savita bhabhi sex story: दोस्तो, मेरा नाम कुंदन है | और मैं भोपाल से हूं| आज मैं आपको अपनी लाइफ की सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूं| यह मेरी पहली वासना की कहानी है| मेरी उम्र 22 साल है और मेरा कद 5 फिट 5 इंच है, मेरा रंग सांवला है|
मेरे अपने परिवार में 6 लोग रहते हैं| मम्मी पापा, भैया सविता भाभी और छोटी बहन हैं| मेरी छोटी बहन का नाम सोनम है, जो कि अभी 19 साल की है| मेरी बहन देखने में काफी खूबसूरत है अभी अभी उसने जवानी की दहलीज पार की है|
मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी हैं और मां हाउस वाइफ हैं| मेरे भैया की मोबाइल की दुकान है, जो कि घर से एक किलोमीटर दूर है| भैया की अभी अभी शादी हुई है| मेरी सविता भाभी बहुत सेक्सी है|सविता भाभी देखने में बहुत ही खूबसूरत हैं|
उनकी फिगर साइज 32,26,34 की है| सविता भाभी इतनी अधिक कमनीय और मस्त दिखती हैं कि उनको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए| जब सविता भाभी की शादी हुई थी |
तब मैं सविता भाभी की ओर उतना ज्यादा आकर्षित नहीं था| मैं सविता भाभी की बहुत सम्मान करता था और मैंने उनको शुरुआत में कभी मैली नजर से देखा ही नहीं था|
सविता भाभी भी घर के सभी सदस्यों का आदर करती थीं| कुछ ही दिनों में मैं सविता भाभी के साथ इतना घुल मिल गया था, जैसे हम दोनों क्लोज फ्रेंड हों| सविता भाभी भी मुझसे अपनी पर्सनल बातें शेयर करने लगी थीं|
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एक बार ऐसे ही बात करते करते सविता भाभी ने मुझसे पूछ लिया कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने कहा, नहीं है सविता भाभी| सविता भाभी बोलीं, अरे यार अभी गर्लफ्रेंड नहीं बनाओगे | तो कब बनाओगे?
मैंने कहा, सविता भाभी, मुझे तो कोई लड़की भाव ही नहीं देती| सविता भाभी हंस पड़ीं और बोलीं कि तुमने इस बात पर ज्यादा गौर नहीं किया होगा| कोई भी लड़की अपनी तरफ से कुछ नहीं कहती| ये तो लड़के को ही कहना पड़ता है|
मुझे उनकी बात सुनकर लगने लगा कि हां ये बात तो सही है, मैंने खुद ही कभी किसी लड़की को प्रपोज नहीं किया है| मैंने सोच में डूब गया| मुझे देख कर सविता भाभी फिर से हंसने लगीं और बोलीं कि अब जब भी किसी को पसंद करो, तो खुल कर इजहार कर देना|
मेरे मुँह से निकल गया कि मैं तो अपनी सविता भाभी को ही पसंद करता हूँ|
सविता भाभी हंसने लगीं और बोलीं, मगर मैं तो शादीशुदा हूँ| इस तरह से मैं सविता भाभी से अब लड़की को लेकर खुल कर बात करने लगा|
मुझे वो लड़कियों की पसंद नापसंद के बारे में बताने लगीं| मेरा उनसे इस टॉपिक पर बात करने में बड़ा मन लगता था| एक बार अचानक कुछ काम से भैया को एक महीने के लिए मुंबई जाना हुआ|
उस दिन मैंने सविता भाभी को बहुत उदास होता हुआ देखा| मैंने पूछा, क्या हुआ सविता भाभी | आप इतनी उदास क्यों हो? सविता भाभी बोलीं, कुछ नहीं | बस ऐसे ही| मैंने कहा, सविता भाभी आप तो मेरी बेस्ट फ्रेंड हो ना |
आप मुझे भी नहीं बता सकतीं क्या? सविता भाभी बोलीं, तुम्हारे भैया एक महीने के लिए मुंबई जा रहे हैं, तो मुझे अच्छा नहीं लग रहा है| मैं क्या करूं | मेरा कुछ भी करने का मन नहीं कर रहा है|
