घर वालो ने उसके बाद फातिमा और मेरी शादी का दिन तय कर दिया। कुछ समय बाद मेरी और फातिमा की शादी भी हो गयी और फातिमा मेरी पत्नी बन चुकी थी, वह मेरी जिंदगी में आ चुकी थी तो मैं काफी खुश था कि फातिमा और मैं साथ में काफी खुश हैं।
हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताया करते है जब भी मुझे टाइम मिलता तो मैं फातिमा के साथ टाइम स्पेंड किया करता या फिर उसके साथ कहीं घूमने के लिए चला जाया करता। फातिमा भी जॉब कर रही थी इसलिए वह जब शाम के वक्त अपने ऑफिस से घर लौटती तो फातिमा और मैं साथ में समय बिताया करते।
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एक दिन फातिमा ने मुझे कहा कि रोशन मैं सोच रही थी कि आज हम लोग पापा मम्मी से मिल ले तो मैंने फातिमा को कहा ठीक है हम लोग आज उनसे मिलने चलते हैं। हम लोग उस दिन फातिमा के घर चले गए हम लोग जब फातिमा के पापा मम्मी से मिले तो वह लोग काफी खुश हुए और मुझे भी काफी अच्छा लगा की इतने दिनों बाद हम लोग उन्हें मिले हैं। हम लोग उस दिन उनके घर पर ही रहे क्योकि अगले दिन मेरी छुट्टी थी और फातिमा के ऑफिस की भी छुट्टी थी।
वह मेरे लिए चाय बना कर ले आई जब वह मेरे लिए चाय बना कर लाई तो मैं और वह चाय पी रहे थे हम दोनों साथ में बैठे हुए थे मेरा मन उनके साथ सेक्स करने का था और मैंने जब उनकी मोटी जांघ पर अपने हाथ को रखा तो मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और उन्हें भी काफी ज्यादा मजा आ रहा था।
मैंने अब अपने लंड को बाहर निकाला जब मैंने अपने लंड को हिलाना शुरू किया तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी और कहने लगी मैं आपके लंड पर तेल से मालिश कर देती हूं।
उन्होंने मेरे लंड पर तेल लगाना शुरू किया और मेरे लंड को पूरी तरीके से चिकना बना दिया। मेरा मोटा लंड पूरी तरीके से कड़क हो चुका था मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था। मैं चाहता था मैं उनके साथ सेक्स करू उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे सकिंग करना शुरू कर दिया था जब वह मेरे मोटे लंड को सकिंग कर रही थी तो उन्हें बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और मुझे भी काफी ज्यादा मजा आने लगा था।
मेरे अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी वह मुझे कहने लगी आपके लंड को चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। मैंने उन्हें कहा आप मेरे लंड को बस ऐसे ही चूसते रहिए उन्होंने मेरे लंड से पूरी तरीके से पानी बाहर निकाल दिया था मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगा था।
मेरी उत्तेजना इस कदर बढ़ने लगी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था और ना ही वह रह पा रही थी। मैंने उनके कपड़ों को उतारना शुरू किया। जब मैंने उनके कपड़ों को उतारना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी आप मेरे स्तनों का रसपान कर लीजिए।
मैंने उनके स्तनों का रसपान करना शुरू किया जब मैं उनके स्तनों को चूस रहा था तो उनको बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और वह अपने पैरों को आपस में मिलाएं जा रही थी। मै उनके बड़े स्तनों को दबा रहा था तो उनसे मैंने दूध बाहर निकाल दिया था और मैं उस दूध का सेवन करने लगा था।
अब मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से मैंने उनकी गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था वह मेरे साथ बहुत ज्यादा खुश थी।
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मैं उनकी चूत मे लंड घुसा कर उनकी इच्छा को पूरा करना चाहता था। मैंने उनकी पैंटी को नीचे उतारा मैंने जब उनकी पैंटी को नीचे उतारा तो उनकी योनि पर मैंने अपने लंड को रगड़ना शुरू किया।
जब मैंने ऐसा करना शुरू किया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था उनकी चूत से निकलता हुआ पानी काफी ज्यादा बढ़ने लगा था और उनकी गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मेरी चूत की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा।
वह मुझे कहने लगी रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा है और आप जल्दी से जल्दी मेरी इच्छा को पूरा कर दीजिए ताकि मैं खुश हो जाऊं। मैंने भी उनकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया मेरा लंड उनकी योनि में घुस चुका था और जैसे ही मेरा लंड उनकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो वह जोर से चिल्लाकर मुझे कहने लगी मुझे मजा आने लगा है। उनके मुंह से जिस प्रकार की सिसकारियां निकल रही थी वह मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी और वह बहुत ज्यादा खुश हो रही थी।
मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मुझे साफ तौर पर लगने लगा था कि मुझ से उनकी चूत की गर्मी झेली नहीं जाएगी इसलिए मैंने उनकी योनि के अंदर अपने माल को गिरा दिया। मेरा माल उनकी चूत में गिरते ही वह बहुत खुश हो चुकी थी और मुझे कहने लगी आज तो मजा ही आ गया।
मैंने उन्हें कहा मजा तो मुझे भी बहुत आ गया उन्होंने मेरे लंड को दोबारा से चूसना शुरु किया। वह मेरे लंड को जिस प्रकार से चूस रही थी उससे उन्होंने मेरे अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढा दिया था। उनकी चूत ने मेरे अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था और मेरे लंड से उन्होंने पानी बाहर निकाल दिया था।
अब मैंने उनकी चूत के अंदर दोबारा से अपने लंड को घुसाया और उनकी चूतडे मेरी तरफ थी। मैंने अब उसकी चूत के अंदर अपने मोटे लंड को घुसा दिया था। मेरा लंड उनकी चूतडो की दीवार को फाडता हुआ अंदर जा चुका था।
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मै उन्हे बहुत ही तेज गति से धक्के मार रहा था मै जिस तेज गति से उनको धक्के मार रहा था उससे मुझे मजा आने लगा था और उनकी सिसकारियो में भी बढ़ोतरी हो रही थी। उनकी सिसकारियो में जिस प्रकार से बढ़ोतरी हो रही थी उससे मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था मैंने उन्हें कहा मुझे आपकी योनि के अंदर अपने माल को गिराना है।
मैंने अपने माल को उनकी चूत में गिराकर उनकी इच्छा को पूरा कर दिया। वह मुझसे कहने लगी तुम्हारे लंड ने मेरी चूत को पूरी तरीके से फाड़ कर रख दिया है आज तो मजा आ गया।