मुझे मेरे दोस्त नितिन ने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था और मैं उस दिन उसके घर पर डिनर के लिए चला गया मेरे साथ मेरी पत्नी पूजा भी थी। पूजा और मैं उस दिन नितिन के घर पर डिनर के लिए गए यह पहली बार था जब नितिन ने मुझे अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था।
नितिन की शादी को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ था उसकी शादी को अभी सिर्फ दो महीने ही हुए थे और उस दिन हम सब लोगों ने साथ में डिनर किया और हम सब लोग बहुत ही खुश थे। सरिता से मिलकर पूजा भी बहुत ज्यादा खुश थी सरिता गौरव की पत्नी का नाम है।
डिनर करने के बाद हम लोग घर वापस लौट आए थे जब हम लोग घर लौटे तो कुछ देर तक मैंने और पूजा ने एक दूसरे से बात की और फिर मैं सो गया।
अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी मैं सुबह जल्दी उठा तो मैं अखबार पढ़ने लगा। करीब 7:00 बज रहे थे मैंने पूजा से कहा कि मैं अभी बाहर पार्क से टहल कर आता हूं और मैं अपने कॉलोनी के पार्क में चला गया वहां पर मैं टहलने लगा।
थोड़ी देर बाद मैं घर वापस लौटा तो पूजा मुझे कहने लगी कि गौरव मैंने आपके लिए नाश्ता बना दिया है आप नाश्ता कर लीजिए। मैंने पूजा से कहा कि ठीक है मैं नाश्ता कर लेता हूं। मैं नाश्ता करने लगा नाश्ता करने के बाद मैं और पूजा साथ में बैठे हुए थे तभी डोर बेल बजी मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने देखा की चाचा जी खड़े थे।
मैं चाचा जी को देखकर बहुत ही खुश था काफी समय हो गया था जब चाचा जी से मुलाकात भी नहीं हो पाई थी लेकिन मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी इतने लंबे समय बाद मैं चाचा जी से मिल पा रहा हूं। मैं चाचा जी को उस दिन मिला तो मुझे काफी अच्छा लगा और काफी समय तक हम दोनों साथ में बैठे रहे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे।
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कुछ देर बाद चाचा जी ने मुझे कहा कि बेटा मैं चलता हूं हम लोगों ने दोपहर का लंच साथ में ही किया और उसके बाद चाचा जी चले गए। मैं और पूजा घर पर अकेले बोर हो रहे थे तो मैंने सोचा कि हम लोग कहीं घूम आते हैं। मैंने पूजा को कहा कि चलो हम लोग कहीं घूम आते हैं तो पूजा कहने लगी कि ठीक है।
उस दिन हम लोग शाम के वक्त मूवी देखने के लिए चले गए हम लोग जब मूवी देखने के लिए गए तो हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम बिताया और फिर हम लोग घर लौट आए थे। जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त अंधेरा हो गया था इसलिए मैंने पूजा से कहा कि मैं खाना बाहर से ही आर्डर करवा देता हूं।
मैंने खाना उस दिन बाहर से ही आर्डर करवा दिया और खाना खाने के बाद मैं लेट चुका था और मुझे बहुत गहरी नींद आ गई। अगले दिन जब सुबह मैं उठा तो मैं जल्दी से अपने ऑफिस के लिए तैयार हुआ और अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा।
मैं जब ऑफिस पहुंचा तो नितिन भी उस दिन ऑफिस पहुंच गया था और वह मुझे कहने लगा कि गौरव मैं कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी के पास लखनऊ जा रहा हूं। मैंने नितिन को कहा कि लेकिन तुम वहां से वापस कब लौटोगे तो वह मुझे कहने लगा मैं एक हफ्ते में वहां से लौट आऊंगा।
कुछ दिनों के बाद नितिन अपने घर लखनऊ चला गया लखनऊ में नितिन के माता पिता रहते हैं और नितिन के साथ उसकी पत्नी सरिता भी गई हुई थी। जब वह लोग वापस लौटे तो मैंने भी एक दिन पूजा से कहा कि हम लोग नितिन और सरिता को घर पर डिनर के लिए इनवाइट करते है।
वह मुझे कहने लगी कि गौरव अभी आप रहने दीजिए क्योंकि मैं कल पापा मम्मी से मिलने के लिए जा रही हूं आप नितिन और सरिता को दो दिन बाद आने के लिए कहिएगा मैंने पूजा से कहा ठीक है। पूजा अब दो दिनों के लिए पापा मम्मी के पास चली गई और वह जब पापा मम्मी के पास गई तो मेरी उससे सिर्फ फोन पर ही बातें हो रही थी।
जब वह वापस लौट आई तो उसके बाद मैं एक दिन नितिन के साथ ऑफिस में बैठा हुआ था उस वक्त लंच टाइम था तो मैं नितिन से बातें करने लगा और मैंने नितिन को घर पर आने के लिए कहा तो वह लोग घर पर आ गए। उस दिन उन लोगों ने हमारे साथ डिनर किया मुझे काफी अच्छा लगा जब नितिन और सरिता घर पर आए हुए थे।
नितिन और मेरी दोस्ती काफी अच्छी है और जब भी उसे मेरी जरूरत होती है तो मैं हमेशा ही उसकी मदद करता हूं। एक बार नितिन को मेरी जरूरत थी उस दिन उसने मुझे कहा कि मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता है तो मैंने नितिन से कहा कि अगर तुम्हें पैसों की आवश्यकता है तो मैं तुम्हें पैसे दे देता हूं।
