New Hindi Sex Stories : नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम छोटू है|अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली देसी भाभी सेक्स कहानी है|मैंने पहली बार सेक्स कहानी के नाम पर कुछ लिखने का प्रयास किया है| अगर कोई गलती हो जाये तो मुझे माफ करना|
यह आज से कुछ साल पहले की बात है। उस समय मेरी उम्र 22 वर्ष की थी| मेरे गांव में एक शादीशुदा जबरदस्त माल थी। उसका नाम हिना था| वो करीब 27 वर्ष की एक सुंदर सी औरत थी। बड़े बड़े चूचे और मस्त चौड़ी गांड की मालकिन थी|
मैं बहुत दिनों से उसको पटाने के चक्कर में था| उसको देखकर गांव के लड़के अपना लंड मसलने लगते थे| हर कोई उस देसी भाभी से सेक्स, चुदाई की फिराक में रहता था|
एक दिन की बात है कि मैं बाजार में सब्जियां लेने गया हुआ था| इत्तेफाक से हिना भी वहीं पर मिल गयी| उसको देखकर ही मेरा लंड तनाव में आ गया| मैं उसके आगे पीछे मंडराने लगा| मैं सोच रहा था कि किसी तरह उससे बात हो जाये|
उसने सब्जियां ले लीं और थैले में भरकर जाने लगी| मैं भी उसके पीछे पीछे हो लिया| उसका थैला काफी भारी सा लग रहा था| कुछ दूरी पर चलने के बाद उसने अपना थैला नीचे रख दिया|
ऐसा लग रहा था जैसे उससे वो थैला उठाना अब भारी हो रहा है| वो खड़ी हो गयी| परेशान सी लग रही थी| शायद किसी की मदद चाहती थी| मैं भी जानबूझकर उसके सामने से गुजरा|
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उसने अचानक से आवाज दी, सुनिये?मैं पलटकर बोला, जी भाभी जी! वो बोली, आज मेरा सामान कुछ ज्यादा ही हो गया है| आप ये थैला घर तक छुड़वाने में मेरी मदद कर सकते हैं क्या? खुश होते हुए मैं बोला, हां, हां … क्यों नहीं!
फिर मैंने उसका थैला उठाया और हम साथ साथ घर आ गये| घर आकर उसने मुझे अंदर बैठाया और पानी के लिए पूछा| मैंने पानी के लिए कह दिया| कुछ देर के बाद वो पानी और चाय दोनों ही लेकर आ गयी|
मैंने पानी का गिलास लिया और पी गया| फिर वो मेरे साथ ही बैठ गयी| मैंने पूछा, आपके घर में और कौन कौन है? वो बोली, मेरे दो बच्चे और मेरे ससुरजी| मैंने पूछा, और भैया? भाभी बोली, वो भोपाल में नौकरी करते हैं|
वहीं रहते हैं और साल में दो बार ही घर आते हैं| मैंने कहा, फिर तो बहुत दिक्कत होती होगी आपको? भाभी ने हां में सिर हिला दिया| फिर हम चाय पीने लगा| थोड़ी यहां वहां की बातें हुईं और फिर मैं चलने लगा|
मौका देखकर मैं बोला, भाभी , आपको कभी भी किसी काम के लिए मेरी मदद की जरूरत पड़े तो मैं आ जाऊंगा| आप मेरा फोन नम्बर ले लीजिये, आप कभी भी बेझिझक कॉल कर सकती हैं|
फिर मैं अपना फोन नम्बर देकर वहां से निकल लिया| उस दिन के बाद भाभी को कभी भी मेरी जरूरत होती वो मुझे फ़ोन कर देती थी। धीरे धीरे फोन पर बातें ज्यादा होने लगीं|उनके घर पर भी मेरा आना,जाना ज्यादा होने लगा।
एक दिन बातों ही बातों में मैंने पूछ लिया, भाबी, आप लगभग साल भर भैया के बिना रहती हो, आपको कभी अकेलापन और उनकी कमी महसूस नहीं होती? भाभी बोली, कमी तो बहुत लगती है
लेकिन क्या किया जा सकता है, उनकी जॉब भी जरूरी है| इसलिए मैं किसी तरह खुद को समझा लेती हूं| उसके बाद मैंने आगे कुछ नहीं कहा| ऐसे ही कई बार मैं भाभी से अब डबल मीनिंग बातें भी करने लगा था|
वो मेरी बातों का बुरा नहीं मानती थी| फिर होते होते बात सेक्स के बारे में भी होने लगी| मैंने भाभी से कहा, आप भैया के आने के बाद बहुत खुश हो जाती होंगी ना? वो तो दिनभर आपको छोड़ते नहीं होंगे?