मैंने बोला, डोंट वरी सविता भाभी | मैं हूं ना | वैसे भी भैया एक ही महीने के लिए तो जा रहे हैं ना| एक महीने तो वे बाद वापस आ ही जाएंगे| सविता भाभी मेरी बात सुनकर कुछ नहीं बोलीं, लेकिन वे मुस्कुरा दीं|
उनकी इस मुस्कराहट के अर्थ को समझ नहीं पाया| बस मुझे लगा कि सविता भाभी खुश हो गई हैं, ये बहुत है| फिर ऐसे ही एक हफ्ता गुजर गया| सविता भाभी की बेचैनी और भी ज्यादा बढ़ती गई|
अब तो मुझे भी सविता भाभी को अकेला छोड़ना अच्छा नहीं लगता था| फिर एक दिन में सविता भाभी के कमरे में बिना दरवाजा खटखटाए अन्दर चला गया, तो मैं देख कर दंग रह गया|
सविता भाभी पलंग में लेटी थीं और वासना के वशीभूत जोर,जोर से अपनी चूचियों को दबा रही थीं| लेकिन मेरे इस तरह से अन्दर आ जाने से सविता भाभी भी सकपका गईं और उन्होंने शर्म से सिर झुका लिया|
मैंने उनसे पूछा, सविता भाभी आप ये क्या कर रही थीं? सविता भाभी, कुछ नहीं देवर जी | तुम्हारे भैया की याद बहुत सता रही थी| अब मुझे भी लगा कि सविता भाभी को भैया की जरूरत नहीं | बल्कि लंड की जरूरत है|
मैंने सविता भाभी से कहा, सविता भाभी मैं आपकी समस्या दूर कर सकता हूं, पर उसके लिए आपको एक काम करना पड़ेगा| सविता भाभी बोलीं, कौन सा काम?मैंने बोला, अभी नहीं शाम को बताता हूं|
फिर मैं शाम होने का इंतजार करने लगा| शाम को हम सभी ने खाना खाया और मैं टीवी देखने लगा| जब सब सोने चले गए, तो मैं सविता भाभी के पास उनके कमरे में चला गया|
जब मैं अन्दर गया, तो देखा कि सविता भाभी मोबाइल में कुछ देख रही थीं| मेरे अन्दर जाते ही सविता भाभी चौंक गईं और उन्होंने मोबाइल को नीचे रख दिया|
मैंने कहा, क्या कर रही हो सविता भाभी? सविता भाभी बोलीं, कुछ नहीं | गेम खेल रही थी, वैसे आप कुछ बताने वाले थे ना! मैं, हां सविता भाभी मैं आपको इस तरह से उदास नहीं देख सकता |
सविता भाभी मुझे पता है कि आप पर क्या बीत रही है| इतना कह कर मैं सविता भाभी की तरफ देखने लगा| सविता भाभी भी मेरी ही बात को पूरा सुनने के लिए बेचैन सी दिखीं| मैंने अपनी बात को जारी रखा|
मैंने कहा, सविता भाभी अगर आप बुरा न मानो, तो मैं आपकी समस्या को दूर कर सकता हूँ| सविता भाभी, आपको जो भी कहना है, साफ़ साफ़ कहो| मैंने कहा, पहले आप वायदा करो कि आप मेरी बात से बुरा नहीं मानेंगी|
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यदि मेरी बात आपको पसंद न आए, तो मुझसे साफ़ बता देना| सविता भाभी कुछ कुछ समझ गई थीं| वे बोलीं, हां हां आप मेरे बेस्ट फ्रेंड हो | मैं आपकी किसी बात का बुरा नहीं मानूँगी| मैंने कहा, सविता भाभी, मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूं|
तब सविता भाभी एक पल के लिए चुप हो गईं, फिर बोलीं, मैं तो खुद भी यही चाहती थी | पर आपसे बोल नहीं पा रही थी| मैंने कहा, हां सविता भाभी, मुझसे आपका दुःख देखा नहीं जा रहा था|
मगर मैं कुछ कह भी नहीं पा रहा था| मगर मुझे आपकी वो बात याद आ गई, जब आपने कहा था कि लड़कियां अपनी तरफ से पहल नहीं करती हैं| लड़के को ही पहल करना चाहिए|
ये कहते हुए मैंने सविता भाभी को अपने गले से लगा लिया| इस पर सविता भाभी ने भी मुझे सहयोग किया| मैं अब सविता भाभी को चूमने लगा| सविता भाभी ने भी मुझे कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया|