मैंने नितिन की पैसों से मदद की और जब भी मुझे मदद की आवश्यकता होती तो मैं नितिन से कह दिया करता हूं वह मेरी मदद अवश्य कर दिया करता है। हम दोनों की दोस्ती बहुत ज्यादा गहरी होती चली गई थी हम लोग एक दूसरे के घर पर अक्सर आते जाते रहते थे। जब भी सरिता और नितिन हमारे घर पर आते तो हम दोनों को काफी अच्छा लगता।
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एक दिन मैं घर पर था तो उस दिन पापा और मम्मी आए हुए थे पापा और मम्मी दिल्ली में रहते हैं और वह लोग कुछ दिनों के लिए हमारे पास आए हुए थे तो मैं काफी खुश था। मैंने पापा मम्मी को कई बार कहा कि वह हमारे साथ रहे लेकिन वह लोग बड़े भैया के साथ ही रहते हैं और उन्हें उनके साथ रहना ही अच्छा लगता है।
वह लोग कुछ दिन हमारे साथ रहे जिससे हमें काफी खुशी हुई और फिर थोड़े समय बाद वह लोग वापस चले गए। पापा और मम्मी भी घर जा चुके थे। एक दिन पूजा और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन मेरा सेक्स करने का मन बहुत ज्यादा हो रहा था। मैंने पूजा के हाथ को पकड़ते हुए अपनी और खींचा तो वह मेरी बाहों में आ गई और कहने लगी लगता है आज आप ज्यादा मूड मे नजर आ रहे हैं। मैंने पूजा को कहा हां मैं आज कुछ ज्यादा ही रोमांटिक मूड में हूं मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है।
हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो गए थे जिससे कि मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रहा था ना तो पूजा अपने आपको रोक पा रही थी और ना ही मैं अपने आपको रोक पा रहा था। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स करने का फैसला कर लिया था जब मैंने पूजा के बदन से उसके कपडो को उतारा तो पूजा के नंगे बदन को देखकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और उसके होठों को चूमने लगा।
मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया मैं उसके बूब्स को चूसता तो वह मुझे कहती मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने जब पूजा के स्तनो को चूसना शुरू किया तो वह कहने लगी तुम ऐसी मेरे निप्पल को चूसते रहो।
मैं काफी देर तक उसके निप्पल को ऐसे ही चूसता रहा फिर मैंने पूजा के होठों को भी चूमना शुरू कर दिया। काफी देर तक मैंने उसकी चूत को चाटा उसकी चूत से बहुत ज्यादा गर्म पानी बाहर की तरफ कर निकलने लगा था वह गर्म होती जा रही थी।
मैंने पूजा को कहा मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है अब मैंने पूजा की चूत पर अपने लंड को लगाया तो पूजा की चूत से गर्म पानी बाहर निकाल रहा था जैसे ही मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मुझे मजा आने लगा और उसको भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी।
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हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे मैंने देखा पूजा की चूत से खून बाहर की तरफ को निकल रहा है जिस से कि पूजा बड़ी खुश नजर आ रही थी और वह मेरा साथ बडे ही अच्छे से रही थी। वह मुझे कहने लगी मुझे और भी तेजी से चोदते जाओ। मैंने उसे बड़ी तेज गति से चोदना शुरू कर दिया था मैं उसे बड़ी तेज गति से चोद रहा था। जब मैं उसे धक्के मारता तो हम दोनों की गर्मी बढ़ती जा रही थी अब मैंने पूजा के दोनों पैरो को आपस मे मिला लिया था।
हम दोनो एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। पूजा ने अपने पैरों से मुझे जकडना शुरु कर दिया था। मेरा लंड आसानी से उसकी योनि के अंदर प्रवेश होने लगा। जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जा रहा था तो मुझे अच्छा लग रहा था मैं पूजा की चूत के अंदर बाहर लंड को किए जा रहा था।
मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर आसानी से जा रहा था जब मेरा लंड उसकी योनि में जाता तो मुझे बड़ा ही मजा आता और पूजा को भी बहुत अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे उससे हम दोनों ही बड़े खुश थे और पूजा भी बहुत ज्यादा खुश थी। जब वह मेरे साथ सेक्स कर रही थी लेकिन जल्द ही मेरे वीर्य की पिचकारी ने पूजा की चूत को भर कर रख दिया जिसके बाद पूजा मेरे गले लग गई।
मैं पूजा के ऊपर ही लेटा हुआ था और उसके होठों को चूम रहा था मुझे अच्छा लग रहा था जब मैं पूजा के होठों को चूम रहा तो वह मुझे आई लव यू बोली मै बडा ही खुश था।