वो उदास से मन से बोली, नहीं, ऐसा कुछ नहीं है| वो आते भी हैं तो बस रात को एक बार ही करते हैं| वैसे भी उनका बहुत छोटा है| ज्यादा खुश नहीं हो पाती मैं| अचानक पता नहीं मेरे मन में क्या आया |
मेरा लंड भाभी की सेक्स की कामुक बातों से खड़ा हो चुका था और मैंने अपने लंड की फोटो खींची और भाभी को व्हाट्सएप कर दी| मैंने फोटो के साथ ही पूछा, इससे भी छोटा है क्या?भाभी ने मैसेज तो देख लिया लेकिन कुछ रिप्लाई नहीं किया|
मैंने सोचा कि मैंने गलती कर दी| लंड की फोटो नहीं भेजनी चाहिए थी| फिर रात को 11 बजे उनका मैसेज आया, नहीं, ये तो बहुत बड़ा है, उनका तो बहुत छोटा है|मैंने कहा, भाभी ये 7 इंच का है| अभी तक इसको छेद नसीब नहीं हुआ है|
बहुत तड़पता रहता है| वो बोली, चुप कर बदमाश … सो जा! उसके बाद अब मेरी रोज भाभी से सेक्स चैट होने लगी| वो भी बहुत रूचि लेकर मुझसे सेक्स की बातें किया करती थी|
अब मुझे यकीन हो गया था कि भाभी की चुदाई तो अब पक्की है| एक दिन रात को मैंने भाभी को बातों ही बातों में बहुत गर्म कर दिया| भाभी ने अपनी पैंटी की फोटो भी भेज दी|
भाभी की चूत उनकी पैंटी को गीली कर चुकी थी| भाभी की गीली पैंटी देखकर मैं तो पागल हो गया| मैंने पूछा, भाभी मैं आपको चोदना चाहता हूं| मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं| क्या आप मुझे एक मौका दे सकती हो?
वो बोली, नहीं, किसी को पता चल जायेगा| सुनकर मैं खुश हुआ| अब मैंने भाभी को झांसे में लेते हुए कहा, भाभी आप उस बात की चिंता मत करो, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा|
उसने कहा, ठीक है, कल मैं दूसरे गांव अपनी बहन के घर जा रही हूं, तुम भी साथ में चलना| मौका मिला तो वहीं कर लेंगे| मैं तो खुशी से पागल हो गया| भाभी की चुदाई के बारे में सोचकर ही मैंने मुट्ठ मार ली और शांत होकर सो गया|
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अगले दिन तो मेरे पैरों में जैसे पहिये लग गये थे| मैंने जल्दी से सारा काम खत्म किया और भाभी के फोन का इंतजार करने लगा| दोपहर 12 बजे उसने मुझे बुलाया| उस वक्त उसके ससुर घर में ही थे|
अगर भाभी अकेली होती तो मैं उसी के घर में उसको चोद देता| फिर हम तैयार होकर उसकी बहन के घर के लिए निकल गये| हम शाम के 5 बजे पहुंचे| कुछ बातें हुईं और फिर देखते ही देखते रात हो गयी| हमने रात का खाना खाया और फिर सोने की तैयारी होने लगी|
उसकी बहन के घर में उसके ससुर और उसका एक बेटा था| उसका पति भी बाहर जॉब कर रहा था| खाना खाने के बाद हम लोग सोने के लिये चले गये| उसकी बहन और ससुर के साथ वो भी सोने चली गयी|
मेरे लिए एक बड़ा सा सिंगल कमरा दे दिया| मुझे उसमें अकेले सोना था| भाभी उसी रूम के बगल वाले रूम में अपने दोनों बच्चों के साथ सोने गयी थी| मैंने अपना रूम का दरवाजा लॉक नहीं किया था| मैं भाभी के आने का इंतजार कर रहा था|
रात के 11 बजे तभी मेरे रूम में भाभी आ गयी| वो नाईट सूट पहने हुए थी| भाभी के स्तन उसके नाईट सूट में से बाहर की ओर झांक रहे थे| गजब की माल लग रही थी भाभी |