मैं सविता भाभी के होंठों को बेइंतेहा चूमने लगा| सविता भाभी भी होंठों से होंठों को चिपका कर मेरा पूरा साथ दे रही थीं| हम दोनों ने कम से कम दस मिनट तक एक दूसरे से चूमाचाटी करते रहे| फिर मैंने पहले कमरे की कुंडी लगाई और उनके पास आ गया|
मैंने सविता भाभी की साड़ी उतारी और उनका ब्लाउज भी निकाल दिया| उनकी ब्रा देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था| एकदम झीनी सी जाली वाली स्किन कलर की ब्रा थी| उसमें से सविता भाभी के मम्मे एकदम साफ़ दिख रहे थे|
मैंने पहले नीचे का पेटीकोट भी निकाला और सविता भाभी को ब्रा पेंटी में ला दिया|सविता भाभी के गोरे बदन को देख कर मेरा तो और भी नशा बढ़ गया था| सविता भाभी ने अपने हाथों से मेरी टी,शर्ट और लोअर उतार दिया|
अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और सविता भाभी पैंटी और ब्रा में थीं| मैं सविता भाभी के पूरे बदन को चूमने लगा| फिर मैंने सविता भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया और उनके दोनों मम्मों को आजाद कर दिया|
उनके मस्त रसभरे चूचे हवा में फुदकने लगे थे| मैंने उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसना शुरू कर दिया| सविता भाभी खुद अपने हाथ से मुझे अपने दूध चुसवा रही थीं| निप्पल चूसे जाने से सविता भाभी की वासना शिखर पर आ गई थी|
वे मेरा सर पकड़ कर अपने मम्मे चुसवाते हुए मस्त सीत्कार कर रही थीं| मैंने सविता भाभी के मम्मों को इतना ज्यादा चूसा कि सविता भाभी की चूचियां एकदम लाल हो गईं|
अब मैंने अपना लंड निकाला और सविता भाभी के हाथ में रख दिया| सविता भाभी मेरा लम्बा लंड देखकर एकदम से चौंक गईं| मैंने पूछा, क्या हुआ सविता भाभी?वे बोलीं, इतना बड़ा लंड | ओ माइ गॉड | तुम्हारे भैया का तो इससे बहुत छोटा है|मैंने कहा, आपको पसंद आया?
सविता भाभी मेरे लंड को प्यार से सहलाने हुए उससे खेलने लगीं| वे बोलीं, इस प्यारे से औजार से कौन लड़की प्यार न करेगी| मैंने कहा, लंड को प्यार करने का क्या ये तरीका ठीक है?
सविता भाभी बोलीं, मतलब? मैंने कहा, यदि आपको लंड प्यारा लग रहा है, तो इसे मुँह में लेकर प्यार करो न| सविता भाभी तो शायद मेरे मुँह से यही सुनना चाह रही थीं| उन्होंने मेरा लंड झट से अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं|
सविता भाभी ने मेरे पूरे लंड को अपने गले तक उतार लिया और 10 मिनट तक चूस चूस कर आगे पीछे करती रहीं| मुझे सविता भाभी के मुँह की गर्मी से अपने लंड की मालिश करवाना बड़ा अच्छा लग रहा था|
कोई दस मिनट की लंड चुसाई के बाद मेरा माल निकल गया| सविता भाभी ने मेरे लंड रस को अपने मुँह में ही पूरा ले लिया और गटक लिया| अब मैंने सविता भाभी की पेंटी निकाली और अपने मुँह से उनकी चूत को चाटने लगा|
मेरी जीभ के स्पर्श से सविता भाभी की सिहरन ने मुझे बता दिया था कि सविता भाभी कितनी अधिक चुदासी हो गई हैं| मैंने अपनी पूरी जीभ को सविता भाभी की चूत की गहराई तक डाल दिया और चूत को चूसने लगा|
सविता भाभी ने भी अपने हाथों से मेरा सिर जोर से अपनी चुत में दबा लिया और सेक्स भरी आवाज से कहने लगीं, आह कितना मस्त चूत चूसते हो | आह खा जाओ देवर जी | मेरी चूत को खा जाओ | आहह | चूसो चूसो खा जाओ अअम्म | आंह | मर गयी |
