Desi Sex Stories : नमस्कार दोस्तों मेरा नाम सुनील है | ये कहानी मेरी और सुजाता की गोरी गोरी चुत की चुदाई का है | मैं सुजाता से मिलने के लिए उसके घर पर गया हुआ था सुजाता उस दिन घर पर ही थी |
हम दोनों ने उस दिन साथ में काफी अच्छा टाइम बिताया। सुजाता की मम्मी भी घर पर थी और उनसे मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा था। सुजाता की मम्मी एक डॉक्टर है और वह बहुत ही अच्छी हैं वह सुजाता की हर एक खुशी का ध्यान रखती है।
सुजाता के पिताजी का देहांत कुछ समय पहले ही हुआ है और सुजाता की मम्मी उसे बहुत ही प्यार करती हैं। सुजाता और मैं दोनों कॉलेज में साथ में पढ़ते हैं और मुझे सुजाता के साथ में टाइम स्पेंट करना हमेशा से ही अच्छा लगता है।
सुजाता को भी मेरे साथ में समय बिताना बहुत अच्छा लगता है हम दोनों साथ में अक्सर टाइम स्पेंट किया करते हैं। एक दिन सुजाता और मैं मूवी देखने के लिए गए हुए थे उस दिन जब हम दोनों मूवी देखने के लिए गए तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लग रहा था |
हम दोनों ने साथ में मूवी देखी और फिर उसके बाद हम दोनों घर लौट आए। मेरी और सुजाता की बहुत ही अच्छी दोस्ती है लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि यह दोस्ती प्यार में बदल जाएगी।
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हम दोनों एक दूसरे को प्यार भी करने लगे थे और जब पहली बार मुझे इस बात का एहसास हुआ तो मुझे बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ कि मैं सुजाता को प्यार करने लगा हूं।
हम दोनों साथ में काफी टाइम स्पेंड करने लगे थे और हम दोनों का प्यार बढ़ता ही जा रहा था। अब हम दोनों के कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी तो मैं अपने फ्यूचर को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस था |
इसलिए मैं अब किसी कंपनी में नौकरी करना चाहता था। मेरा कॉलेज पूरा हो जाने के बाद मैंने एक बड़ी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई किया और वहां पर मेरी जॉब लग भी गई।
मेरी जॉब लग चुकी थी और मैं बहुत ही ज्यादा खुश था लेकिन नागपुर में जॉब करने के बाद मैं लखनऊ चला गया। मैं लखनऊ में ही जॉब करने लगा था और मैं अपनी जॉब से बहुत ही ज्यादा खुश था लेकिन सुजाता और मेरी मुलाकात नहीं हो पाती थी।
हम दोनों एक दूसरे से दूर हो गए थे परंतु मुझे सुजाता की बहुत ही याद आती थी।जब मैं सुजाता से बात करता तो वह मुझे कहती की सुनील तुम नागपुर कब आ रहे हो तो मैंने उसे कहा कि मैं जल्द ही नागपुर आऊंगा।
मैं काफी समय के बाद नागपुर गया जब मैं सुजाता को मिला तो सुजाता बहुत ही ज्यादा खुश थी और मुझे भी सुजाता के साथ में टाइम स्पेंड कर के बहुत ही अच्छा लगा। हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया और मैं और सुजाता एक दूसरे के साथ में बहुत ज्यादा खुश थे।
जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड किया करते तो सुजाता चाहती थी कि हम दोनों अपने इस रिश्ते को आगे बढ़ाये और हम दोनों शादी कर ले लेकिन मैं अभी शादी करने के लिए तैयार नहीं था।
मैंने सुजाता को कहा कि सुजाता हम दोनों को थोड़ा और समय लेना चाहिए। सुजाता ने मुझे कहा कि ठीक है जैसा तुम्हे ठीक लगता है। मैं कुछ दिनों तक नागपुर में रहा और उसके बाद मैं फिर वापस लखनऊ लौट आया।
मैं लखनऊ वापस लौट आया था और मैं अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान देने लगा था सुजाता से मेरी हर रोज फोन पर बातें होती थी और हम दोनों एक दूसरे से बातें करते तो हम बहुत ही खुश रहते। मैं सुजाता से बातें किया करता था
मुझे जब भी टाइम मिलता तो मैं उसको फोन कर दिया करता लेकिन अब सुजाता ने भी जॉब करनी शुरू कर दी थी जिसकी वजह से हम दोनों की बातें थोड़ा कम ही हुआ करती थी | लेकिन हम दोनों एक दूसरे के साथ में बहुत ही खुश थे।