उसने धीरे से दरवाजे को अंदर से लॉक किया और मेरे पास बेड पर आ गयी| आते ही मैंने उसको बांहों में भर लिया और उसे किस करने लगा| वो भी मेरा साथ देने लगी| उसके होंठों को चूसते हुए मैं उसके चूचों को दबाने लगा| वो गर्म होने लगी|
जल्दी ही हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे और मैं काट काटकर होंठों को खाने लगा| सेक्स का जोश हर पल बढ़ता जा रहा था| देखते ही देखते हम दोनों पूरे के पूरे नंगे हो गये और एक दूसरे से लिपटकर चूमा चाटी में लीन हो गये|
भाभी को नंगी देखकर मैं पागल हो गया था| उसकी फूली हुई चूत और चूत पर छोटी छोटी झांटेंक्या सुंदर लग रही थीं| मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि भाभी की चूत को मैं साक्षात अपनी नजरों के सामने नंगी देख रहा हूं| लग रहा था कि मानो जैसे मैं कोई स्वप्न देख रहा हूं।
उसके होंठों को चूसने के बाद मैं नीचे की ओर बढ़ा और उसकी चूचियों को पीने लगा| भाभी सिसकारने लगी और मेरे सिर को अपने चूचों में दबाने लगी|बहुत दिन से भाभी को मर्द का प्यार नहीं मिला था
इसलिए वो तड़प गयी थी|भाभी के दोनों स्तनों का पान करने के बाद मैं नीचे की ओर चला| उसकी चूत फूल चुकी थी और उसमें से अमृत रस रिस कर बाहर आ रहा था|मैंने भाभी की गीली चूत पर मुंह रख दिया और उसकी चूत के रस को चाटने लगा|
चूत पर होंठ लगते ही भाभी सिहर उठी और चूत फैलाकर पीठ के बल बेड पर गिर गयी| अपनी चूचियों को दबाते हुए वो अपनी चूत को चुसवाने लगी| मुझे भी भाभी की चूत पीने में बहुत मजा आ रहा था|
अब वो बहुत ज्यादा गर्म हो गयी थी और उठकर मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाते हुए मेरे होंठों को खाने लगी| फिर वो नीचे झुकी और मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी|
वो मेरे साढ़े छह इंच के लौड़े को अपने मुह में पूरा अंदर तक लेती और फिर बाहर निकालती| ऐसा लग रहा था कि न जाने कितने दिनों से उसने अपने पति का लौड़ा अपने मुंह में नहीं लिया था|
काफी देर तक चुसवाने के बाद मेरा अब पानी निकलने वाला था| मैंने कहा, भाभी जी, मैं अब झड़ने वाला हूं| भाभी ने मुंह से लंड निकालकर कहा, मुँह में ही झड़ जाओ|
इतना सुनते ही मैं भी जोश में आ गया और भाभी के मुंह को चोदने लगा| उसके बालों को पकड़ कर लंड को गले तक घुसाने लगा| फिर एकाएक मेरे लंड से वीर्य निकल पड़ा और मैंने सारा माल भाभी को पिला दिया|
उसने भी मेरे वीर्य की एक बूंद तक व्यर्थ नहीं जाने दी| वो छिनाल बड़े मजे से अमृत समझ कर सारा माल गटक गयी। मैं भाभी जी के बगल में लेट गया। करीब आधे घंटे के बाद भाभी जी ने मेरा लौड़ा फिर से अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया|
थोड़ी ही देर में मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया| अब मुझसे भी कन्ट्रोल नहीं हो रहा था| मैं उसके दोनों पैरों के बीच में गया और अपना लंड पकड़ कर चूत पर रगड़ने लगा| भाभी भी पूरी गर्म हो चुकी थी| उसने कहा, अब डाल भी दो न … क्यों तड़पा रहे हो?
मगर मैं भाभी को तरसाता रहा और उसकी चूत पर लंड को रगड़ता रहा| जब उससे कंट्रोल नहीं हुआ तो वो जोर से बोली, चोद ना मादरचोद! चुदास लगी है … चोद कर ठंडा कर मुझे … घुसा दे अपना लंड!
मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ भाभी की बात पर! वो एकदम से रंडियों वाली भाषा पर उतर आयी| मैंने भी ताव में आकर कहा, रुक जा छिनाल, अभी तेरी चूत की गर्मी निकालता हूं|
फिर मैंने भाभी की चूत के छेद पर अपने लंड का टोपा रखा| फिर एक दमदार झटका मारते हुए पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत में घुसा दिया| भाभी की चूत को चीरता हुआ मेरा गर्म लौड़ा उसकी चूत में अंदर चला गया।
अंदर जाते ही भाभी ने कहा, इतनी जोर से नहीं बोला था साले कुत्ते, चूत फाड़कर रख दी तूने| पूरे 6 महीने बाद लंड ले रही हूं| थोड़ा आराम से कर| मगर अब तो मेरे लंड को चूत का स्वाद मुंह लग चुका था|
अब मैं नहीं रुक सकता था| बिना रुके मैंने भाभी की चूत में लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और भाभी की चुदाई शुरू हो गयी| मैं भाभी की चूत को बड़ी बेरहमी से चोद रहा था| वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी|
उसकी सिसकारियां पूरे रूम में गूंज रही थी| चोदते चोदते दस मिनट हो गये| इस दौरान भाभी दो बार झड़ चुकी थी| काफी देर चोदने के बाद अब मैं झड़ने वाला था|मैंने भाभी से कहा, मेरी छिनाल भाभी … अब मैं झड़ने वाला हूं|
वो बोली, तो फिर सोच क्या रहा है, पिला दे मेरी चूत को अपने लंड का रस| बुझा दे इसकी प्यास, मिटा दे चुदास| ये सुनकर मैंने भाभी की टांगों को उठाया और जोर जोर से उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा|
उसकी चीखें निकलने लगीं और कुछ ही पल के बाद मेरे लंड का लावा भाभी की चूत में गिरने लगा| मैंने सारा माल भाभी चूत में भर दिया| वो चुदते हुए मेरे माल को चूत में लेती रही और सिसकारती रही|
उसके बाद मैं थक कर एक तरफ गिर गया| भाभी भी मदहोश हो चुकी थी| उसके बाद हम दोनों वैसे ही पड़े पड़े सो गये| सुबह के 4 बजे मेरी आंख खुली तो वो बेड पर नहीं थी|
मैंने देखा तो बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही था| मैं धीरे से उठकर गया तो नंगी भाभी बाथरूम में नहा रही थी| भाभी की भीगी गांड देखकर मैं फिर से गर्म हो गया| भाभी की गांड चुदाई करने का मन किया|
मैं अचानक से बाथरूम में अंदर चला गया और भाभी को पीछे से पकड़ कर कहा, मुझे भी नहाना है आप के साथ में। उसने कहा, ठीक है| नहा लो| मैं साबुन लेकर भाभी के बदन पर रगड़ने लगा| भाभी को भी मजा आने लगा|
मैंने उसकी चूचियों, गांड और चूत पर साबुन रगड़ा| बीच बीच में मैं उसकी चूत में साबुन लगी उंगली भी घुसा देता था| ऐसा करते करते भाभी फिर से चुदासी हो गयी|वो मेरे लंड पर साबुन लगाने लगी तो मैंने कहा, मुझे तुम्हारी गांड मारनी है|
उसने मना कर दिया और बोली, मैंने कभी गांड नहीं मरवाई| बहुत दर्द करेगा| वैसे भी तुम्हारा लंड लंबा और मोटा है| मैं नहीं ले सकती पीछे| मैंने भाभी को बहुत समझाया और तब कहीं जाकर वो मानी|
भाभी को भांग पिला के चोदा – bhabhi sex story
मैंने उन्हें घोड़ी बना कर उनकी गांड पर साबुन लगाया और अपने लंड पर भी काफी सारा साबुन लगा लिया| फिर लंड का सुपाड़ा गांड के छेद पर रख कर धीरे से पुश किया तो भाभी एकदम से चिहुंक गयी|
उसकी गांड में दर्द होने लगा और वो मुझे पीछे धकेलने लगी| मैंने उसकी चूचियों को दबाकर उसे किस करना शुरू किया| धीरे धीरे मैंने भाभी का दर्द कम होने दिया| मैं कुछ देर रुका और जब उसे राहत हुई लंड आहिस्ता आहिस्ता पूरा अंदर डाल दिया|
मैं अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा| अब भाभी को भी मजा आने लगा| वो भी खूब मजे से गांड मरवा रही थी| 20 मिनट गांड चुदाई करने के बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया और हम दोनों नहाने लगे।
नहाते समय मुझे ऐसा लगा कि जैसे शायद बाथरूम के दरवाजे के बाहर कोई हम दोनों को सुन रहा हो। बाद में पता चला कि वो भाभी की छोटी बहन थी। उसकी कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा|
फिर सवेरे सवेरे नहाकर हम दोनों अपने गांव के लिए निकले। उसके बाद जब भी मौका मिलता मैं भाभी के साथ चुदाई में लग जाता। ये सिलसिला 2 सालों तक चलता रहा। इस बीच मैंने भाभी की छोटी बहन की चुदाई भी कर डाली|
भाभी जी के ससुर के मरने के बाद वो अपने पति के साथ रहने दूसरी जगह चली गयी और हम दोनों की चुदाई का सिलसिला वहीं रुक गया। अगली कहानी में मैं बताउगा कि भाभी जी की छोटी बहन की चूत को मैंने कैसे चोदा।
मेरी ये देसी भाभी सेक्स कहानी आप लोगों को कैसी लगी इस पर कमेंट जरूर कीजियेगा| मैंने अपना ईमेल आईडी नीचे दिया हुआ है| आप मुझे ईमेल पर मैसेज भी कर सकते हैं|