देवर जी अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है | अब मेरी चुत में अपना लंड पेल दो|फिर मैंने अपना लंड सविता भाभी की चुत में रखा और एक ही धक्के में आधा लंड पेल दिया| सविता भाभी की चीख निकल गई|
उनके मुँह से गाली निकलने लगी, अबे सविता भाभीचोद कमीने | साले आराम से पेल न | मैं कहीं भाग नहीं रही हूँ| सविता भाभी की ऐसी बात सुनकर मुझे और जोश आ गया और मैंने फिर से एक जोरदार धक्का दे दिया|
इस बार के धक्के से मेरा पूरा का पूरा लंड सविता भाभी की चुत में समा गया| सविता भाभी फिर से चीख पड़ीं, उम्म्ह | अहह | हय | ओह | बहनचोद | जान लेगा क्या |फिर मेरे मुँह से भी गाली निकलने लगी, साली रंडी कुतिया |
आज तो तेरी इतनी चुदाई करूंगा कि फिर कभी किसी और के लंड को लेने का नाम नहीं लेगी| सविता भाभी बोलीं, अबे चूतिये | साले गंडफट | तेरी सविता भाभी तो कब से तेरी रंडी बनने को तैयार थी | तू ही चूतिया था |
इतने दिन लगा दिए अपनी सविता भाभी को रंडी बनाने में | आह अब जरा धीरे चोद | मेरी चूत चोदना है | फाड़ना नहीं है| मैं सविता भाभी की बात सुनकर मस्त हो गया| अब मैं उनकी इतनी जोर से चुदाई कर रहा था |
कि मेरे हर धक्के में उनकी आह निकल रही थी| पूरा कमरा में फच्च फच्च की आवाज से गूँजने लगा था| फिर मैंने सविता भाभी को बोला, सविता भाभी मुझसे ही पूरी मेहनत करवाओगी| मैं ऊपर से नहीं |
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अब नीचे से चोदना चाहता हूँ | अब आप मेरे लंड के ऊपर आओ| सविता भाभी मेरे ऊपर मेरे लंड पर बैठकर ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगीं| इस दौरान सविता भाभी की चूचियां भी जोर जोर से हिल रही थीं|
मैं उनके मम्मे मसलता हुआ उनकी चुदाई कर रहा था| करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद सविता भाभी झड़ने लगीं| सविता भाभी की मुँह से एक मदहोशी से भरी तेज आवाज निकली, आह | मैं गई | आह| | मर गई|| उनका रस निकलने लगा| इस वक्त सविता भाभी की चूत इतनी गर्म लग रही थी जैसे ज्वालामुखी से लावा फूट रहा हो|
झड़ने के बाद सविता भाभी मेरे ऊपर ही निढाल पड़ गईं| फिर मैंने सविता भाभी को नीचे किया और मैं उनकी चुदाई करने लगा| पर मैं उनकी गर्मी को ज्यादा समय तक नहीं झेल पाया और मैं भी झड़ने वाला हो गया था|
मैं, सविता भाभी मेरा निकलने वाला है | कहाँ डालूं? सविता भाभी बोलीं, मेरी चूत की गहराई में ही डाल दे| फिर मैंने 10,12 झटके देने के बाद सविता भाभी की चूत में अपना पानी छोड़ दिया|
इस घमासान चुदाई के बाद सविता भाभी की आँखों में एक अलग ही खुशी दिखी|मैंने कहा, सविता भाभी आप खुश तो हो न! सविता भाभी बोलीं, हाँ मैं आज बहुत खुश हूं, लेकिन मुझे एक बात का अफसोस है|
मैं, क्या बात सविता भाभी? सविता भाभी बोलीं, मैं तुमसे पहले ही क्यों नहीं चुद गई| मैंने कहा, डोंट वरी मेरी जान | अब तो हम रोज चुदाई करेंगे| उस रात मैंने सविता भाभी को पांच बार चोदा|
इसी बीच हमारी चुदाई का खेल मेरी छोटी बहन सोनम भी देख रही थी| फिर किस तरह मैंने अपनी छोटी बहन की सील तोड़ी और फिर हम सामूहिक चुदाई का कैसा प्लान बनाया|
वो मैं अपनी अगली वासना की कहानी में लिखूँगा| आपको मेरी ये वासना की कहानी कैसी लगी | मुझे जरूर बताना| और भी सेक्सी कहानी के ले हमरी साइड fungirl.in पढ़ते रहे |
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