मैं जब भी सुजाता से मिलता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था। मुझे लखनऊ में 4 महीने हो चुके थे मैं घर भी नहीं गया था तो मैंने सोचा कि मैं कुछ दिनों के लिए घर हो आता हूं। मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और मैं कुछ समय के लिए नागपुर चला गया।
मैं नागपुर गया तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश था मैंने सुजाता को फोन किया तो सुजाता उस दिन मुझे मिलने के लिए आ गई क्योंकि सुजाता की भी छुट्टी थी। जब हम एक दूसरे को मिले तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा और सुजाता को भी बहुत अच्छा लगा।
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मैंने सुजाता के साथ में उस दौरान अच्छा टाइम स्पेंट किया और सुजाता ने भी मेरे साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंट किया था। सुजाता और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे कि तभी सुजाता की मां का फोन आया और सुजाता मुझे कहने लगी सुनील मुझे अभी घर जाना होगा मम्मी मुझे घर पर बुला रही है।
मैंने सुजाता को कहा ठीक है तुम घर चली जाओ सुजाता ने मुझे कहा कि हां मैं घर चली जाती हूँ। सुजाता अपनी कार से घर चली गई और मैं अपने घर लौट आया था जब सुजाता का मुझे फोन आया |
तो सुजाता ने मुझे कहा कि सुनील आज मम्मी बहुत ही ज्यादा अपसेट थीं इसलिए उन्होंने मुझे घर बुला लिया था। मैंने सुजाता से कहा कि सब कुछ ठीक तो है ना तो वह कहने लगी कि हां सब कुछ ठीक है लेकिन मम्मी आज काफी ज्यादा परेशान नजर आ रही थी |
इस वजह से उन्होंने मुझे घर पर बुलाया था। मैंने सुजाता को कहा कोई बात नहीं सब कुछ ठीक हो जाएगा और हम दोनों एक दूसरे से बातें करते रहे। बातें करते करते कब हम दोनों को नींद आ गई कुछ पता ही नहीं चला।
जब मैं सुबह उठा तो मैंने सुजाता को फोन किया लेकिन सुजाता ने मेरा फोन रिसीव नहीं किया था, जब उसने मुझे दोबारा फोन किया तो उस वक्त वह कहने लगी कि वह ऑफिस के लिए निकल रही है। मैंने सुजाता को कहा कि ठीक है हम लोग शाम के वक्त मिलते हैं
शाम के वक्त हम दोनों मिलने वाले थे। सुजाता अभी भी ऑफिस में ही थी और शाम के वक्त जब हम दोनों एक दूसरे को मिले तो हम दोनों को ही काफी ज्यादा अच्छा लगा और साथ में हम दोनों ने काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया।
दो दिनों के बाद मुझे भी लखनऊ जाना था और मैंने जब यह बात सुजाता को बताई तो सुजाता मुझे कहने लगी कि सुनील तुम कुछ दिन और रुक जाते तो अच्छा रहता लेकिन मैं नहीं रुक सकता था इसलिए मैंने सुजाता को समझाया और सुजाता ने मुझे कहा कि ठीक है हम लोग कल मुलाकात करते हैं।
मैंने अगले दिन सुजाता को घर पर बुलाया। उस दिन घर पर कोई भी नहीं था और हम दोनों साथ में बैठे हुए एक दूसरे से बातें कर रहे थे। मुझे सुजाता के साथ बात करना अच्छा लग रहा था |
उसे भी मुझसे बात करना बहुत ही अच्छा लग रहा था लेकिन जब मैं सुजाता की तरफ देख रहा था तो उसके स्तनों को देखकर मुझे अच्छा लग रहा था।
उसके स्तनों के उभार देख मै उसके स्तनों को चूसना चाहता था और उन्हें मैं अपना बनाना चाहता था। मैंने सुजाता से जब इस बारे में कहा तो सुजाता शर्माने लगी लेकिन जब मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह गर्म होने लगी और मैंने उसके होंठो को भी चूमना शुरू कर दिया था।
मैं उसके होठों को किस करने लगा और उसे बड़ा मजा आने लगा जब मैं उसके होठों को चूमने लगा तो वह बहुत ही ज्यादा गर्म होती जा रही थी वह इतनी ज्यादा गरम हो चुकी थी |
वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही मैं अपने आप को रोक पा रहा था। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाते ही चले गए। जब मैंने सुजाता के कपड़ों को खोला तो सुजाता मुझे कहने लगी |
उस से बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा। मेरे सामने सुजाता के स्तन थे और उन्हें देखकर मैं अपने अंदर की गर्मी को रोक नहीं पा रहा था। मैने सुजाता के स्तनों को चूसना शुरू कर दिया है |
उसके स्तनों को चूसकर मुझे अच्छा लगने लगा था जब मैं उसके स्तनों को चूसने लगा तो वह मुझे कहने लगी तुम मेरे स्तनों के ऐसे ही चूसते रहो। मैं सुजाता के निप्पल को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान किए जा रहा था और उसे बड़ा मजा आ रहा था |
जब मैं ऐसा करता तो हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने सुजाता से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा सुजाता मुझे कहने लगी हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके हैं अब तुम मेरी योनि में लंड घुसा दो।
मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे सुजाता ने अपने हाथों में ले लिया और वह उसे हिलाने लगी। जब वह मेरे मोटे लंड को हिलाने लगी थी तो मुझे मज़ा आ रहा था और सुजाता को बहुत ही अच्छा लगा।
मैंने सुजाता को कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो। सुजाता ने उसे अपने मुंह में समा लिया वह उसे सकिंग करने लगी। जब वह मेरे मोटे लंड को सकिंग करने लगी थी
तो मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था और सुजाता को भी बड़ा मजा आने लगा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को चूसने लगी थी। मै गर्म होता जा रहा था और सुजाता भी बहुत ज्यादा गरम हो गई थी |
सुजाता ने मुझे कहा मेरी गर्मी को तुम ऐसे ही बढ़ाते जाओ। अब हम दोनों की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ने लगी थी। जब मैं और सुजाता एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल झेल नहीं पा रहे थे
हम दोनों को ही मजा आने लगा था। अब हम दोनों को इतना ज्यादा मजा आने लगा था हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पाए और मैंने सुजाता की चूत पर अपने लंड को लगाकर उसकी चूत के अंदर घुसाने की कोशिश की तो सुजाता की चूत मुझे बहुत ही ज्यादा टाइट महसूस होने लगी थी
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लेकिन धीरे धीरे मैंने उसकी योनि में लंड को प्रवेश करवा दिया और मेरा लंड उसकी योनि में चला गया। मेरा मोटा लंड उसकी चूत में प्रवेश हुआ तो वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोलने लगी मेरी चूत में दर्द होने लगा है |
सुजाता की चूत में काफी दर्द हो रहा था। मेरे लंड में भी आप मुझे दर्द महसूस होने लगा था लेकिन सुजाता की चूत से निकलते हुआ चिपचिपा पदार्थ मेरे लंड की चिकनाई को और भी ज्यादा बढ़ा रहा था।
मेरा लंड उसकी चूत में जा रहा था। जब मेरा मोटा लंड उसकी योनि में जा रहा था तो मुझे मजा आने लगा था और सुजाता को भी बड़ा आनंद आ रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी |
हम दोनों ने एक दूसरे का साथ जमकर दिया और हम दोनों को बड़ा ही मजा आया। अब हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे ना तो मैं सुजाता की चूत की गर्मी को झेल पा रहा था |
और ना ही वह मेरी गर्मी को झेल पा रही थी इसलिए मैंने उसके चूत में अपने माल को गिरा दिया और अपनी इच्छा को पूरा कर दिया। सुजाता और मेरी इच्छा पूरी हो चुकी थी |
अब हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे जिस तरीके से हम दोनों की इच्छा पूरी हुई और हम दोनों बड़े ही खुश हुए। जब भी मौका मिलता वो मेरा लंड से खेलने लगती और भी सेक्सी कहानी के लिय fungirl.in पढ़ते रहे |
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