मेरा नाम नाजिया है मैं 20 साल की हूँ| मेरे शौहर का मेरे का उम्र27 साल है| मेरे अब्बा जान का उम्र 45 साल है| शादी के हुए अभी दो ही महीने हुए है|
आज तक मुझे शौहर का लंड नसीब नहीं हुआ है| शौहर मुझे चोद नहीं पता है क्यों की वो मानसिक रूप से कमजोर है|वो जब भी मेरे पास आता है उसका लंड खड़ा नहीं होता| जब वो मेरे से दूर खड़ा रहता है उसका लंड मोटा लंबा रहता है| अब्बा जान मेरा बहुत बड़ा हरामी है|
वो शायद ही अपने घर में किसी को नहीं चोदा होगा| यहाँ तक की उसका अपनी बेटी से ही सम्बन्ध था और जब वो पेट से हो गयी तो तुरंत ही उसका शादी कर दिया| और बच्चे का नाम उसके शौहर को दे दिया जब की ये बच्चा उसी का था|
अब आपको मेरी पूरी कहानी समझ में आ गई होगी| मेरे अब्बा जान ने अपने बेटे के लिए शादी नहीं किया था वह अपने अपने लिए किया था| शादी के चौथे दिन है मेरा अब्बा जान मेरे कमरे में आ गया मेरे साथ बैठ गया और मेरे होंठ पर अपनी उंगली रख कर कहने लगा तुम बहुत खूबसूरत हो|
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तो मैंने कहा आप ऐसा मुझे नहीं कह सकते इतना कहते ही मेरे अब्बा जान ने मेरे गाल पर एक किस कर लिया और कहने लगा कि देखो तुम्हें अगर खुश रहना है तो तुम्हें मेरे साथ रहना पड़ेगा जिसको तुम शौहर कह रही हैं वह नामर्द है|
मैंने कहा कि आप मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकते मैं आज अपने घर पर बात करके सारे कुछ बता दूंगी| उन्होंने मेरे घर का नंबर मिला दिया और बोला यह अपनी मां से बात कर ले|
मेरी अपनी मां नहीं है मेरी सौतेली मां है जैसे ही मैंने हेलो किया तो मेरी मां बोली तेरे अब्बा जान जैसा कहते हैं वैसा ही तो कर इसके बदले में उन्होंने मुझे ₹100000 दिए हैं|
और यहां आओगी तो तुम्हें घर से निकाल दूंगी और फिर तुम्हें वैश्या बनाकर छोडूंगी| मेर ज़िंदगी अब मेरे अब्बा जान के हाथ में चली गयी थी| मैं अब कुछ भी नहीं कर सकती थी| मैं चुपचाप हो गयी|
मेरा अब्बा जान मेरे जिस्म को टटोलने लगा| मैं अब चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रही थी|धीरे धीरे उन्होंने मेरे कपडे उतारने शुरू किया| पहले वो मेरे नंगी जिस्म को खूब निहारा देखा|
फिर मेरी चूचियों को मसलते हुए पीने लगा| वो जब मेरी निप्पल को अपनी दांतो से काटता तो दर्द भी होता और सुरसुराहट भी होती| धीरे धीरे मुझे ये सब अच्छा लगने लगा|
अब मैं भी अपनी जिस्म को धीरे धीरे अपने अब्बा जान को सौंपने लगी| वो अब मेरी चूत को निहारने लगा| धीरे धीरे वो सहलाते हुए अपनी ऊँगली मेरी चूत में डालने लगा| अब मैं कामुक होने लगी क्यों की मेरा शौहरमुझे छुआ तक नहीं था|
अब मुझे अपनी अब्बा जान की छुअन अच्छी लगने लगी|मैं अपना पैर फैला दी| और उनको अपनी जांघ के बिच में ले आई| अब वो मेरी छूट चाटने लगा| मैं आह आह करने लगी| धीरे धीरे मैं काफी गर्म हो गयी मेरी चूत गीली हो गयी थी |
मेरी चूचियां तन गयी थी| मेरे निप्पल काफी ज्यादा टाइट हो गए थे| अब मैं चुदने के लिए तैयार थी|अब्बा जान ने अपने सारे कपडे उतार दिए और मेरे ऊपर लेट गए| मैं अपनी बाहों में भर ली उनको|
कभी वो मेरी चूचियां दबाते तो कभी वो मेरे गांड के तरफ हाथ करके मेरी गांड में ऊँगली करते| मैं कामुकता की हद को पार कर गयी थी| मैं बेपनाह मुहब्बत में थी|
तभी मेरा शौहरआ गया| उसने देखा उसका बाप मेरे साथ क्या कर रहा था| अब हम दोनों एक पल के लिए चुपचाप हो गए थे| तभी मेरा शौहरकुर्सी लाया और दिवार के पास कुर्सी लगा कर बैठ गया और अपना लंड हाथ में ले लिया|
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अब उसका लंड मोटा और लम्बा हो गया था| जैसा की मैं पहले बता चुकी हु जब वो मेरे से दूर रहता है लंड खड़ा रहता है और जैसे ही करीब आता है उसका लंड सूटक जाता है यानी मूंगफली की तरह हो जाता है|
अब मेरा अब्बा जान जोश में आ गया यानी की बड़े के तरफ से भी हरी झंडी मिल गयी थी और मुझे भी मिल गयी थी मेरा शौहरमेरे सामने बैठा था ताकि मैं चुद सकूँ| अब क्या था |
दोस्तों मैं अब्बा जान को बोली चल निचे वो निचे आया और मैं उसपर बैठ गयी| पहले मैं जम कर उसके लंड को चूसी| फिर चूमि फिर गांड चाटी| और मैं खुद ही उसके ऊपर रेंगने लगी|
तभी मेरा अब्बा जान अपना लंड हाथ में लिया और मेरी चूत के मुँह पर रखा और निचे से धक्के दे दिया| आआह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों मजा आ गया था उसके लंड को अपने जिस्म के अंदर घुसाते हुए| ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह करने लगी वो मुझे निचे से धक्के देने लगा मेरी चूचियों को मसलते हुए|
अब मैं गांड घुमाने लगी उसके लंड को अपने अंदर लेते हुए| मैं कामुक हो गयी थी मैं जोर जोर से धक्के देने लगी| मेरा अब्बा जान मेरी निप्पल को अपनी ऊँगली से रगड़ते हुए मेरी चूचियों को दबाते हुए|
जोर जोर से धक्के देने लगी मेरा अब्बा जान मुझे मादरचौड़ रंडी की गलियां दे रहा था और जोर जोर से पेल रहा था|मेरा शौहर चुपचाप देख रहा था और लंड हिला रहा था| मैं अब निचे आ गयी और मेरा अब्बा जान ऊपर आ गया|
अब मेरी टांगो के बिच बैठ गया| अपना मोटा लंड मेरी चुत पर लगाया और जोर जोर से लगा पेलने| मैं भी कहा कम थी मैं भी चुदवाने लगी|
करीब एक घंटे तक उन्होंने मुझे चोदा फिर जाकर दोनों शांत हुए| उस दिन के बाद मैं अपने अब्बा जान के लिए हो गयी| अब तो चुदाई ही चुदाई| खुश हूँ| आप लोगो को मेरी कहानी कैसे लगी कमैंट्स मे जरूर बताना |